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भारत में विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) की  इकाई द्वारा विदेशी मुद्रा खाता खोलना, धारण करना और बनाए रखना

भारतीय रिज़र्व बैंक
विदेशी  मुद्रा  विभाग
केन्द्रीय कार्यालय
मुंबई-400001

ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.28

03 अक्तूबर 2002

विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी
महोदय/महोदया

भारत में विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) की  इकाई द्वारा विदेशी मुद्रा खाता खोलना, धारण करना और बनाए रखना

प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में रहने वाले किसी व्यक्ति का विदेशी मुद्रा खाता) नियमावली, 2000  से संबंधित 27 फरवरी 2001 की अधिसूचना सं. फेमा.37/2001-आरबी की ओर आकर्षित किया जाता है जिसमें 21 जून 2002 की अधिसूचना सं. फेमा.63/2001-आरबी (प्रतिलिपि संलग्न) द्वारा संशोधन किया गया है।

2. उपर्युक्त अधिसूचना के पैरा 6अ के अनुसार भारत में विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) की इकाई को किसी प्राधिकृत व्यापारी के पास अधिसूचना में निर्दिष्ट शर्तों पर विदेशी मुद्रा खाता खोलने, धारण करने और बनाए रखने की अनुमति दी जा सकती है।

3. विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) की इकाई के विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाते के लिए उपर्युक्त विनियम की अनुसूची से विशेष प्रावधान वाला पैरा 5 हटा दिया गया है।

4. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने सभी  संबंधित घटकों अवगत कराएं ।

5.  इस परिपत्र में समाहित निर्देश विदेशी मुदा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 की 42) धारा 10(4) और धारा 11 (1) के अधीन जारी किए गए हैं।

भवदीया

(ग्रेस कोसी  )
मुख्य महाप्रबंधक


भारतीय रिज़र्व बैंक
विदेशी मुद्रा विभाग
केंद्रीय कार्यालय
मुंबई

अधिसूचना सं.फेमा.63/2002-आरबी

दिनांक : 21 जून 2002

विदेशी मुद्रा प्रबंध  ( भारत में निवासी किसी व्यक्ति द्वारा विदेशी करेंसी खाता) ( तीसरा संशोधन) विनियमावली, 2002

विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 9 के खण्ड (बी) तथा धारा 47 की उपधारा (2) के खंड (ई) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और 27 फरवरी 2001 की अधिसूचना सं. फेमा.37/2001-आरबी के अधिक्रमण में भारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत के निवासी किसी व्यक्ति का विदेशी मुद्रा खाता) विनियमावली, 2000 में निम्नलिखित संशोधन करता है, अर्थात्,

1. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ :-

(i) इन विनियमों को  विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी किसी व्यक्ति का विदेशी मुद्रा खाता) (तीसरा संशोधन) विनियमावली, 2002 कहा जायेगा ।

(ii) ये सरकारी राजपत्र में उनके प्रकाशन की तिथि से लागू होंगे।

विनियमों में संशोधन :-

2. विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी किसी व्यक्ति का विदेशी मुद्रा खाता) विनियमावली, 2000 (इसके पश्चात यह  "उक्त विनियमावली " कहा जायेगा) में विनियमावली के पैरा 6 के पश्चात निम्नलिखित पैरा  शामिल किया जाएगा, अर्थात्

" 6अ. विशेष आर्थिक क्षेत्र में इकाई का विदेशी मुद्रा खाता।"

विशेष आर्थिक क्षेत्र में  स्थित इकाई भारत में प्राधिकृत व्यापारी के साथ विदेशी मुद्रा खोल सकता है, धारण कर सकता है तथा उसे रख सकता है बशर्ते ;

(क) विशेष आर्थिक क्षेत्र की इकाई  द्वारा प्राप्त सभी विदेशी मुद्रा निधियों को इस प्रकार के खाते में जमा किया गया हो;

(ख) भारत में रुपयों के तहत खरीदी गई विदेशी मुद्रा भारतीय रिज़र्व बैंक की पूर्व अनुमति के बिना खाते में जमा न की गयी हो;

(ग) खाते में रखी गयी निधियों का उपयोग भारत के निवासी या अन्य के साथ विशेष आर्थिक क्षेत्र  की इकाई के वास्तविक व्यापारी लेनदेनों के लिए ही किया जाये;

(घ) खाते की बकाया राशि को भारत सरकार की 3 मई 2000 की अधिसूचना सं जीएसआर.381(ई) की अनुसूची III की मद 3 और 4 को छोड़कर, नियम 5 के अंतर्गत लगाये गये प्रतिबंधों से छुट दी जाए। बशर्ते इसके अलावा इन खातों में जमा निधि जो किसी भी प्रकार से विशेष आर्थिक क्षेत्र की इकाई नहीं होने के कारण ऐसे किसी भी भारत के निवासी व्यक्ति अथवा इकाई को उधार नहीं दी जाए अथवा उपलब्ध न करायी जाए।"

3. विनियम की अनुसूची के विद्यमान पैरा 5 को निकाल दिया जाए ।

(कि.ज.उदेशी)
कार्यपालक निदेशक

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