मास्टर परिपत्र – इंफ्रास्ट्रक्चर ऋण निधि - गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2011 - आरबीआई - Reserve Bank of India
मास्टर परिपत्र – इंफ्रास्ट्रक्चर ऋण निधि - गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2011
भारिबैं/2015-16/18 1 जुलाई 2015 सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) महोदय, मास्टर परिपत्र – इंफ्रास्ट्रक्चर ऋण निधि - गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2011 जैसा कि आप विदित है कि उल्लिखित विषय पर सभी मौजूदा अनुदेश एक स्थान पर उपलब्ध कराने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक अद्यतन परिपत्र/अधिसूचनाएं जारी करता है। इस परिपत्र में अंतर्विष्ट अनुदेश, जो 30 जून 2015 तक अद्यतन किए गए हैं, नीचे दिए जा रहे हैं। अद्यतन की गई अधिसूचना बैंक की वेब साइट (http://www.rbi.org.in). पर भी उपलब्ध है। भवदीय, (सी डी श्रीनिवासन)
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं. डीएनबीएस.233/सीजीएम (यूएस)-2011 21 नवंबर 2011 भारतीय रिजर्व बैंक, जनता के हित में यह आवश्यक समझकर और इस बात से संतुष्ट होकर कि देश के हित में ऋण प्रणाली को विनियमित करने के लिए बैंक को समर्थ बनाने के प्रयोजन से, निम्नलिखित निदेश देना आवश्यक है. भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 (1934 का 2) की धारा 45 झक, 45 ट, 45ठ, तथा 45ड द्वारा प्रदत्त शक्तियों और इस संबंध में प्राप्त समस्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निम्नलिखित निदेश देता है: यथा निदेशो का संक्षिप्त नाम तथा प्रयोग में लाना 1. यह दिशानिदेश इंफ्रास्ट्रक्चर ऋण निधि - गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2011 से जाने जाएंगे और तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। 2. यह निदेश प्रत्येक इंफ्रास्ट्रक्चर ऋण निधि- गैर बैंकिंग वित्तिय कंपनी (आईडीएफ-एनबीएफसी) पर लागू होंगे। 3. इन निदेशों के प्रयोजन के लिए, जब तक की संदर्भ से विपरित अपेक्षित न हो:- (ए) “अनुदानप्राप्तकर्ता” अर्थात वह पक्ष जिसने योजना प्राधिकरण के साथ विकास या इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण करने का करार किया हो जिस करार को “अनुदान करार” से जाना जाएगा। (बी) “इंफ्रास्ट्रक्चर ऋण निधि- गैर बैंकिंग वित्तिय कंपनी या “आईडीएफ-एनबीएफसी” से यह अभिप्रेत है कि जमाराशियां न स्वीकारने वाली एनबीएफसी जिसका निवल स्वाधिकृत निधि ₹ 300 करोड या अधिक और जो केवल सार्वजनिक निजी साझीदारीयों (पीपीपी) और पोस्ट कमिंसमेंट आपरेशन्स डेट (सीओडी) इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजना में निवेश करती हैं और जिसने वाणिज्यिक परिचालन का संतोषजनक कमसे कम एक वर्ष पूरा किया है और जो त्रिपक्षीय करार का एक पार्टी बनती है। (सी) “परियोजना प्राधिकरण” अर्थात देश की इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए कानून द्वारा बनाया गया प्राधिकरण। (डी) “त्रिपक्षीय करार” अर्थात तीन पार्टीयों का करार, अर्थात्, अनुदानप्राप्तकर्ता, परियोजना प्राधिकरण और आईडीएफ-एनबीएफसी जो उसके सभी पार्टियों को उसमें उल्लेख किए गए अन्य करार के नियमों और शर्तों के लिए भी आबद्ध करती है 4. इसमें प्रयुक्त अन्य शब्द अथवा अभिव्यक्तियां, जो यहांअ परिभाषित नहीं है और भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 या इसके अतिरिक्त अध्याय III के तहत जारी निदेश में परिभाषित नहीं है, का अर्थ वही होगा, जो इसके अर्थ के लिए इसमें अभिप्रेत है जब तक की संदर्भ से विपरित अपेक्षित न हो. 5. आईडीएफ-एनबीएफसी की न्यूनतम क्रेडिट रेटिंग ग्रेड सीआरआईएसआईएल की ‘ए’ होगी या अन्य अधिकृत रेटिंग एजेंसी जैसा कि एफआईटीसीएच, सीएआरई और आईसीआरए द्वारा जारी समकक्ष हो। 6. आईडीएफ-एनबीएफसी का न्यूनतम सीआरएआर 15 प्रतिशत होगा और आईडीएफ-एनबीएफसी की टीयर II पूंजी टीयर I पूंजी से अधिक नहीं होंगी। 7. 1[आईडीएफ-एनबीएफसी पोस्ट सीओडी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में निवेश कर सकती है जिन्होंने न्यूनतम एक वर्ष का संतोषजनक वाणिज्यिक परिचालन किया हो बशर्ते;
8. i. आईडीएफ-एनबीएफसी व्यक्तिगत परियोजनाओं में अधिकतम जोखिम उसके कुल पूंजी निधि का 50 प्रतिशत तक ले सकती है (गैरबैंकिंग वित्तीय (जमाराशि न स्वीकारने वाली या धारण करने वाली) कंपनी के लिए विवेकपूर्ण मानदंड (रिज़र्व बैंक) दिशानिदेश, 2007 के पैरा 2 (xx) और (xxi) में परिभाषित किए अनुसार टीयर I अधिक टीयर II) ii. आईडीएफ-एनबीएफसी के निदेशक मंडल के विवेकाधिकार से 10 प्रतिशत तक अतिरिक्त जोखिम ले सकती हैं। iii. भारतीय रिजर्व बैंक, आईडीएफ-एनबीएफसी से आवेदन प्राप्त होने पर और आईडीएफ- एनबीएफसी की वित्तीय स्थिति संतोषजनक होने के संबंध में संतुष्ट होने पर 15 प्रतिशत तक अतिरिक्त जोखिम की अनुमति (60 प्रतिशत से अधिक) दे सकता हैं. बशर्ते अतिरिक्त विवेकपूर्ण रक्षा उपायों से संबंध में उसे यह उचित लगे. पूंजी पर्याप्तता के उद्देश्य के लिए जोखिम भार: 9. आईडीएफ-एनबीएफसी की पूंजी पर्याप्तता की गणना के लिए, i. एक वर्ष से अधिक अवधि के लिए जिन विद्यमान परियोजनाओं का वाणिज्यिक परिचालन किया गया हो ऐसी पीपीपी और वाणिज्यिक परिचालन तिथि (सीओडी) परियोजना में सम्मिलित करने वाले बांडो में 50 प्रतिशत तक का जोखिम भार निर्दिष्ट किया जा सकता हैं। ii. अन्य सभी परिसंपत्तियां गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशि न स्वीकारने वाली या धारण करने वाली) कंपनी के लिए विवेकपूर्ण मानदंड (रिज़र्व बैंक) दिशानिदेश, 2007 के पैरा 16 में दिए गए वर्तमान नियमों के अनुसार जोखिम भारित होंगी 10. अन्य सभी विवेकपूर्ण मानदंड आय मान्यता, आस्ति वर्गीकरण और प्रावधानीकरण मानदंड सहित आईडीएफ-एनबीएफसी को गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशि न स्वीकारने वाली या धारण करने वाली) कंपनी के लिए विवेकपूर्ण मानदंड (रिज़र्व बैंक) दिशानिदेश, 2007 में विनिर्दिष्ट किए अनुसार लागू होंगे। (उमा सुब्रमणियम) परिपत्रों की सूची
1 14 मई 2015 की अधिसूचना सं: गैबैंविवि.020/सीजीएम(सीडीएस)-2015 द्वारा प्रतिस्थापित। |