नीति वक्तव्य: विनियमन निरूपण के लिए फ्रेमव़र्क - आरबीआई - Reserve Bank of India
नीति वक्तव्य: विनियमन निरूपण के लिए फ्रेमव़र्क
1. प्रस्तावना विनियमन निरूपण के लिए यह फ्रेमव़र्क (जिसे आगे 'फ्रेमव़र्क' कहा जाएगा) भारतीय रिज़र्व बैंक (जिसे आगे "बैंक" कहा जाएगा) द्वारा विनियमन के निरूपण और संशोधन के लिए व्यापक सिद्धांतों का निर्धारण करता है। इस फ्रेमव़र्क का उद्देश्य पारदर्शी और परामर्शदात्री तरीके से, प्रभाव विश्लेषण के उपरांत,जहां तक संभव हो, विनियमन बनाने की प्रक्रिया को मानकीकृत करना है। 2. परिभाषा: (1) इस फ्रेमव़र्क के लिए, "विनियमन" में बैंक द्वारा अनुबंध में दिये गए अधिनियमों और नियमों के प्रावधानों के तहत अथवा उसके द्वारा प्रदत्त शक्तियों के प्रयोग से जारी किए गए सभी विनियमन, निदेश, दिशा-निर्देश, अधिसूचनाएं, आदेश, नीतियां, विनिर्देशन और मानक शामिल होंगे। (2) बैंक, जैसाकि उचित समझे किसी अन्य विनियमन, निदेश, दिशा-निर्देश, अधिसूचनाएं, आदेश, नीति, विनिर्देशन अथवा किसी अन्य विधिक प्रावधानों के अनुसरण में बनाए गए मानक के लिए फ्रेमव़र्क में निर्धारित प्रक्रिया का भी पालन कर सकता है। 3. जन सुझाव (1) विनियमन जारी करने से पहले, बैंक उस विनियमन का मसौदा बैंक की आधिकारिक वेबसाइट (www.rbi.org.in) पर विवरण के ब्योरे के साथ प्रकाशित करेगा और जन टिप्पणियां प्राप्त करेगा। (2) विवरण के ब्योरे में अन्य बातों के साथ निम्नलिखित शामिल होंगे:
(3) बैंक, हितधारकों और जनता को अपने सुझाव प्रस्तुत करने के लिए कम से कम 21 दिन का समय देगा। (4) बैंक, जनता की प्रतिपुष्टि पर विचार करेगा और अंतिम विनियमन के साथ, प्राप्त सुझावों पर अपनी प्रतिक्रिया का एक सामान्य विवरण,अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करेगा। (5) यदि बैंक, जन सुझावों के लिए जारी किए गए मसौदे से पर्याप्तत: भिन्न रूप में अंतिम विनियमन जारी करने का निर्णय लेता है, तो वह इस फ्रेमव़र्क के तहत प्रक्रिया को दोहराने का विकल्प चुन सकता है। (6) अंतिम विनियमन सक्षम प्राधिकारी से अनुमोदन प्राप्त होने के तुरंत बाद प्रकाशित किया जाए और इसके प्रवर्तन की तिथि उसमें विनिर्दिष्ट तिथि से होगी। (7) बैंक, उपयुक्तता अनुसार हितधारक(कों) के साथ बातचीत करने के लिए अतिरिक्त व्यवस्था(ओं) का उपयोग कर सकता है। विशेष रूप से, बैंक जहां आवश्यक प्रतीत हो, विनियमन के मसौदे को तैयार और प्रकाशित करने से पहले, परामर्श के लिए मुद्दों और प्रश्नों पर सुझाव प्राप्त करने के लिए एक चर्चा पत्र जारी कर सकता है। 4. विनियमन का प्रभाव विश्लेषण विनियमन को अंतिम रूप देने से पहले, बैंक यथासंभव विनियमन का प्रभाव विश्लेषण करेगा। 5. विनियमन में संशोधन विनियमन में कोई भी महत्वपूर्ण संशोधन उक्त पैरा 3 और 4 में निर्धारित प्रक्रिया के अधीन होगा। 6. विनियमन की समीक्षा बैंक जब मौजूदा विनियमन को आवश्यकतानुसार अद्यतन, संशोधित अथवा निरसन करेगा, वह समय-समय पर लागू विनियमन की समीक्षा करेगा, जिसमें निम्नलिखित पहलु को ध्यान में रखा जाएगा:
7. कुछ मामलों पर अप्रयोज्यता (1) इस फ्रेमव़र्क के प्रावधान किसी भी ऐसे विनियमन पर लागू नहीं होंगे जो निम्नलिखित से संबंधित है:
(2) बैंक, कारणों को दर्ज करने के पश्चात, इस फ्रेमव़र्क के किसी अथवा सभी प्रावधानों को अस्थगित अथवा उपयुक्त रूप से संशोधित कर सकते हैं, यदि –
8. विद्यमान /सेविंग्स (1) इस फ्रेमव़र्क में निहित किसी भी प्रावधान के बावजूद, इसके जारी किये जाने की तिथि पर लागू प्रत्येक विनियमन वैध बना रहेगा, हालांकि भविष्य में होने वाले परिवर्तन इसमें परिकल्पित प्रक्रिया के अधीन होंगे। (2) बैंक द्वारा जारी किया गया कोई भी विनियमन अथवा इस फ्रेमव़र्क के तहत की गई कोई भी कार्रवाई केवल इस कारण से अमान्य नहीं होगी कि इसमें विनिर्दिष्ट किसी भी प्रावधान का अनुपालन नहीं किया गया है।
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