विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खातों में रखी गयी - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खातों में रखी गयी
आरबीआइ / 2006-07/16
संदर्भ बैंपविवि.सं.डीआइआर.बीसी. 7/13.03.00/2006-07
1 जुलाई 2006
10 आषाढ़ 1928 (शक)
सभी वाणिज्य बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)
महोदय
विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खातों में रखी गयी
जमाराशियों से संबंधित अनुदेशों का मास्टर परिपत्र
जैसा कि आप जानते हैं, भारतीय रिज़र्व बैंक ने विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खातों में रखीं जमाराशियों पर ब्याज दरों के संबंध में एक मास्टर परिपत्र 1 जुलाई 2005 के बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 6/ 13.03.00/2005-06 द्वारा जारी किया है। इसमें समय-समय पर कुछ संशोधन भी किये जाते रहे हैं। बैंकों की सुविधा हेतु इस विषय से संबंधित सभी विद्यमान अनुदेशों को एक ही स्थान पर उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से 30 जून 2006 तक जारी किये गये सभी अनुदेश समेकित कर एक मास्टर परिपत्र तैयार किया गया है और रिज़र्व बैंक की वेबसाइट (/en/web/rbi) पर उपलब्ध करवा दिया गया है ।
2. यह नोट किया जाए कि परिशिष्ट में उल्लिखित निदेशों /परिपत्रों में निहित अनुदेश इस मास्टर परिपत्र में शामिल किये गये हैं ।
भवदीय
(पी.विजय भास्कर)
मुख्य महाप्रबंधक
विषय-सूची
विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खातों में रखी गयी
जमाराशियों पर ब्याज दरों से संबंधित मास्टर परिपत्र
1. ‘जमाराशि’ शब्द की परिभाषा *
2. योजना की अन्य महत्वपूर्ण विशिष्टताएं *
3. ब्याज की अदायगी की विधि *
4. बैंक के स्टाफ की जमाराशियों पर अतिरिक्त ब्याज अदा करने का विवेकाधिकार *
5. जमाराशियों का अवधिपूर्व आहरण *
6. अतिदेय विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियों पर ब्याज की अदायगी *
7. विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियों पर अग्रिम - ब्याज लगाने का तरीका *
8. मीयादी जमाराशियों पर दिये जाने वाले अग्रिमों पर मार्जिन *
9. मृत जमाकर्ता की जमाराशि पर देय ब्याज *
10. संयुक्त खाता धारकों के नाम / नामों का जोड़ा या निकाला जाना *
11. भारत लौटने वाले अनिवासी भारतीयों की विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियों पर
ब्याज की अदायगी *
12. लौटने वाले भारतीयों के विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) *
खातों का निवासी विदेशी मुद्रा खाते में परिवर्तन - दंड को छोड़ना *
13. लौटने वाले भारतीयों के विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खातों का निवासी विदेशी मुद्रा खातों /
*
14. शनिवार / रविवार / अवकाश / कारोबारी कार्य-दिवस से इतर दिन *
अवधिपूर्ण होनेवाली मीयादी जमाराशियों पर ब्याज की अदायगी *
15. प्रतिबंध *
अनुबंध *
परिशिष्ट *
विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खातों में रखी गयी जमाराशियों पर ब्याज दरों से संबंधित मास्टर परिपत्र
जो वाणिज्यिक बैंक विदेशी मुद्रा का प्राधिकृत व्यापारी है, उसे विदेशी मुद्रा (अनिवासी) खाता (बैंक) योजना, जो 15 मई 1993 से प्रभावी है, के अंतर्गत स्वीकृत अथवा नवीकृत जमाराशियों पर ब्याज की अदायगी नहीं करनी चाहिए परंतु इसके अनुबंध में विनिर्दिष्ट दरों के अनुसार तथा नीचे दिये गये पैराग्राफों में विनिर्दिष्ट शर्तों पर ब्याज की अदायगी करनी चाहिए ।
1. ‘जमाराशि’ शब्द की परिभाषा
योजना के अंतर्गत जमाराशि शब्द से बैंक द्वारा निश्चित अवधि के लिए प्राप्त ‘मीयादी जमाराशियां’ जो उक्त निश्चित अवधि की समाप्ति के बाद ही आहरण-योग्य हों, अभिप्रेत है तथा इसमें पुनर्निवेश जमाराशियां और नकद प्रमाणपत्र अथवा इसी तरह की अन्य जमाराशियां भी शामिल हैं ।
2. योजना की अन्य महत्वपूर्ण विशिष्टताएं
(i) इस योजना में पौंड स्टर्लिंग, अमरीकी डालर, क़नडीयन डालर, ऑस्ट्रेेलियन डालर तथा यूरो में ऐसी जमाराशियां शामिल हैं जो भारतीय राष्ट्रिकता के अनिवासी व्यक्तियों अथवा भारतीय मूल के (अनिवासी) व्यक्तियों से प्राप्त हुई हों।
टिप्पणी :
क) विदेशी कंपनियों, फर्मों, समितियों तथा अन्य ऐसे निगमित निकायों से, जिनमें प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष तौर पर अनिवासी भारतीयों का कम-से-कम 60 प्रतिशत स्वामित्व हो, तथा ऐसे विदेशी न्यासों, जिनमें कम-से-कम 60 प्रतिशत लाभकारी हित अप्रतिसंहरणीय रूप से ऐसे व्यक्तियों (विदेशी निगमित निकायों) के पास हो, द्वारा विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खातों को खोलने या खाते रखने की सुविधा को 16 सितंबर 2003 से रद्द कर दिया गया है।
ख) किसी विदेशी कंपनी निकाय के नाम रखे मौजूदा विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक)खाते को मूल परिपक्वता अवधि पूरी होने तक जारी रखा जाए और अवधिपूर्णता के बाद तत्काल आगम राशि को प्रत्यावर्तित किया जाए।
- विदेशी मुद्राओं में निधियों के प्रत्यावर्तन की अनुमति है ।
(iii) योजना के अंतर्गत निम्नलिखित अवधिपूर्णता के लिए जमाराशियां स्वीकार की जानी चाहिए :
क) एक वर्ष और अधिक परंतु दो वर्ष से कम
ख) दो वर्ष और अधिक परंतु तीन वर्ष से कम
ग) तीन वर्ष और अ्य्धक परंतु चार वर्ष से कम
घ) चार वर्ष और अ्य्धक परंतु पांच वर्ष से कम
ङ) केवल पांच वर्ष
टिप्पणी : विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) योजना के अंतर्गत आवर्ती जमाराशियां स्वीकार नहीं की जाएंगी ।
(iv) एक ही खातेदार के मौजूदा अनिवासी बाह्य खातों से विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खातों में तथा विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खातों से अनिवासी बाह्य खातों में निधियों के अंतरण की अनुमति भारतीय रिज़र्व बैंक से पूर्वानुमोदन प्राप्त किये बिना दी जा सकती है ।
(v) बैंक को भारतीय रिजॅर्व बैंक द्वारा निर्धारित उच्चतम सीमा के भितर विभिन्न अवधिपूर्णता की जमाराशियों पर उनके द्वारा दी जानेवाली ब्याज दरों के लिए अपने निदेशक मंडल का पूर्व अनुमोदन प्राप्त करना चाहिए । बैंक का निदेशक बोर्ड जमाराशियों पर ब्याज दरें निर्धारित करने के लिए परिसंपत्ति-देयता प्रबंधन समिति को इस शर्त पर प्राधिकृत कर सकता है कि वह उसके तुरंत बाद बोर्ड को उसकी सूचना दे ।
3. ब्याज की अदायगी की विधि
i) योजना के अंतर्गत स्वीकार की गयी जमाराशियों पर ब्याज की अदायगी वर्ष में 360 दिन के आधार पर की जानी चाहिए ।
ii) विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियों पर ब्याज की गणना की जानी चाहिए और उसकी अदायगी नीचे दिये गये अनुसार की जानी चाहिए :
क) एक वर्ष तक की जमाराशियों के लिए चक्रवृद्धि प्रभाव के बिना लागू दर पर,
ख) एक वर्ष से अधिक की जमाराशियों के संबंध में 180 दिनों के अंतरालों पर तथा उसके बाद शेष वास्तविक दिनों के लिए। तथापि, जमाकर्ता के समक्ष चक्रवृद्धि प्रभाव सहित अवधिपूर्णता पर ब्याज प्राप्त करने का विकल्प होगा ।
4. बैंक के स्टाफ की जमाराशियों पर अतिरिक्त ब्याज अदा करने का विवेकाधिकार
निम्नलिखित के नाम में स्वीकृत जमाराशियों के संबंध में बैंक अपने विवेक पर बैंक द्वारा निर्धारित ब्याज दर के ऊपर एक प्रतिशत वार्षिक से अनधिक दर पर अतिरिक्त ब्याज की अनुमति दे सकते हैं-
i) बैंक के स्टाफ-सदस्य अथवा सेवानिवृत्त सदस्य के नाम में अकेले या उसके परिवार के अन्य सदस्य अथवा सदस्यों के साथ संयुक्त रूप से, या
ii) बैंक के मृत स्टाफ-सदस्य अथवा मृत सेवानिवृत्त सदस्य के पति / की पत्नी के नाम में, परंतु शर्त यह है कि -
क) जमाकर्ता अथवा संयुक्त खाते के सभी जमाकर्ता भारतीय राष्ट्रिकता अथवा मूल का/के अनिवासी हो/हों, और ;
ख) बैंक संबंधित जमाकर्ता से इस आशय की घोषणा प्राप्त करेगा कि इस प्रकार जमा की गयी राशियां अथवा समय-समय पर जमा की जानेवाली राशियां उक्त खंड (व) अथवा (वव) में उल्लिखित जमाकर्ता से संबंधित राशियां हैं ।
(iii) विद्यमान अथवा सेवानिवृत्त स्टाफ सदस्यों की जमाराशियों के लिए बैंक द्वारा निर्धारित उच्चतम दर भारतीय रिजॅर्व बैंक द्वारा निर्धारित उच्चतम दर से अधिक नहीं होनी चाहिए।(कृपया परिश्ष्टि का पैरा(क) देखें)
स्पष्टीकरण :
‘परिवार’ से बैंक के स्टाफ सदस्य / सेवानिवृत्त सदस्य का पति /की पत्नी, उसके बच्चे, माता-पिता, भाई और बहन अभिप्रेत हैं तथा शामिल हैं, जो ऐसे सदस्य / सेवानिवृत्त सदस्य पर निर्भर हों परंतु इसमें विधिक रूप से अलग हुए पति/पत्नी शामिल नहीं हैं ।
5. जमाराशियों का अवधिपूर्व आहरण
i) बैंक को चाहिए कि वे जमाकर्ता के अनुरोध पर विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) योजना के अंतर्गत जमाराशियों के अवधिपूर्व आहरण की अनुमति दें। बैंक ऐसे अवधिपूर्व आहरण के लिए स्वविवेक के अनुसार दंड वसूल करने के लिए स्वतंत्र हैं। बैंक स्वविवेक पर विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियों के अवधिपूर्व आहरण के मामले में अदला-बदली (स्वैप) संबंधी लागत की वसूली के लिए भी दंड वसूल कर सकते हैं। जहां विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक)जमाराशियों का अवधिपूर्व आहरण एक वर्ष की न्यूनतम निर्धारित अवधि की समाप्ति के पहले किया गया हो, जिस स्थिति में कोई ब्याज देय नहीं हो, बैंक स्वविवेक पर अदला-बदली संबंधी लागत को कवर करने के लिए दंड लगा सकते हैं । तथापि, जमाराशियां स्वीकार करते समय जमाकर्ताओं को दंड के घटकों की स्पष्ट तौर पर जानकारी दी जानी चाहिए। यदि जमाराशियां स्वीकार करते समय जमाकर्ताओं को दंड संबंधी प्रावधानाें की जानकारी न दी गयी हो तो अवधिपूर्व आहरण के फलस्वरूप होनेवाली विनिमय संबंधी हानि का वहन बैंकों को करना होगा ।
ii) विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियों से अनिवासी बाह्य जमाराशियों में तथा अनिवासी बाह्य जमाराशियों से विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियों में परिवर्तन अवधिपूर्व आहरण संबंधी दांडिक प्रावधान के अधीन होना चाहिए ।
6. अतिदेय विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियों पर ब्याज की अदायगी
बैंक स्वविवेक पर अतिदेय जमाराशि अथवा उसके एक अंश का नवीकरण कर सकते हैं बशर्ते अवधिपूर्णता की तारीख से नवीकरण की तारीख तक (दोनों दिन शामिल कर) अतिदेय अवधि 14 दिनों से अधिक की न हो तथा इस प्रकार नवीकृत जमाराशि पर देय ब्याज की दर नवीकरण की अवधि के लिए वह उपयुक्त दर होनी चाहिए जो अवधिपूर्णता की तारीख को अथवा जमाकर्ता द्वारा जब नवीकरण की मांग की गयी हो उस तारीख को, जो भी कम हो, लागू हो। अतिदेय जमाराशियों के मामले में जहां अतिदेय अवधि 14 दिनों से अधिक की हो तथा यदि जमाकर्ता अतिदेय जमा की संपूर्ण राशि अथवा उसका एक भाग नये विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशि में रखता हो तो नयी मीयादी जमाराशि के रूप में इस प्रकार रखी गयी राशि पर अतिदेय अवधि के लिए बैंक अपनी स्वयं की ब्याज दरें निश्चित कर सकते हैं। बैंकों को यह स्वतंत्रता होगी कि वे अतिदेय अवधि के लिए इस प्रकार अदा किये गये ब्याज की वसूली उस स्थिति में करें यदि जमाराशि का आहरण नवीकरण के बाद योजना के अंतर्गत निर्धारित न्यूनतम अवधि पूरी होने के पहले किया जाये ।
7. विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियों पर अग्रिम - ब्याज लगाने का तरीका
(i) जब ऐसी विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) मीयादी जमाराशियों की जमानत पर ऋण या अग्रिम दिया जाये जो निम्नलिखित के नाम पर हों :
क) उधारकर्ता के नाम पर या तो अकेले ही अथवा संयुक्त रूप से ;
ख) भागीदार संस्था (फर्म) के भागीदारों में से किसी एक भागीदार के नाम पर हो और अग्रिम उस संस्था को स्वीकृत किया गया हो ;
ग) स्वामित्ववाली संस्था के स्वामी के नाम पर हो और ऐसे अग्रिम उक्त संस्था को स्वीकृत किया गया हो;
घ) ऐसे आश्रित के नाम पर हो जिसका अभिभावक आश्रित की ओर से उधार लेने के लिए सक्षम हो और जहां उक्त क्षमता में आश्रित के अभिभावक को अग्रिम स्वीकृत किया गया हो;
तब बैंक अपनी आधारभूत मूल उधार दर (बीपीएलआर ) का संदर्भ लिये बिना ब्याज दर लगाने के लिए स्वतंत्र होगा ।
बैंक स्वविवेकानुसार, अपने कर्मचारियों या सेवानिवत्त कर्मचारियों या बैंक के मृत /सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पत्नी / पति को उपर्युक्त पैरा (4) में निर्दिष्ट उनकी जमाराशियों पर दिये गये 3 लाख रुपये तक के अग्रिमों, जब अग्रिम प्रदान करने के समय काल्पनिक रूप में रुपये में परिवर्तित किया जाये, के मामले में ऊपर निर्धारित दर से कम ब्याज दर लगाएं ।
(ii) जब अग्रिम ऐसी मीयादी जमाराशियों पर दिया जाए जो उपर्युक्त उप-खंड (क) के स्वरूप की नहीं हैं तब
क) बैंक आधारभूत मूल उधार दर का संदर्भ लिये बिना ब्याज दर लगाने के लिए स्वतंत्र होगा, बशर्ते अग्रिम 2 लाख रुपये तक हो, और
ख) यदि अग्रिम 2 लाख रुपये से अधिक हो तब बैंक को अग्रिमों पर ब्याज दरों के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक के समय-समय पर जारी निदेशों में निर्धारित दरों के अनुसार ब्याज लगाना चाहिए ।
यदि वह मीयादी जमाराशि जिस पर अग्रिम प्रदान किया गया है, निर्धारित न्यूनतम अवधिपूर्णता अवधि पूरी होने के पहले निकाल ली जाती है तो ऐसे अग्रिम को मीयादी जमाराशि पर अग्रिम नहीं माना जाना चाहिए तथा अग्रिमों पर ब्याज दरों के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक के समय-समय पर जारी निदेश में निर्धारित किये गये अनुसार ब्याज लगाया जाना चाहिए ।
(iii) जब ऋण या अग्रिम उक्त योजना के अंतर्गत जुटाये गये संसाधनों में से दिया जाये तब लगायी जानेवाली ब्याज दर अग्रिमों पर ब्याज दरों के संबंध में, भारतीय रिज़र्व बैंक की ओर से जारी निदेशों में निर्धारित दर के अनुसार होनी चाहिए ।
8. मीयादी जमाराशियों पर दिये जाने वाले अग्रिमों पर मार्जिन
बैंक अलग-अलग मामले के आधार पर मार्जिन निश्चित करे ।
9. मृत जमाकर्ता की जमाराशि पर देय ब्याज
निम्नलिखित के नाम / नामों पर रहनेवाली मीयादी जमाराशि के मामले में -
i) मृत अलग-अलग जमाकर्ता, या
ii) दो या अधिक संयुक्त जमाकर्ता, जहां जमाकर्ताओं में से एक की मृत्यु हो गयी हो, नीचे दर्शाये गये अनुसार ब्याज अदा किया जाना चाहिए:
क) जमाराशि की अवधिपूर्णता पर करार की गयी दर से,
ख) यदि अवधिपूर्णता के पहले जमाराशि की अदायगी का दावा किया जाता है तो बैंक को दंड लगाये बिना जमाराशि रखे जाने की तारीख को विद्यमान लागू दर पर ब्याज अदा करना चाहिए ।
ग) जमाराशि की अवधिपूर्णता की तारीख के पहले जमाकर्ता की मृत्यु होने तथा अवधिपूर्णता की तारीख के बाद जमाराशि का दावा किये जाने की स्थिति में, बैंक को अवधिपूर्णता की तारीख तक संविदागत दर पर ब्याज अदा करना चाहिए । अवधिपूर्णता की तारीख से अदायगी की तारीख तक बैंक को अवधिपूर्णता की तारीख के बाद बैंक के पास जमाराशि रहने तक की अवधि के लिए, अवधिपूर्णता की तारीख को प्रचलित लागू दर पर साधारण ब्याज अदा करना चाहिए। तथापि, जमाराशि की अवधिपूर्णता की तारीख के बाद जमाकर्ता की मृत्यु के मामले में बैंक को अवधिपूर्णता की तारीख से अदायगी की तारीख तक अवधिपूर्णता की तारीख को प्रचलित बचत जमा दर पर निवासी विदेशी मुद्रा (आर एफ सी) खाता योजना के अधीन धारित बचत जमाराशियों के संदर्भ में ब्याज अदा करना चाहिए ।
घ) यदि दावेदार / दावेदारों के अनुरोध पर बैंक मीयादी जमाराशि को विभाजित करने के लिए सहमत हो जाता है और दावेदार /दावेदारों के नाम /नामों पर अलग-अलग दो या अधिक रसीदें जारी की जाती हैं तो इसे दंड लगाने के प्रयोजन के लिए मीयादी जमाराशि का अवधिपूर्व आहरण नहीं माना जाना चाहिए बशर्ते जमाराशि की अवधि और कुल राशि में कोई परिवर्तन न किया गया हो ।
टिप्पणी : दावेदार /दावेदारों के निवासी होने की स्थिति में, अवधिपूर्णता की प्राप्ति- राशि को अवधिपूर्णता की तारीख को भारतीय रुपयों में परिवर्तित किया जाये और बाद की अवधि के लिए ब्याज देशी जमा योजना के अंतर्गत इसी प्रकार की जमाराशि पर लागू दर पर अदा किया जाये ।
10. संयुक्त खाता धारकों के नाम / नामों का जोड़ा या निकाला जाना
बैंक सभी संयुक्त खाता धारकों के अनुरोध पर, यदि परिस्थितियों के कारण ऐसा करना जरूरी हो तो संयुक्त खाता धारकों के नाम / नामों को जोड़ने /हटाने की अनुमति दे सकता है अथवा व्यक्तिगत खाता धारक को दूसरे व्यक्ति का नाम संयुक्त धारक के रूप में जोड़ने की अनुमति दे सकता है । परन्तु, मूल जमाराशि की रकम और उसके बने रहने की अवधि (ड्यूरेशन) में किसी हालत में किसी भी तरीके से किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं होना चाहिए और सभी संयुक्त खाता धारक को भारतीय राष्ट्रिकता या मूल का अनिवासी होना चाहिए । बैंक आवेदकों से ऐसा करने के कारणों को सुनिश्चित करेगा और अनुरोध के वास्तविक स्वरूप के बारे में अपने को संतुष्ट करेगा । साथ ही, पाकिस्तानी / बंगला देशी राष्ट्रिकों, भले ही वे भारतीय मूल के हों, के नाम खाते खोलने के लिए विदेशी मुद्रा नियंत्रण की दृष्टि से रिज़र्व बैंक का अनुमोदन अपेक्षित होगा ।
11. भारत लौटने वाले अनिवासी भारतीयों की विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियों पर ब्याज की अदायगी
बैंक स्थायी रूप से रहने के लिए भारत लौटने वाले भारतीय राष्ट्रिकता / मूल के व्यक्तियों की विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशि को, यदि इच्छा व्यक्त की जाये तो करार की गयी ब्याज दर पर अवधिपूर्णता तक जारी रखने की अनुमति दे सकते हैं । विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियों पर लागू ब्याज दर और प्रारक्षित निधि संबंधी अपेक्षाओं से संबंधित उपबंध को छोड़कर, अन्य सभी प्रयोजनों के लिए ऐसी जमाराशियों को खाता धारक के भारत लौटने की तारीख से निवासी जमाराशियों के रूप में माना जाना चाहिए। ऐसी विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशि का अवधिपूर्व आहरण योजना के दंड उपबंध के अधीन होना चाहिए । खाता धारक के विकल्प पर बैंक को अवधिपूर्णता पर विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियों को निवासी रुपया जमाराशि खाते या निवासी विदेशी मुद्रा खाते में (यदि पात्र हो तो) परिवर्तित करना चाहिए तथा नयी जमाराशि (रुपया खाता या निवासी विदेशी मुद्रा खाता) पर ब्याज की दर ऐसे जमा खाते के लिए लागू संबंधित दर होना चाहिए ।
12. लौटने वाले भारतीयों के विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक)
खातों का निवासी विदेशी मुद्रा खाते में परिवर्तन - दंड को छोड़ना
अनिवासी भारतीयों द्वारा उनके भारत लौटने पर विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियों में धारित जमाशेष के निवासी विदेशी मुद्रा (आरएफसी) खातों में अवधिपूर्व परिवर्तन के मामले में दंड उपबंध लागू नहीं होगा ।
13. लौटने वाले भारतीयों के विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खातों का निवासी विदेशी मुद्रा खातों / निवासी रुपया खातों में परिवर्तन - ब्याज की अदायगी
विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खाते के निवासी विदेशी मुद्रा / निवासी रुपया खाते में परिवर्तन के समय बैंक को अपने विवेकानुसार ब्याज अदा करना चाहिए, भले ही वह खाता न्यूनतम अवधिपूर्णता के लिए नहीं रखा गया हो, परन्तु शर्त यह है कि ब्याज दर निवासी विदेशी मुद्रा खाता योजना के अंतर्गत धारित बचत बैंक जमाराशियों पर देय दर से अधिक न हो ।
14. शनिवार / रविवार / अवकाश / कारोबारी कार्य-दिवस से इतर दिन
अवधिपूर्ण होनेवाली मीयादी जमाराशियों पर ब्याज की अदायगी
किसी शनिवार/रविवार या अवकाश या कारोबारी कामकाज के दिन से इतर दिन भुगतान के लिए अवधिपूर्ण होनेवाली मीयादी जमाराशि के संदर्भ में बैंक को जमाराशि की निर्दिष्ट मीयाद की समाप्ति की तारीख के बीच आनेवाले शनिवार / रविवार / अवकाश / कारोबारी कामकाज के दिन से इतर के लिए जमाराशि पर मूल रूप से किये गये करार की दर पर ब्याज अदा करना चाहिए और जमा राशि की प्राप्ति-राशि (प्रोसीड) की अदायगी की तारीख अगला कामकाज का दिन होना चाहिए ।
15. प्रतिबंध
किसी भी बैंक को -
i) पाच वर्ष से अधिक की जमाराशि स्वीकार या नवीकृत नहीं करनी चाहिए;
ii) एक ही तारीख को स्वीकृत और एक ही अवधि को समाप्त होनेवाली जमाराशियों में एक जमाराशि से दूसरी जमाराशि के बीच दिये जानेवाले ब्याज के मामले में आकार समूह आधार को छोड़कर अंतर नहीं करेगा, भले ही ऐसी जमाराशियां बैंक के एक ही कार्यालय अथवा उसके अलग-अलग कार्यालयों द्वारा स्वीकार की गयी हों। जमाराशियों के आकार के आधार पर भिन्न ब्याज दरें प्रदान करने की अनुमति निम्नलिखित शर्तों के आधार पर होगी :
क) बैंक को अपने विवेकानुसार मुद्रावार वह न्यूनतम मात्रा निश्चित करनी चाहिए जिस पर विभेदक ब्याज दरें दी जा सकेंगी । एक ही अवधिपूर्णता की निर्धारित मात्रा से कम की मीयादी जमाराशियों के लिए एक ही प्रकार की दर लागू की जानी चाहिए ।
ख) इस प्रकार प्रदान की जानेवाली विभेदक ब्याज दरें निर्धारित समग्र उच्चतम सीमा के अधीन होनी चाहिए ।
ग) बैंक द्वारा दी जानेवाली ब्याज दरें अनुसूची के अनुसार होनी चाहिए न कि जमाकर्ता और बैंक के बीच बातचीत द्वारा तय की जानी चाहिए ।
iii) किसी व्यक्ति, फर्म, कंपनी, संघ, संस्था या अन्य किसी व्यक्ति को किसी भी रूप में विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) योजना के अंतर्गत जुटायी गयी जमाराशियों पर दलाली, कमीशन या प्रोत्साहन अदा नहीं करना चाहिए ।
iv) किसी व्यक्ति, फर्म, कंपनी, संघ, संस्था या किसी अन्य व्यक्ति को जमाराशियां जुटाने अथवा पारिश्रमिक या शुल्क या किसी भी रूप में या किसी भी ढंग से कमीशन के भुगतान पर जमाराशियों से संबद्ध उत्पादों की बिक्री के लिए नियुक्त नहीं करना चाहिए /नहीं लगाना चाहिए ।
अनुबंध
विदेशी मुद्रा अनिवासी खाता (बैंक)
योजना के अंतर्गत स्वीकृत जमाराशियों पर लागू ब्याज दरें
(क) 28 मार्च को भारत में कारोबार समाप्ति पर संविदागत सभी अवधिपूर्णता वाले विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियों के संबंध में ब्याज संबंधित मुद्रा / समान अवधिपूर्णता के लिये लिबोर/ अदला बदली (स्वैप) दर की उच्चतम सीमा के ्भीतर अदा किया जायेगा। अस्थिर दर की जमाराशियों पर ब्याज संबंधित मुद्रा /अवधिपूर्णता के लिए अदला-बदली (स्वैप) दरों की उच्चतम सीमा के भीतर अदा किया जाएगा । अस्थिर दर की जमाराशियों के लिए ब्याज की पुनर्निर्धारण अवधि छ: महीने की होगी ।
(ख) पिछले महीने के अंतिम कामकाज के दिन विद्यमान लिबोर / विनिमय (स्वैप) दरें अगले महीने में दी जानेवाली ब्याज दरों के लिए निश्चित की जानेवाली उच्चतम दरों का आधार बनेंगी ।
(ग) फेडाई ्लिबोर/ स्वैप दरों को कोट /प्रदर्शित करेगा जिसका विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियों पर लगायी जानेवाली ब्याज दरों की गणना के लिये बैंकों को उपयोग करना चाहिए। प्रत्येक मह्ीने के अंतिम दिवस को वेब पेज का उपयोग करके, जो रूटर स्क्रीन पर ग्राह्कों (बैंकों) को प्राप्त हो सकता है, फेडाई छ: मुद्राओं में पांच अवधिपूर्णता के लिए भी जमाराशि दर प्रकाशित करेगा। तदनुसार, 28 फरवरी 2006 से फेडाई रायटर्स मॉनिटर स्क्रीन पर "र्घ्ब्इअ्ींघ्इिंण्ब्ींब्ीं"िं अनन्य पेज पर लिबोर /स्वैप दर प्रकाशित करेगा। ये दरें फेडाई वेबसाइट http://www.fedai.org.in/ पर भी प्रदर्शित की जायेंगी।
परिशिष्ट
निदेशों /परिपत्रों की सूची जिसे विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियों पर
ब्याज दरों से संबंधित मास्टर परिपत्र में शामिल किया गया है
1. |
बैंपविवि.सं.डीआइआर.बीसी. |
75/13.03.00/2005-06 |
29.03.2006 |
2. |
बैंपविवि.सं.डीआइआर.बीसी. |
62/13.03.00/2005-06 |
08.02.2006 |
3. |
बैंपविवि.सं.डीआइआर.बीसी. |
22/13.03.00/2005-06 |
26.07.2005 |