प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों द्वारा अन्य बैंकों में जमाराशियों का निवेश - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों द्वारा अन्य बैंकों में जमाराशियों का निवेश
आरबीआई /2008-09/368 |
संदर्भ.सं.शबैंवि.(पीसीबी)बीपीडी.परि.सं. 47 /16.20.000/2008-09 |
30 जनवरी 2009
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मुख्य कार्यपालक अधिकारी |
महोदय /महोदया |
प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों द्वारा अन्य बैंकों में जमाराशियों का निवेश |
कृपया उपर्युक्त विषय पर क्रमश: 18 सितंबर 2007 एवं 17 मई 2003 के हमारे परिपत्र शबैंवि.बीपीडी. पीसीबी.परि.14 /16.20.00/2007-08 तथा बीपीडी.पीसीबी.परि.46 /16.20.00 /2002-03 देखें । 2. बैंकों और उनके संघों से प्राप्त अभ्यावेदनों के आधार पर मौजूदा दिशानिर्देशों की समीक्षा की गई और उपर्युक्त विषय पर संशोधित दिशानिर्देश नीचे दिए गए हैं : |
i) विवेकपूर्ण अंतर बैंक (सकल) निवेश सीमा मांग मुद्रा /सूचना मुद्रा और जमाराशियों सहित सभी प्रयोजनों के लिए अन्य बैंकों (अंतर-बैंक) में किसी शहरी सहकारी बैंक द्वारा रखी गई कुल जमाराशियाँ यदि कुछ हों, और समाशोधन सुविधा, ग्राहकों की सहायक सामान्य खाता बही (सीएसजीएल) सुविधा, मुद्रा तिजोरी सुविधा, विप्रेषण सुविधा और बैंक गारंटी, साख पत्र आदि जैसी ग़ैर-निधि आधारित सुविधाओं के लिए रखी गई हो तो उसे गत वर्ष के 31 मार्च तक अपनी कुल जमा देयताओं के 20 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए । वाणिज्यिक बैंकों में और अनुमत अनुसूचित शहरी सहकारी बैंकों में जमालेखा तथा अंतर-बैंक के निवेश के रूप में वाणिज्यिक बैंकों द्वारा जारी जमा प्रमाणपत्रों में निवेश के रूप में धारित शेष को इस 20 प्रतिशत की सीमा में शामिल किया जाएगा । ii) विवेकपूर्ण अंतर-बैंक काउंटरपार्टी सीमा विवेकपूर्ण अंतर-बैंक (सकल) निवेश सीमा के भीतर किसी एकल बैंक के पास जमाराशियाँ गत वर्ष के 31 मार्च तक जमा करने वाले बैंक की कुल जमा देयताओं के 5 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए । |
iii) विवेकपूर्ण सीमा में छूट संबंधित जिले के मध्यवर्ती सहकारी बैंक अथवा संबंधित राज्य के राज्य सहकारी बैंक में शहरी सहकारी बैंकों द्वारा अनुरक्षित शेषों को बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 24 के प्रावधानों के अंतर्गत सांविधिक चलनिधि अनुपात माना जाएगा । इन जमाराशियों को अंतर-बैंक निवेश सीमा पर विवेकपूर्ण सीमा से छूट दी गई है । 3.अनुसूचित शहरी सहकारी बैंकों, ग़ैर-अनुसूचित शहरी सहकारी बैंकों द्वारा जमाराशियों का निवेश 17 मई 2003 के हमारे परिपत्र बीपीडी.पीसीबी.परि.46 /16.20.00 /2002-03 द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों के अनुसार जारी रहेगा । तथापि, किसी अनुसूचित शहरी सहकारी बैंक में किसी ग़ैर-अनुसूचित शहरी सहकारी बैंक द्वारा गई जमाराशियाँ गत वर्ष के 31 मार्च तक जमाकर्ता बैंक की कुल जमाराशि जमाकर्ता बैंक की कुल जमा देयता के 5 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए । किसी अनुसूचित शहरी सहकारी बैंक द्वारा स्वीकृत कुल अंतर-शहरी सहकारी बैंक जमाराशियाँ पिछले वित्तीय वर्ष के 31 मार्च को उसकी कुल जमा देयताओं के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए । 4. उपर्युक्त विवेकपूर्ण सीमाओं को ध्यान में रखते हुए शहरी सहकारी बैंकों को अपनी निधि स्थिति, चलनिधि और अन्य बैंकों में जमाराशियों के निवेश के लिए अन्य आवश्यकताओं, निधियों की लागत, ऐसी जमाराशियों पर प्रत्याशित प्रतिलाभ की दर और ब्याज मार्जिन, काउण्टर पार्टी जोखिम आदि पर विचार करते हुए एक नीति तैयार करें और उसे अपने निदेशक बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत करें । बोर्ड छमाही अंतरालों पर स्थिति की समीक्षा करे । 5. शहरी सहकारी बैंकों द्वारा ग़ैर-एसएलआर प्रतिभूतियों में निवेश संबंध दिशानिर्देश अलग से जारी किए जा रहे हैं । |
भवदीय |
(ए.के. खौंड) |
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक |