मास्टर परिपत्र - पूंजी पर्याप्तता और बाज़ार अनुशासन पर विवेकपूर्ण दिशानिर्देश - नये पूंजी पर्याप्तता ढांचे का कार्यान्वयन (एनसीएएफ) - आरबीआई - Reserve Bank of India
मास्टर परिपत्र - पूंजी पर्याप्तता और बाज़ार अनुशासन पर विवेकपूर्ण दिशानिर्देश - नये पूंजी पर्याप्तता ढांचे का कार्यान्वयन (एनसीएएफ)
आरबीआइ/2009-2010/308 8 फरवरी 2010 सभी वाणिज्य बैंक महोदय मास्टर परिपत्र - पूंजी पर्याप्तता और बाज़ार अनुशासन पर विवेकपूर्ण कृपया 27 अक्तूबर 2009 को घोषित मौद्रिक नीति 2009-10 की दूसरी तिमाही समीक्षा में बासल II ढांचे में सुधार से संबंधित पैरा 153 और 154 देखें (उद्धरण संलग्न)। तदनुसार, 1 जुलाई 2009 के हमारे मास्टर परिपत्र बैंपविवि.सं.बीपी.बीसी. 21/21.06.001/2009-10 द्वारा जारी "पूंजी पर्याप्तता और बाजार अनुशासन संबंधी विवेकपूर्ण दिशानिर्देश - नया पूंजी पर्याप्तता ढांचा (एनसीएएफ)" को बासल II ढांचे में बैंकिंग पर्यवेक्षण संबंधी बासल समिति (बीसीबीएस) द्वारा किये गये परिवर्तनों के अनुसार अद्यतन किया गया है । जो नयी सामग्री जोड़ी गयी है उसे मोटे तिरछे अक्षरों (बोल्ड इटेलिक्स) में दिखाया गया है तथा जिस सामग्री को हटाया गया उसे मोटे अक्षरों में पंक्ति काटकर दर्शाया गया है । 2. पिलर 1 में किए गए परिवर्तनों का मुख्य उद्देश्य विनिर्दिष्ट जोखिम के लिए पूंजी अपेक्षा तथा प्रतिभूतिकरण एक्सपोज़र के लिए चलनिधि सुविधा बढ़ाना है । पिलर 2 में संशोधित दिशानिर्देशों का उद्देश्य पूंजी पर्याप्तता और जोखिम प्रबंध के आंतरिक मूल्यांकन में बैंकों की सहायता करना है ताकि वे जोखिम की सही पहचान और समुचित आकलन कर सकें । पिलर 3 संशोधनों में ऋण जोखिम कम करने और प्रतिभूतिकृत एक्सपोज़र के लिए अधिक विस्तृत प्रकटीकरण अपेक्षाओं को शामिल किया गया है । इस दिशानिर्देश में ऐसी गतिविधियों/उत्पादों के भी उदाहरण हैं जिनका प्रयोग हमारे बैंक नहीं करते हैं। 3. बासल II ढांचा में परिवर्द्धन 31 मार्च 2010 से लागू होगा। 4. इस मास्टर परिपत्र में पिछले मास्टर परिपत्र की तारीख अर्थात् 1 जुलाई 2009 के बाद एनसीएएफ में किये गये अन्य परिवर्तनों को भी शामिल किया है, जिन्हें अनुबंध 17 में सूचीबद्ध किया गया है। भवदीय (बी. महापात्र) अनु : यथोक्त |