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अधिसूचना सं.: फेमा 71/2002-आरबी दिनांक 7 सितंबर 2002

भारतीय रिज़र्व बैंक
विदेशी मुद्रा विभाग
केंद्रीय कार्यालय
मुंबई 400 001.

अधिसूचना सं.फेमा 71/2002-03/आरबी


दिनांक 7 सितंबर, 2002

अधिसूचना सं.: फेमा 71/2002-आरबी दिनांक 7 सितंबर 2002

विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6, धारा 7, धारा 8 , धारा 9 और धारा 47 द्वारा प्रदत्त अधिकारों तथा इस संबंध में दिये गये अन्य अधिकारों का प्रयोग करते हुए,भारतीय रिज़र्व बैंक निम्नलिखित विनियमावली बनाता है, अर्थात्,

1. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ

(i) ये विनियम विदेशी मुद्रा प्रबंध (अपतटीय बैंकिंग इकाई ) विनियमावली 2002 कहलाएंगे ।

(ii) ये विनियम राजकीय राजपत्र में अपने प्रकाशन की तारीख को लागू होगी।

2. परिभाषाएं :- इन नियमों में, जब तक तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो ;

i) " अधिनियम" से विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) अभिप्रेत है ;

ii) "अपटीय बैंकिंग इकाई" से बैंककारी विनियमन अधिनियम,1949(1949 का 10) की धारा 23की उप-धारा (1) के परंतुक (क) के तहत जारी प्राधिकार प्राप्त विशेष आर्थिक अंचल में स्थित बैंक की शाखा अभिप्रेत है।

iii) "विनियमावली" से अधिनियम के अधीन बनाए गए विनियम अभिप्रेत हैं;

iv) "विशेष आर्थिक अंचल" से भारत सरकार द्वारा अधिसूचित विशेष आर्थिक अंचल अभिप्रेत हैं;

v) उन शब्दों तथा अभिव्यक्तियों के, जो इन नियमों में परिभाषित नहीं है किंतु अधिनियम में परिभाषित हैं, वही अर्थ होंगे,जो अधिनियम में है ।

अध्याय
भाग I

3. एक अपटीय बैंकिंग इकाई स्थापित कने वाले बैंक के प्राधिकृत व्यापारी की कुछ भी हैसियत होते हुए भी भारतीय रिज़र्व बैंक जब तक अन्यथा निर्देश नहीं देता, अधिनियम के नियमों, अथवा उनके अधीन बनाए गए विनियमों के प्रयोजन से प्राधिकृत व्यापारी नहीं माना जायेगा।

4. इन विनियमों , अथवा भारतीय रिज़र्व बैंक की अनुमति के सिवाय किन्हीं अन्य विनियमों की कोई बात एक अपटीय बैंकिंग इकाई पर लागू नहीं होगी।

5. इन विनियमों में,अथवा किन्हीं अन्य विनियमों अथवा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा दिये गए निर्देश में जैसा अन्यथा उपबंधित है के सिवाय एक अपटीय बैंकिंग इकाई भारत के निवासियों के साथ कोई कारोबार अथवा लेनदेन नहीं करेगी।

भाग II
अपटीय बैंकिंग इकाई द्वारा किए जाने वाले लेनदेन

6. एक अपटीय बैंकिंग इकाई भारत में किसी प्राधिकृत व्यापारी के साथ केवल मूल से मूल के आधार पर विदेशी मुद्रा लेनदेन कर सकती है ।
7. एक अपटीय बैंकिंग इकाई , ऐसे कारोबार नियंत्रित करने वाले विनियमों में विनिर्दिष्ट शर्तों तथा सीमाओं के अधीन ,विशेष आर्थिक अंचल में स्थित इकाई से उस सीमा तक विदेशी मुद्रा कारोबार कर सकती है , जहाँ तक कि वह इसके लिए पात्र हो अथवा ऐसा कारोबार कर सके ।

8. एक अपटीय बैंकिंग इकाई का बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 6 की उप-धारा (1) में उल्लिखित किसी प्रकार के कारोबार में कार्यरत होना केवल विदेशी मुद्रा में होगा और वह भी इन विनियमों तथा उक्त अधिनियम के तहत जारी लाइसेंस अधीन होगा ।

(के.जी.उदेशी)
कार्यपालक निदेशक

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