भारत में मोबाइल बैंकिंग लेनदेन - बैंकों के लिए परिचालनात्मक दिशानिर्देश - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारत में मोबाइल बैंकिंग लेनदेन - बैंकों के लिए परिचालनात्मक दिशानिर्देश
आरबीआई/2014-15/337 04 दिसंबर 2014 अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय / महोदया भारत में मोबाइल बैंकिंग लेनदेन - बैंकों के लिए परिचालनात्मक दिशानिर्देश हमारे दिनांक 1 जुलाई 2014 के परिपत्र संदर्भ मास्टर परिपत्र आरबीआई/2014-15/104 डीपीएसएस.सीओ.पीडी.मोबाइल बैंकिंग सं.2/02.23.001/2014-15 का संदर्भ लें जिसमें मोबाइल बैंकिंग के संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा समेकित दिशा निर्देश जारी किए गए थे। 2. यह स्मरणीय है कि, भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों द्वारा ग्राहकों को मोबाइल बैंकिंग उपलब्ध कराने में पेश आने वाली चुनौतियों का अध्ययन करने के लिए (ग्राहक नामांकन और तकनीकी मुद्दे) और देश में मोबाइल बैंकिंग की पहुंच के विस्तार के लिए विकल्प / विकल्पों की जांच करने के लिए "मोबाइल बैंकिंग पर तकनीकी समिति" (अध्यक्ष श्री बी. संबमूर्ति) का गठन किया था। इन सिफारिशों को आगे ले जाने के लिए, बैंकों के समक्ष पेश आने वाले मुद्दों / चुनौतियों पर चर्चा के लिए और भारत में मोबाइल बैंकिंग सेवाओं को बढ़ाने के लिए एक ठोस रोडमैप तैयार करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने एक सम्मेलन का आयोजन किया था। इसके पश्चात “बैंकों द्वारा ऑन बोर्डिंग मोबाइल बैंकिंग ग्राहकों के लिए मानकों की स्थापना करने के लिए” विभिन्न हितधारकों के प्रतिनिधित्व वाले एक अनौपचारिक समूह का भी गठन किया गया, जिसने मोबाइल बैंकिंग सेवा तक पहुँच को व्यापक बनाने के लिए बैंकों और हितधारकों के प्रयासों को बढ़ाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्पणियां की हैं और कुछ सुझाव भी दिये हैं। 3. क्योंकि, बैंकों ने अलग –अलग समय में मोबाइल बैंकिंग सेवा प्रदान करना आरंभ किया है इसलिए मोबाइल बैंकिंग हेतु ग्राहकों के पंजीकरण के लिए बैंकों द्वारा अपनाई गई प्रक्रियाओं और साथ ही साथ सुपुर्दगी चैनलों और प्रमाणीकरण की प्रक्रिया में अंतर है। साधारणतया बैंक, मोबाइल बैंकिंग सेवाओं को एसएमएस, एप्लीकेशन आधारित सल्यूशन्स और यूएसएसडी चैनलों के माध्यम से प्रदान कर रहे हैं। बैंकों में जागरूकता और साथ ही साथ प्रक्रियाओं के मानकीकरण की कमी के कारण समस्या उत्पन्न हुई है जिसके कारण देश में अत्यधिक मोबाइल होने के बावजूद भी मोबाइल बैंकिंग सेवाएँ धीरे –धीरे बढ़ रही हैं। ये बात तब और भी महत्वपूर्ण हो जाती है जब ग्राहक अंतर – परिचालनीय मोबाइल बैंकिंग प्लेटफार्मों का उपयोग कर रहे हैं। 4. अत: ग्राहकों द्वारा एम पिन जनरेट करने के सुलभ विकल्पों सहित बाद में की जाने वाली प्रमाणीकरण की प्रक्रियाओं के साथ मोबाइल बैंकिंग के लिए ग्राहकों की ऑन बोर्डिंग (नए ग्राहक, मौजूदा खाता धारक जिनके मोबाइल नंबर बैंक के पास उपलब्ध हैं लेकिन उनके मोबाइल नंबर मोबाइल बैंकिंग हेतु पंजीकृत नहीं हैं और मौजूदा खाता धारक जिनके मोबाइल नंबर बैंक के पास उपलब्ध नहीं हैं) से संबंधित प्रक्रियाओं के और भी अधिक मानकीकरण की आवश्यकता है। 5. बैंकों को कई चैनलों के माध्यम से अपने ग्राहकों को मोबाइल बैंकिंग सेवाओं के लिए आसान पंजीकरण के लिए विकल्प प्रदान करने हेतु प्रयास करने चाहिए इस प्रकार ऐसी सेवाओं के लिए ग्राहकों को शाखा जाने की जरूरत कम पड़ेगी। मोबाइल बैंकिंग सेवाओं के लिए ग्राहकों के पंजीकरण और सेवा को सक्रिय करने में लगने वाला समय भी कम होना चाहिए। 6. उपर्युक्त तीन परिदृश्यों के तहत कुछ सुझाव और सर्वोत्तम प्रक्रियाएँ जिन्हें मोबाइल बैंकिंग के लिए ग्राहकों की ऑन बोर्डिंग / पंजीकरण के लिए बैंकों द्वारा अपनाया जा सकता है, अनुबंध में दिए जा रहे हैं। 7. इसी प्रकार, एम पिन जनरेशन की प्रक्रिया को तेज करने के लिए और अपने मोबाइल बैंकिंग के पंजीकृत ग्राहकों के लिए इस प्रक्रिया के विस्तार हेतु बैंक विभिन्न चैनलों / तरीकों को अपनाने पर विचार कर सकते हैं जैसे कि,
8. बैंकों को यह भी सूचित किया जाता है कि, वे मोबाइल बैंकिंग के पंजीकरण / सक्रिय करने और इसके उपयोग की प्रक्रिया को लोकप्रिय बनाने के लिए संचार के विभिन्न चैनलों के माध्यम से कई भाषाओं में ग्राहक शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रम आदि शुरू करें। 9. यह निर्देश भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम 2007 (2007 का अधिनियम 51) की धारा 18 के साथ पठित धारा 10 (2) के तहत जारी किया जाता है। 10. कृपया इस परिपत्र की प्राप्ति की सूचना दें। भवदीय (विजय चुग) मोबाइल बैंकिंग की पहुँच को बढ़ाने के लिए सुझाव / सर्वोत्तम प्रथाएं (ग्राहक पंजीकरण / ऑन बोर्डिंग) 1. नया ग्राहक: खाता खोलते समय
2. मौजूदा ग्राहक - बैंक में पंजीकृत ऐसे मोबाइल नंबर जो मोबाइल बैंकिंग के लिए सक्रिय नहीं किए गए हैं : चूंकि, मोबाइल नंबर का पंजीकरण पहले से ही हो चुका है और यह बैंक के पास उपलब्ध है (खाते के साथ जुड़ा हुआ है), बैंकों के द्वारा प्रत्येक अवसर पर मोबाइल बैंकिंग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए और भी अधिक व्यापक और अधिक सुलभ प्लेटफार्मों का भी उपयोग किया जाना चाहिए ताकि, अधिक से अधिक ग्राहकों को मोबाइल बैंकिंग सेवाओं के लिए रजिस्टर किया जा सके। ऐसे कुछ तरीके जिन्हें लक्षित ग्राहक जागरूकता कार्यक्रमों के लिए अपनाया जा सकता है, इस प्रकार हैं:
3. मौजूदा ग्राहक - बैंक में मोबाइल नंबर कहीं भी पंजीकृत नहीं है बैंकों को पहले अपने डेटाबेस में पंजीकरण के लिए और बाद में मोबाइल बैंकिंग पंजीकरण के लिए खाता धारकों के मोबाइल नंबर प्राप्त करने के तरीके खोजने चाहिए। इस प्रयोजन हेतु उपयोग किए जा सकने वाले कुछ विकल्प इस प्रकार हैं:
|