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एनबीएफसी- शेयर के बदले ऋण- स्पष्टीकरण

भारिबैं/2014-15/551
गैबैविवि(नीप्र)कंपरि.सं.028/03.10.001/2014-15

10 अप्रैल 2015

.100 करोड़ तथा उससे अधिक परिसंपत्ति आकारवाली सभी एनबीएफसी
(प्राथमिक व्यापारियों (पीडी) को छोड़कर)

महोदय,

एनबीएफसी- शेयर के बदले ऋण- स्पष्टीकरण

कृपया 21 अगस्त 2014 का हमारे परिपत्र गैबैंपवि(नीप्र)कंपरि.सं.408/03.10.001/2014-15 का अवलोकन करें। परिपत्र की व्यवहार्यता के संबंध में स्पष्टीकरण हेतु उद्योग भागीदारों से हमें कई प्रश्न प्राप्त हुए है। इस संबंध में निम्नलिखित स्पष्ट किया जाता है कि:

  1. उक्त परिपत्र असूचीबद्ध शेयर के लिए लागू नहीं होगा।

  2. एलटीवी अनुपात का 50% हमेशा बनाये रखने की आवश्यकता है। शेयर मूल्य में उतार चढाव के कारण यदि किसी भी समय एलटीवी अनुपात 50% से कम होता है तो 7 कार्यदिवस के अंदर उसे ठीक कर लेना होगा।

  3. . 5 लाख तथा उससे अधिक के ऋण के लिए संपार्श्विक जमानत के रूप में केवल ग्रूप 1 सिक्युरिटी (सेबी द्वारा जारी तथा समय समय पर संशोधित 11 मार्च 2003 का एसएमडी/नीति/परि-9 में विनिर्दिष्ट) की स्वीकार्यता के संबंध में शर्त तभी लागू होगी जब ऋण का प्रयोग केवल पूंजी बाजार में निवेश के लिए किया गया हो।

  4. स्टॉक एक्सचेंज़ को तिमाही आधार पर रिपोर्टिंग किया जाए।

भवदीय,

(सी डी श्रीनिवासन)
मुख्य महाप्रबंध


भारतीय रिज़र्व बैंक
गैर बैंकिंग विनियमन विभाग
केन्द्रीय कार्यालय
सेंटर I, विश्व व्यापार केन्द्र
कफ परेड, कोलाबा
मुंबई 400 005

अधिसूचना सं.गैबैंविवि(नीप्र)016/सीजीएम(सीडीएस)-2015

10 अप्रैल 2015

भारतीय रिजर्व बैंक, जनता के हित में यह आवश्यक समझकर और इस बात से संतुष्ट होकर कि देश के हित में ऋण प्रणाली को विनियमित करने के लिए, बैंक को समर्थ बनाने के प्रयोजन से 22 फरवरी 2007 की अधिसूचना सं. डीएनबीएस.192/डीजी(वीएल)-2007 में अंतविष्ट गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशियां स्वीकारने या धारण करने वाली) कंपनियां विवेकपूर्ण मानदण्ड ( रिजर्व बैंक) निदेश 2007 (इसके बाद इसे निदेश कहा जाएगा) को संशोधित करना आवश्यक है. भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 (1934 का 2) की धारा 45 ञक द्वारा प्रदत्त शक्तियों और इस संबंध में प्राप्त समस्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उक्त निदेश को तत्काल प्रभाव से निम्नवत संशोधित करने का निदेश देता है यथा-

1. पैराग्राफ 17एफ को निम्न रूप से पढा जाए:
17एफ. शेयर के बदले ऋण

100 करोड़ तथा उससे अधिक परिसंपत्ति आकार वाली सभी एनबीएफसी जो सूची बद्ध शेयर को जमानर रखकर ऋण कारोबार करती है उन्हें,

  1. शेयरों की संपार्श्विक जमानत के बदले मंजूर ऋण का 50% मूल्य की तुलना में ऋण (एलटीवी) अनुपात बनाये रखना होगा। 50% एलटीवी अनुपात हमेशा बनाये रखना होगा। शेयर मूल्य में उतार चढाव के कारण यदि किसी भी समय एलटीवी अनुपात का 50% से कम होता है तो 7 कार्यदिवस के अंदर उसे ठीक कर लेना होगा।

  2. ऐसे मामलों में जहां पूंजी बाजार में निवेश के लिए ऋण लिया गया है, वहाँ . 5 लाख से अधिक ऋण मूल्य, जो बैंक की समीक्षा के अधीन है, के लिए संपार्श्विक जमानत के रूप में केवल ग्रूप 1 प्रतिभूतियों को स्वीकार किया जाए (सेबी द्वारा जारी तथा समय समय पर संशोधित 11 मार्च 2003 का एसएमडी/नीति/परि-9 में विनिर्दिष्ट) ।

  3. ऋण प्राप्ति के लिए उधारकर्ताओं द्वारा उनके हित में गिरवी रखे गए शेयरों के संबंध में सूचना प्रत्येक तिमाही को अनुबंध VI में विनिर्दिष्ट फार्मेट के अनुसार स्टॉक एक्सचेंज को ऑन लाइन रिपोर्टिंग की जाए।

(सी डी श्रीनिवासन)
मुख्य महाप्रबंधक


भारतीय रिज़र्व बैंक
गैर बैंकिंग विनियमन विभाग
केन्द्रीय कार्यालय
सेंटर I, विश्व व्यापार केन्द्र
कफ परेड, कोलाबा
मुंबई 400 005

अधिसूचना सं.गैबैंविवि(नीप्र)017/सीजीएम(सीडीएस)-2015

10 अप्रैल 2015

भारतीय रिजर्व बैंक, जनता के हित में यह आवश्यक समझकर और इस बात से संतुष्ट होकर कि देश के हित में ऋण प्रणाली को विनियमित करने के लिए, बैंक को समर्थ बनाने के प्रयोजन से गैर प्रणालीगत महत्वपूर्ण गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशि नहीं स्वीकार करने और नहीं धारण करने वाली) कंपनी विवेकपूर्ण मानदंड (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2015 (जिसे इसके बाद निदेश कहा जाएगा), [27 मार्च 2015 की अधिसूचना सं. गैबैंविवि.008/सीजीएम(सीडीएस] को संशोधित करना आवश्यक है। भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 (1934 का 2) की धारा 45 ञक द्वारा प्रदत्त शक्तियों और इस संबंध में प्राप्त समस्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उक्त निदेश को तत्काल प्रभाव से निम्नवत संशोधित करने का निदेश देता है यथा-

1. पैराग्राफ 23 को निम्न रूप से पढा जाए:
23. शेयर के बदले ऋण

100 करोड़ तथा उससे अधिक परिसंपत्ति आकार वाली सभी एनबीएफसी जो सूची बद्ध शेयर को जमानर रखकर ऋण कारोबार करती है उन्हें,

  1. शेयरों की संपार्श्विक जमानत के बदले मंजूर ऋण का 50% मूल्य की तुलना में ऋण (एलटीवी) अनुपात बनाये रखना होगा। 50% एलटीवी अनुपात हमेशा बनाये रखना होगा। शेयर मूल्य में उतार चढाव के कारण यदि किसी भी समय एलटीवी अनुपात का 50% से कम होता है तो 7 कार्यदिवस के अंदर उसे ठीक कर लेना होगा।

  2. ऐसे मामलों में जहां पूंजी बाजार में निवेश के लिए ऋण लिया गया है, वहाँ . 5 लाख से अधिक ऋण मूल्य, जो बैंक की समीक्षा के अधीन है, के लिए संपार्श्विक जमानत के रूप में केवल ग्रूप 1 प्रतिभूतियों को स्वीकार किया जाए (सेबी द्वारा जारी तथा समय समय पर संशोधित 11 मार्च 2003 का एसएमडी/नीति/परि-9 में विनिर्दिष्ट) ।

  3. ऋण प्राप्ति के लिए उधारकर्ताओं द्वारा उनके हित में गिरवी रखे गए शेयरों के संबंध में सूचना प्रत्येक तिमाही को अनुबंध VI में विनिर्दिष्ट फार्मेट के अनुसार स्टॉक एक्सचेंज को ऑन लाइन रिपोर्टिंग की जाए।

(सी डी श्रीनिवासन)
मुख्य महाप्रबंधक


भारतीय रिज़र्व बैंक
गैर बैंकिंग विनियमन विभाग
केन्द्रीय कार्यालय
सेंटर I, विश्व व्यापार केन्द्र
कफ परेड, कोलाबा
मुंबई 400 005

अधिसूचना सं.गैबैंविवि(नीप्र)018/सीजीएम(सीडीएस)-2015

10 अप्रैल 2015

भारतीय रिजर्व बैंक, जनता के हित में यह आवश्यक समझकर और इस बात से संतुष्ट होकर कि देश के हित में ऋण प्रणाली को विनियमित करने के लिए, बैंक को समर्थ बनाने के प्रयोजन से प्रणालीगत महत्वपूर्ण गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशि नहीं स्वीकार करने और नहीं धारण करने वाली) कंपनी विवेकपूर्ण मानदंड (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2015 (जिसे इसके बाद निदेश कहा जाएगा), [27 मार्च 2015 की अधिसूचना सं. गैबैंविवि.009/सीजीएम(सीडीएस] को संशोधित करना आवश्यक है। भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 (1934 का 2) की धारा 45 ञक द्वारा प्रदत्त शक्तियों और इस संबंध में प्राप्त समस्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उक्त निदेश को तत्काल प्रभाव से निम्नवत संशोधित करने का निदेश देता है यथा-

1. पैराग्राफ 23 को निम्न रूप से पढा जाए:
23. शेयर के बदले ऋण

100 करोड़ तथा उससे अधिक परिसंपत्ति आकार वाली सभी एनबीएफसी जो सूची बद्ध शेयर को जमानर रखकर ऋण कारोबार करती है उन्हें,

  1. शेयरों की संपार्श्विक जमानत के बदले मंजूर ऋण का 50% मूल्य की तुलना में ऋण (एलटीवी) अनुपात बनाये रखना होगा। 50% एलटीवी अनुपात हमेशा बनाये रखना होगा। शेयर मूल्य में उतार चढाव के कारण यदि किसी भी समय एलटीवी अनुपात का 50% से कम होता है तो 7 कार्यदिवस के अंदर उसे ठीक कर लेना होगा।

  2. ऐसे मामलों में जहां पूंजी बाजार में निवेश के लिए ऋण लिया गया है, वहाँ . 5 लाख से अधिक ऋण मूल्य, जो बैंक की समीक्षा के अधीन है, के लिए संपार्श्विक जमानत के रूप में केवल ग्रूप 1 प्रतिभूतियों को स्वीकार किया जाए (सेबी द्वारा जारी तथा समय समय पर संशोधित 11 मार्च 2003 का एसएमडी/नीति/परि-9 में विनिर्दिष्ट) ।

  3. ऋण प्राप्ति के लिए उधारकर्ताओं द्वारा उनके हित में गिरवी रखे गए शेयरों के संबंध में सूचना प्रत्येक तिमाही को अनुबंध VI में विनिर्दिष्ट फार्मेट के अनुसार स्टॉक एक्सचेंज को ऑन लाइन रिपोर्टिंग की जाए।

(सी डी श्रीनिवासन)
मुख्य महाप्रबंधक

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