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निवासी व्यक्तियों द्वारा विदेशी प्रतिभूतियों का अधिग्रहण - एडीआर/जीडीआर संबद्ध कर्मचारी स्टॉक विकल्प योजना (ईएसओपी)

 

आरबीआइ/2004-05/202

ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.14

अक्तूबर 01, 2004

सेवा में

विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंक

मबेदया/मबेदय

निवासी व्यक्तियों द्वारा विदेशी प्रतिभूतियों का अधिग्रहण - एडीआर/जीडीआर संबद्ध कर्मचारी स्टॉक विकल्प योजना (ईएसओपी)

प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. पेमा.19/आरबी-2000 के विनियम 21(2) की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार रिज़र्व बैंक किसी भारतीय सॉफ्टवेअर कंपनी द्वारा किए गए आवेदन पर इसके निवासी कर्मचारियों (कार्यरत निदशकों समेत) को एडीआर/जीडीआर संबद्ध कर्मचारी स्टॉक विकल्प योजना (ईएसओपी) के अंतर्गत विदेशी प्रतिभूतियां खरीदने की अनुमति दे सकता है बशर्ते इसका प्रतिपल पांच कैलेंडर वर्षों के ब्लॉक में 50,000 अमरीकी डॉलर या इसके समकक्ष से अधिक न हो। बाद में भारत सरकार वित्त मंत्रालय द्वारा जारी दिनांक सितंबर 15, 2000 के मार्गदर्शी सिद्धांत (संलग्नक घ्) द्वारा ऐसे ईएसओपी सुविधा का विस्तार ज्ञान आधारित क्षेत्रों की सभी कंपनियों के कर्मचारियों को शामिल करने के लिए किया गया है।

2. सरकार ने अब यह निर्णय लिया है कि सितंबर 15, 2000 के उपर्युक्त मार्गदर्शी सिद्धांतों के दायरे में आनेवाले ज्ञान आधारित क्षेत्रों की सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा ईएसओपी के निर्गम को सेबी (कर्मचारी स्टॉक विकल्प और स्टॉक खरीद योजना) मार्गदर्शी सिद्धांत, 1999 द्वारा नियंत्रित किया जाएगा।

3. ऐसे ज्ञान आधारित क्षेत्रों की किसी गैर-सूचीबद्ध कंपनी द्वारा अपने कर्मचारियों को ईएसओपी के निर्गम का नियंत्रण एडीआर/ जीडीआर संबद्ध स्टॉक विकल्प के निर्गम के लिए भारत सरकार द्वारा जारी मार्गदर्शी सिद्धांतों द्वारा किया जाना जारी रहेगा।

4. एडीआर/जीडीआर संबद्ध ईएसओपी योजना के अंतर्गत विदेशी प्रतिभूतियों की खरीद के लिए अब से आगे, प्राधिवफ्त व्यापारी बैंव , प्रति पात्र कर्मचारी की वर्तमान सीम। पांच कैलेंडर वर्ष के एक ब्लॉक में, 50,000 अमरीकी डॉलर अथवा इसके समकक्ष राशि का प्रेषण, रिज़र्व बैंक के पूर्वानुमोदन के बगैर, इस बात पर संतुष्ट होने के बाद कि जारीकर्ता कंपनी ने सेबी/ सरकार के संबंधित मार्गदर्शी सिद्धांतों का अनुपालन किया है, कर सकते हैं। दिनांक जुलाई 24, 2004 के सरकारी प्रेस नोट एप. सं.15/14/2001-एनआरआइ की प्रतिलिपि संलग्न है (संलग्नक घ्घ्)।

5. विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण या निर्गम) विनियमावली, 2000 के आवश्यक संशोधन अलग से जारी किए जा रहे हैं।

6. प्राधिवफ्त व्यापारी बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत करा दें।

7. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है।

भावदीया

(ग्रेस कोशी)

मुख्य महाप्रबंधक

संलग्नक : यथोक्त

(अक्तूबर 01, 2004 के एपी(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.14 का संलग्नक)


संलग्नक-घ्

एप.सं.17/1/2000-एनआरआइ

भारत सरकार

वित्त मंत्रालय

आर्थिक कार्य विभाग

(निवेश प्रभाग)

नई दिल्ली, दिनांक सितंबर 15, 2000

भारतीय कंपनी द्वारा एडीआर/जीडीआर संबद्ध कर्मचारी स्टॉक

विकल्प के निर्गम के लिए मार्गदर्शी सिद्धांतों को उदार बनाना

जून 23, 1998 को एक प्रेस नोट के रूप में मार्गदर्शी सिद्धांत जारी किए गए थे, जिसमें भारतीय सॉफ्टवेअर कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को एडीआर/जीडीआर संबद्ध स्टॉक विकल्प के निर्गम के लिए परिचालनात्मक मानदंड और तौर तरीके दिए गए थे। सूचना प्रौद्योगिकी सॉफ्टवेअर और सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं में लगी हुई भारतीय कंपनियों तक इसके विस्तार के लिए संशोधन/ आशोधन सितंबर 16, 1998 को जारी किए गए थे। इन मार्गदर्शी सिद्धांतों को जून 16, 2000 को सरकार ने और आशोधित किया और इसके दायरे को उन कर्मचारियों तक बढ़ाया जो ईएसओपी के संबंध में सेबी के मार्गदर्शी सिद्धांतों के समान ईएसओपी के लिए पात्र होंगे तथा जो ईएसओपी के प्रयोजन के लिए सहायक कंपनी के कर्मचारियों को शामिल करते हैं। एडीआर/जीडीआर संबद्ध कर्मचारी स्टॉक विकल्प की सुविधा को परिचालित करनेवाली संशोधन अधिसूचना को सरकार ने "विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांड और सामान्य शेयरों के निर्गम के लिए योजना (डिपॉज़िटरी रसीद क्रियाविधि के माध्यम से)" के अंतर्गत नवंबर 10, 1999 को जारी किया है।

मार्गदर्शी सिद्धांत मार्च 23, 2000 को जारी किए गए जिसमें भारतीय कंपनियों द्वारा विदेशी कारोबार के अधिग्रहण के मानदंडों को उदार बनाया गया था तथा जिसके अनुसार :

  1. विदेशी कंपनियों के अधिग्रहण के मानदण्डों को सूचना प्रौद्योगिकी और मनोरंजन सॉफ्टवेअर, पार्मासुटिकल्स, बॉयोटेक्नॉलाजी तथा समय-समय पर सरकार द्वारा अधिसूचित ज्ञान आधारित क्षेत्र के दायरे में आनेवाले कोई अन्य कार्यकलाप और;
  2. विविध उत्पादवाले कंपनियों के मामले में जो उपर्युक्त क्षेत्रों से पण्यावर्त के 80 प्रतिशत के पात्र मानदंडों के अनुकूल नहीं हैं, ये उदारीवफ्त मानदंड लागू होंगे बशर्ते इन क्षेत्रों में उनका पिछले 3 वित्तीय वर्षों में 100 करोड़ रुपया औसत वार्षिक आयात अर्जन है।

यह निर्णय लिया गया है कि उपर्युक्त पैरा 2 में किए गए उल्लेख के अनुसार उदारीवफ्त मानदंडों को एडीआर/जीडीआर संबद्ध कर्मचारी स्टॉक विकल्प के निर्गम के संबंध में भी लागू किया जाए। इसका तात्पर्य यह होगा कि:

  1. निम्नलिखित ज्ञान आधारित क्षेत्रों में कार्यरत कंपनियां अपने अत्यधिक कुशल कार्मिकों को अपने पास रोक रखने के लिए एडीआर/जीडीआर संबद्ध कर्मचारी स्टॉक विकल्प के निर्गम के लिए पात्र होंगे;
    1. सूचना प्रौद्योगिकी (योजना आयोग द्वारा 25.07.1999 को जारी राजपत्र अधिसूचना की सिपारिश सं.19(क) और (ख) में दी गई परिभाषा के अनुसार) तथा मनोरंजन सॉफ्टवेयर;
    2. पार्मास्युटिकल्स;
    3. बॉयोटेक्नॉलाजी;
    4. समय-समय पर सरकार द्वारा अधिसूचित ज्ञान आधारित क्षेत्र के दायरे में आनेवाले कोई भी अन्य कार्यकलाप।

  2. ये उदारीवफ्त मानदंड विविध उत्पादोंवाली कंपनियों को भी उपलब्ध होंगी जो उपर्युक्त पैरा 3 में बताए गए क्षेत्रों से अपने पण्यावर्त के 80 प्रतिशत के मानदंड के अनुरूप नहीं है, यदि वे पिछले तीन वर्षों में इन क्षेत्रों से 100 करोड़ रुपए के औसत वार्षिक निर्यात अर्जन के शर्त को पूरा करती हैं।

ये मार्गदर्शी सिद्धांत तत्काल प्रभाव से लागू होंगे।

 

ह./-

(जी.एस. दत्त)

भारत सरकार के संयुक्त सचिव

(अक्तूबर 01, 2004 के एपी(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.14 का संलग्नक)


संलग्नक-घ्घ्

भारत सरकार

वित्त मंत्रालय

आर्थिक कार्य विभाग

(अनिवासी भारतीय कक्ष)

नई दिल्ली, दिनांक जुलाई 26, 2004

प्रेस विज्ञप्ति

भारतीय कंपनियों द्वारा एडीआर/जीडीआर संबद्ध कर्मचारी स्टॉक

विकल्प के निर्गम के लिए मार्गदर्शी सिद्धांतों में आशोधन

"विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांड और सामान्य शेयरों (डिपॉज़िटरी रसीद क्रियाविधि द्वारा) के निर्गम के लिए योजना" के अंतर्गत एडीआर/जीडीआर संबद्ध स्टॉक विकल्प के निर्गम के लिए जून 23, 1998 को प्रेस नोट के रूप में मार्गदर्शी सिद्धांत जारी किए गए थे। प्रयोग, क्षेत्र, पात्र कर्मचारियों, आदि तक इसके विस्तार के लिए समय-समय पर संशोधन/आशोधन किया गया।

2. भारतीय कंपनियों द्वारा स्टॉक विकल्प के निर्गम को नियंत्रित करनेवाले मार्गदर्शी सिद्धांतों को औचित्यपूर्ण बनाने के लिए सरकार ने निर्णय लिया है कि अब से आगे ज्ञान आधारित क्षेत्रों में सभी सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा कर्मचारी स्टॉक विकल्प के निर्गम सेबी (कर्मचारी स्टॉक विकल्प और स्टॉक खरीद योजना) मार्गदर्शी सिद्धांत, 1999 द्वारा नियंत्रित किए जाएंगे।

3. तथापि, ज्ञान आधारित क्षेत्रों में गैर-सूचीबद्ध भारतीय कंपनियां अपने कर्मचारियों को एडीआर/ जीडीआर संबद्ध स्टॉक विकल्प के निर्गम के लिए सरकार द्वारा जारी मार्गदर्शी सिद्धांतों के अंतर्गत नियंत्रित की जाती रहेंगी।

4. एडीआर/जीडीआर संबद्ध स्टॉक विकल्प के उपर्युक्त आशोधन विनियमों/ अनुदेशों की अधिसूचना के जारी होने की तारीख से प्रभावी होंगे।

ह./-

(आर. बैनर्जी)

भारत सरकार के संयुक्त सचिव

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