प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार - आकस्मिक देयताओं का प्रतिपादन - स्पष्टीकरण - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार - आकस्मिक देयताओं का प्रतिपादन - स्पष्टीकरण
आरबीआई/2012-13/455 22 मार्च, 2013 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया/महोदय, प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार - आकस्मिक देयताओं का प्रतिपादन - स्पष्टीकरण हमारी जानकारी में यह बात आयी है कि कुछ बैंकों ने आकस्मिक देयताओं/तुलन-पत्रेतर मदों को प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र लक्ष्यों की उपलब्धि के एक भाग के रूप में शामिल किया है। इस संबंध में हम स्पष्ट करते हैं कि यह प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार संबंधी दिशानिर्देशों के अनुरूप नहीं है। अत: बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे ऐसे लेखों, यदि कोई हों तो, को पूर्व लक्षी प्रभाव से अवर्गीकृत करें जिनमें आकस्मिक देयताओं/तुलन-पत्रेतर मदों को प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र लक्ष्यों की उपलब्धि के एक भाग के रूप में माना गया हो। 2. हम यह भी स्पष्ट करते हैं कि प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र लक्ष्य/उप-लक्ष्य उपलब्धि के अंतर्गत वर्गीकरण के लिए पात्र माने जानेवाले सभी प्रकार के ऋण, निवेश या अन्य कोई मद को भी `समायोजित निवल बैंक ऋण' का भाग बनाया जाए। भवदीय, (ए.के. मिश्र) |