भारत में प्रीपेड भुगतान लिखत जारी करने और परिचालन के लिए नीतिगत दिशानिर्देश - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारत में प्रीपेड भुगतान लिखत जारी करने और परिचालन के लिए नीतिगत दिशानिर्देश
भारिबैं/2011-12 /144 04 अगस्त 2011 सभी प्रणाली प्रदाता, प्रणाली प्रतिभागी प्रिय महोदय भारत में प्रीपेड भुगतान लिखत जारी करने और परिचालन के लिए नीतिगत दिशानिर्देश. दिनांक 04 नवंबर 2010 के हमारे परिपत्र भारिबैं/2010-11/261 भुनिप्रवि.केंका.सं. 1041/02.14.006/2010-2011 का संदर्भ लें जिसमें बैंकों/एनबीएफसी और गैर-बैंकों द्वारा जारी किये जा सकने वाले प्रीपेड भुगतान लिखतों के अतिरिक्त वर्ग को सक्षम करने के लिए दिशानिर्देश निहित हैं. 2. सूचित किया जाता है कि बैंकों को प्रीपेड भुगतान लिखत कारपोरेट को जारी करने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है जिससे वे आगे इन्हें अपने कर्मचारियों को जारी करें और यह निम्नलिखित शर्तों के अधीन होगा - क. प्रीपेड भुगतान लिखत केवल उन्हीं कारपोरेट संस्थाओं को जारी किया जा सकता है जो कि भारत के शेयर बाजारों में से किसी एक में सूचीबद्ध हो. ख. कर्मचारी की पहचान के सत्यापन की जिम्मेदारी संबंधित कारपोरेट की होगी. कारपोरेट द्वारा जिन कर्मचारियों को कार्ड जारी किये जाते हैं उनके फोटो तथा पहचान प्रमाण की प्रतियों सहित उनका विवरण प्राप्त करने और उन्हें बनाये रखने हेतु बैंकों को एक उचित प्रणाली बनानी चाहिए. कारपोरेट को भी कर्मचारियों के बैंक खातों का विवरण (यदि कोई हो) बैंक को उपलब्ध कराना आवश्यक है. ग. बैंक सुनिश्चित करें कि कारपोरेट संस्था के बोर्ड द्वारा अनुमोदित अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं की सूची रिकॉर्ड में रख ली गयी है और केवल ऐसे अधिकृत व्यक्तियों से ही प्रीपेड भुगतान लिखतों को लोड करने/सक्रिय करने के अनुरोध स्वीकार किये जाएं. घ. ये प्रीपेड भुगतान लिखत केवल उस बैंक खाते को नामे करके ही लोड किये जाएंगे, जो कि पूर्ण केवाईसी के अधीन होगा तथा कारपोरेट द्वारा उसी बैंक में रखा गया है. इन लिखतों की रिलोडिंग भी इसी खाते को नामे करके की जाएगी. ड़. किसी भी समय व्यक्तिगत प्रीपेड भुगतान लिखतों का अधिकतम बकाया मूल्य ₹50,000/ से अधिक नहीं होगा. च. बैंक ऐसे प्रीपेड भुगतान लिखतों से संबंधित कर्मचारी के नियमित बैंक खाते में निधि अंतरण की सुविधा प्रदान करेगा यदि इसके लिए अनुरोध किया जाता है. छ. इन लिखतों से संबंधित सभी ग्राहक सेवा मामलों के लिए बैंक जिम्मेदार होंगे. 3. यह निर्देश भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (2007 का अधिनियम 51) की धारा 18 के तहत जारी किया जा रहा है. 4. कृपया प्राप्ति सूचना दें. भवदीय विजय चुग |