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समुद्रपारीय निवेश

भारतीय रिज़र्व बैंक
विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग
केद्रीय कार्यालय
मुंबई

ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिक्रम क्र.66

जनवरी 13. 2003

सेवा में
विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी

महोदया/महोदय,

समुद्रपारीय निवेश

प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान समय समय पर संशोधित मई 3, 2000 की रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं. फेमा 19/आरबी 2000 द्वारा अधिसूचित किए गए विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 की ओर आकृष्ट किया जाता है।

2. वर्तमान में, निवासियों को संयुक्त उद्यम अथवा पूर्ण स्वाधिकृत अनुषंगी कंपनियों को स्थापित करने के माध्यम के सिवाय समुद्रपारीय पंजीकृत कंपनियों की ईक्विटी में निवेश करने के लिए अनुमति नहीं है। अब निम्नलिखित प्रकारकी छूट देने का यह निर्णय किया गया है।

(i) कंपनी

सूचीबद्ध भारतीय कंपनियाँ, विदेश की कंपनियों में निवेश करने के लिए अनुमत हैं। (क) मान्यताप्राप्त स्टॉक एक्स्चेंज में सूचीबद्ध और (ख) भारत में मान्यताप्राप्त स्टाक एक्सचेंज में सूचीबद्ध भारतीय कंपनी में कम से कम 10 प्रतिशत शेयर धारिता वाली हो (निवेश के वर्ष में 1 जनवरी को) इस प्रकार के निवेश, नवीनतम लेखा-परीक्षित तुलन पत्र की तारीख को भारतीय कंपनी के शुद्ध मालियत के 25 प्रतिशत से अधिक न हों।

(ii) व्यक्ति

निवासी व्यक्ति बिना किसी मौद्रिक सीमा के उक्त (i) में दर्शाई गई समुद्रपारीय कंपनियों में निवेश करने के लिए अनुमत हैं।

(iii) म्युच्युअल फंडो द्वारा निवेश

वर्तमान में म्युचुअल फंड (एडीआर/जीडीआर) और रेटिंग प्राप्त के लिखतों में 500 मिलियन अमरीकी डॉलर की समग्र कैप तक निवेश करने कें लिए अनुमत हैं। अब म्युचअल फंडों को भी उक्त (i) में दर्शाई गई समुद्रपारीय कंपनियों की ईक्विटी में निवेश करने की अनुमति देने का निर्णय किया गया है। समग्र कैप को बढ़ाकर 1 बिलियन अमेरीकी डॉलर करने का भी निर्णय किया गया। तद्नुसार, इस सुविधा को प्राप्त करने के इच्छुक म्युचअल फंड इसी तरह सेबी से आवश्यक अनुमति प्राप्त करने के पश्चात् रिज़र्व बैंक से संपर्क करें।

3. उक्त छूट निम्नलिखित के अधीन होगी :-

क) सभी लेनदेन नामित प्राधिकृत व्यापारी के माध्यम से ओं और रुपये में प्राप्त भुगतान निवेशक के बैंक खाते के माध्यम से हों।

ख) प्राधिकृत व्यापारी प्रेषणों को अनुमति देने से पहले सुनिश्चित करें कि उक्त पैरा 2 में निर्धारित शर्तों के अनुसार ही निवेश किया जाए अर्थात् ऐसे निवेश समुद्रपारीय मान्यताप्राप्त स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कंपनियों मे और इसके बदले में उसकी भारत में मान्यताप्राप्त स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध भारतीय कंपनी की कम से कम 10 प्रतिशत शेयर धारिता हो।

ग) प्राधिकृत व्यापारी अपने पास निवेशों के पूरे ब्योरे, जैसे, निवेशक कंपनी और जिसमे निवेश किया गया उनका नाम, पता और धारित प्रतिभूतियों के ब्योरे रखें।

घ) प्राधिकृत व्यापारी खरीद/बिक्री से संबंधित अनुमत/प्राप्त किए गए प्रेषणों की राशि और उक्त श्रेणियों के बकाया शुद्ध निवेश दर्शानेवाला मासिक विवरण संबंधित महीने के अगले महीने की 10 तारीख को या उससे पहले, मुख्य महाप्रबंधक, विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग, समुद्रपारीय निवेश प्रभाग, मुंबई को अग्रेषित करें। रिपोर्टिंग हेतु फार्मेंट अलग से सूचित किया जा रहा है।

4. उक्त छूट, समीक्षा के अधीन, जून 30, 2003 की अवधि तक प्रभावी रहेगी।

5. विदेशी मुद्रा प्रबंध विनियमावली 2000 में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किए जा रहे हैं।

6. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय-वस्तु से संबंधित ग्राहको को अवगत करा दें।

7. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं।

भवदीय,

(जी पदमनाभन)
प्रभारी महाप्रबंधक

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