एजेंसी बैंकों द्वारा सरकार कारोबार के संचालन पर मास्टर परिपत्र - एजेंसी कमीशन का भुगतान - आरबीआई - Reserve Bank of India
एजेंसी बैंकों द्वारा सरकार कारोबार के संचालन पर मास्टर परिपत्र - एजेंसी कमीशन का भुगतान
आरबीआई/2005-06/105 10 अगस्त 2005 समस्त एजेंसी बैंक प्रिय महोदय, एजेंसी बैंकों द्वारा सरकार कारोबार के संचालन पर मास्टर परिपत्र - एजेंसी कमीशन का भुगतान भारतीय रिज़र्व बैंक समय-समय पर एजेंसी कमीशन पर विभिन्न निर्देश जारी करता रहा है। एजेंसी बैंकों को इस विषय पर वर्तमान परिचालन निर्देश एक ही स्थान पर उपलब्ध कराने के लिए, हमारे द्वारा तैयार किया गया एक मास्टर परिपत्र संलग्न है। आप हमारी वेबसाइट www.rbi.org.in पर भी परिपत्र देख सकते हैं। 2. कृपया पावती दें। भवदीय, (गिरीश कल्याणपुर) एजेंसी कमीशन जैसा कि आप जानते हैं, एजेंसी बैंकों को प्राप्तियों और भुगतानों की कुल मात्रा के आधार पर प्रति 100/- रुपये के सरकारी लेनदेन पर 11.80 पैसे का कमीशन दिया जा रहा था। अब लेनदेनों की संख्या के आधार पर बैंकों को देय एजेंसी कमीशन की दरें निम्नानुसार निर्धारित करने का निर्णय लिया गया है
2. उपरोक्त दरें 1 जुलाई, 2005 और उसके बाद के लेन-देन के संबंध में प्रभावी होंगी। चेक/ड्राफ्ट आदि की वसूली की तारीख और साथ ही नकद जमा करने की तारीख को लेनदेन की तारीख माना जाएगा। मार्च 2006 के अंत तक दरों की समीक्षा की जाएगी। समीक्षा के आधार पर, एजेंसी कमीशन दरों को उसके विश्लेषण के आधार पर अधिक या कम संशोधित किया जा सकता है। 3. चूंकि एजेंसी कमीशन प्रति लेनदेन के आधार पर देय है, इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि ऐसे कमीशन का दावा करने के लिए आवश्यक रिकॉर्ड बनाए रखें जो किसी भी समय सत्यापन के लिए रिज़र्व बैंक या इसकी अधिकृत एजेंसियों को उपलब्ध कराया जाएगा। लेन-देन की संख्या की गणना के लिए, सरकारी लेखा अधिकारियों को प्रदान की जाने वाली दैनिक शाखा स्क्रॉल की गणना की जाएगी। 'त्रुटि स्क्रॉल' में रिपोर्ट किए गए लेन-देन एजेंसी कमीशन के लिए पात्र नहीं होंगे। एक निर्धारिती के रूप में विभिन्न करों की वसूली/भुगतान के लिए बैंक के अपने वैधानिक दायित्व के संबंध में हमारे द्वारा जारी किए गए निर्देश अपरिवर्तित रहेंगे। कमीशन का दावा करते समय बैंकों द्वारा इस आशय का निर्धारित प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जाना चाहिए। 4. सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) लेनदेन के संबंध में एजेंसी कमीशन के भुगतान को जारी रखने के संबंध में, भारत सरकार के परामर्श से एक अलग समीक्षा की जा रही है। इस संबंध में विस्तृत सूचना प्रदान की जाएगी। 5. यह ध्यान से नोट किया जाए कि एजेंसी बैंकों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवा की गुणवत्ता की निगरानी आरबीआई द्वारा की जाएगी जिसमें बैंकों द्वारा पेंशनभोगियों को प्रदान की जाने वाली सेवाओं पर विशेष जोर दिया जाएगा। (डीजीबीए.जीएडी.सं.379/31.12.010(सी)/2005-06 दिनांक 25 जुलाई 2005) एजेंसी कमीशन के लिए पात्र सरकारी लेनदेन 6. निम्नलिखित लेनदेन एजेंसी कमीशन के लिए पात्र होंगे
7. यह भी स्पष्ट किया जाता है कि वित्तीय संस्थानों और बैंकों आदि से सीधे जुटाए गए राज्य सरकारों के अल्पावधि/दीर्घावधि उधार एजेंसी कमीशन के लिए पात्र नहीं हैं क्योंकि ये लेनदेन बैंकों द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक के एजेंट के रूप में दर्ज नहीं किए जाते हैं। सार्वजनिक ऋण के प्रबंधन के लिए एजेंट के रूप में कार्य करने के लिए रिज़र्व बैंक एजेंसी बैंकों को अलग पारिश्रमिक का भुगतान करता है। हम दोहराते हैं कि मंत्रालयों/विभागों आदि की ओर से बैंकों द्वारा खोले गए साख पत्र (एल/सी) से होने वाले लेनदेन एजेंसी कमीशन के लिए अर्हक नहीं होंगे। (डीजीबीए.जीएडी.सं.एच-2625/31.12.010(सी)/2004-05 दिनांक 17 दिसंबर 2004) 8. एजेंसी बैंक अपनी स्वयं की शाखाओं के माध्यम से या जहां उनकी अपनी प्राधिकृत प्रत्यक्ष कर संग्रह शाखा नहीं है वहां भारतीय स्टेट बैंक की अधिकृत शाखाओं या भारतीय रिज़र्व बैंक के कार्यालयों के माध्यम से अपनी स्वयं की कर देनदारियों का भुगतान कर रहे हैं, उन्हें उक्त को स्क्रॉल में अलग से इंगित करना चाहिए और वे लेनदेन एजेंसी कमीशन के भुगतान के पात्र नहीं होंगे। बैंकों को इस आशय का एक प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना चाहिए कि एजेंसी कमीशन का दावा करते समय उनके द्वारा भुगतान की गई अपनी कर देनदारियों (टीडीएस, निगम कर, आदि) को शामिल नहीं किया गया है। (डीजीबीए.जीएडी.सं.एच-3613/31.12.010(सी)/2004-05 दिनांक 13 जनवरी 2005 और डीजीबीए.जीएडी.सं.एच-1225/31.12.010(सी)/2004-05 दिनांक 27 अक्टूबर 2004 डीजीबीए.जीएडी.सं.एच-41/31.12.010(सी)/2004-05 दिनांक 22 जुलाई 2004) एजेंसी कमीशन पर टीडीएस की कटौती 9. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि रिज़र्व बैंक द्वारा अपने एजेंटों को भुगतान या जमा किए गए एजेंसी कमीशन की राशि पर कर की कटौती करने की आवश्यकता नहीं होगी। लेकिन, यह दोहराया जाता है कि एजेंसी कमीशन संबंधित बैंकों के हाथ में कर योग्य होगा क्योंकि यह बैंक की आय का हिस्सा है। (डीजीबीए.जीएडी.सं.एच-190/31.12.010/2003-04 दिनांक 14 सितंबर 2003) मास्टर परिपत्र में समेकित परिपत्रों की सूची
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