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प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना

भा.रि.बैंक/2015-16/341
विसविवि.सं.एफएसडी.बीसी.20/05.10.007/2015-16

17 मार्च 2016

अध्‍यक्ष/ प्रबंध निदेशक/ मुख्‍य कार्यपालक अधिकारी
सभी अनुसूचित वाणिज्‍य बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)

महोदया/ महोदय

प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना

जैसाकि आप जानते हैं भारत सरकार ने हाल ही में प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) की घोषणा की है जो 2016 की खरीफ फसलों से वर्तमान योजनाओं जैसे राष्‍ट्रीय कृषि बीमा योजना (एनएआईएस) और संशोधित राष्‍ट्रीय कृषि बीमा योजना (एमएनएआईएस) को प्रतिस्थापित करेगी। पीएमएफबीवाई किसानों को बेहद कम दरों की प्रीमियम राशि पर उपलब्‍ध होगी जो खाद्यान्‍न फसल, दलहन और तिलहन हेतु रबी फसलों के लिए अधिकतम 1.5 प्रतिशत और खरीफ फसलों के लिए 2 प्रतिशत तक होगी। वार्षिक बागवानी/ वाणिज्यिक फसलों के लिए यह राशि 5 प्रतिशत तक होगी। यह योजना विशिष्ट परिस्थितियों में फसल-चक्र के साथी स्तरों सहित फसल कटाई के बाद के जोखिमों के लिए बीमा कवर प्रदान करेगी।

2. इसके अलावा, मौसम आधारित फसल बीमा योजना (डब्‍ल्‍यूबीसीआईएस) भी संशोधित की गई है और किसानों द्वारा अदा की जाने वाली प्रीमियम की राशि और उसके प्रशासनिक प्रावधानों व परिचालनात्‍मक प्रकिया को भी अब पीएमएफबीवाई के समकक्ष लाया गया है। इसके अतिरिक्त, किसानों की अन्‍य गतिविधियां/संपत्ति - जैसे मशीन-संयंत्र, जीवन, दुर्घटना, मकान, छात्र-सुरक्षा और फसलें, आदि को सुरक्षा प्रदान करने के लिए देश के 45 जिलों में प्रायोगिक आधार पर लागू करने के उद्देश्य से एकीकृत पैकेज बीमा योजना (यूपीआईएस) को भी अनुमति दी गई है।

3. भारत सरकार की वेबसाइट www.agricoop.nic.in और www.agri-insurance.gov.in पर यह योजना और इससे संबंधी विस्‍तृत परिचालनात्‍मक दिशानिर्देश उपलब्‍ध हैं। प्रायोगिक आधार पर लागू की जा रही योजना - यूपीआईएस के दिशानिर्देश भारत सरकार द्वारा तैयार किए जा रहे हैं और इन्हें अलग से परिचालित किया जाएगा।

4. इस योजना के अंतर्गत किसानों की भागीदारी बढ़ाने में बैंकों की भूमिका महत्‍वपूर्ण होगी। चूंकि अधिसूचित क्षेत्रों में अधिसूचित फसलों के लिए मौसमी कृषि परिचालन (एसएओ) ऋण लेने वालों/ किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) धारक ऋण लेने वाले किसानों के लिए यह योजना अनिवार्य है, अत: सभी संबंधित बैंक शाखाओं को अधिसूचित क्षेत्रों में अधिसूचित फसल उगाने वाले व ऋण-कर्ता लेने वाले 100% किसानों को समावेशित करना होगा। ऋण न लेने वाले किसानों के लिए यह योजना स्‍वैच्छिक है, किन्तु इस योजना में शामिल होने के लिए पात्रता की बुनियादी आवश्यकता है कि उस किसान का बैंक खाता हो। प्रधान मंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) के अंतर्गत अधिकतर गरीब से गरीब किसानों ने अपना बैंक खाता खुलवाया है और बैंकों से यह अपेक्षित है कि वे फसल बीमा का लाभ पहुँचाने सहित इसकी समग्र प्रक्रिया में उनका मार्गदर्शन करें और उन्हें सहायता प्रदान करने पर ध्‍यान दें। वाणिज्यिक बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित ग्रामीण वित्‍तीय संस्‍थानों की व्‍यापक भूमिका और उत्‍तरदायित्‍व को इस योजना के परिचालनात्‍मक दिशानिर्देशों में परिभाषित किया गया है, उसमें बीमा प्रस्‍ताव/ प्रीमियम की राशि, योजना का कार्यान्‍वयन करने वाली संबंधित बीमा कंपनियों के समेकित प्रस्‍तावों के साथ प्रीमियम की राशि जमा करना, फसल बीमा पोर्टल पर बीमाधारक किसानों के अपेक्षित ब्‍यौरे अपलोड करना और योजनाओं के प्रभावी कार्यान्‍वयन के लिए किसानों के खातों में दावे की राशि जमा करने हेतु विशिष्ट मौसमगत क्षेत्र भी परिभाषित किए गए हैं।

5. इस संबंध में एक महत्वपूर्ण विषय, जिसका समाधान आवश्‍यक है, वह है बैकों द्वारा फसल ऋण लेने वाले ऋणकर्ता किसानों की भूमि का विवरण और बोई हुई फसल के ब्‍यौरे समेकित करने का अभाव, जिसके परिणामस्‍वरूप निगरानी और योजना के प्रयोजनों के लिए वास्‍तविक समय के आधार पर आवश्‍यक डेटा की उपलब्‍ध नहीं हो पता है। चूंकि यह योजना किसानों द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्‍यम से लिए गए फसल ऋणों के साथ गहन रूप से जुड़ी हुई है, अतः इन खातों की पुनरावृत्ति को रोकना और ऐसे खातों के आधार पर बहुविध बीमा कवर जारी होने की स्थिति से बचना भी उतना ही जरूरी है। वर्तमान प्रणाली में बैंक किसानों की भूमि का आवश्‍यक डेटा और फसल के ब्‍यौरे जो सत्‍यापन के लिए सभी संबंधित एजेंसियों को प्रणाली पर उपलब्‍ध नहीं हैं, प्राप्‍त करने के लिए विभिन्‍न फार्मेटों का प्रयोग कर रहे हैं। वित्‍तीय संस्‍थाओं, बीमा कंपनियों, राज्‍य सरकारों और भारत सरकार सहित संबंधित एजेंसियों से सभी संबंधित डेटा प्राप्‍त करने और किसानों के आधार नंबर जोड़ने के साथ सभी संबंधितों को उसका एक्‍सेस पाने के लिए समेकित एकीकृत आईटी प्‍लेटफार्म विकसित करने की दिशा में वास्‍तविक समय पर डेटा उपलब्‍ध होना महत्‍वपूर्ण होगा, जिसमें दोहराव की कोई गुंजाईश नहीं होगी और आपदा से ग्रसित पीडित किसानों के बीमा संबंधी दावों के भुगतान में भी तेज़ी आएगी। फसल बीमा कार्यक्रम के प्रभावी संचालन के लिए भारत सरकार द्वारा www.agri-insurance.gov.in पर फसल बीमा पोर्टल परिचालित किया गया है परंतु वास्‍तविक समय के आधार पर आवश्‍यक डेटा/ सूचना प्राप्‍त करने के लिए बैंकों के साथ उसका एकात्‍मीकरण अत्‍यावश्‍यक है। उपर्युक्‍त को देखते हुए भारत सरकार ने यह प्रस्‍ताव रखा है कि सभी एजेंसियों द्वारा प्रयोग किए जाने हेतु एक ही स्‍थान पर वास्‍तविक समय पर सूचना उपलब्‍ध कराने के उद्देश्य से प्रायोगिक आधार पर एकीकृत प्‍लेटफार्म के विकास की पहल करें।

6. आपको सूचित किया जाता है कि कृपया अपने बैंक द्वारा इन योजनाओं के प्रावधानों/ दिशानिर्देशों का सख्‍त अनुपालन सुनिश्चित कराएं और 1 अप्रैल 2016 से सुपरिभाषित उद्देश्‍यों और योजना के अंतर्गत निर्धारित लक्ष्‍यों को प्राप्‍त करने हेतु इसमें ऋण लेने वाले किसानों की 100% भागीदारी सहित ऋण न लेने वाले किसानों की भी बड़ी संख्‍या में सहभागिता सुनिश्चित करें।

भवदीय

(ए. उद्गाता)
प्रधान मुख्‍य महाप्रबंधक

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