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मास्टर परिपत्र - जाली नोट पकड़ना तथा उन्हें जब्त करना

आरबीआई /2010-11/91
संदर्भ: डीसीएम(एफएनवीडी)सं.-जी-4 /16.01.05 /2010-11

1 जुलाई 2010

अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक
समस्त वाणिज्य बैंक /सहकारी बैंक /ग्रामीण विकास बैंक/निजी क्षेत्र के बैंक
विदेशी बैंक तथा समस्त राज्यों के कोषागार निदेशक

महोदय /महोदया

मास्टर परिपत्र - जाली नोट पकड़ना तथा उन्हें जब्त करना

कृपया हमारे 1 जुलाई 2009 के पत्र डीसीएम (एफएनवीडी) सं.जी-1/16.01.05/2009-10 के साथ जाली नोट पकड़ना तथा उन्हें जब्त करने से संबंधित 30 जून 2009 तक की जानकारी को समेकित करते हुए जारी मास्टर परिपत्र देखें । मास्टर परिपत्र में, अब तक जारी किये गये सभी जारी निर्देशों को शामिल किया गया हैं और इसे बैंक की मुख्य वेबसाइट www.rbi.org.in पर अपलोड कर दिया गया है ।

इस मास्टर परिपत्र में उपरोक्त विषय पर समय - समय पर आरबीआई द्वारा जारी परिपत्रों मे निहित अनुदेशों को समेकित किया गया हैं , जो इस परिपत्र के तारीख पर प्रचालन में हैं ।

भवदीय

(रा.गांधी)
मुख्य महाप्रबंधक

संलग्नक : मास्टर परिपत्र सभी अनुबंधों सहित


भारतीय रिज़र्व बैंक
मुद्रा प्रबंध विभाग
मास्टर परिपत्र - 2010

जाली नोट पकड़ना और जब्त करना

पैरा 1

जाली नोटों को जब्त करने का अधिकार

जाली नोट निम्नलिखितों  द्वारा जब्त किये जा सकते हैं;
(i)   सार्वजनिक क्षेत्र के समस्त बैंक
(ii)  निजी क्षेत्र के बैंकों तथा विदेशी बैंकों की सभी शाखाएं
(iii) सहकारी बैंकों तथा ग्रामीण विकास बैंकों की सभी शाखाएं
(iv)सभी कोषागारों और उप कोषगार
(v) भारतीय रिज़र्व बैंक के सभी निर्गम कार्यालय

पैरा 2

जाली नोट पर मुहर लगाना

विभिन्न सुरक्षा विशेषताओं / मानकों  के परीक्षण पर जाली नोट के रूप में निर्धारित प्रत्येक बैंकनोट पर '' जाली नोट '' की मुहर लगाकर जब्त कर लिया जाय ।  इसके लिए 5 सेमी x 5 सेमी. की एकसमान आकार की  निम्नवत लेखनवाली मुहर का प्रयोग किया जाये ।
जाली नोट जब्त किया /COUNTERFEIT BANKNOTE  IMPOUNDED
बैंक /कोषागार /उप कोषागार / BANK  /TREASURY/ SUB-TREASURY
शाखा /BRANCH
हस्ताक्षर / SIGNATURE
दिनांक /DATE
प्रमाणित करते हुए इस प्रकार के प्रत्येक नोट की प्रविष्टी एक अलग रजिस्टर में की जायें |

पैरा 3

प्रस्तुतकर्ता को रसीद जारी करना

जब भारतीय रिज़र्व बैंक के निर्गम कार्यालय अथवा बैंक शाखा अथवा कोषागार में प्रस्तुत बैंक नोट को जाली पाया जाता है तो  अनुबंध-I में दिये गये फार्मेट में  प्रस्तुतकर्ता को, उपर्युक्त पैराग्राफ 2 के अनुसार नोट पर मुहर लगाने के बाद नोट प्रस्तुतकर्ता को रसीद जारी की जाये। रसीद दो प्रतियों में क्रमिक नंबर वाली होनी चाहिए  जिसके ऊपर प्रस्तुतकर्ता  तथा कोषपाल के हस्ताक्षर करवाये जायें । परिणामस्वरूप इससे संबंधित सूचना को आम जनता के जानकारी के लिये कार्यालयों /शाखाओं में प्रमुख रूप से प्रदर्शित किया जाये ।  यदि प्रस्तुतकर्ता रसीद  पर हस्ताक्षर न करना चाहे तो भी रसीद देना जरूरी है ।

पैरा 4

बैंक शाखा/कोषागार  द्वारा प्राप्त नकदी में  पाए  गए जाली नोटों पर कार्रवाई करना - (प्राथमिकी )एफआईआर दर्ज करना

बैंक शाखा / कोषागार /काउंटर पर बैंक द्वारा प्राप्त की गई नकदी में  पता लगाये गये जाली नोट को उपरोक्त पैरा. 2 में बतलाये गये अनुसार  प्रस्तुतकर्ता के समक्ष जब्त की जाये । एफआईआर दर्ज करते हुए इस नोट को  जाँच हेतु  स्थानीय पुलिस प्राधिकरण को  भेजा जाये (अनुबंध -II) । प्राथमिक सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) की एक प्रति बैंक के  स्थानीय प्रधान कार्यालय के जाली/नकली बैंकनोट सतर्कता कक्ष को (बैंकों के मामले में) और  कोषागार के मामले में भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित निर्गम कार्यालय  को  भेज दी जाये । इस प्रकार के मामलों में  प्रस्तुतकर्ता के ब्योरे जैसे कि उसका नाम, पता, तथा उसका कथन कि उसे  यह नोट कहाँ से मिला है /ये कहाँ से नोट मिले हैं , आदि भी पुलिस को दे दिये  जायें ।

नगों की संख्या और प्रस्तुतकर्ता की नेकनीयता का विचार किये बिना पता लगाये गये जाली नोट के प्रत्येक मामले के संबंध में प्राथमिक सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज करवाना अपैक्षित है ,  और पुलिस को प्रेषित नोट/टों के संबंध में प्राप्ति सूचना प्राप्त की जाये । पुलिस को नकली बैंक नोट बीमाकृत डाक द्वारा भेजे जाने पर उनकी प्राप्ति सूचना अनिवार्य रूप से ले ली जाये और उन्हें रिकार्ड में रखा जाए । पुलिस प्राधीकरण से  प्राप्ति सूचना प्राप्त करने के लिए उचित अनुवर्ति कार्रवाई अपेक्षित है ।  एफआईआर दर्ज करवाने में पुलिस के आनाकानी करने में कार्यालयों /शाखाओं को किसी प्रकार की कठिनाई होने की स्थिति में संबंधित राज्य के नोडल ऑफिसर से मिलकर मामले को निपटाया जाए।

जाली बैंक नोटों की विवेचना से जुडे मामलों में समन्वय हेतु केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो  के  मनोनीत नोडल ऑफिसर्स की सूची,अनुबंध - VII के रूप में  संलग्न है।

किसी भी हालत में जाली नोट , प्रस्तुतकर्त्ता को तो लौटायी जाय और उसे  बैंक -शाखाओं / कोषागारों द्वारा नष्ट किया जाये

विदेशी सरकारी प्राधिकरण द्वारा जारी करेंसी भी भारतीय दंड सहिंता में दी गई परिभाषा के अंतर्गत जाली करेंसी में आती है। बैंक-शाखाओं /कोषागारों में पकड़े गए जाली भारतीय बैंक नोटों के आंकड़े , नीचे दिये गये पैरा- 9  के अनुसार  भारतीय रिज़र्व बैंक , निर्गम कार्यालय  को प्रेषित की जानेवाली मासिक विवरणियों में शामिल किये जायें ।

पुलिस विभाग/सरकारी एजेंसियों से अभिमत /राय देने हेतु प्राप्त संदिग्ध विदेशी करेंसी नोटों के मामलों में ,  प्रस्तुतकर्ता को यह सूचित  किया जाये कि वे उचित विचार -विमर्श के बाद उक्त नोटों को नई दिल्ली स्थित सीबीआई की इंटरपोल विंग के पास भेज दें ।

पैरा 5

 

 

जाली नोटों का पता लगाना - स्टाफ प्रशिक्षण

यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि बैंक-शाखाओं , मुद्रा तिजोरियों /कोषागारों में  नगदी संचालन करनेवाला स्टाफ ,बैंकनोटों  के सुरक्षा विशेषताओं से पूरी तरह सुपरिचित  हैं ।

 बैंक -शाखा के कर्मचारियों को जाली नोट पहचानने की विस्तृत जानकारी देने के उद्देश्य से अनुबंध -IV में दर्शाये गये बैंक नोटों के सुरक्षा लक्षण तथा डिज़ाइन सभी बैंकों / कोषागारों को इस निर्देश के साथ भेज दिये गये  हैं कि वे इन्हें आम जनता के जानकारी के लिए प्रमुख  स्थानों पर प्रदर्शित करें ।

शाखाओं के स्तर पर प्रदर्शित करने  के लिए 2000 और 2005-06 श्रृंखला के बैंकनोटों के पोस्टरों की आपूर्ति की गयी है ।

जाली नोटों के प्रवेश के स्तर पर ही , उनका  पता लगाने में, स्टाफ सदस्यों को सक्षम बनाने हेतु नियंत्रक  कार्यालयों /प्रशिक्षण केंद्रों को  बैंक नोटों के सुरक्षा लक्षणों पर  प्रशिक्षण  कार्यक्रम भी आयोजित करना होगा। यदि आवश्यक हो तो , वे निकटतम आरबीआई के निर्गम कार्यालय से संबद्ध अधिकारियों  की सहायता ले सकते हैं ।

पैरा  6

काउंटरो को जारी करने , एटीएम मशीनों में भरने और आरबीआई निर्गम कार्यालयों को विप्रेषण करने के पूर्व बैंकनोटों की जाँच करना

सभी बैंकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि 100 रुपये और उससे अधिक मूल्यवर्ग  के सभी बैंकनोटों को काउंटरों पर / एटीमों के माध्यम से जारी करने के पूर्व भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित '' नोट सत्यापन और फिटनेस सार्टिंग मानदंडो '' के अनुरूप मशीनों के माध्यम से उन्हें संसाधित किया गया हैं । औसतन 1 करोड रुपये से अधिक दैनिक नकदी प्राप्तियाँ वाली सभी बैंक शाखाओं को  मार्च 2010 से पूर्व इन मशिनों का उपयोग शुरू करना होगा । इसके अतिरिक्त  , औसतन 50 लाख रुपये और 1 करोड रुपये के बीच दैनिक नकदी प्राप्तियाँ वाली सभी बैंक शाखाओं को  मार्च 2011 से पूर्व इन मशिनों का उपयोग शुरू करना होगा ।

एटीएम मशीनों के माध्यम से प्राप्त जाली नोटों से संबंधित शिकायतों का निपटान करने और  जाली नोटों के संचलन पर रोक लगाने के उद्देश्य से यह अत्यावश्यक  है कि पर्याप्त सुरक्षा उपायों/ नियंत्रणों को  लागू किया जाये । भारत सरकार और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद  की दृष्टी से  एटीएम मशीनों के माध्यम से जाली नोटों को वितरित किया जाना , इसे संबंधित बैंक द्वारा जाली नोटों के संचलन के लिये किया गया एक प्रयास माना जायेगा ।

चेस्ट विप्रेषणों /शेषों में जाली नोटों का पाया जाना , इसे भी संबंधित चेस्ट द्वारा जान -बूझकर जाली नोटों के संचलन के लिये किया गया प्रयास माना जायेगा जिसके परीणामस्वरूप पुलिस प्राधिकरण से विशेष जाँच की जा सकती है ।  मुद्रा तिजोरियों   के प्रेषणों / शेषों में पकड़े गये जाली नोटों की  राशि  पर दण्डात्मक ब्याज लगाया जायेगा ।  । भारतीय रिज़र्व बैंक, मुद्रा तिजोरियों   के प्रेषणों / शेषों में पकड़े गये जाली नोटों के कारण अन्य कार्रवाई अर्थात संबंधित चेस्ट के प्रचालनों को स्थगित करने  जैसी कार्रवाई  करने पर विचार कर सकता है । 

पैरा  7

 

 

 

 

 

 

 

बैंक के प्रधान कार्यालय  में  जाली नोट सतर्कता कक्ष की स्थापना

प्रत्येक बैंक निम्नलिखित कार्यों के निष्पादन हेतु अपने प्रधान कार्यालय में जाली (नकली) बैंक नोट सतर्कता कक्ष  स्थापित करे: -

  1. जाली नोटों के बारे में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी अनुदेशों को अपनी सभी शाखाओं में प्रचारित करना;

  2. इन अनुदेशों के कार्यान्वयन पर निगरानी रखना;

  3. अपनी शाखाओं में पकड़े गये जाली नोटों से संबंधित आंकड़े मासिक आधार पर एक जगह समेकित करना और वर्तमान अनुदेशों के अनुसार भारतीय रिज़र्व बैंक और राष्ट्रीय अपराध अभिलेख  ब्यूरो और एफआईयू - आईएनडी को इसकी रिपोर्ट प्रेषित करना ।

  4. पुलिस प्राधिकरण और निर्दिष्ट नोडल अधिकारी के साथ जाली नोटों के मामलें से  संबंधित अनुवर्ति कार्रवाई करना ।

  5. बैंको के केंद्रीय सर्तकता अधिकारी से समेकित जानकारी का आदान-प्रदान करना तथा  उन्हें  काउंटरों पर स्वीकृत /जारी किये गये जाली नोटों से संबंधित मामलों की रिपोर्ट देना।

  6. ऐसे मुद्रा तिजोरियों के स्तर पर आवधिक आकस्मिक जाँच करना जहाँ पर दोषपूर्ण/जाली नोट आदि का पता लगाया गया हैं  ।

  7. सभी मुद्रा तिजोरियों के स्तर पर उचित सक्षमता में नोट सॉर्टिग मशीनों के प्रचालनों को सुनिश्चित करना और मुद्रा तिजोरीवाली शाखाओं के स्तर पर जाली नोटों के पता लगाने पर सावधानिपूर्वक निगरानी करना और उक्त का उचित रूप से रिकार्ड रखना ।

  8. एटीएम मशीनों में , उचित  रूप से छँटनी तथा निरिक्षित किये गये बैंकनोटों को  भर देने की सुनिश्चिति करना और प्रसंस्करण तथा नोटों के मार्गस्थ के दौरान पर्याप्त सुरक्षा उपायोंसहित आकस्मिक जाँच को लागू करना ।

जाली नोट सतर्कता कक्ष से यह अपेक्षित है कि वे उपरोक्त पहलुओं को शामिल करते हुए तिमाही के आधार पर , संबंधित तिमाही के समाप्ति पर पंद्रह दिनों के भीतर मुख्य महाप्रबंधक ,  मुद्रा प्रबंध विभाग , भारतीय रिज़र्व बैंक , केंद्रीय कार्यालय , अमर भवन , चौथी मंजिल , सर पी .एम.रोड , फोर्ट , मुंबई - 400 001 और आरबीआई के क्षेत्रीय कार्यालय, जिसके कार्य क्षेत्र के अंतर्गत जाली नोट सतर्कता कक्ष कार्यरत हैं ,.को वर्तमान स्थिति की रिपोर्ट प्रेषित करें ।

जाली नोट सतर्कता कक्षों के पतों को अद्यतन करने के उद्देश्य से  बैंक से यह अपेक्षित है कि  वे प्रत्येक वर्ष में 1 जुलाई के अनुसार निर्धारित प्रोफार्मा ( अनुबद्ध  III ) में  इ- मेल से  पते आदि  आरबीआई को प्रस्तुत करें ।

पैरा 8

 

 

 

 

अल्ट्रा-वायलेट लैम्प तथा अन्य मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था करना

जाली नोटों की पहचान सुगम बनाने  के लिए   बैंक की सभी शाखाओं / खजानों में अल्ट्रा-वायलेट लैम्प / अन्य सहायक उपकरणों की व्यवस्था की जाए ।  सभी करेंसी चेस्ट शाखाओं में ,  सत्यापन , प्रसंस्करण  और छँटनी करने वाली मशीनों की व्यवस्था होनी चाहिये  और मशिनों का इष्टतम स्तर  तक उपयोग करना चाहिये । इन मशीनों को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित '' नोट सत्यापन और फिटनेस सार्टिंग मानदंडो '' के अनुरूप होना आवश्यक हैं ।  बैंकों को , पता लगाये गये जाली नोटों सहित नोट छँटनी मशिनों के माध्यम से संसाधित नोटों  का दैनिक रिकार्ड रखना होगा ।   बैंक अन्य शाखाओं में  भी नोट  सत्यापन और  प्रसंस्करण  करने वाली,  गंदे तथा जाली (नकली ) नोट  अलग- अलग करने के लिये समुचित क्षमता वाली मशीनों की व्यवस्था करें इसके साथ ही  जनता के उपयोग हेतु काउंटर पर नोट गिनने वाली कम से कम एक मशीन (जिसमें दोनों तरफ संख्या प्रदर्शित करने की सुविधा हो) लगायी जाये ।

पैरा 9

 

 

 

बैंक शाखाओं द्वारा आँकड़ों की सूचना

अनुबंध-IV में (राज्य /संघ शासित प्रदेशों के नाम, जिनमें कि शाखा चल रही है, सम्मिलित करते हुए पूर्व प्रपत्र में संशोधन) दिए गए प्रपत्र के अनुसार बैंक /शाखाओं में मा­ह के दौरान पकड़े गए जाली नोटों का समेकित विवरण मासिक आधार पर निम्नलिखित कार्यालयों को इस प्रकार प्रेषित किये जायें कि वह आगामी माह  की 7 तारीख तक उन्हें प्राप्त हो जायें ।

  1. भारतीय रिज़र्व बैंक का  संबंधित निर्गम कार्यालय

  2. सहायक निदेशक, राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो, भारत सरकार, गृह मंत्रालय, ईस्ट ब्लॉक-7, आर. के. पुरम, नई दिल्ली-110 066

बैंकों के प्रधान अधिकारियों से यह अपेक्षित हैं कि वे ,नकदी संचालनोँ में जहाँ जाली नोटों का इस्तेमाल असली नोटों के रूप में किया गया हैं  ऐसे मामले की सूचना , सात कारोबारी दिनों के भीतर    निदेशक , एफआईयू -आईएनडी , वित्तीय आसूचना यूनिट - इंडिया , 6 वी मंज़िल , हाटेल सम्राट , चाणक्यपुरी , नई दिल्ली -110021 को सूचित करें ।

माह के दौरान यदि कोई जाली नोट का पता नहीं लग गया हो तो ` निरंक ' विवरण भेजा जाये ।

ii) बैंक के शाखा सतर्कता कक्ष द्वारा आँकड़ों की सूचना

बैंक  ( सहकारी और क्षेत्रीय ग्रामिण बैंकों के अलावा) के प्रधान कार्यालय के  स्तर पर गठित जाली नोट सतर्कता कक्ष  को अनुवर्ति महीने के समाप्ति के पूर्व संलग्नक  V  के अनुसार निर्धारित प्रोफार्मा में , अखिल भारतीय स्तर पर बैंक द्वारा पता लगाये गये जाली नोटों को दर्शाते हुए एक मासिक विवरण  मुद्रा प्रबंध विभाग , भारतीय रिज़र्व बैंक , केंद्रीय कार्यालय को निम्नलिखित पते पर इ-मेल के माध्यम से प्रस्तुत करना होगा ।

हार्ड प्रति भेजने की आवश्यकता  नहीं है ।

माह के दौरान यदि कोई जाली नोट का पता नहीं लग गया हो तो ` निरंक ' विवरण भेजा जाये ।

iii) सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामिण बैंकों द्वारा आँकड़ें की सूचना

संलग्नक IV के अनुसार सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामिण बैंकों की शाखाओं द्वारा पता लगाये गये जाली नोटों के आंकड़ों को मासिक आधार पर आरबीआई के संबंधित निर्गम कार्यालय को प्रस्तुत करना होगा ।

संलग्नक  V  के अनुसार मासिक आधार पर अखिल भारतीय स्तर पर बैँक के प्रधान कार्यालय में  आंकडों को  समेकित करना होगा और जब कभी मांगा जाये तब उन्हें भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रस्तुत करना होगा।

पैरा 10

पुलिस प्राधिकरण से प्राप्त जाली नोटों का परिरक्षण

पुलिस प्राधिकरण / न्यायालयों से पुन: प्राप्त सभी जाली नोटों को बैंक की अभिरक्षा में सावधानीपूर्वक परिरक्षित किया जाये और संबंधित शाखा द्वारा उक्त का रिकार्ड रखा जाये। बैंक के जाली नोट सतर्कता कक्ष को भी ऐसे जाली नोटों का शाखावार समेकित रिकार्ड रखना होगा । संबंधित शाखा के प्रभारी अधिकारी द्वारा  एक छमाई ( 31 मार्च और 30 सितंबर पर ) के आधार पर शाखाओं के स्तर पर स्थित इन जाली नोटों का सत्यापन करना होगा । पुलिस प्राधिकरण से प्राप्त तारिख से इन जाली नोटों को  तीन वर्ष के अवधि के लिए परिरक्षित करना होगा ।

इसके पश्चात  पूर्ण ब्योरे के   साथ इन जाली नोटों को भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित निर्गम कार्यालय को भेजा जाये ।

जाली नोट जो न्यायालय में मुकदमेबाजी के अधीन हैं उन्हें न्यायालय निर्णय  के बाद  संबंधित शाखा के पास तीन वर्ष तक रखा जाएं ।

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