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बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 23 - शाखा लाइसेंसीकरण पर मास्टर परिपत्र - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक

ग्राआऋवि.क्षेग्राबैं.सं.बीएल.बीसी. 84 /03.05.90-ए/2003-04

मई 21, 2004

भारिबैं/2004/221

सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों/प्रायोजक

बैंकों के मुख्य कार्यपालक

महोदय,

बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 23 - शाखा लाइसेंसीकरण पर मास्टर परिपत्र - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक

भारतीय रिज़र्व बैंक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को शाखाएँ/विस्तार काउंटर/कार्यालय खोलने/स्थान बदलने/समामेलन करने आदि के लिए समय-समय पर अनुदेश जारी करता रहा है । उन सभी वर्तमान अनुदेशों, जो अभी भी वैध हैं तथा जिनमें हाल ही में कतिपय परिवर्तन किए गए हैं, को समेकित करने के उद्देश्य से एक मास्टर परिपत्र तैयार किया गया है ताकि बैंकों को अपेक्षित सूचना एक ही जगह पर प्राप्त हो सके । इस मास्टर परिपत्र में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के शाखा लाइसेंसीकरण से संबंधित 31 दिसंबर 2003 तक जारी सभी अनुदेश समेकित हैं ।

वफ्पया पावती दें ।

भवदीय

( जी. श्रीनिवासन )

मुख्य महाप्रबंधक

अनुलग्नक: - यथोक्त

 

विषयवस्तु

विषय

  1. विधिक (कानूनी) अपेक्षाएँ
    1. 1.1 शाखा लाइसेंसीकरण पर सामान्य नीति
  2. शाखाएँ खोलना
    1. 2.1 ग्रामीण/अर्ध शहरी/शहरी और महानगरीय केन्द्रों में
      2.2 क्षेत्रीय कार्यालय

  3. सामान्य शाखाओं का स्थान परिवर्तन
    1. 3.1 ब्लॉक और सेवा क्षेत्र में ग्रामीण केन्द्र
      3.2 अर्ध शहरी केन्द्र
      3.3 शहरी/महानगरीय केन्द्र
  4. शाखाओं का परिवर्तन
    1. 4.1 पूर्ण शाखाओं का अनुषंगी/चलते-फिरते कार्यालयों में परिवर्तन
  5. विस्तार काउन्टर खोलना
  6. विस्तार काउन्टरों का पूर्ण शाखाओं के रुप में उन्नयन
  7. केन्द्रों का वर्गीकरण/पुन: वर्गीकरण
  8. ऐसे क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, जो सेवा क्षेत्र दायित्व से मुक्त हैं
  9. ऐसे क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, जो सेवा क्षेत्र दायित्व से मुक्त नहीं है
  10. शाखाएँ खोलने (सेवा क्षेत्र दृष्टिकोण संबंधी दायित्व के अन्तर्गत क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा) और शाखाओं के विलय के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया
  11. शाखाओं को दूसरे स्थान पर ले जाने और उनके परिवर्तन के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया
  12. शाखा बैंकिंग पर विवरणियों की प्रस्तुति

अनुबंध I
अनबंध II
अनुबंध III

परिशिष्ट

क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के शाखा लाइसेंसीकरण पर मास्टर परिपत्र

  1. विधिक (कानूनी) अपेक्षाएँ

बैंकों द्वारा शाखाएं खोलने का कार्य बैंककारी विनियमन अधिनियम , 1949 की धारा 23 के उपबंधों से शासित है । इन उपबंधों के अनुसार बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक के अनुमोदन के बिना भारत में अथवा विदेश में कारोबार का नया स्थान नहीं खोल सकते हैं अथवा न ही कारोबार के मौजूदा स्थान को उसी शहर, कस्बे या गांव को छोड़कर अन्यत्र ले जा सकते हैं । इस प्रकार शाखाएं / कार्यालय खोलने से पहले क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को ग्रामीण आयोजना और ऋण विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक का पूर्व अनुमोदन /लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य है ।

1.1 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के संबंध में शाखा

लाइसेंसीकरण संबंधी सामान्य नीति

क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को नई शाखाएँ खोलने के लिए पात्रता हेतु निम्नलिखित शर्तें पूरी करनी होंगी :-

  1. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों ने प्रारक्षित नकदी निधि अनुपात और सांविधिक चलनिधि अनुपात के रखरखाव में पिछले दो वर्षों में चूक नहीं की हो
  2. पिछले निरीक्षण में निर्दिष्ट बड़ी अनियमितताओं को सुधारा गया हो ।
  3. सकल गैर निष्पादित आस्तियों का स्तर 20 प्रतिशत से अधिक न हो अथवा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के राष्ट्रीय औसत के समकक्ष हो, जो भी कम हो ।
  4. पिछले दो वर्षों में बैंक ने संचयी हानि को कम किया हो । हानि वाले क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के मामले में, संबंधित क्षे.ग्रा.बैं. प्रस्तावित शाखा द्वारा हानि कम करने के उपाय निर्दिष्ट करें तथा साथ ही प्रायोजक बैंक और नाबाड़ की सिफारिशें भी भेजें ।
  5. प्रस्तावित शाखा / शाखाओं को चलाने के लिए क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक नए स्टाफ की भर्ती न करें ।

क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के निदेशक मंडल से अपेक्षा की जाती है कि वे वार्षिक कारोबार योजना एवं नये केन्द्रों पर शाखाएं खोलने के लिए कारोबार की संभावनाओं, प्रस्तावित शाखाओं की लाभप्रदता, जिन मामलों में अतिरिक्त स्टाफ पहचाना गया हो वहां उसके पुनर्नियोजन और बैंक के ग्राहकों को तत्परता से और कम खर्चीली ग्राहक सेवा प्रदान करने जैसी बातों को ध्यान में रखते हुए नयी शाखाएं खोलने के लिए नीति और कार्य योजना बनायेंगे ।

क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को शाखाएँ / कार्यालय इत्यादि खोलने / विलयन के लिए आवेदनकरने से पहले अपने निदेशक मंडल का पूर्व अनुमोदन तथा प्रायोजक बैंकों की सिफारिशें प्राप्त करनी चाहिए । शाखाएं खोलने / उनका स्थान बदलने और उनके विलय का प्रस्ताव बैंककारी कंपनी नियम, 1949 के फार्म ङघ् (नियम 12) में निर्धारित आवेदन के साथ नाबाड़ के माध्यम से ग्रामीण आयोजना और ऋण विभाग , केंद्रीय कार्यालय , भारतीय रिज़र्व बैंक के अनुमोदन / लाइसेंस के लिए प्रस्तुत करना चाहिए । (अनुबंध घ् )

शाखाएं खोलने के लिए बैंकों से प्राप्त अनुरोध पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्रत्येक मामले के गुण दोष पर विचार करते हुए और बैंक की समग्र वित्तीय स्थिति, उसके प्रबंध-तंत्र की गुणवत्ता, आंतरिक नियंत्रण प्रणाली की दक्षता, लाभप्रदता तथा अन्य प्रासंगिक बातों को ध्यान में रखते हुए विचार किया जाता है ।

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्राधिकार प्राप्त होने के बाद बैंकों को परिसर तथा अन्य मूलभूत सुविधाओं आदि को अंतिम रुप देना चाहिए और शाखा खोलने के लाइसेंस जारी करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय से सम्पर्क करना चाहिए । इसके अतिरिक्त, यदि शाखा द्वारा सरकारी कारोबार करने का प्रस्ताव हो तो उसे सरकार के संबंधित प्राधिकारी और साथ ही भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, सरकारी और बैंक लेखा विभाग का भी पूर्व अनुमोदन प्राप्त करना होगा । भारतीय रिज़र्व बैंक से लाइसेंस प्राप्त हो जाने के बाद ही शाखा खोली जानी चाहिए । शाखाएं खोलने के लिए प्राधिकार पत्रों / लाइसेंसों के उपयोग में बेंकों को अनावश्यक विलम्ब नहीं करना चाहिए ।

 

2. शाखाएं खोलना

2.1 ग्रामीण / अर्ध शहरी / शहरी और महानगरीय केन्द्रों पर

क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक प्रस्तावित शाखाओं में कारोबार की संभावनाओं और लाभप्रदता के आधार पर शाखाएं खोलने के लिए ग्रामीण केन्द्रों (दस हजार से अधिक किन्तु एक लाख से कम जनसंख्या) शहरी केन्द्रों (एक लाख से अधिक किन्तु 10 लाख से कम जनसंख्या) और महानगरीय केन्द्रों (10 लाख ओर उससे अधिक की जनसंख्या) की पहचान स्वयं कर सकते हैं । उन्हें नाबाड़ के माध्यम से अपने निदेशक मंडल के प्रासंगिक संकल्प और सिफारिशों के साथ अपने प्रस्ताव ग्रामीण आयोजना और ऋण विभाग के केन्द्रीय कार्यालय को पूर्व अनुमोदन के लिए भेजने चाहिए । इन केन्द्रों पर शाखाएं खोलने के लिए बैंकों के अनुरोध पर प्रत्येक मामले के गुण-दोष के आधार पर विचार किया जायेगा ।

टिप्पणी : ऊपर उल्लिखित जनसंख्या का मानदंड केन्द्र (राजस्व इकाई आधार होगा, न कि अवस्थिति) की जनगणना के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार होगा ।

2.2 क्षेत्र कार्यालय (एरिया कार्यालय)

50 से अधिक शाखाओं वाले क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को प्रत्येक 25 शाखाओं के लिए एक क्षेत्रीय कार्यालय के अनुपात में क्षेत्र कार्यालय खोलने की अनुमति है । क्षेत्र कार्यालयों को बैंकिंग कारोबार करने की अनुमति नहीं है । तथापि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों से अपेक्षा की जाती है कि वे ऐसा कार्यालय खोलने से पहले भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय से लाइसेंस प्राप्त कर लें । क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक के अनुमोदन के बिना स्वविवेक से इन कार्यालयों का स्थान परिवर्तन कर सकते हैं अथवा इन्हें बन्द कर सकते हैं । तथापि क्षेत्र कार्यालय के स्थान परिवर्तन के लिए बैंक को संबंधित कार्यालय का स्थान परिवर्तन करने से पहले भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय से लाइसेंस में आवश्यक संशोधन प्राप्त कर लेने चाहिए । ऐसे कार्यालयों के विलय के संबंध में कार्यालय के विलय होने के तुरन्त बाद लाइसेंस भारतीय रिज़र्व बैंक के ग्राआऋवि के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को निरसन के लिए सौंप देना चाहिए तथा भारतीय रिज़र्व बैंक के सांख्यिकीय विश्लेषण और कम्प्यूटर सेवा विभाग को इसकी सूचना देनी चाहिए ।

 

3. सामान्य शाखाओं का स्थान बदलना

3.1 ग्रामीण केन्द्रों पर खंड और सेवा क्षेत्र के अंदर

क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक ग्रामीण केन्द्रों में शाखाओं का स्थान बदलने का कार्य रिज़र्व बैंक के पूर्व अनुमोदन के बिना कर सकते हैं, जो निम्नलिखित शर्तों के अनुपालन पर निर्भर होगा :

  • मौजूदा और प्रस्तावित दोनों केन्द्र उसी खंड (ब्लॉक) और शाखा के सेवा क्षेत्र में होने चाहिए ।
  • यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि नये स्थान पर शाखा उन गांवों की बैंकिंग आवश्यकताओं को पर्याप्त रुप से पूरा कर सकेगी जो सेवा क्षेत्र दफ्ष्टिकोण के अंतर्गत आबंटित किये गये हैं तथापि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों से अपेक्षा की जाती है कि वे इस प्रकार से स्थान बदलने से पहले संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय से लाइसेंस में संशोधन करवा लें ।

3.2 अर्ध शहरी केंद्रों पर

यदि अर्ध शहरी केंद्रों पर स्थित क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की शाखाओं को सेवा क्षेत्र आबंटित किया गया हो तो अर्धशहरी केंद्रों की शाखाओं के स्थान बदलने के लिए वही मानदंड लागू होंगे जो ग्रामीण क्षेत्र में स्थित शाखाओं पर लागू होते हैं ।

जहां कोई सेवा क्षेत्र आबंटित न किया गया हो वहां क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व अनुमोदन के बिना उसी अवस्थिति (लोकेलिटी) / नगरपालिका वाड़ के अंदर ही स्थान बदल सकते हैं । तथापि, उन्हें स्थान बदलने से पहले भारतीय रिज़र्व बैंक के ग्राआऋवि के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय से लाइसेंस में संशोधन करवाना होगा । स्थान बदलकर अवस्थिति (लोकेलिटी) / नगरपालिका वाड़ के बाहर शाखा ले जाने के संबंध में बैंक को भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय के ग्राआऋवि से पूर्व अनुमोदन प्राप्त करना होगा । तथापि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि स्थान बदलने के कारण वह लोकेलिटी / वाड़ बैंक सेवारहित न हो जाये ।

3.3 शहरी / महानगरीय केंद्रों पर

क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक शहरी / महानगरीय केंद्रों पर स्थित अपनी शाखाओं का भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व अनुमोदन के बिना उसी अवस्थिति (लोकेलिटी) / नगरपालिका वाड़ के अन्दर ही स्थान बदल सकते हैं । तथापि, उन्हें स्थान बदलने से पहले भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय से लाइसेंस में संशोधन करवाना होगा । स्थान बदलकर अवस्थिति (लोकेलिटी) / नगरपालिका वाड़ के बाहर शाखा ले जाने के संबंध में बैंक को भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय के ग्राआऋवि से पूर्व अनुमोदन प्राप्त करना होगा ।

4. शाखाओं का परिवर्तन

4.1 पूर्ण ग्रामीण शाखाओं का अनुषंगी /चलते फिरते कार्यालयों में परिवर्तन

क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक ग्रामीण केन्द्रों में अपनी हानि वाली वर्तमान शाखाओं को अनुषंगी (सैटेलाइट) कार्यालय में परिवर्तित करने की जरुरत पर लागत-लाभ पहलू, विद्यमान ग्राहकाें को होनेवाली असुविधाओं, जिला ऋण योजना तैयार करने में कार्यनिष्पादन पर परिवर्तन के प्रभाव तथा प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को ऋण प्रदान करने जैसी बातों को ध्यान में रखकर स्वयं निर्णय लें ।

अनुषंगी / चलते फिरते कार्यालय स्थापित करने के लिए बैंकों को निम्नलिखित दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए ।

(क) आसपास के गांवों में निश्चित परिसरों में अनुषंगी कार्यालय स्थापित किये जाने चाहिए और उन्हें केन्द्रीय गांव/खंड मुख्यालयों में स्थित आधार शाखा से नियंत्रित और परिचालित किया जाना चाहिए ।

(ख) प्रत्येक अनुषंगी कार्यालय को सप्ताह में कुछ निर्दिष्ट दिनों में (कम से कम दो बार) निर्दिष्ट घंटों के लिए कार्य करना चाहिए ।

(ग) इन कार्यालयों में सभी प्रकार के बैंकिंग लेनदेन किये जाने चाहिए ।

(घ) अनुषंगी कार्यालयों के ग्राहकों को आधार शाखा में ऐसे कार्यालयों के गैर-परिचालन दिनों में कारोबार करने की अनुमति दी जानी चाहिए ।

(ड़) यद्यपि प्रत्येक अनुषंगी कार्यालय के लिए अलग लेजर/रजिस्टर/स्क्रोल रखे जा सकते हैं, इन कार्यालयों में किये जानेवाले सभी लेनदेन आधार शाखा की खाता बहियों में शामिल किये जाने चाहिए ।

(च) आधार शाखा से संबध्द स्टाफ, जिसमें अधिमानत: पर्यवेक्षी स्टाफ का एक सदस्य, कैशियर एवं लिपिक तथा एक सशस्त्र गाड़ शामिल हों, अनुषंगी कार्यालयों में प्रतिनियुक्त किया जाये ।

(छ) फर्नीचर, मार्गस्थ नकदी के बीमा आदि की पर्याप्त व्यवस्था हो ।

चलते -फिरते कार्यालय

चलते-फिरते कार्यालयाें की योजना की परिकल्पना में पूर्णत: संरक्षित वैन के माध्यम से बैंविेंग सुविधाएं प्रदान करना है, जिसमें बैंक के दो या तीन अधिकारियों के बैठने तथा उनके साथ बहियों, नकदी वाली सेफ आदि की व्यवस्था हो । चलता-फिरता यूनिट सेवा के लिए प्रस्तावित स्थानों पर कतिपय निर्दिष्ट दिनों / घंटों के लिए जायेगा । चलता-फिरता कार्यालय क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की किसी शाखा के साथ संबध्द होगा । चलते-फिरते कार्यालय को उन ग्रामीण स्थानों में नहीं जाना चाहिए जिनमें सहकारी बैंक सेवा प्रदान कर रहे हैं और जिन स्थानों में वाणिज्य बैंक कार्यालयों की नियमित सेवाएं उपलब्ध हैं । बैंकों को ग्रामीण शाखाओं का अनुषंगी / चलते

फिरते कार्यालय में परिवर्तन से पूर्व भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधिति क्षेत्रीय कार्यालय से आवश्यक आशोधन प्राप्त करना आवश्यक है । ग्रामीण केंद्रों के अतिरिक्त अन्य केंद्रों में शाखाओं के अनुषंगी कार्यालयों में परिवर्तन की अनुमति नहीं है ।

5. विस्तार काउंटर खोलना

क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक उन संस्थाओं के परिसर में विस्तार काउंटर खोल सकते हैं, जिनके वे प्रधान बैंकर हैं, परन्तु इस प्रयोजन के लिए उन्हें पहले भारतीय रिज़र्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय से लाइसेंस प्राप्त करना होगा । विस्तार काउंटर क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के मुख्य कार्यालयों और बड़े कार्यालयेां/फैक्ट्रियों, अस्पतालों, सैन्य यूनिटों, शैक्षणिक संस्थाओं आदि के परिसरों में खोले जा सकते हैं, जहां ऐसे स्टाफ / कामगारों, विद्यार्थियों का बड़ा वर्ग है जिनके लिए अपने एक जैसे कार्य के घंटे होने और उचित दूरी तक बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध न होने के कारण अपने बैंकिंग लेनदेन करना कठिन हो । विस्तार काउंटरों को सीमित स्वरुप के बैकिंग कारोबार करने चाहिए, जैसे

  • जमाराशियां स्वीकार करना
  • ड्राफट जारी करना और भुनाना तथा डाक अंतरण
  • यात्री चेक जारी करना और भुनाना
  • गिफट चेकों की बिक्री
  • बिलों की उगाही
  • अपने ग्राहकों की सावधि जमाराशियों पर अग्रिम (जो विस्तार काउंटर के संबंधित अधिकारी को प्राप्त मंजूरी देने की शक्ति के भीतर हो )
  • सुरक्षा जमा लॉकर सुविधा (बशर्ते पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्थाएं की गयी हों )

साथ ही, यदि विस्तार काउंटर का सरकारी कारोबार करने का प्रस्ताव है तो इसके लिए संबंधित सरकारी प्राधिकारी तथा भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, सरकारी और बैंक लेखा विभाग का पूर्व अनुमोदन अपेक्षित होगा ।

आवासीय कॉलोनियों, शॉपिंग कॉम्प्लेक्सों, बाजार के स्थानों तथा पूजा स्थलों आदि में विस्तार काउंटर खोलने की अनुमति नहीं है ।

क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को विस्तार काउंटर खोलने से पहले लाइसेंस के लिए आवेदन करते समय अनुबंध घ्घ् में दिये गये फार्मेट के भाग घ् और घ्घ् में प्रस्तावित विस्तार काउंटरों का ब्योरा ग्रामीण आयोजना और ऋण विभाग के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालयों को प्रस्तुत करना चाहिए ।

6. विस्तार काउंटरों का पूर्ण शाखाओं के रुप में दर्जा बढ़ाना

6.1 बैंकों को विस्तार काउंटरों का पूर्ण शाखाओं के रुप में दर्जा बढ़ाने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक का पूर्व अनुमोदन प्राप्त करना चाहिए । ग्रामीण आयोजना और ऋण विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा प्रस्तावों पर विचार निम्नलिखित शर्तें पूरी होने पर किया जाता है :

  • विस्तार काउंटर कम से कम पांच वर्ष से कार्य कर रहा हो, जिसमें जमाराशियों के रुप में कारोबार की मात्रा 1 करोड़ रुपये से कम न हो,
  • पिछले एक वर्ष के दौरान जमा खातों की संख्या 2000 से ऊपर गयी हो ,
  • पिछले तीन वर्षों की औसत जमाराशि (अर्थात् मासिक आधार पर) 2 करोड़ रुपये से कम न हो ।

6.2 जिन प्रस्तावों में उपर्युक्त शर्तों में से कोई शर्त पूर्णत: पूरी नहीं की गयी हो, परन्तु वह संबंधित विस्तार काउंटर शाखा के रुप में अन्यथा परिवर्तित हो गयी हो, तो ऐसे मामलों के संबंध में प्रत्येक मामले के गुण-दोषों के आधार पर विचार किया जायेगा ।

7. केंद्रों का वर्गीकरण / पुन:वर्गीकरण

क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को यह सूचित किया गया है कि वे जिन केन्द्रों के जनसंख्या समूह वर्गीकरण के बारे में आश्वस्त नहीं हैं उनके बारे में नयी शाखाएं खोलने के लिए ग्रामीण आयोजना और ऋण विभाग से संपर्क करने से पहले, सांख्यिकीय विश्लेषण और कंप्यूटर सेवा विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंकिंग सांख्यिकी प्रभाग, सी-8/9, बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स, मुंबई 400 051 से उक्त वर्गीकरण को सुनिश्चित कर लें । केंद्रों के पुन: वर्गीकरण के संबंध में कोई प्रश्न हो तो वह भी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के प्रधान कार्यालय द्वारा परिवर्तन के समर्थन में संबंधित दस्तावेजों, जैसे राजपत्र की अधिसूचना, आदि सहित सांख्यिकीय विश्लेषण और कंप्यूटर सेवा विभाग को भेजा जाना चाहिए ।

8. ऐसे क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, जो सेवा क्षेत्र दायित्व से मुक्त कराये गये हैं

54 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को, जो वर्तमान में सेवा क्षेत्र दायित्व से मुक्त हैं, आम तौर पर नयी शाखाएं खोलने की अनुमति नहीं है । तथापि, वह तालुका / खंड मुख्यालयों, गांव के बाज़ारों, मंडियों, वफ्षि उत्पाद केंद्रों या इसी तरह के केन्द्रों (इसके बाद ’निर्दिष्ट केन्द्र’ के रुप में उल्लिखित) में, अधिमानत: एक ही खंड में, अपनी हानिवाली शाखाओं का स्थान पुन: निर्धारित

कर सकते हैं । इसके विकल्प के रद्य्र्प में वे अपनी हानिवाली शाखाओं को अनुषंगी / चलते-पिद्य्र्रते कार्यालयों में परिवर्तित कर सकते हैं । साथ ही, जहां किसी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की दो हानिवाली शाखाएं एक-दूसरे के समीप हैं (अर्थात् लगभग 5 कि.मी. की दूरी के भीतर) वहां वे दोनों शाखाओं के विलय के बारे में विचार कर सकते हैं ।

9. ऐसे क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक जो सेवा क्षेत्र दायित्व से मुक्त नहीं कराये गये हैं

(क) ऐसे क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, जिन्हें सेवा क्षेत्र दृष्टिकोण का पालन करना है, अपने सेवा क्षेत्र के भीतर ही निर्दिष्ट केन्द्रों की अपनी हानिवाली शाखाओं का स्थान पुन: निर्धारित कर सकते हैं या हानिवाली शाखाओं को अनुषंगी / चलते - फिरते कार्यालयों में परिवर्तित करने पर विचार कर सकते हैं, बशर्ते इस प्रकार के परिवर्तन से सेवा क्षेत्र दायित्वों का निरंतर कार्यनिष्पादन प्रभावित न हो ।

(ख) साथ ही, यदि भौगोलिक रुप से समीपवर्ती सेवा क्षेत्र में लगभग 5 कि.मी. की दूरी के भीतर उसी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की दूसरी शाखा कार्यरत हो, तो वे क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक स्थानिक फैलाव को युक्तिसंगत बनाने तथा स्थापना / परिचालन खर्च कम करने के उद्देश्य से दोनों शाखाओं के विलयन पर विचार कर सकते हैं ।

(ग) भारतीय रिज़र्व बैंक चयनात्मक आधार पर, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा अपने परिचालन क्षेत्र के भीतर निर्दिष्ट केन्द्रों में नयी शाखाएं खोलने के प्रस्ताव पर विचार कर सकता है, बशर्ते कि वे पैरा 1.1 में निर्दिष्ट शर्तें पूरी करते हों ।

10. शाखाएं खोलने (सेवा क्षेत्र संबंधी दायित्व के अंतर्गत क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा) और शाखाओं
के विलय के लिए अपनायी जानेवाली प्रक्रिया

कारोबार के नये स्थल खोलने (सेवा क्षेत्र के दायित्व के अंतर्गत क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा) तथा सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा शाखाओं के विलय संबंधी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के प्रस्ताव अपने निदेशक मण्डल तथा जिला परामर्शदात्री समिति के उप-समूह द्वारा अनुमोदित किये जाने चाहिए और उन्हें संबंधित प्रायोजक बैंक की सिफारिश के साथ नाबाड़ को प्रस्तुत किया जाना चाहिए । नाबाड़ द्वारा विधिवत् रुप से सिफारिश किये गये प्रस्तावों को पूर्वानुमोदन के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक के केन्द्रीय कार्यालय, ग्रामीण आयोजना और ऋण विभाग को भेजा जाना अपेक्षित है ।

तथापि, जिन शाखाओं में अतिरिक्त स्टाफ की भर्ती नहीं की जानी हो, वहां शाखाएं खोलने के लिए जिला परामर्शदात्री समिति के उप-समूह का अनुमोदन आवश्यक नहीं है ।

क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा विस्तार काउंटर खोले जाने के लिए उनके निदेशक मंडल का पूर्वानुमोदन तथा विस्तार काउंटर खोलने के पूर्व भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय से लाइसेंस प्राप्त करना अपेक्षित है ।

11. शाखाओं को दूसरे स्थान पर ले जाने और उनके परिवर्तन के लिए अपनायी जानेवाली प्रक्रिया

क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा शाखाओं को दूसरे स्थान पर ले जाने और शाखाओं को अनुषंगी / चलते-फिरते कार्यालयों में परिवर्तन से संबंधित प्रस्ताव अपने निदेशक बोड़ तथा जिला परामर्शदात्री समिति के संबंधित उप-समूह द्वारा अनुमोदित किये जाने चाहिए । शाखाओं को दूसरे स्थान पर ले जाने / परिवर्तन के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक का पूर्व अनुमोदन आवश्यक नहीं है, परन्तु क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को शाखाओं को दूसरे स्थान पर ले जाने / परिवर्तित करने के पहले भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय से लाइसेंस में आवश्यक आशोधन प्राप्त करना अपेक्षित है ।

12. शाखा बैंकिंग के संबंध में विवरणियां प्रस्तुत करना

  1. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के लिए कारोबार का स्थान खोलने के तुरंत बाद, उसके खोलने की तारीख और कार्यालय / शाखा का डाक पता, केन्द्रीय कार्यालय तथा ग्रामीण आयोजना और ऋण विभाग के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को सूचित करना आवश्यक है ।
  2. साथ ही, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को अनुबंध घ्घ्घ् में दिये गये प्रोफार्मा में तिमाही के दौरान खोले गये नये कार्यालयों / शाखाओं तथा वर्तमान कार्यालयों / शाखाओं के विलय आदि के कारण स्थिति में हुए परिवर्तन से संबंधित विवरणियां सांख्यिकीय विश्लेषण और कंप्यूटर सेवा विभाग ( बैंकिंग सांख्यिकी प्रभाग ) तथा ग्रामीण आयोजना और ऋण विभाग के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को उस तिमाही की समाप्ति के 15 दिन के भीतर जिससे वह संबंधित है, प्रस्तुत करनी चाहिए । यदि सूचना देने के लिए कुछ न हो तो "कुछ नहीं" रिपोर्ट प्रस्तुत की जाये ।
  3. बैंककारी विनियमन (कंपनी) नियमावली, 1949 के नियम 13 के अनुसार बैंकों के लिए यह आवश्यक है कि वे प्रत्येक तिमाही की समाप्ति के एक महीने के भीतर फार्म ङघ्घ् में भारत में अपने कार्यालयों से संबंधित सूची भारतीय रिज़र्व बैंक के उस राज्य में स्थित कार्यालय को प्रस्तुत करें जहां उनका प्रधान कार्यालय है ।

अनुबंध - I

(पैराग्राफ - 1.1 )

बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 23 के अंतर्गत कारोबार का नया स्थान खोलने अथवा कारोबार के वर्तमान स्थान को बदलने (उसी शहर, कस्बे या गाँव को छोड़कर अन्य स्थान पर) की अनुमति के लिए आवेदन पत्र -

बैंककारी विनियमन (कंपनी) नियमावली, 1949, नियम 12 फार्म ङघ्

  1. बैंकिंग कंपनी का नाम :

2. प्रस्तावित कार्यालय :

(निम्नलिखित जानकारी दें)

(क) शहर / कस्बे / गांव का नाम :

(यदि स्थान के एक से अधिक नाम हों, तो संबंधित

जानकारी भी प्रस्तुत की जानी चाहिए )

(ख) मुहल्ले / स्थान का नाम :

(ग) (व) खंड (ब्लॉक), (वव) तहसील (व) (वव)

      (ववव) जिला (वख्) राज्य का नाम  (ववव) (वख्)

(घ) (व) गांव , (वव) विकास खंड (ब्लॉक) की आबादी

           (व) (वव)

(ड़) प्रस्तावित कार्यालय का स्तर (स्टेटस)

(च) प्रस्तावित कार्यालय तथा वाणिज्य बैंक के निकटतम

वर्तमान कार्यालय के बीच की दूरी, बैंक एवं केन्द्र/ मुहल्ले के नाम सहित :

(छ) 5 कि.मी. के घेरे में कार्यरत वाणिज्य बैंकों के नाम और उनके कार्यालयों की संख्या, उन केन्द्रों के नाम

 के साथ जिनमें वे कार्यरत हों :

(ज) विकास खंड (ब्लॉक) में बैंक की शाखाओं की सं. :

 अन्य बैंकों की शाखाएं :

3. पिछला आवेदन :

(यदि प्रस्तावित कारोबारी स्थान के संबंध में रिज़र्व बैंक

को पहले कोई आवेदन प्रस्तुत किया गया हो तो उसका

ब्योरा दें )

4. प्रस्तावित कार्यालय खोलने के लिए कारण : :

(प्रस्तावित कार्यालय के लिए ब्यौरेवार कारण बतायें तथा

निम्नानुसार सांख्यिकी एवं अन्य आंकड़े प्रस्तुत करें, जिनका

संकलन प्रस्तावित कार्यालय के लिए किया गया हो )

(व) स्थान की जनसंख्या :

(वव) प्रस्तावित कार्यालय के कमान क्षेत्र (अर्थात् परिचालन के क्षेत्र ) के विवरण :

(क) कमान क्षेत्र की अनुमानित त्रिज्या (रेडियस) :

(ख) कमान क्षेत्र में गांवों की संख्या :

(ग) कमान क्षेत्र की आबादी :

(ववव) निम्नलिखित प्रारुप में प्रस्तावित कार्यालय के परिचालन क्षेत्र में वफ्षि, खनिज और औद्योगिक उत्पादन की तथा आयात और निर्यात की

मात्रा और मूल्य :

वस्तु का नाम

उत्पादन

आयात

निर्यात

 

मात्रा

मूल्य

मात्रा

मूल्य

मात्रा

मूल्य

(1)

(2)

(3)

(4)

(5)

(6)

(7)

             
             

 

(वख्) यदि वफ्षि, खनिज अथवा औद्योगिक विकास के लिए योजनाएं हों तो उनका ब्यौरा दें तथा वर्तमान

उत्पादन, आयात और निर्यात की मात्रा और मूल्य पर उनके संभावित प्रभाव का उल्लेख करें

(ख्) यदि वर्तमान बैंकिंग सुविधाएं अपर्याप्त समझी जायें, तो उसके कारण बतायें

(ख्व) संभावनाएं : प्रस्तावित कार्यालय में 12 महीने के भीतर बैंकिंग कंपनी द्वारा

किये जानेवाले न्यूनतम कारोबार की अनुमानित मात्रा

निम्नानुसार दर्शायें

(क) जमाराशियां : रु.

(ख) अग्रिम : रु.

5. वर्तमान कार्यालय की स्थिति में परिवर्तन (उस

कार्यालय की सही स्थिति बतायें, जिसे बंद करने
का प्रस्ताव है तथा मद 2, 3 और 4 के अनुसार
नये स्थान का ब्यौरा देते हुए उस स्थान की सही
स्थिति बतायें जहाँ इस कार्यालय को स्थानांतरित
करने का प्रस्ताव है )

6. व्यय : * अनुमानित

वार्षिक व्यय

(प्रस्तावित कार्यालय के संबंध में स्टाफ, परिसर,  क) स्थापना प्रभार रु.

फर्नीचर, स्टेशनरी, विज्ञापन आदि पर पहले किये  ख) स्टेशनरी और विविध रु.

जा चुके अथवा प्रस्तावित व्यय की मात्रा ।    ग) किराया और भवन रु.

साथ ही, यह भी उल्लेख करें कि 12 महीनों   घ) जमाराशियों पर अदा रु. में प्रस्तावित कार्यालय में बैंकिंग कंपनी को किये जानेवाला व्यय

न्यूनतम कितनी आय होने की आशा है)    ड.)प्रधान कार्यालय से रु.

              उधार ली गयी निधि

              पर ब्याज @...%  

             कुल रु.

             अनुमानित वार्षिक आय

             क) अग्रिमों पर ब्याज रु.
             ख) कमीशन रु.
             ग) विनिमय रु.
             घ) उधार दी गयी निधि रु. पर ब्याज
            प्रधान कार्यालय
             कुल : रु.
             अनुमानित लाभ रु.

 

7. अन्य विवरण :
(कोई अन्य अतिरिक्त तथ्य, जिसे बैंकिंग कंपनी
अपने आवेदन के समर्थन में बताना चाहे)

* जो भाग लागू न हो उसे काट दें । यह जानकारी
उन्हीं केन्द्रों के आवेदन के मामले में प्रस्तुत की
जानी है जिनकी जनसंख्या एक लाख से कम हो ।

अनुबंध - घ्घ्

( पैराग्राफ 10.2 )

विस्तार काउंटर के लिए अनुरोध के संबंध में

बैंक द्वारा प्रस्तुत किये जाने वाले विवरण

भाग - घ्

1. बैंक का नाम :

2. जिस संस्था में विस्तार काउंटर खोला जाना है :
उसका नाम और डाक का पूरा पता

3. बैंक के मूल कार्यालय का नाम और पता, :
जिसके साथ विस्तार काउंटर को संबध्द किया जाना है

4. i) मूल कार्यालय एवं प्रस्तावित विस्तार
काउंटर के बीच की दूरी

ii) प्रस्तावित विस्तार काउंटर और आवेदक

बैंक के निकटतम कार्यालय (विस्तार काउंटर, चल (मोबाइल) कार्यालय

सैटेलाइट कार्यालय आदि सहित) के बीच की दूरी

iii)प्रस्तावित विस्तार काउंटर और अन्य
बैंकों *(शहरी सहकारी बैंकों सहित) के बैंक का नाम कार्यालय दूरी
निकटतम कार्यालयों /विस्तार काउंटरों, का प्रकार

चल कार्यालयों आदि के बीच की दूरी     व)
*काउंटर के लिए आवेदन करनेवाले     वव)
बैंक से इतर           ववव)

iv)परिसरों में कार्यरत कर्मचारी को ऑप

क्रेडिट सोसाइटी, यदि कोई हो, के विवरण

5. i) जिस संस्था में विस्तार काउंटर स्थापित
किया जाना है उसके प्रधान बैंकर का नाम

ii)क्या संस्था ने विस्तार काउंटर के लिए

स्थान देने हेतु सहमति दे दी है ?

iii) क्या संस्था को अपने स्टाफ / कर्मचारियों /
कामगारों से इतर जनता को विस्तार काउंटर
के कैम्पस / परिसर के भीतर बैंकिंग सुविधाएं
प्राप्त करने की अनुमति देने में कोई आपत्ति
है ? यदि हो, तो उसके कारण

(उक्त बातों के समर्थन में आवेदन के भाग घ्घ् में दिये गये निर्धारित प्रोफार्मा में संस्था के सक्षम प्राधिकारी से एक पत्र उक्त बातों के समर्थन में संलग्न किया जाना चाहिए । )

6. (व) 5(व) में दी गयी संस्था के प्रधान बैंकर
से इतर बैंकर / बैंकरों का / के नाम

(वव) उक्त प्रत्येक बैंकर / बैंकरों के पास संस्था
के खातों की संख्या और उनकी जमाराशियों की मात्रा

7. (व) संस्था के साथ विशिष्ट तौर पर संबध्द
जिस ग्राहक वर्ग की बैंकिंग आवश्यकताएं
पूरी की जानी हैं उसकी संख्या और उसके

प्रकार

(वफ्पया अलग-अलग आंकड़े दें)

 

स्टाफ

कामगार

छात्र

अध्यापक

अन्य * (नाम दें )

जोड़

--------------

--------------

--------------

--------------

-----------------------

--------------

(वव) अन्य सामान्य जनता आदि की

अनुमानित संख्या, जिनकी जरुरतें

पूरी की जाती हैं ।

8. (क) परिचालन के दो वर्षों में काउंटर पर      पहला वर्ष
निम्नलिखित से प्रत्याशित जमाराशियों        दूसरा वर्ष
की मात्रा :

                खातों की संख्या
                राशि
                खातों की संख्या

                राशि

    1. संस्था के स्टाफ /कामगारों / छात्रों

    2. अध्यापकों * से

    3. संस्था से
    4. सामान्य जनता से

(ख) नकद लेनदेनों की दैनिक मात्रा संख्या राशि संख्या राशि

  1. विस्तार काउंटर खोलने के कारण
  2. प्रस्तावित विस्तार काउंटर में किये जाने
  3. वाले लेनदेनों का स्वरुप

  4. बैंक द्वारा देय किराया (प्रासंगिक व्यय को
  5. छोड़कर), यदि कोई हो, की राशि, किराये की दर और विस्तार काउंटर बनाने के लिए प्रस्तावित क्षेत्र

  6. क्षेत्र में प्रचलित अथवा राज्य / केन्द्र
  7. सरकार द्वारा अनुमोदित वाणिज्यिक किराये की दर

  8. 3 वर्ष की अवधि के लिए प्रस्ताव की

अर्थक्षमता / आर्थिक पहलुओं के संक्षिप्त

परिकलन

दिनांक :                              ( हस्ताक्षर और आवेदन बैंक की मोहर)

जिस संस्था के परिसर में विस्तार काउंटर खोलने का प्रस्ताव है,

उसके सक्षम प्राधिकारी द्वारा की जानेवाली घोषणा

भाग घ्घ्

दिनांक . . . . . . .

  1. हमने . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . .के परिसर में उक्त संस्था @
  2. (संस्था का नाम और पूरा पता)

    से संबंध्द निम्नलिखित वर्गों के लाभ के लिए विस्तार काउंटर खोलने के लिए . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . से अनुरोध किया है ।

    ( बैंक का नाम )

    * कामगार . . . . . . . . . . . . . . . . .

    * स्टाफ / कर्मचारी . . . . . . . . . . . . . . . . . वफ्पया वास्तविक संख्या * छात्र . . . . . . . . . . . . . . . .. अलग-अलग दर्शाये * अध्यापक

    @ (जहां यह पत्र जारी करने वाली प्राधिकारी द्वारा एक से अधिक ऐसी संस्थाओं का प्रबंधन किया जा रहा हो, जिन्हें विस्तार काउंटर का लाभ मिलने वाला हो, उन संस्थाओं के नाम/ विस्तार काउंटर के लिए प्रस्तावित स्थान से उनकी दूरी, प्रत्येक संस्था के साथ अलग-अलग संबध्द छात्रों / स्टाफ की संख्या आदि, उनके बैंकरों के नाम और दूरी भी अलग-अलग दर्शायी जानी चाहिए )

    * (जो लागू न हो उसे काट दें )

  3. (क) . . . . . . . . . . . . . . . . . . . .. . . . . . . . . . . . . .. हमारे प्रधान बैंकर हैं ।

( बैंक का नाम और स्थान )

हम निम्नलिखित बैंकरों (बैंकरों के नाम और संस्था से उनकी दूरी बतायें) के साथ भी लेनदेन करते हैं :

    1. . . . . . . . . . . . . . . . . .
    2. . . . . . . .. . . . . . . . . . .
    3. . . . .. . .. . . . . . . . . . .

(ख) . . . . . . . . . . . . . . . . . को प्रधान बैंकर और अन्य बैंकरों के पास

(वफ्पया अद्यतन स्थिति बतायें )

हमारे खातों का ब्यौरा ।

बैंक का नाम

खाते (खातों ) का प्रकार

राशि

( रु. . . . . में )

1.

   

2.

   

3.

   

4.

   

3. हम अपनी संस्था के परिसर में विस्तार काउंटर खोलने के लिए आवश्यक स्थान प्रदान करने का वचन देते हैं (उक्त क्रम सं. 1 में उल्लिखित )

4. हमें बाहरी व्यक्तियों को विस्तार काउंटर का उपयोग करने की अनुमति देने पर कोई आपत्ति नहीं है ।

5. यदि प्रधान बैंकर से इतर बैंक को विस्तार काउंटर की अनुमति देने का प्रस्ताव हो तो उसके कारण ।

6. क्या इस प्रयोजन के लिए इसी तरह का पत्र किसी अन्य बैंकर को जारी किया गया है ?

(संस्था की ओर से सक्षम प्राधिकारी के हस्ताक्षर,

पदनाम का उल्लेख करते हुए और मोहर, यदि कोई हो)

आवेदक बैंक द्वारा भरा जाये

हमने पैरा 1 में संस्था द्वारा प्रस्तुत सूचना का सत्यापन कर लिया है और

उसे सही पाया गया है ।

(हस्ताक्षर और आवेदक

बैंक की मोहर )

आवेदक बैंक द्वारा निर्धारित प्रोफार्मा में विस्तार काउंटर

के आवेदन के साथ भारतीय रिज़र्व बैंक को यह प्रमाणपत्र

मूल रुप में प्रस्तुत किया जाना चाहिए ।

 

अनुबंध - III

ड पैराग्राफ - 17

प्रोफार्मा - घ्

(नोट : प्रोफार्मा घ्घ् एवं घ्घ्घ् को क्रमश: प्रोफार्मा घ् और घ्घ् के रुप में नया नाम दिया गया है)

--------------तिमाही के दौरान खोले गये नये कार्यालय / शाखा का विवरण

(वफ्पया प्रोफार्मा भरने से पूर्व अनुदेशों को ध्यान से पढ़ लें )

मद

1. (क) बैंक / सहकारी संस्था का नाम :

(ख) एकसमान कूट : भाग-घ्(7 अंक) :

(अनुदेश 1, 2, 3 देखें )

भाग घ्घ् (7अंक ) :

(सांख्यिकीय विश्लेषण और कंप्यूटर सेवा विभाग, के.का., भा.रि.बैं. द्वारा आबंटित किया जायेगा )

2. (क) नयी शाखा / कार्यालय का स्वरुप :

(ख) प्राधिकफ्त करने की संदर्भ संख्या और तारीख :

(ग) लाइसेंस नंबर

(जो भा.रि.बैं. से प्राप्त हुआ हो) :

(घ) लाइसेंस की तारीख :

3. नये कार्यालय / शाखा के खुलने की तारीख :

4.1 भवन का नाम व म्यूनिसिपल नंबर (यदि हो तो) :

4.2 मार्ग का नाम (यदि हो तो) :

4.3 (क) डाक घर का नाम :

(ख) डाक सूचकांक (पिन कोड) :

(ग) टेलीफोन नंबर / टेलेक्स नंबर, फैक्स नंबर

(यदि हो तो) (एसटीडी कोड सहित) :

4.4 केन्द्र के अंतर्गत मुहल्ले का नाम(स्पष्टीकरण देखें):

4.5 उस केन्द्र (राजस्व गांव/शहर/कस्बा/महानगरपालिका)

का नाम, जिसकी सीमाओं के भीतर कार्यालय स्थित

है (स्पष्टीकरण देखें) ।

4.6 तहसील / तालुका / सब डिवीजन का नाम :

4.7 विकास खण्ड का नाम :

4.8 जिले का नाम :

4.9 राज्य का नाम :

5. उक्त केन्द्र की अद्यतन जनगणना के अनुसार जनसंख्या :

6. आपके कार्यालय / शाखा के अलावा क्या वहां कोई

दूसरी बैंक शाखा/ शाखाएं है :हाँ :( ) नहीं:( )

(स्पष्टीकरण देखें और उचित बॉक्स में सही का

निशान लगायें)

7. (क) नये कार्यालय / शाखा का स्तर (स्पष्टीकरण देखें):

कूट :- स्तर:-

(ख) क्या यह भा.रि.बैं को विवरणी प्रस्तुत करने के लिए

अपेक्षित, प्रशासनिक रुप से एक स्वतंत्र कार्यालय/

शाखा है ? : हाँ ( ) नहीं :( )

(स्पष्टीकरण देखें और उचित बॉक्स में सही का

निशान लगायें)

(ग) यदि 7 (ख) का जवाब ’नहीं’ है तो निम्नलिखित

जानकारी दें

आधार कार्यालय / शाखा कानाम :

आधार कार्यालय / शाखा की एकसमान कूट संख्याएं :

भाग - घ् (7 अंक )

भाग - घ्घ्(7 अंक )

(ववव) अस्थायी कार्यालय का प्रकार (अनुषंगी / विस्तार काउंटर / चलते-फिरते कार्यालय / नकदी काउंटर )

-----------------(कार्यालय का प्रकार लिखें )

8. (व) क्या इस कार्यालय में निम्नलिखित कार्य होते हैं ? :

(क) सरकारी कारोबार ? : हाँ : ( ) नहीं: ( )

(ख) खज़ाना / उप खजाना संबंधी कारोबार ? :हाँ ( ) नहीं: ( )

(वव) क्या इस शाखा / कार्यालय के साथ कोई मुद्रा तिजोरी

(करेंसी चेस्ट) है ? : हाँ ( ) नहीं : ( )

(ववव) यदि ’हाँ’ तो वफ्पया निम्नलिखित जानकारी दें

(क) मुद्रा तिजोरी का प्रकार : क( ) ख( ) ग( )

(ख) मुद्रा तिजोरी स्थापित होने की तारीख:

(ग) मुद्रा तिजोरी की कूट संख्या

(घ) जिस क्षेत्र में मुद्रा तिजोरी स्थित है ,

उस क्षेत्र के प्रकार का उल्लेख करें

("क्षेत्र के प्रकार", कूट का वर्णन करें । स्पष्टीकरण देखें ।)

(वख्) यदि ’नहीं’ तो मुद्रा तिजोरी रखने वाली

निकटतम शाखा / कार्यालय का ब्योरा प्रस्तुत करें :

(क) बैंक का नाम : (ख) शाखा का नाम :

(ग) दूरी (कि.मी. में) (घ) केन्द्र का नाम :

क्या इस शाखा / कार्यालय के साथ कोई निक्षेपागार (रिपोजिटरी) है ?: हाँ ( ) नहीं( )

(ख्व) क्या इस शाखा / कार्यालय के साथ छोटे सिक्कों का कोई डिपो है ? :हाँ ( ) नहीं( )

(उचित बॉक्स में सही का निशान लगायें)

9. कार्यालय / शाखा द्वारा किये जाने वाले कारोबार का स्वरुप :

(स्पष्टीकरण देखें )

10. (क) कार्यालय / शाखा की प्राधिवफ्त व्यापारी की श्रेणी

क( ) ख ( ) ग ( )

(उचित बॉक्स में सही का निशान लगायें )

(ख) प्राधिवफ्त किये जाने की तारीख

(ग) ’ग’ श्रेणी का कार्यालय/शाखा होने की स्थिति में

’क’ या ’ख’ श्रेणी के उस कार्यालय / शाखा का एकसमान

कूट लिखें, जिसके माध्यम से इसके विदेशी मुद्रा

लेनदेनों का निपटान किया जाता है

  1. ’क’ या ’ख’ श्रेणी की शाखा / कार्यालय का नाम :
  2. 10 (ग) (व) पर उक्त ’क’ / ’ख’ श्रेणी की शाखा/

कार्यालय की एकसमान कूट संख्याएं

भाग - घ् (7 अंक) :

भाग - घ्घ् (7 अंक) :

11. प्रौद्योगिकी का स्तर : कूट :

(स्पष्टीकरण देखें )

12. सॉफटवेयर / हाड़वेयर संचार सुविधाएं :

(स्पष्टीकरण देखें )

13. अन्य कोई विवरण

-----------------------------------------------------------------------

14. केवल भा.रि.बैं. के प्रयोग के लिए

(क) प्राधिवफ्त व्यापारी क्षेत्र कार्यालय का कूट :

(ख) जनगणना वर्गीकरण कूट :

(ग) डाक का पूरा पता :

 

प्रोफार्मा - घ्घ्

(नोट : प्रोफार्मा घ्घ् एवं घ्घ्घ् का क्रमश: प्रोफार्मा घ् और घ्घ् के रुप में नया नाम दिया है )

माह -------------- के दौरान वर्तमान कार्यालय / शाखा के स्तर में परिवर्तन / विलयन / बंद हो जाने आदि का विवरण

(वफ्पया प्रोफार्मा भरने से पूर्व सभी अनुदेशों को पढ़ ले)

बैंक / सहकारी संस्था का नाम

(क) कार्यालय / शाखा के स्तर / प्राधिवफ्त व्यापारी की श्रेणी / कारोबार के स्वरुप / डाक के पते में परिवर्तन

1. शाखा / कार्यालय का नाम

2. एकसमान कूट (वर्तमान) : (क) भाग -घ् (7 अंक) :

       (ख) भाग घ्घ् (7 अंक) :

3. कार्यालय / शाखा का स्तर

क) पुराना स्तर (ख) वर्तमान स्तर :

4. कार्यालय / शाखा के कारोबार का स्वरुप

क) कारोबार का स्वरुप (पहले का) :

ख) कारोबार का स्वरुप (वर्तमान) :

5. प्रौद्योगिकीय स्तर : कूट : -------------:

6. संचार सुविधाओं में परिवर्तन (यदि कोई हुआ हो तो) :

(हाड़वेयर / सॉफटवेयर )

7. कार्यालय / शाखा की प्राधिवफ्त व्यापारी की श्रेणी :

क) पुरानी श्रेणी (यदि हो तो )

ख) नयी श्रेणी (यदि श्रेणी उन्नयन/अवनयन किया :

गया हो/नया प्राधिवफ्त किया गया हो)

ग) श्रेणी उन्नयन / अवनयन / प्राधिकरण की तारीख :

घ) यदि वर्तमान श्रेणी ’ग’ हो तो उस संपर्क कार्यालय /

शाखा की एकसमान कूट संख्या दें, जिसके माध्यम से

इसके लेनदेनों का निपटान किया जाता है :

भाग - घ् (7 अंक) भाग - घ्घ् (7 अंक) :

8. मुद्रा तिजोरी /निक्षेपागार / सिक्का डिपो /

सरकारी कारोबार आदि (खोलने/स्थान परिवर्तन /रुपांतरण /

बंद करने सहित) के स्तर के संबंध में परिवर्तन यदि हुआ हो

तो, का ब्योरा ।

स्थान परिवर्तन (शिफिटंग) /रुपांतरण / बंद करने की स्थिति में वफ्पया तारीख भी दें :

क) सरकारी कारोबार

ख) खजॉना / उप खज़ाना संबंधी कारोबार

ग) मुद्रा तिजोरी

घ) निक्षेपागार

ड) सिक्का-डिपो

यदि मुद्रा तिजोरी के लिए नया प्राधिकरण प्रदान किया गया हो तो प्रोफार्मा घ् की मद सं. 8(ववव) तथा 8(वख्) के संबंध में यहां ब्योरा दें ।

9. डाक घर का नाम (डाक घर के नाम, पिन कोड, तहसील /ब्लॉक, :

टेलीफोन नंबर एसटीडी कोड सहित )

पहले का वर्तमान

10. यदि स्थान बदला गया हो तो स्थान बदलने के कारण दें :

11. यदि शाखा / कार्यालय का स्थान बदला गया हो तो :

वर्तमान केन्द्र का ब्योरा दें

क) शाखा / कार्यालय का नाम

ख) क्षेत्र् ा का नाम

ग) राजस्व इकाई (केन्द्र का नाम)

घ) तहसील / विकास खण्ड का नाम

ड़) जिले का नाम

च) राज्य का नाम

छ)केन्द्र की जनसंख्या (अद्यतन जनगणना के अनुसार)

12.लाइसेंस नं. एवं तारीख

13. भा.रि.बैं. क्षेत्रीय कार्यालय -------------द्वारा

लाइसेंस का दिनांक ------------- समुचित

संशोधन किया गया

14.भा.रि.बैं. के अनुमोदन की संदर्भ संख्या और तारीख :

15.अन्य कोई विवरण

ख. कार्यालय / शाखा का बंद होना / विलयन / रुपांतरण
1. विलयन / बंद करने / रुपांतरण के लिए सूचना (उचित पर सही का निशान लगायें)
2. शाखा / कार्यालय का नाम
3. एकसमान कूट : व) भाग - घ् (7 अंक)
वव) भाग-घ्घ् (7 अंक)

4. क)कार्यालय / शाखा का डाक का पता :
ख)केंद्र का नाम :
ग)जिले का नाम :
घ)राज्य का नाम :
ड)केंद्र की जनसंख्या श्रेणी :
5. बंद होने / विलयन / रुपांतरण की तारीख :
6. भा.रि.बैं. के अनुमोदन की संदर्भ सं. और तारीख :
7. बंद होने / विलयन / रुपांतरण के कारण :
-------------------------- के लिए दिनांक --------------------------
(बंद करने / विलयन /रुपांतरण)
8. ...............को भारतीय रिज़र्व बैंक,
क्षेत्रीय कार्यालय --------------को लाइसेंस अभ्यर्पित किया ।
9. शाखा / कार्यालय का वर्तमान प्रकार (यदि बंद नहीं हुआ है तो) :
(अनुषंगी कार्यालय, विस्तार काउंटर आदि )
10. विलय करने वाले (आधार) कार्यालय / शाखा का :
विवरण (रुपांतरण / विलयन के मामले में)
क) शाखा / कार्यालय का नाम :
ख) एकसमान कूट : व) भाग - घ् (7 अंक) :
वव) भाग-घ्घ् (7 अंक) :
ग) डाक का पूरा पता :
नोट : 1) कार्यालय / शाखा के स्तर, कारोबार के स्वरुप आदि के स्पष्टीकरण के लिए
प्रोफार्मा घ् की मद सं. 7 (क), 9, 11 आदि देखें ।

2) इस प्रोफार्मा में एकसमान कूट के भाग-घ् तथा भाग-घ्घ् का उल्लेख न होने पर कोई कार्रवाई नहीं की जायेगी ।

 

प्रोफार्मा घ् एवं घ्घ् भरने हेतु अनुदेश

(नोट :प्रोफार्मा घ्घ् एवं घ्घ्घ् को क्रमश: प्रोफार्मा घ् एवं घ्घ् के रुप में नया नाम दिया गया है ।)

नोट : वफ्पया प्रोपद्य्रर्मा भरने से पूर्व सभी अनुदेश पढ़ें ।

    1. (क) प्रोफार्मा घ्, नयी खुली / उन्नत की गयी बैंक शाखाओं, कार्यालयों के लिए है और प्रोफार्मा घ्घ् वर्तमान बैंक शाखाओं / कार्यालयों के स्तर / डाक के पते में परिवर्तन, उनके बंद करने/ विलयन / रद्य्र्पांतरण / स्थान परिवर्तन आदि की सूचना देने के लिए है ।
    2. (ख) एकसमान कूट संख्या, उन कार्यालयों / शाखाओं के लिए हैं, जो प्रशासनिक रुप से आत्मनिर्भर कार्यालय / शाखाएं है और भारतीय रिज़र्व बैंक को अलग विवरणियां प्रस्तुत कर रही हैं ड7 (ख) पर स्पष्टीकरण देखें ।

    3. बैंक वफ्पया यह नोट करें कि नये खुले / वर्तमान विस्तार-काउंटरों / अनुषंगी कार्यालयों / प्रतिनिधि कार्यालयों / नकदी काउंटरों / निरीक्षणालयों / कलेक्शन काउंटरों / सचल कार्यालयों / स्टेंड अलोन / ए टी एम / शाखाओं से संबध्द मुद्रा तिजोरी / एयर पोर्ट काउंटरों / होटल काउंटरों / विनिमय (एक्सचेंज) ब्यूरो / मेला-स्थल (प्रदर्शनी) पर खोले गये अस्थायी कार्यालयों आदि के संबंध में प्रोफार्मा घ् एवं घ्घ् , सांख्यिकीय विश्लेषण और कंप्यूटर सेवा विभाग को भेजने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि ये भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को प्रस्तुत किये जाने चाहिए ।
    4. वे बैंक, जिन्हें अपनी नयी शाखाओं / कार्यालयों को भाग घ् कूट देने की अनुमति प्रदान की गयी है, प्रोफार्मा घ्, भारतीय रिजॅर्व बैंक को अग्रेषित करते समय उपर्युक्त 1 (ख) पर उल्लिखित अनुदेशें का कड़ाई से पालन करें ।
    5. भाग घ् एवं भाग घ्घ् कूट के आबंटन / भाग घ्घ् कूट के संशोधन हेतु प्रोफार्मा घ् और घ्घ् को तब तक स्वीकार नहीं किया जायेगा जब तक कि उक्त प्रोफार्मा में सभी मदें उचित रुप से भरी नहीं होंगी ।

 

प्रोफार्मा घ् में मदों का स्पष्टीकरण

मद सं. 1 (ख) : सरकारी क्षेत्र के बैंकों (भारतीय स्टेट बैंक और उसके सहायक बैंक तथा राष्ट्रीयवफ्त बैंक) को अपनी शाखाओं/कार्यालयों को केवल भाग घ् कूट संख्याएं देने की अनुमति प्रदान की गयी है तथा अन्य बैंकों के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक भाग घ् भाग घ्घ् दोनों ही कूट आबंटित करता है ।

मद सं. 2 (क) : शाखा/कार्यालय का नाम लिखा जाना है ।

मद सं. 2 (ख) : भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी आबंटन/प्राधिवफ्त करने के/अनुमोदन पत्र की संदर्भ संख्या और तारीख का उल्लेख किया जाए ।

मद सं. 2 (ग) : यदि पहले ही उपलब्ध हो तो लाइसेंस संख्या (भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय से यथा प्राप्त ) लिखी जाये अन्यथा एकसमान कूटों के साथ-साथ वह बाद में भेजा जाए ।

मद सं. 2 (घ) : लाइसेंस की सही तारीख का, महीने और वर्ष सहित उल्लेख किया जाए ।

मद सं.3 खुलने की सही तारीख का, महीने और वर्ष सहित उल्लेख किया जाए ।

मद सं. 4.1 से : उचित मद संख्या के सामन नाम/संख्या/कूट लिखा जाए ।

4.3(ग) तक

मद सं. 4.4 : उस मुहल्ले का नाम अर्थात जहां शाखा/कार्यालय स्थित है उस स्थान की सही स्थिति का उल्लेख किया जाए । यदि शाखा/ कार्यालय किसी गांव में खोली गयी/खोला गया हो तो गांव का नाम लिखा जाए ।

मद सं. 4.5 : मद सं. 4.4 पर उल्लिखित मुहल्ला जिस शहर/कस्बे नगर महा पालिका के क्षेत्रधिकार में है, उसका नाम लिखा जाए । यदि शाखा:कार्यालय किसी ऐसे गांव में खोला गया हो तो राजस्व इकाई/केन्द्र है तो उस गांव का नाम लिखा जाए ।

टिप्पणी : यदि मद सं. 4.5 में नाम सही प्रकार से नहीं लिखा गया तो शाखा/ कार्यालय का, गलत भाग घ्घ् कूट के साथ गलत वर्गीकरण हो सकता है । मद संख्या 4.4 और 4.5 के सामने/पंचायत/ब्लॉक/तहसील/जिले का नाम तब तक नहीं दिखाया जाना चाहिए, जब तक कि उक्त कार्यालय/ शाखा सुनिश्चित रूप में पंचायत/ब्लॉक/तहसील/जिले के मुख्यालय में स्थित न हो ।

मद सं. 4.6 : मद सं. 4.5 के सामने उल्लिखित स्थान की तहसील/तालुका/सब

और 4.7 डिवीजन और सामुदायिक विकास खण्ड के नाम क्रमश: मद सं. 4.6 एवं 4.7 के सामने अंकित किये जाएं । महा नगरीय शहरों के मामले में यह लागू नहीं होगा ।

मद सं. 5 : उक्त केन्द्र/राजस्व केन्द्र के (पूरी पंचायत/ब्लॉक/तहसील/जिले की नहीं) अद्यतन जनगणना के जनसंख्या आंकडे, जनगणना पुस्तिका/ स्थानीय जनगणना प्राधिकारी/जिला कलेक्टर/तहसीलदार से प्राप्त किये जायें और इस आशय का एक प्रमाणपत्र साथ में लगाया जाए ।

मद सं. 6 : यदि उस राजस्व इकाई में, जिसकी सीमा के अंतर्गत उक्त नया कार्यालय स्थित है , किसी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक या किसी वाणिज्य/सहकारी बैंक की कोई शाखा/कार्यालय नहीं है तो ’नहीं’ के सामने सही का निशान लगायें अन्यथा ’हाँ’ के सामने सही का निशान लगायें ।

मद सं. 7(क) : किसी शाखा/कार्यालय के संभावित स्तर (शाखा/कार्यालय का प्रकार) के विभिन्न प्रकारों के नाम और संबंधित कूटों की सूचियां नीचे दी जा रही हैं : उचित नाम और संबंधित कूट लिखे जाएं ।

यह सूची पूरी नहीं है; इसलिए नाम का उल्लेख करते हुए "कोई अन्य शाखा/कार्यालय" के अंतर्गत कार्यालय/शाखा का सही स्तर लिखा जाए।

गैर विशेषीकफ्फ्त शाखा के मामले में

प्रशासनिक कार्यालय के मामले में

कूट

स्तर

कूट

स्तर

       

(01)

शाखा

(21)

पंजीवफ्फ्त कार्यालय

(02)

उप शाखा

(22)

केन्द्रीय कार्यालय

(03)

उप कार्यालय

(23)

प्रधान कार्यालय

(04)

वेतन कार्यालय

(24)

स्थानीय प्रधान कार्यालय

(07)

विदेश विभाग

(25)

क्षेत्रीय कार्यालय

(08)

विदेशी मुद्रा शाखा

(26)

एरिया कार्यालय

(10)

वाणिज्य शाखा

(27)

अंचल कार्यालय

(11)

लघु व्यापार विकास कार्यालय

(28)

प्रशासनिक कार्यालय

   

(29)

मंडल कार्यालय

   

(30)

जिला विकास कार्यालय

(60)

अन्य कोई शाखा

(जो उपर्युक्त में शामिल नहीं हो)

(31)

विकास कार्यालय

   

(32)

प्रशिक्षण केन्द्र

   

(42)

सेवा शाखा / समाशोधन कक्ष

   

(61)

कोई अन्य प्रशासनिक कार्यालय

(उपर्युक्त में शामिल नहीं हो)

 

विशेषीवफ्त शाखा के मामले में

कूट

नाम

(05)

वफ्षि विकास शाखा (ए.डी.बी.)

(06)

अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग विभाग (आइ.बी.डी.)

(09)

समुद्रपारीय शाखा

(12)

औद्योगिक वित्त शाखा (आइ.एफ.बी.)

(13)

विशेषीकफ्त वफ्षि वित्त शाखा - हाइ-टेक(एस.ए.एफ.बी.हाइ-टेक)

(14)

लघु उद्योग शाखा (एस.एस.आइ.)

(15)

पूंजी बाजार सेवा शाखा

(16)

आस्ति वसूली प्रबंधन सेवाएं (ए.आर.एम.एस.)

(17)

कंपनी निकाय वित्त शाखा

(18)

अनिवासी भारतीय (एन.आर.आइ.)शाखा

(19)

आवास वित्त शाखा

(20)

पट्टेदारी वित्त शाखा

(34)

वैयक्तिक बैंकिंग सेवा शाखा

(35)

उपभोक्ता वित्त शाखा

(36)

कस्टोडियल सेवा शाखा

(37)

खज़ाना शाखा

(38)

विशेषीकफ्त सेवाएं शाखा

(39)

पूंजी बाजार शाखा

(40)

ऑटो-टेक शाखा

(41)

निधि अंतरण सेवा शाखा

(43)

वफ्षि वित्त शाखा (ए.एफ.बी.)

(44)

व्यापारी बैंकिंग शाखा

(45)

किराया खरीद और पट्टेदारी शाखा

(46)

वाणिज्य एवं वैयक्तिक बैंकिंग शाखा

(47)

विशेषीवफ्त वाणिज्य शाखा

(48)

कमजोर वर्गों हेतु शाखा

(49)

औद्योगिक पुर्नस्थापन शाखा

(50)

ड्राफट भुगतान शाखा

(52)

संग्रहण और भुगतान सेवाएं शाखा

(53)

औद्योगिक खाते शाखा

(54)

वाणिज्य (मर्वेंटाइल) बैंकिंग शाखा

(55)

अंतरराष्ट्रीय विनिमय शाखा

(62)

कोई अन्य विशेषीवफ्त शाखा / कार्यालय (जो ऊपर सम्मिलित न हो )

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