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आम जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कार्यनिष्‍पादन के आधार पर मुद्रा तिजोरी सहित बैंक शाखाओं के लिए प्रोत्‍साहन और दंड की योजना से संबंधित मास्‍टर परिपत्र

आरबीआई/2014-15/86
डीसीएम (सीसी) सं.G-5/03.39.01/2014-15

01 जुलाई 2014

अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यकारी अधिकारी

सभी बैंक

महोदया / महोदय,

आम जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कार्यनिष्‍पादन के आधार पर मुद्रा तिजोरी सहित बैंक शाखाओं के लिए प्रोत्‍साहन और दंड की योजना से संबंधित मास्‍टर परिपत्र

कृपया जुलाई 1, 2013 के हमारे मास्‍टर परिपत्र डीसीएम(सीसी) सं.जी-3/03.39.01/2013-14 का संदर्भ लें जिसमें आम जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कार्यनिष्‍पादन के आधार पर मुद्रा तिजोरी सहित बैंक शाखाओं के लिए प्रोत्‍साहन और दंड की योजना शामिल है।

2. उक्त विषय पर संशोधित और अद्यतन अनुदेश सूचना एवं आवश्यक कार्रवाई के लिए संलग्न है।

3. यह मास्टर परिपत्र हमारी वेबसाइट /en/web/rbi. पर उपलब्ध है।

भवदीय,

(एम के मल्ल)
महाप्रबंधक (प्रभारी अधिकारी)

अनुलग्नक - यथोक्त


अनुबंध

आम जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कार्य निष्पादन के आधार पर मुद्रा तिजोरी सहित बैंक शाखाओं के लिए प्रोत्साहन और दंड की योजना से संबंधित मास्टर परिपत्र

1. यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी बैंक शाखाएं आम जनता को नोटों और सिक्कों के विनिमय के संबंध में बेहतर ग्राहक सेवा प्रदान करती हैं, मुद्रा तिजोरी सहित बैंक शाखाओं के लिए प्रोत्साहन और दंड की योजना की शुरूवात की गयी है।

2. प्रोत्साहन

a) उक्त योजना के अनुसार, नोटों और सिक्कों के विनिमय के लिए सुविधा प्रदान करने हेतु बैंक निम्नलिखित वित्तीय प्रोत्साहन पाने के लिए पात्र हैं :

क्रम सं.

सेवा का प्रकार

प्रोत्साहन के ब्योरे

i)

अल्प बैंकिंग सेवाओंवाले राज्यों में 1 लाख से कम जनसंख्या वाले केद्रों में मुद्रा तिजोरियां खोलना और उनका रखरखाव

  1. पूंजीगत लागत : प्रति मुद्रा तिजोरी, . 50 लाख की सीमा के अधीन, पूंजीगत व्यय के 50 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति। उत्तरी पूर्व क्षेत्र में, .50 लाख की सीमा के अधीन, पूंजीगत व्यय के 100 प्रतिशत तक प्रतिपूर्ति के लिए पात्र है।

  2. राजस्व लागत : पहले 3 वर्षों के लिए, राजस्व व्यय के 50 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति। उत्तरी पूर्व क्षेत्र में, पहले 5 वर्षों के लिए, राजस्व व्यय के 50 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति की जाएगी।

ii)

बैंक शाखाओं के काउंटरों पर गंदे नोटों का विनिमय/कटे-फटे बैंकनोटों का न्यायनिर्णयन

  1. गंदे नोटों का विनिमय : .50 तक के मूल्यवर्ग में गंदे बैंकनोटों के विनिमय के लिए प्रति पैकेट दो रूपया।

  2. कटे-फटे नोटों का न्यायनिर्णयन : प्रति नोट .2.00

iii)

काउंटरों पर सिक्कों का वितरण

  1. काउंटरों पर सिक्कों के वितरण लिए प्रति बैग .25/-

  2. बैंकों से दावों की प्रतीक्षा किये बगैर, मुद्रा तिजरियों से हुए निवल आहरण के आधार पर प्रोत्साहन का भुगतान किया जायेगा।

  3. यह सुनिश्चित करने के लिए कि खुदरा ग्राहकों को सिक्कों का वितरण अल्प मात्रा में किया जाता है न कि बड़े परिमाण में, बैंक जांच और संतुलन की प्रणाली कार्यान्वित करें।

  4. सिक्कों के वितरण का सत्यापन भारतीय रिज़र्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा मुद्रा तिजोरियों के निरीक्षण/शाखाओं में आकस्मिक दौरों के माध्यम से किया जायेगा।

iv)

कॉइन वेंडिंग मशीन की स्थापना

प्रोत्साहन का वर्तमान स्तर

  1. शहरी/महानगर केंद्रों में पूंजीगत व्यय के 50 प्रतिशत पूंजीगत लागत की प्रतिपूर्ति और ग्रामीण तथा अर्ध-शहरी केंद्रों में पूंजीगत व्यय के 75 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति।

  2. मुद्रा तिजोरी सहित वाणिज्य बैंकों के लिए लागू प्रति बैग . 25 के दर से राजस्व लागत की प्रतिपूर्ति अब शहरी सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (मुद्रा तिजोरी का रखरखाव नहीं करते हो तो भी) सहित सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों के लिए भी लागू होगी।

(v)

जनता को नकदी संबंधी खुदरा सेवाएं प्रदान करने वाली निम्नलिखित मशीनों की स्थापना-

  1. कॉईन पाउच वेंडिंग मशीन

  2. नोट पैकेट वेंडिंग मशीन

  3. कॅश एक्सेप्टर्स

  4. कॅश रिसाईकलर्स

  5. डेस्कटॉप बैंकनोट ऑथेन्टकेट मशीन

  6. निम्न मूल्यवर्ग के नोटों के लिए एटीएम वितरण मशीन

शहरी/महानगरी क्षेत्रों में मशीनों की लागत के 50 प्रतिशत(स्थापना लागत सहित) और अर्ध-शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 75 प्रतिशत।

 

(vi)

नोट सोर्टिंग मशीनों (एनएसएम) की स्थापना

क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, शहरी सहकारी बैंकों, और सभी लाईसेंसधारी राज्य सहकारी बैंकों एवं जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों के लिए लागू –
शहरी/महानगरी क्षेत्रों में मशीनों की लागत के 50 प्रतिशत और अर्ध-शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 75 प्रतिशत।

b) (i) क्षेत्रीय कार्यालयों में वास्तविक रूप से प्राप्त गंदे नोटों पर प्रोत्साहन का भुगतान किया जायेगा। बैंकों को अलग से दावा प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है। मुद्रा तिजोरी शाखाओं को सहलग्न शाखाओं को उनके द्वारा प्रस्तुत गंदे नोटों के लिए समानुपातिक आधार पर प्रोत्साहन हस्तांतरित करना होगा।

(ii) इसी तरह, गंदे नोट प्रेषणो के साथ प्राप्त अधिनिर्णित नोटों के संबंध मं प्रोत्साहन का भुगतान किया जायेगा। अलग से दावा प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है।

(iii) सिक्का वितरण मशीनों (सीवीएम), नोट सोर्टिंग मशीनों(एनएसएम) और जनता को नकदी संबंधी खुदरा सेवाएं प्रदान करने वाली सभी मशीनों की स्थापना के लिए प्रोत्साहन के दावे लेखापरीक्षक के प्रमाणपत्र के साथ 30 दिनों के भीतर तिमाही आधार पर आरबीआई के संबंधित निर्गम कार्यालय को उस बैंक के संपर्क कार्यालय के माध्यम से प्रस्तुत किया जाना चाहिए । कृपया यह सुनिश्वित करें कि सिक्कों की आपूर्ति या तो सीधे ही या सहलग्न योजना के माध्यम से की जाती है ताकि सीवीएम मशीनें कार्यरत बनी रहें।

3. दंड

क) नोटों और सिक्कों के विनिमय/ भारतीय रिज़र्व बैंक को भेजे गये प्रेषण/ मुद्रा तिजोरियों के परिचालन आदि में पायी गयी कमियों के लिए बैंकों पर लगाये जानेवाले दंड निम्नानुसार हैं:

क्रम सं.

अनियमितता का प्रकार

दंड

i)

गंदे नोट प्रेषणों और मुद्रा तिजोरी शेषों में कमियां

.50 तक के मूल्यवर्ग के नोटों के लिए
हानि की राशि के अतिरिक्त प्रति नोट रु. 50/-।
.100 और ऊपर के मूल्यवर्ग के नोटों के लिए

हानि की राशि के अतिरिक्त, प्रति नोट के मूल्यवर्ग के मूल्य के बराबर।

प्रति प्रेषण 100 और ऊपर के नोटों की कमियों के लिए तत्काल नामे किया जायेगा। संचित रूप से 100 नगों की सीमा तक पहुँचने पर दण्ड लगाया जाये।

ii.

गंदे नोट प्रेषणों और मुद्रा तिजोरी शेषों में पाये गये जाली नोट

बैंकों के गंदे नोट प्रेषण से एवं मुद्रा तिजोरी के अतिशेष में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जाली नोट पाये जाने पर, अब दंड की राशि जाली नोटों के अनुमानित मूल्य के तीन गुना होगी।

यदि भारतीय रिज़र्व बैंक के निरीक्षण, आकस्मिक निरीक्षण आदि में यह पाया जाता है कि बैंक शाखा या मुद्रा तिजोरी ने जाली नोट पाये हैं लेकिन उनकी सूचना भारतीय रिज़र्व बैंक या पुलिस को नहीं दी है, तो उस बैंक के खिलाफ भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा सख्त विनियामक कदम उठाये जायेंगे जिसमें कठोर अनुशासनिक कार्रवाई और/या मौद्रिक दंड लगाना शामिल है।

कोई भी जाली नोट पाये जानेपर, तत्काल दंड लगाया जायेगा।

iii.

गंदे नोट प्रेषणों और मुद्रा तिजोरी शेषों में पाये गये कटे-फटे नोट

मूल्यवर्ग को ध्यान में लिए बिना, प्रति नोट .50/-

प्रति प्रेषण 100 और ऊपर के नोटों की कमियों के लिए तत्काल नामे किया जायेगा। संचित रूप से 100 नगों की सीमा तक पहुँचने पर दण्ड लगाया जाये

iv.

मुद्रा तिजोरियों द्वारा परिचालनात्मक मार्गदर्शी सिद्धान्तों का अननुपालन भारतीय रिज़र्व बैंक के अधिकारियों द्वारा पाया जाना

  1. सीसीटीवी कार्यरत न होना।

  2. शाखा की नकदी/दस्तावेज़ सुरक्षा कक्ष में रखना।

  3. नोटों की सोर्टिंग के लिए एनएसएम का उपयोग न करना (काउंटरों पर प्राप्त उच्च मूल्यवर्ग के नोटों की सोर्टिंग के लिए या मुद्रा तिजोरी/भारतीय रिज़र्व बैंक को भेजे गये प्रेषण नोटों की सोर्टिंग के लिए एनएसएम का उपयोग न करना।)

प्रत्येक अनियमितता के लिए .5000 का दंड।

पुनरावृत्ति के मामले में, दंड .10,000 तक बढ़ाया जायेगा।

दंड तत्काल लगाया जायेगा।

v.

भारतीय रिज़र्व बैंक के साथ किये गये करार (मुद्रा तिजोरियां खोलने और उनके रखरखाव के लिए) की किसी भी शर्त का उल्लंघन या विनिमय सुविधाएं प्रदान करने से संबंधित सेवा में भारतीय रिज़र्व बैंक के अधिकारियों द्वारा पायी गयी कमी जैसे कि :

  1. सिक्कों का स्टॉक होने के बावजूद, किसी भी व्यक्ति को काऊंटर पर सिक्कों का वितरण न करना।

  2. गंदे नोटों के विनिमय के लिए, किसी बैंक शाखा द्वारा इन्कार किया जाना/ किसी भी व्यक्ति द्वारा प्रस्तुत कटे-फटे नोटों के न्यायनिर्णयन के लिए किसी मुद्रा तिजोरी शाखा द्वारा इन्कार किया जाना।

  3. मुद्रा तिजोरी शेषों का, उसकी अभिरक्षा से न जुडे हुए अधिकारियों द्वारा कम से कम दो माह के अंतराल पर और छ्ह महीने में एक बार नियंत्रक कार्यालय के अधिकारियों द्वारा आकस्मिक सत्यापन न किया जाना।

  4. अन्य बैंकों की सहलग्न शाखाओं को सुविधाएं/ सेवाएं देने से इन्कार करना।

  5. आम जनता और सहलग्न शाखाओं द्वारा प्रस्तुत निम्न मूल्यवर्ग (अर्थात . 50 और उससे कम मूल्यवर्ग) के नोटों को अस्वीकृत करना।

  6. मुद्रा तिजोरी शाखाओं द्वारा तैयार किये गये पुन: जारी करने योग्य नोटों के पैकेटों में कटे-फटे/जाली नोट पाये जाना।

करार के उल्लंघन/सेवा में कमी के लिए .10,000।

शाखा द्वारा करार के उल्लंघन /सेवा में कमी की 5 से अधिक घटनाओं के लिए .5 लाख। इस प्रकार लगाये गये दंड को सार्व‍जनिक वेबसाइट (पब्लिक डोमेन) पर डाला जायेगा।

दंड तत्काल लगाया जायेगा।

ख) विसंगतियों का स्वरूप निर्धारित करने के लिए, क्षेत्रीय कार्यालय के निर्गम विभाग के प्रभारी अधिकारी ही सक्षम प्राधिकारी होंगें जिनके क्षेत्राधेकार में चूककर्ता मुद्रा तिजोरी/ बैंक शाखा स्थित है।

ग) सक्षम प्राधिकारी के निर्णय के खिलाफ की जानेवाली अपील, बैंक को नामे करने के पश्चात 30 दिनों के भीतर संबंधित मुद्रा तिजोरी/शाखा के नियंत्रक कार्यालय द्वारा संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय के क्षेत्रीय निदेशक को की जाए, जो ऐसी अपील को स्वीकार/अस्वीकार करने का निर्णय लेंगे।

घ) स्टाफ नया होना/अप्रशिक्षित होना, स्टाफ में जानकारी का अभाव, सुधारात्मक उपाय किये गये हैं/ किये जाएंगे आदि विषयों पर दंड से छूट के लिए किये गये अपीलों पर विचार नहीं किया जाएगा।

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