म्यूचुअल फंड/बीमा आदि उत्पादों का बैंकों द्वारा विपणन/वितरण - आरबीआई - Reserve Bank of India
म्यूचुअल फंड/बीमा आदि उत्पादों का बैंकों द्वारा विपणन/वितरण
आरबीआइ/2009-10/225 16 नवंबर 2009 सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक महोदय/महोदया म्यूचुअल फंड/बीमा आदि उत्पादों का बैंकों द्वारा विपणन/वितरण कृपया परा बैंकिंग गतिविधियों पर हमारा मास्टर परिपत्र (दिनांक 1 जुलाई 2009 का परिपत्र सं. बैंपविवि. सं. एफएसडी. बीसी. 18/24.01.001/2009-10) देखें । 2. उक्त परिपत्र के पैरा 7 के अनुसार बैंकों को यह सूचित किया गया है कि वे कुछ शर्तों के अधीन म्यूचुअल फंड यूनिटों के विपणन के लिए म्यूचुअल फंडों के साथ करार कर सकते हैं। साथ ही, उक्त मास्टर परिपत्र के पैरा 12 के अनुसार बैंकों को यह सूचित किया गया है कि उन्हें उक्त मास्टर परिपत्र के अनुबंध 4 में निर्धारित शर्तों के अधीन बिना जोखिम सहभागिता वाले बीमा एजेंसी व्यवसाय अथवा संदर्भ व्यवस्था में संलग्न होने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व अनुमोदन की आवश्यकता नहीं है । बैंकों को उक्त परिपत्र के पैरा 17 द्वारा यह भी अनुमति दी गयी है कि वे कतिपय शर्तों के अधीन वित्तीय उत्पादों के लिए अपने ग्राहकों को गैर-जोखिम सहभागिता के आधार पर विशुद्ध संदर्भ सेवाएं प्रस्तावित कर सकते हैं । उपर्युक्त के अलावा, बैंक अपने ग्राहकों को गैर विवेकाधीन निवेश परामर्श सेवाएं भी प्रदान करते हैं जिनके लिए प्रत्येक मामले के आधार पर हमारे द्वारा अनुमोदन प्रदान किया जाता है । साथ ही, कुछ मामलों में बैंकों को अपनी सहायक कंपनियों के माध्यम से कुछ शर्तों के अधीन विवेकाधीन संविभाग प्रबंध सेवाएं प्रदान करने की अनुमति भी दी गयी है । 3. ऊपर संदर्भित सभी गतिविधियों में यह संभावित है कि बैंक विभिन्न म्यूचुअल फंडों/बीमा/वित्तीय कंपनियों के कई प्रतिस्पर्धी उत्पादों की अपने ग्राहकों को बिक्री/संदर्भ सेवाएं प्रदान करें । जिन ग्राहकों को उत्पाद बेचे या संदर्भित किये जा रहे हैं उनके हित में पारदर्शिता की आवश्यकता को देखते हुए अब यह निर्णय लिया गया है कि बैंक अपने ग्राहकों को ऐसे कमीशन / अन्य शुल्क (किसी भी रूप में प्राप्त) के ब्योरे बताएं जो उन्हें विभिन्न म्यूचुअल फंडों/बीमा/अन्य वित्तीय कंपनियों से उनके उत्पादों के विपणन/संदर्भ के लिए प्राप्त होते हैं । 4. उपर्युक्त अनुदेश तुरंत प्रभाव से लागू होंगे । भवदीय (पी. विजय भास्कर) |