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कृषि ऋण माफी और ऋण राहत योजना, 2008 की कार्यनिष्पादन लेखा परीक्षा

भारिबैं/2012-13/377
ग्राआऋवि.केंका.एफएसडी.सं.बीसी. 58/05.04.02/2012-13

14 जनवरी 2013

अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक
मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक तथा स्थानीय क्षेत्र बैंक

महोदय/महोदया

कृषि ऋण माफी और ऋण राहत योजना, 2008 की
कार्यनिष्पादन लेखा परीक्षा

जैसा कि आप जानते हैं कृषि ऋण माफी और ऋण राहत योजना (एडीडब्ल्यूडीआरएस), 2008 की कार्यनिष्पादन लेखा परीक्षा नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) के कार्यालय द्वारा की जा रही है । सीएजी के अधिकारियों के साथ 7 दिसम्बर 2012 को हुए एक्जिट सम्मेलन के दौरान उक्त योजना के कार्यान्वयन के संबंध में निम्नलिखित प्रमुख टिप्पणियां की गई हैं :

  1. उक्त योजना के अंतर्गत किसानों के अपात्र खातों को लाभ प्रदान किए गए । लेखा-परीक्षा में ऐसी घटनाएं नोट की गई कि जिसमें अपात्र किसानों को लाभ प्रदान करने के लिए हेरा-फेरी (टेम्‍परींग) किए जाने, उपरिलेखन (ओवरराइटिंग), अपर्याप्‍त प्रलेखीकरण आदि बातें की जाने के उदाहरण पाए गए ।

  2. लाभ सीधे किसानों को ही प्रदान किए जाने थे, पंरतु कुछ मामलों में एमएफआई को दिए गए ऋणों के लिए दावा किया गया तथा संवितरण किया गया ।

  3. पात्र खातों को कम/अधिक लाभ प्रदान किए गए ।

  4. बैंकों को अननुमत प्रभारों की प्रतिपूर्ति की गई ।

  5. ऋण माफी तथा ऋण राहत प्रमाण पत्र जारी नहीं किए गए।

  6. नए ऋणों से संबंधित परिणामों पर निगरानी नहीं रखी गई।

2. उपर्युक्त के परिप्रेक्ष्य में भारत सरकार ने इच्छा व्यक्त की है कि सभी संबंधित संस्‍थाओं द्वारा तत्काल निवारक उपाय किए जाने चाहिए । सीएजी द्वारा संवीक्षा किए गए विशिष्ट मामलों के ब्योरे तथा उस पर उनकी टिप्पणियां बैंकों के पास पहले ही मौजूद है, अत: अनुरोध है कि आप ऐसे क्षेत्रों में निम्नलिखित कार्रवाई करें ।

i) उक्त योजना के अंतर्गत किसानों के अपात्र खातों को लाभ प्रदान किए गए । लेखा-परीक्षा में ऐसी घटनाएं नोट की गई कि जिसमें अपात्र किसानों को लाभ प्रदान करने के लिए हेरा-फेरी (टेम्‍परींग) किए जाने, उपरिलेखन (ओवरराइटिंग), अपर्याप्‍त प्रलेखीकरण आदि बातें की जाने के उदाहरण पाए गए ।

i) ऐसे अपात्र लाभार्थियों से ऐसी राशि की वसूली।
ii) बैंक अधिकारियों तथ लेखा-परीक्षकों की जिम्मेदारी निर्धारित करना ।
iii) रिकार्डों को हेरा-फेरी करने जैसे मामलों में एफआइआर दर्ज करने पर विचार करना।

ii) लाभ सीधे किसानों को ही प्रदान किए जाने थे, पंरतु कुछ मामलों में एमएफआई को दिए गए ऋणों के लिए दावा किया गया तथा संवितरण किया गया ।

i) ऐसे संवितरण के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की जिम्मेदारी निर्धारित करना।
ii) ऐसी राशि की वसूली।

iii) पात्र खातों को कम/अधिक लाभ प्रदान किए गए ।

i) अधिक भुगतान के मामलों में वसूली
ii) ऐसे कार्य हेतु जिम्मेदार बैंक अधिकारियों तथा लेखा-परीक्षकों की जिम्‍मेदारी निर्धारित करना।

iv) बैंकों को अननुमत प्रभारों की प्रतिपूर्ति की गई ।

i) ऐसी राशि की वसूली।
ii) दावेदार संस्थानों तथा संवितरण अधिकारियों की जिम्‍मेदारी निर्धारित करना।

v) ऋण माफी तथा ऋण राहत प्रमाण पत्र जारी नहीं किए गए

i) उन मामलों में जहां ऐसे प्रमाण पत्र जारी न किए हो, उन्हें तुंरत जारी किया जाना चाहिए। यह कार्य 28 फरवरी 2013 तक पूरा हो जाना चाहिए।

vi) नए ऋणों से संबंधित परिणामों पर निगरानी नहीं रखी गई।

i) योजना के अंतर्गत राहत प्रदान किए गए लाभार्थियों के संबंध में ऐसी निगरानी तुरंत की जानी चाहिए।

3 . कृपया यह सुनिश्चित करें कि दर्शाई गई उक्त कार्रवाई इस परिपत्र को जारी करने की तारीख से एक माह में पूरी की जाए । इसकी जानकारी वित्त मंत्रालय, वित्तीय सेवाएं विभाग, भारत सरकार को सूचित करते हुए हमें दी जाए ।

भवदीय

(सी. डी.श्रीनिवासन)
मुख्य महाप्रबंधक

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