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समुद्रपारीय निवेश - कर्मचारी स्टॉक विकल्प योजना (ईएसओपी) के तहत उदारीकरण

आरबीआइ/2005-06/353
ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.30

अप्रैल 05, 2006

सेवा में
विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक

महोदया/महोदय

समुद्रपारीय निवेश - कर्मचारी स्टॉक विकल्प योजना (ईएसओपी) के तहत उदारीकरण

प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित जुलाई 7, 2004 की अधिसूचना सं.फेमा.120/आरबी-2004 की ओर आकर्षित किया जाता है।

2. भारत के बाहर निवेश के लिए विनियमों को औचित्यपूर्ण बनाने हेतु वर्तमान विनियमों में निम्नलिखित परिवर्तन करने का निर्णय लिया गया है:

3. कर्मचारी स्टॉक विकल्प योजना (ईएसओपी) स्वत:अनुमोदित मार्ग

3.1 वर्तमान में, समय-समय पर यथासंशोधित जुलाई 7, 2004 की अधिसूचना सं. फेमा 120/आरबी-2004 के विनियम 22(2) के अनुसार, कर्मचारी स्टॉक विकल्प योजना (ईएसओपी) के लिए बगैर किसी मौद्रिक सीमा के प्रेषण की अनुमति देने हेतु प्राधिकृत व्यापारी को अधिकार सौंपे गए हैं बशर्ते भारतीय कंपनी में ईएसओपी का प्रस्ताव देनेवाली विदेशी कंपनी की प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप में स्टेक धारिता (अर्थात् स्पेशल परपस वेहिकल अथवा स्टेप डाउन सब्सिडियरी) कम-से-कम 51 प्रतिशत हो। फिर भी कमर्चारी स्टॉक विकल्प योजना के तहत शेयर का प्रस्ताव देनेवाली कंपनी को सीधे ऐसे प्रेषण भेजने की अनुमति है। तथापि, विदेशी कंपनी को ईएसओपी योजना के तहत कर्मचारियों को जारी शेयरों की उनसे पुन: खरीद के लिए रिज़र्व बैंक की पूर्व अनुमति जरूरी है।

3.2 औचित्यीकरण के एक उपाय के रूप में यह निर्णय लिया गया है कि योजना के परिचालन के तरीकों पर ध्यान दिए बगैर ईएसओपी योजना के तहत शेयर प्राधिकृत व्यापारी बैंकों के अधिग्रहण करने के लिए प्रेषण की अनुमति दी जाए। अत: ईएसओपी योजना के तहत शेयरों के अधिग्रहण

हेतु प्रेषण की अनुमति देना प्राधिकृत व्यापारी बैंकों के लिए उचित होगा जहां योजना के तहत शेयरों का प्रस्ताव जारीकर्ता कंपनी द्वारा प्रत्यक्षत: अथवा किसी ट्रस्ट/ स्पेशल परपस वेहिकल/ स्टेप डाऊन सब्सिडियरी के माध्यम से अप्रत्यक्ष रूप से किया जाता है बशर्ते (व) शेयरों की जारीकर्ता कंपनी का प्रभावी, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में भारतीय कंपनी में जिसके कर्मचारी/ निदेशकों को शेयर दिए जा रहे हैं, ईक्विटी में धारिता 51 प्रतिशत से कम नहीं है, (वव) ईएसओपी योजना के तहत जारीकर्ता कंपनी वैश्विक रूप से समरूप आधार पर शेयर का प्रस्ताव देती है, तथा (ववव) इस परिपत्र के संलग्नक घ् के अनुसार भारतीय कंपनी प्रेषणों/ लाभार्थियों आदि के ब्योरे देते हुए प्राधिकृत व्यापारी बैंक के माध्यम से रिज़र्व बैंक को वार्षिक विवरणी प्रस्तुत करती है।

3.3 आगे यह भी निर्णय लिया गया है कि विदेशी कंपनियों को ईएसओपी योजना के तहत भारत में निवासियों को जारी शेयरों के पुन: खरीद की सामान्य अनुमति दी जाए बशर्ते (व) विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 के तहत बनाए गए नियमों/ विनियमों के अनुसार शेयर जारी किए गए हैं, (वव) प्राथमिक प्रस्ताव दस्तावेज के अनुसार शेयर पुन: खरीदे जा रहे हैं, तथा (ववव) इस परिपत्र के अनुबंध घ्घ् के अनुसार प्रेषणों/ लाभार्थियों आदि के ब्योरे देते हुए प्राधिकृत व्यापारी बैंक के माध्यम से वार्षिक विवरणी प्रस्तुत की जाती है।

4. नामित शाखाओं के माध्यम से रिपोर्टिंग

4.1 वर्तमान में भारत से बाहर स्थित संयुक्त उद्यमों/ पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक कंपनियाें में निवेश करनेवाली पात्र भारतीय कंपनी को निवेश से संबंधित अपने सभी लेनदेन उसके द्वारा नामित किसी प्राधिकृत व्यापारी बैंक की एक शाखा के माध्यम से करना पड़ता है। फिर भी, भारतीय निवेशकर्ता/ प्रवर्तक उसके द्वारा भारत से बाहर प्रवर्तित विभिन्न संयुक्त उद्यमों/ पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक कंपनियाें के लिए प्राधिकृत व्यापारी बैंकों के भिन्न-भिन्न प्राधिकृत व्यापारी बैंकों/शाखाओं को नामित करने के लिए स्वतंत्र हैंं।

4.2 प्राधिकृत व्यापारी बैंकों के माध्यम से भारत के बाहर निवेश/ विनिवेश में प्रगति से उनके नामित शाखाओं को अवगत कराने के लिए यह निर्णय लिया गया है कि भारत के बाहर निवेश के संबंध में भारतीय पार्टियों द्वारा रिज़र्व बैंक को किए गए सभी पत्राचार प्राधिकृत व्यापारी बैंक की शाखा के माध्यम से, जिसे निवेश के लिए भारतीय निवेशकर्ता ने नामित किया है भेजे जाएं। रिज़र्व बैंक को अपने ग्राहकों से प्राप्त अनुरोध भेजते समय प्राधिकृत व्यापारी अनुरोध पर अपनी टिप्पणियों/ सिफारिश भी भेजें।

5. विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा जारी करना) विनियमावली, 2004 में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किए जा रहे हैं।

6. प्राधिकृत व्यापारी बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत करा दें।

7. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है।

भवदीय

 

(विनय बैजल)

प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक


संलग्नक 1

ड अप्रैल 30, 2006 के एपी (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.30 का संलग्नक

मार्च ---------------- को समाप्त वर्ष में कर्मचारी स्टॉक विकल्प योजना के अंतर्गत भारतीय कर्मचारियों / निदेशकों को आबंटित किये गये शेयरों का विवरण।

(कंपनी के लेटर हेड पर उनके प्राधिकृत व्यापारी बैंक के माध्यम से प्रस्तुत किया जाये)

हम, मेसर्स______________________(भारतीय कंपनी) एतद्द्वारा घोषित करते हैं कि

क) मेसर्स________________________ (विदेशी कंपनी) ने कर्मचारी स्टॉक विकल्प योजना के अंतर्गत वर्ष के दौरान हमारे कर्मचारियों को निम्नानुसार शेयर जारी किया है।

    1. आबंटित शेयरों की संख्या :
    2. शेयर स्वीकार करने वाले कर्मचारियों/ निदेशकों की संख्या :
    3. भेजी गई राशि :

ख) 31 मार्च _____________________ को भारतीय कंपनी में विदेशी कंपनी मेसर्स_____________________की प्रभावी धारिता 51% से कम न हो; और

ग) उपर्युक्त जानकारी हमारी सूचना और विश्वास के अनुसार सत्य और सही है।

प्राधिकृत अधिकारी के हस्ताक्षर :

नाम :

पदनाम :

दिनांक :

प्रति

मुख्य महा प्रबंधक

भारतीय रिज़र्व बैक

विदेशी मुद्रा विभाग

समुद्रपारीय निवेश प्रभाग

केन्द्रीय कार्यालय

अमर भवन, 3री मंजिल

सर पी.एम.मार्ग

मुंबई 400 001


संलग्नक 11

डअप्रैल 5, 2006 के एपी (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.30 का संलग्नक

मार्च ---------------- को समाप्त वर्ष के लिए ईएसओपी योजना के अंतर्गत भारतीय कर्मचारियों / निदेशकों से शेयर जारी करने वाली कंपनी द्वारा पुन: खरीदे गये शेयरों का विवरण।

(कंपनी के लेटर हेड पर उनके प्राधिकृत व्यापारी बैंक के माध्यम से प्रस्तुत किया जाये)

हम, मेसर्स______________________(भारतीय कंपनी) एतद्द्वारा घोषित करते हैं कि

क) मेसर्स________________________ (विदेशी कंपनी) ने वर्ष के दौरान ईएसओपी योजना के अंतर्गत हमारे कर्मचारियों को जारी _____________________शेयरों की पुन: खरीद की है,

    1. पुन: खरीदे गये शेयरों की संख्या :
    2. शेयर बेचनेवाले कर्मचारियों / निदेशकों की संख्या :
    3. प्रेषण राशि (आवक) : :

ख) 31 मार्च __________________ को भारतीय कंपनी में विदेशी कंपनी मेसर्स_____________________ की प्रभावी धारिता 51% से कम न हो; और

ग) उपर्युक्त जानकारी हमारी सूचना और विश्वास के अनुसार सत्य और सही है।

प्राधिकृत अधिकारी के हस्ताक्षर :

नाम :

पदनाम :

दिनांक :

प्रति

मुख्य महा प्रबंधक

भारतीय रिज़र्व बैक

विदेशी मुद्रा विभाग

समुद्रपारीय निवेश प्रभाग

केन्द्रीय कार्यालय

अमर भवन, 3री मंजिल

सर पी.एम.मार्ग

मुंबई 400 001.

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