वित्तीय आस्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्रचना एवं प्रतिभूति हित का प्रवर्तन अधिनियम, 2002 (सरफेसी अधिनियम) की धारा 2(1)(एम) (iv) के अंतर्गत ‘वित्तीय संस्थान’ के रूप में अधिसूचना - आरबीआई - Reserve Bank of India
वित्तीय आस्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्रचना एवं प्रतिभूति हित का प्रवर्तन अधिनियम, 2002 (सरफेसी अधिनियम) की धारा 2(1)(एम) (iv) के अंतर्गत ‘वित्तीय संस्थान’ के रूप में अधिसूचना
भारिबैं/2021-22/91 25 अगस्त 2021 सभी आवास वित्त कंपनियाँ (एचएफ़सी) महोदया/महोदय, वित्तीय आस्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्रचना एवं प्रतिभूति हित का प्रवर्तन अधिनियम, 2002 (सरफेसी अधिनियम) की धारा 2(1)(एम) (iv) के अंतर्गत ‘वित्तीय संस्थान’ के रूप में अधिसूचना कृपया मास्टर निदेश - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - हाउसिंग वित्त कंपनी (रिजर्व बैंक) निदेश, 2021 के पैरा 105 का संदर्भ ग्रहण करें जिसमें सरफेसी अधिनियम की धारा 2(1)(एम)(iv) के अंतर्गत ‘वित्तीय संस्थान’ के रूप में एचएफसी की अधिसूचना के लिए कुछ मानदंड निर्धारित किए गए हैं। 2. इस संबंध में भारत सरकार ने 17 जून 2021 के अपने गजट अधिसूचना संख्या एस.ओ.2405(ई) के माध्यम से राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987 की धारा 29ए (5) के अंतर्गत पंजीकृत और 100 करोड़ रुपये और उससे अधिक की आस्ति वाले एचएफसी को सरफेसी अधिनियम, 2002 की धारा 2(1)(एम)(iv) के तहत वित्तीय संस्थान के रूप में अधिसूचित किया है। भारत सरकार के उपर्युक्त गजट अधिसूचना के अनुसार ‘वित्तीय संस्थान’ के रूप में अधिसूचना के मानदंडों में संशोधन को ध्यान में रखते हुए उपरोक्त मास्टर निदेश के पैरा 105 के अंतर्गत निर्धारित मानदंडों को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाता है। 3. मास्टर निदेश - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - हाउसिंग वित्त कंपनी (रिजर्व बैंक) निदेश, 2021 को तदनुसार संशोधित किया जा रहा है। भवदीय, (जे. पी. शर्मा) |