प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार - स्वयं सहायता समूहों को ऋण - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार - स्वयं सहायता समूहों को ऋण
भारिबैं / 2006-07 / 191 28 नवंबर 2006 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी ( सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक महोदय, प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार - स्वयं सहायता समूहों को ऋण कृपया प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार पर दिनांक 3 जुलाई 2006 का हमारा मास्टर परिपत्र के पैरा 3.9 की धारा 1 देखें जिसके अनुसार स्वयं सहायता समूह / स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों / अलग-अलग व्यक्तियों अथवा छोटे समूह जो स्वयं सहायता समूह बनने वाले हैं, को आगे उधार देने हेतु बैंकों द्वारा गैर - सरकारी संगठनों (एनजीओ) / स्वयं सहायता समूहों (एसएचबी) को उपलब्ध ऋण, प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र अग्रिम के रुप में वर्गीकरण हेतु पात्र हैं । 2. हमें विभिन्न बैंकों से अनुरोध प्राप्त हो रहे हैं कि कृषि और उससे संबध्द कार्यकलापों में कार्यरत स्वयं सहायता समूहों को प्रदान ऋण, प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र के भीतर कृषि को प्रत्यक्ष वित्त के रुप में समझा जाए । 3. हमने इस मामले की जांच की है तथा यह निर्णय लिया गया है कि कृषि और उससे संबध्द कार्यकलापों में कार्यरत ऐसे स्वयं सहायता समूहों को प्रदान ऋण को कृषि को प्रत्यक्ष वित्त के रुप में वर्गीकृत किया जाए जबतक बैंक स्वयं सहायता समूह / व्यष्टि ऋण संविभाग के ऐसे भिन्न - भिन्न ब्योरे का रख-रखाव कर सकता है । 4. कृपया आप अपने नियंत्रक कार्यालयों / शाखाओं को उचित कार्रवाई हेतु आवश्यक अनुदेश दें । 5. कृपया प्राप्ति सूचना दें । भवदीय ( सी.एस.मूर्ति ) |