मास्टर परिप?ा - प?ारक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) तथा सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) - आरबीआई - Reserve Bank of India
मास्टर परिप?ा - प?ारक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) तथा सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर)

|
भारिबैं/2004-05/135
बैंपविवि. सं. आरइटी. बीसी. 33/12.01.001/2004-05
24 अगस्त 2004
2 भाद्र 1926 (शक)
सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों के
मुख्य कार्यपालक
महोदय,
मास्टर परिपत्र - प्रारक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) तथा सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर)
वफ्पया उपर्युक्त विषय पर 5 अगस्त, 2004 का हमारा मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. आरइटी. बीसी. 23/ 12.01.001/2004-05 देखें । परिपत्र में ‘एसएलआर के लिए अनुमोदित प्रतिभूतियों का मूल्यांकन’ से संबंधित पैरा 3.2 में अनुबंध में दर्शाए गए अनुसार संशोधन किया जाए ।
भवदीय
(टी. बी. सत्यनारायण)
महाप्रबंधक
अनुबंध
वर्तमान पैराग्राप |
संशोधित पैराग्राप |
|
3.2 सांविधिक चलनिधि अनुपात के लिए अनुमोदित प्रतिभूतियों का मूल्यांकन |
3.2 (व) संवर्गीकरण |
|
ॅबैंकों का समग्र निवेश संविभाग (सांविधिक चलनिधि अनुपात प्रतिभूतियों सहित) 3 श्रेणियों में - अर्थात, ‘परिपक्वता तक धारित’, ‘बिक्री के लिए उपलब्ध’ और ‘खरीद-बिक्री के लिए धारित’ - विभाजित किया जाएगा । परिपक्वता तक धारित श्रेणी के अंतर्गत वर्गीवफ्त निवेशों का मूल्यन बाज़ार दर पर नहीं किया जाएगा और उन्हें उनकी अर्जन लागत के आधार पर आगे ले जाया जाएगा बशर्ते ऐसी लागत अंकित मूल्य से अधिक न हो । ऐसी स्थिति में प्रीमियम परिपक्वता के लिए शेष अवधि में परिशोधित किया जाना चाहिए । बिक्री के लिए उपलब्ध श्रेणी के अंतर्गत आनेवाले अलग-अलग स्क्रिप्स का मूल्यन वर्ष के अंत में या और अधिक बार-बार बाज़ार मूल्य के अनुसार किया जाएगा । प्रत्येक वर्गीकरण के अंतर्गत निवल मूल्यहृास निश्चित किया जाना चाहिए तथा उसके लिए पूरा प्रावधान किया जाना चाहिए और मूल्यवफ्द्धि को छोड़ दिया जाना |
(क) बैंकों का समग्र निवेश संविभाग (सांविधिक चलनिधि अनुपात प्रतिभूतियों तथा गैर सांविधिक निधि अनुपात प्रतिभूतियों सहित) तीन श्रेणियों अर्थात् ‘परिपक्वता तक धारित’ ‘बिक्री के लिए उपलब्ध’ तथा ‘खरीद बिक्री के लिए धारित’ में विभाजित किया जाए । तथापि, तुलन पत्र में इन निवेशों के विद्यमान छ: वर्गीकरणों अर्थात् क) सरकारी प्रतिभूतियां, ख) अन्य अनुमोदित प्रतिभूतियां, ग) शेयर्स, घ) डिबेंचर्स तथा बांड्स, ड.) सहायक कंपनियां/संयुक्त उद्यम तथा च) अन्य (सीपी, म्युच्युअल पंड युनिट्स आदि) के अनुसार प्रकट किया जाना जारी रहेगा । |
|
खरीद-बिक्री के लिए धारित श्रेणी के अंतर्गत आनेवाले अलग-अलग स्क्रिप्स का पुनर्मूल्यांकन मासिक अंतराल पर या और अधिक बार-बार किया जाएगा और प्रत्येक वर्गीकरण के अंतर्गत निवल मूल्यवफ्द्धि/मूल्यहृास को आय लेखे में स्पष्टत: दर्शाया जाना चाहिए । पुनर्मूल्यांकन के बाद अलग-अलग स्क्रिप का बही मूल्य बदल जाएगा । |
(ख) बैंकों को निवेश अर्जित करते समय उसकी श्रेणी के संबंध में निर्णय लेना चाहिए और उस निर्णय को निवेश प्रस्तावों पर अभिलेखित किया जाना चाहिए । |
|
(वव) सांविधिक चलनिधि अनुपात के लिए अनुमोदित प्रतिभूतियों का मूल्यांकन |
||
परिपक्वता तक धारित श्रेणी के अंतर्गत वर्गीवफ्त निवेशों का मूल्यन बाज़ार दर पर नहीं किया जाएगा और उन्हें उनकी अर्जन लागत के आधार पर आगे ले जाया जाएगा बशर्ते ऐसी लागत अंकित मूल्य से अधिक न हो, ऐसा होने की स्थिति में प्रीमियम परिपक्वता के लिए शेष अवधि में परिशोधित किया जाना चाहिए । बैंकों के लिए आवश्यक है कि वे परिपक्वता तक धारित श्रेणी के अंतर्गत शामिल किये गये सहायक कंपनियों/संयुक्त उद्यमों में अपने निवेशों के मूल्य में अस्थायी कमी के अलावा किसी भी प्रकार की कमी/घटाव को निश्चित करके उसके लिए प्रावधान करे । ऐसे घटाव का प्रत्येक निवेश के संबंध में अलग से निर्धारण करके उसके लिए प्रावधान करना चाहिए । |
||
बिक्री के लिए उपलब्ध श्रेणी के अंतर्गत आनेवाले अलग-अलग स्क्रिप्स का मूल्यन तिमाही या अधिक अंतरालों पर बाज़ार मूल्य के अनुसार किया जाएगा । जहां उपर्युक्त 3.2(व) में संदर्भित प्रत्येक वर्गीकरण के अंतर्गत निवल मूल्यहृास निश्चित किया जाना चाहिए तथा उसके लिए पूरा प्रावधान किया जाना चाहिए, वहां प्रत्येक वर्गीकरण के अंतर्गत निवल मूल्यवफ्द्धि को छोड़ दिया जाना चाहिए । अलग-अलग प्रतिभूतियों के बही मूल्य में, पुनर्मूल्यांकन के बाद कोई अंतर नहीं आएगा । खरीद-बिक्री के लिए धारित श्रेणी के अंतर्गत आनेवाले अलग-अलग स्क्रिप्स का बिक्री के लिए उपलब्ध श्रेणी में आनेवाले अलग-अलग स्क्रिप्स के मामले के अनुसार बाज़ार दर पर मूल्यन मासिक या अधिक अंतरालों पर किया जाएगा । बाज़ार दर से मूल्यन के बाद इस श्रेणी की अलग-अलग प्रतिभूतियों के बही मूल्य में कोई परिवर्तन नहीं होगा । |
|