वर्ष 2007-2008 के लिए प्रधानमंत्री रोजगार योजना (प्रमंरोयो) के अंतर्गत लक्ष्य - आरबीआई - Reserve Bank of India
वर्ष 2007-2008 के लिए प्रधानमंत्री रोजगार योजना (प्रमंरोयो) के अंतर्गत लक्ष्य
ग्राआऋवि.पीएलएनएफएस.बीसी.सं. 100/09.04.01/2006-07
29 मई, 2007
अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक
सभी भारतीय अनुसूचित वाणिज्य बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर )
महोदय,
वर्ष 2007-2008 के लिए प्रधानमंत्री रोजगार योजना (प्रमंरोयो) के अंतर्गत लक्ष्य
हम सूचित करते हैं कि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2007-2008 के लिए प्रधान मंत्री रोजगार योजना के अंतर्गत ‘अनुबंध’ ‘क’ के अनुसार राज्य/संघ शासित क्षेत्रों के लिए 3,75,690 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है ।
- लक्ष्यों का निर्धारण राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों की वर्ष 2005-06 की अंतिम निष्पादन रिर्पोट के आधार पर किया गया है ।
- ऐसे राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों की सूची अनुबंध ‘ख’ में दी गई है जिनकी मार्च 2006 को समाप्त छमाही हेतु ऋणों की वसूली 35 प्रतिशत से कम है। अत: इन राज्यों में कार्यान्वयनकर्ता बैंकों द्वारा ऋण की वसूली सुधारने हेतु उपयुक्त कार्य योजना तैयार की जाए ।
- योजना की शर्तें प्रमंरोयो के लिए अनुबंध डी में दिए गए संशोधित दिशानिर्देशों द्वारा नियंत्रित होंगी । उसकी कुछ मुख्य विशेषताएं निम्ननुसार हैं :
- परिवार की आय की उच्चतम सीमा को 40.000 रुपए प्रति वर्ष से बढ़ाकर 1.00 लाख रुपए प्रति वर्ष कर दिया गया है ।
- कारोबार / सेवा क्षेत्र के लिए परियोजना लागत को 1.00 लाख रूपए से बढ़ाकर 2.00 लाख रुपए तथा उद्योग क्षेत्र के लिए 2.00 लाख रुपए से बढ़ाकर 5.00 लाख रुपए कर दिया गया है ।
- सब्सिडी की उच्चतम सीमा को 7,500/- रुपए से बढ़ाकर प्रति लाभार्थी कुल मिलाकर 12,500/- रुपए कर दिया गया है जबकि पूर्वोत्तर राज्यों (सिक्किम सहित), हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू और कश्मीर के लिए यह सीमा 15,000/- रुपए प्रति लाभार्थी रहेगी ।
- स्वयं सहायता समूहों के लिए सब्सिडी की उच्चतम सीमा को बढ़ाकर 15,000/- रुपए प्रति लाभार्थी कर दिया गया है । लेकिन, सब्सिडी की प्रति स्वयं सहायता समूह अधिकतम राशि 1.25 लाख रुपए होगी ।
- योजना देश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में कार्यान्वित होगी ।
- निर्धारित लक्ष्य (अर्थात ऋण आाठर सब्सिडी का संपूर्ण संवितरण) को मार्च 2008 के अंत तक प्राप्त करने के लिए सभी संभव प्रयास किये जाएं ।
- नये आवेदनों पर कार्यवाही करते समय आप अपने राज्यं/संघशासित क्षेत्रं के जिला उद्योग केंद्रों को अपने पास पहले से लंबित आवेदनों को भी ध्यान में रखने के लिए कहें ताकि उन व्यक्तियों को फिर से आवेदन करने की आवश्यकता न पड़े ।
- योजना में अजा/अजजा और अल्पसंख्यक उम्मीदवारों की जिले/ राज्य में उनकी आबादी के अनुपात में कवरेज देने की परिकल्पना की गई है । तथापि, यह प्रतिशत अजा/अजजा के लिए 22.5%, अन्य पिछड़े वर्गों(ओबीसी) के लिए 27% तथा महिलाओं के लिए 30 % से कम नही होना चाहिए । अल्पसंख्यकों को भी समान हिस्सेदारी सुनिश्चित की जाए।
- योजना के अंतर्गत ऋण वसूली में सुधार लाने हेतु सभी प्रयास किए जाएं ।
- 2007-08 के दौरान आवेदनों को प्रायोजित और स्वीकृत करने तथा ऋणों/सब्सिडी के संवितरण के लिए अनुबंध "ग" में दी गई संशोधित तिमाही अनुसूची की ओर ध्यान आकर्षित किया जाता है । इस अनुसूची का कार्यान्वयन कड़ाई से किया जाना चाहिए ताकि वित्तीय वर्ष के अंत में आवेदनों का ढेर लगने से बचा जा सके । प्रायोजित मामलों की संख्या निर्धारित लक्ष्य का 125 प्रतिशत होनी चाहिए ।
- 2006-07 के लिए मंजूरी समाप्त होने और संवितरण पूरा करने की अंतिम तारीख को 30.06.2007 तक बढ़ा दिया गया है । इस अवधि को आगे और नहीं बढ़ाया जाएगा ।
5. प्रमंरोयो पर संशोधित दिशानिर्देश अनुबंध "घ" में दिए गए हैं । कार्यक्रम वर्ष 2007-08 से इस योजना को कार्यान्वित करते समय इन दिशानिर्देशों पर ध्यान दिया जाए । तदनुसार, प्रमंरोयो पर 1 जुलाई 2006 के हमारे परिपत्र ग्राआऋवि.पीएलएनएफएस. बीसी.सं. 01/09.04.01/2006-07 द्वारा जारी मास्टर परिपत्र के संबंधित पैराग्राफ प्रमंरोयो पर परिशोधित दिशानिर्देशों के जारी हो जाने से संशोधित हो जाते हैं ।
6. कृपया सक्रिय सहभागिता और आबंटित लक्ष्य को दिनांक 31.3.2008 तक प्राप्त करने हेतु आप अपने क्षेत्रीय/नियंत्रक कार्यालयों/शाखाओं को आवश्यक अनुदेश जारी करें ।
7. कृपया पावती दें ।
भवदीय
( जी.पी.बोरा )
उप महाप्रबंधक
अनुबंध "क"
वर्ष 2007-2008 के लिए प्रधान मंत्री रोजगार योजना (प्रमंरोयो) के अन्तर्गत लक्ष्य
क्रम सं. |
राज्य / संघ |
लक्ष्य 2007-2008 सं. |
1. |
आंध्र प्रदेश |
31900 |
2. |
असम |
8600 |
3. |
बिहार |
15000 |
4. |
दिल्ली |
4200 |
5. |
गोवा |
600 |
6. |
गुजरात |
10600 |
7. |
हरयाणा |
13200 |
8. |
हिमाचल प्रदेय |
4200 |
9. |
जम्मू और कश्मीर |
1600 |
10. |
कर्नाटक |
26100 |
11. |
केरल |
33700 |
12. |
मध्य प्रदेश |
15800 |
13. |
महाराष्ट्र |
36000 |
14. |
मणिपुर |
1700 |
15. |
मिज़ोरम |
200 |
16. |
उड़ीसा |
8500 |
17. |
पंजाब |
10100 |
18. |
राजस्थान |
21100 |
19. |
तमिल नाडु |
28700 |
20. |
त्रिपुरा |
1200 |
21. |
उत्तर प्रदेश |
51500 |
22. |
पश्चिम बंगाल |
29300 |
23. |
अंदमान और |
200 |
24. |
अरुणाचल प्रदेश |
200 |
25. |
चंडीगढ़ |
400 |
26. |
दादरा ओर |
200 |
27. |
दमन और दीव |
50 |
28. |
नागालैंड |
400 |
29. |
लक्षद्वीप |
40 |
30. |
मेघालय |
400 |
31. |
पाँडिचेरी |
1100 |
32. |
सिक्कीम |
100 |
33. |
उत्तराखंड |
4800 |
34. |
झारखंड |
7700 |
35. |
छत्तीसगढ़ |
6300 |
कुल |
375690 |
अनुबंध "ख"
मार्च 2006 को समाप्त छमाही के लिए प्रमंरोयो के अंतर्गत अतिदेय ऋण की वसूली
35.78% के अखिल भारतीय औसत से कम वसूली करनेवाले राज्य
क्र सं. |
राज्य/संघ |
मांग की तुलना |
1. |
असम |
16.41 |
2. |
बिहार |
27.54 |
3. |
झारखंड |
32.68 |
4. |
मध्य प्रदेश |
30.75 |
5. |
छत्तीसगढ़ |
34.05 |
6. |
मणिपुर |
16.69 |
7. |
मेघालय |
25.09 |
8. |
नागालैंड |
27.24 |
9. |
उड़ीसा |
9.99 |
10. |
सिक्कीम |
17.83 |
11. |
त्रिपुरा |
29.26 |
12. |
पश्चिम बंगाल |
23.13 |
13. |
अरुणाचल प्रदेश |
17.14 |
14. |
मिज़ोरम |
24.82 |
अनुबंध "ग"
तिमाही |
प्रायोजन |
स्वीकृति |
संवितरण |
पहली |
50% |
25% |
10% |
दूसरी |
100% |
50% |
25% |
तीसरी |
125% |
90% |
75% |
चौथी |
- |
100% |
100% |
संशोधित दिशानिर्देश प्रधानमंत्री रोजगार योजना
अनुबंध "घ"
मुख्य विशेषताएं
आर्थिक रुप से कमज़ोर वर्गों के शिक्षित बेरोज़गार युवाओं को स्वरोजगार प्रदान करने के लिए 2 अक्तूबर 1993 से प्रधान मंत्री रोजगार योजना परिचालन में है — योजना का उद्देश्य उद्योग, सेवा और कारोबार क्षेत्र में स्वनियोजित उद्यम स्थापित करने में पात्र युवाओं की मदद करना है — योजना में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र को शामिल किया जाएगा।
क्रम सं. |
पात्रता के मानदंड |
|
1. |
आयु |
|
2. |
शैक्षिक अर्हता |
आठवीं पास। सरकार मान्य /अनुमोदित संस्थाओं में कम से कम छ: माह की अवधि वाले किसी ट्रेड में प्रशिक्षित व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाएगी। |
3. |
परिवार की आय |
न तो पति / पत्नी की आय सहित लाभार्थी की आय और न ही लाभार्थी के माता-पिता की आय 1,00,000/- रुपए प्रतिवर्ष से अधिक हो। |
4. |
आवास |
उस क्षेत्र में कम से कम 3 वर्ष का स्थायी आवास। (मेघालय में विवाहित पुरूषों तथा देश के बाकी राज्यों में विवाहित महिलाओं को छूट है) मेघालय में विवाहित पुरूषों और देश के बाकी राज्यों में विवाहित महिलाओं के मामले में आवास संबंधी मानदंड पति / पत्नी या ससुरालवालों के लिए लागू होंगे। |
5. |
चूककर्ता |
किसी राष्ट्रीकृत बैंक / वित्तीय संस्था / सहकारी बैंक का चूककर्ता नहीं होना चाहिए। साथ ही, जिस व्यक्ति ने सब्सिडी देनेवाली किसी सरकारी योजना के अंतर्गत पहले ही सहायता ले ली है, ऐसा व्यक्ति इस योजना के अंतर्गत पात्र नहीं होगा। |
6. |
शामिल कार्यकलाप |
कृषि और कृषि सहायक कार्यकलापों सहित आर्थिक दृष्टि से व्यवहार्य सभी कार्यकलाप — लेकिन, फसल की उगाई, खाद की खरीद आदि जैसे प्रत्यक्ष कृषिगत परिचालन इसमें शामिल नहीं होंगे। |
7. |
परियोजना लागत |
कारोबार / सेवा क्षेत्र के लिए 2.00 लाख रुपए तथा उद्योग क्षेत्र के लिए 5.00 लाख रुपए के ऋण संमिश्र स्वरुप के होंगे। यदि पात्र दो या अधिक व्यक्ति किसी साझेदारी में सहभागी होते हैं तो 10.00 लाख रुपए तक की परियोजनाओं को शामिल कि या जाता है। आर्थिक सहायता व्यक्ति की पात्रता तक सीमित रहेगी। स्वयं सहायता समूहों को योजना के अंतर्गत ऋण देने पर विचार किया जा सकता है बशर्ते :
|
8. |
सब्सिडी और मार्जिन मनी |
i) सब्सिडी की राशि परियोजना लागत के 15% तक सीमित होगी जो प्रति उद्यमी 12,500/- रुपए की उच्चतम सीमा के अधीन होगी। बैंकों को उद्यमी से परियोजना लागत के 5% से लेकन 16.25% तक मार्जिन मनी लेने की अनुमति होगी ताकि सब्सिडी और मार्जिन मनी मिलकर परियोजना लागत का 20% हो जाए। पूर्वोत्तर राज्यों, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू और कश्मीर के लिए ii) पूर्वोत्तर राज्यों हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू और कश्मीर के लिए सब्सिडी, परियोजना लागत का 15% होगी जो प्रति उद्यमी 15,000/- रुपए की उच्चतम सीमा के अधीन होगी। उद्यमियों से प्राप्त मार्जिन मनी का अंशदान परियोजना लागत का 5% से 12.5 % तक हो सकता है ताकि सब्सिडी और मार्जिन मनी मिलकर परियोजना लागत का 20% हो जाए। |
9. |
संपार्श्विक जमानत |
उद्योग क्षेत्र में 5.00 लाख रुपए (प्रमंरोयो के अंतर्गत ऋण की उच्चतम सीमा) तक की परियोजना लागत वाली इकाइयों के लिए कोई संपार्श्विक जमानत नहीं देनी होगी — उद्योग क्षेत्र में साझेदारी परियोजनाओं के लिए संपार्श्विक जमानत से छूट की सीमा प्रति उधार खाता 5.00 लाख रुपए होगी। सेवा और कारोबार क्षेत्र की इकाइयों के मामले में 2.00 लाख रुपए तक की परियोजनाओं के लिए कोई संपार्श्विक जमानत नहीं देनी होगी। साझेदारी परियोनाजाओं के मामले में संपार्श्विक जमानत से छूट परियोजना लागत में सहभागी होनेवाले प्रति व्यक्ति 2.00 लाख रुपए होगी। |
10. |
ब्याज दर और चुकौती अनुसूची |
सामान्य बयाज दर लगाई जाएगी। चुकौती अवधि यथा निर्धारित आरंभिक अधिस्थन (मोरेटोरियम) अवधि की समाप्ति के बाद 3 से 7 वर्ष होगी। |
11. |
आरक्षण |
महिलाओं सहित कमजोर वर्गों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। अजा/अजजा के लाभार्थियों की सहायता इस प्रकार की जाए कि वे संबंधित जिले/राज्य में उनकी आबादी के अनुपात में लाभान्वित हों। तथापि, प्रमंरोयो में वर्तमान मे की गई व्यवस्था के अनुसार अजा/अजजा के लाभार्थियों की संख्या 22.5% तथा अन्य पिछर्डे वर्गों की संख्या 27% से कम नहीं होनी चाहिए। यदि अजा/अजजा/ ओबीसी के उम्मीदवार उपलब्ध न हों तो राज्य/संघ शासित क्षेत्र की सरकार प्रमंरोयो के अंतर्गत अन्य वर्गों के उम्मीदवारों पर विचार करने के लिए सक्षम होगी। |
12. |
प्रशिक्षण |
ऐसे प्रत्येक उद्यमी को जिसका ऋण मंजूर हो गया है, निम्नानुसार प्रशिक्षण दिया जाएगा: i) उद्योग क्षेत्र के लिए |
13. |
प्रेरणादायक अभियान चलाना |
पात्र आवेदकों की सफलता दर में सुधार लाने के लिए राज्यों / संघ शासित क्षेत्रों को मामलों के 125 प्रतिशत के आबंटित लक्ष्य के लिए 200/- रुपए प्रति आवेदक की दर से आवेदकों को परामर्श देने और मार्गदर्शन करने की लागत की प्रतिपूर्ति करने की अनुमति होगी। |
14. |
ऋण की वसूली |
i) ग्राम पंचायतों जैसी पंचायती राज संस्थाओं को ये अधिकार दिए जाएं कि वे उसी क्षेत्र में रहनेवाले उम्मीदवारों की पहचान करें और उनके नाम जिला टास्क फोर्स समिति को भेजें ताकि ऋण का संवितरण वास्तविक व्यक्तियों को हो तथा ऋण की वसूली भी बेहतर रहे — ii) प्रमंरोयो की इकाइयों के रुग्णता/बंद हो जाने के स्तर को कम करने के उद्देश्य से आवेदनों की उचित जांच और व्यवहार्य परियेजनाओं का चयन करने की जिम्मेदारी जिला स्तरीय चयन समिति और / टास्क फोर्स समिति की होगी। |
15. |
कार्यान्वयनकर्ता एजेंसी |
बैंकों के साथ योजना के कार्यान्वयन के लिए मुख्यत: जिला उद्योग केंद्र और उद्योग निदेशालय जिम्मेदार हैं। |
उक्त दिनांक का परांकन ग्राआऋवि.पीएलएनएफएस. सं. 11237/2006-07
1. प्रतिलिपि श्री एस.के.अरोड़ा, उप सचिव (एआरआई) प्रधान मंत्री रोजगार योजना, कृषि और ग्रामीण उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार, निर्माण भवन, (साउथ विंग), सातवीं मंज़िल, मौलाना आजाद रोड, नई दिल्ली - 11001 को उनके दिनांक 10 मई 2007 के पत्र पीएमआरवाई-पीटी-2(1)/2007 के संदर्भ में सूचनार्थ प्रेषित ।2. प्रतिलिपि श्री एस.के.प्रसाद, उप निदेशक (पीएमआरवाई) कृषि और ग्रामीण उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार, निर्माण भवन, मौलाना आज़ाद रोड, नई दिल्ली - 110011 को सूचनार्थ प्रेषित।
3. डाक सूची के अनुसार।
( टी.लुंगडिम )
सहायक महाप्रबंधक