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प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार - अल्प संख्यक समुदायों को ऋण सुविधाएं

प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार - अल्प संख्यक समुदायों को ऋण सुविधाएं

भारतीय रिज़र्व बैंक
ग्रामीण आयोजना और ऋण विभाग
केन्द्रीय कार्यालय, मुम्बई

विषय सूची

क्रम सं.

ब्यौेरा

1.

अल्पसंख्यक समुदायों को ऋण सुविधाए

2.

समग्र प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को अग्रिमों की तुलना में निर्दिष्ट अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों को प्रदान किए गए अग्रिमों को दर्शाने वाले छ:माही विवरण का फार्मेट - अनुबंध I

3.

अल्पसंख्यक बहुल जिलों की सूची - अनुबंध II

4.

चयनित जिलों में समग्र प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को अग्रिमों की तुलना में निर्दिष्ट अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों को प्रदान लिए गए अग्रिमों को दर्शानेवाले तिमाही विवरण का फार्मेट - अनुबंध III

5.

मास्टर परिपत्र में समेकित परिपत्रों की सूची - अनुबंध IV

 

ग्राआऋवि.एसपी.बीसी.87/09.10.01/2002-03

23 अप्रैल 2003

सभी वाणिज्य बैंक

महोदय

मास्टर परिपत्र

प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार - अल्प संख्यक समुदायों को ऋण सुविधाएं

भारतीय रिज़र्व बैंक ने अल्पसंख्यक समुदायों को ऋण सविधाएँ उपलब्ध कराने के संबंध में बैंकों को समय-समय पर अनुदेश/दिशानिर्देश जारी किए हैं । बैंकों को एक ही स्थान पर वर्तमान अनुदेश उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एक मास्टर परिपत्र तैयार किया गया है जिसमें सभी वर्तमान दिशानिर्देश/अनुदेश/निर्देश संलग्न हैं । इस मास्टर परिपत्र में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर जारी वे सभी पिछले अनुदेश संकलित हैं, जिनकी सूची अनुबंध IV में दी गई है ।

कृपया पावती दें ।

भवदीय

( ए.वी.सरदेसाई )
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

माास्टर परिपत्र
प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र उधार -
विशेष कार्यक्रम

अल्पसंख्यक समुदायों को ऋण सुविधाएं

1. भारत सरकार ने इस बारे में सावधानी बरतने का उल्लेख किया है कि अल्पसंख्यक समुदायों को 20 सूत्री कार्यक्रम सहित सरकार द्वारा प्रायोजित विभिन्न विशेष कार्यक्रमों द्वारा मिलने वाले लाभ सही और पर्याप्त मात्रा में प्रदान किये जाते हैं । सभी वाणिज्य बैंकों, सरकारी और निजी क्षेत्र, दोनों को सूचित किया गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि अल्पसंख्यक समुदायेां को बैंक ऋण आसानी से उपलब्ध होता है ।

2. अल्पसंख्यक समुदायों की परिभाषा

2.1 निम्नलिखित समुदायों को भारत सरकार, कल्याण मंत्रालय द्वारा अल्पसंख्यक समुदायों के रुप में अधिसूचित किया है :

(क) सिख
(ख) मुस्लिम
(ग) इसाई
(घ) झोरास्ट्रियन
(ङ) बुध्दिस्ट

3. विशेष कक्ष की स्थापना और पूर्णतया उसके लिए नामित अधिकारी

3.1 प्रत्येक बैंक में एक विशेष कक्ष की स्थापना की जाए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अल्पसंख्यक समुदायों को ऋण आसानी से उपलब्ध होता रहे और इस कक्ष का मुख्य अधिकारी उप महाप्रबंधक/सहायक महाप्रबंधक या कोई अन्य सम श्रेणी का होगा, जो ‘नोडल अधिकारी’ के रूप में कार्य करेगा ।

3.2 प्रत्येक अल्पसंख्यक बहुल जिले के अग्रणी बैंक में एक अधिकारी होगा जो पूर्णतया अल्पसंख्यक समुदायों को ऋण उपलब्ध कराने से संबंधित समस्याओं की ही जांच करेगा । बैंक ऋण के विविध कार्यक्रमों का प्रचार-प्रसार अल्पसंख्यक समुदायों के बीच करना और उनके लाभ हेतु शाखा प्रबंधकों के सहयोग से उपयुक्त योजनाओं की सूची बनाना (अल्पसंख्यक बहुल ज़िलों की सूची अनुबंध II में दी गयी है ) उसका उत्तरदायित्व होगा ।

3.3 नामित अधिकारी को संबंधित जिलों में केवल अल्पसंख्यक समुदायों को ऋण सहायता से संबंधित पहलुओं पर ही ध्यान रखना चाहिए । नामित अधिकारी जिला स्तर पर निर्धारित अग्रणी बैंक से संबध्द होना चाहिए । इस प्रकार वह उस अग्रणी बैंक अधिकारी से आवश्यक मार्गदर्शन लेगा, जो काफी वरिष्ठ हो और जिसे अन्य ऋण संस्थाओं के साथ प्रभावी संपर्क का पर्याप्त अनुभव हो और जिले में अन्य बैंकों के शाखा प्रबंधकों के पूर्ण सहयोग से कार्य कर रहा हो । नामित अधिकारी अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों के मार्गदर्शन हेतु उपयुक्त योजनाएं बनाने के लिए समूह बैठकें भी आयोजित करेगा । संबंधित बैंकों के लिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक होगा कि नामित अधिकारी/अधिकारियों को सौंपे गए कार्य प्रभावी रुप से पूरे किए जाते हैं ।

3.4 जिला परामर्शदात्री समितियों (डीसीसी ) और राज्य स्तरीय बैंकर्स समितियों (एसएलबीसी) के समन्वयक बैंकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि अल्पसंख्यक समुदायों को आसानी से ऋण उपलब्ध कराने के लिए कदम उठाये जाते हैं और इस संबंध में की गयी प्रगति की उनकी बैठकों में नियमित रुप से समीक्षा की जाती है ।

3.5 जिला स्तरीय पुनरीक्षण समिति/राज्य स्तरीय पुनरीक्षण बैठकें/राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के समन्वयक बैंक राज्य अल्पसंख्यक आयोगों/बोर्डों या राज्य अल्पसंख्यक वित्तीय निगमों के अध्यक्ष/प्रबंध निदेशकों को या उनके प्रतिनिधियों को राज्य स्तरीय पुनरीक्षण समिति(डीएलआरसी), राज्य स्तरीय पुनरीक्षण बैठक (एसएलआरएम) और राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठकों में भाग लेने हेतु आमंत्रित कर सकते हैं ।

3.6 i) मुख्य कार्यालय के विशेष कक्ष के प्रभारी अधिकारी ii) चयनित जिलों में केवल अल्पसंख्यक समुदायेां की समस्याओं के संबंध में कार्रवाई करने वाले अग्रणी बैंकों द्वारा नियुक्त अधिकारियों के नाम, पदनाम और पते अल्पसंख्यकों के लिए गठित राष्ट्रीय आयोग को बैंकों द्वारा निम्नलिखित पते पर प्रस्तुत किये जाएं और आवधिक रुप से अद्यतन किये जाएं :

सचिव
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग
भारत सरकार
लोक नायक भवन
5वीं मंज़िल, खान मार्केट
नई दिल्ली 110003

संबंधित पत्राचार की प्रतिलिपि भी भारतीय रिजॅर्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय को प्रस्तुत की जाए ।

3.7 अल्पसंख्यक समुदाय बहुल वाले चयनित जिलों में अग्रणी बैंक जागरुकता उत्पन्न करने, हिताधिकारियों की पहचान करने, अर्थक्षमयोजनाएँ तैयार करने, विपणन और विनिर्माण सुविधाएँ उपलब्ध कराने यथा निविष्टियों की आपूर्ति/विपणन वसूली आदि सहित अतिरिक्त कार्यों में राज्य अल्पसंख्यक आयोग/वित्त निगम को सम्मिलित कर सकते हैं ।

3.8 चयनित जिलों में अग्रणी बैंक, नाबाड़ के जिला विकास प्रबंधकों/गैर सरकारी संगठनों/स्वैच्छिक संगठनों के सहयोग से स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से गरीबों तक पहुंच सकते हैं और ऐसे समूहों के गठन में सहायता कर सकते हैं ।

4. विभेदक ब्याज दर योजना के अन्तर्गत अग्रिम

बैंक, राज्य अल्पसंख्यक वित्त/विकास निगम द्वारा अजा/अजजा विकास निगमों के माध्यम से दिए जाने वाले ऋणों पर लागू शर्तों के समान ही ऋण प्रदान कर सकते हैं; बशर्ते कि निगमों के हिताधिकारी पात्रता की शर्तें तथा योजना के अन्तर्गत निर्धारित शर्तें पूरी करते हों ।

5. निगरानी

5.1 विशिष्ट अल्पसंख्यक समुदायों को ऋण उपलब्ध कराने में बैंकों के कार्य निष्पादन की निगरानी के उद्देश्य से अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों को उपलब्ध कराई जाने वाली ऋण सहायता के आँकड़े भारतीय रिज़र्व बैंक और भारत सरकार, वित्त मंत्रालय और कल्याण मंत्रालय को प्रतिवर्ष मार्च और सितंबर के अन्तिम शुक्रवार को छमाही आधार पर भेजे जाने चाहिए । विवरण (अनुबंध I दिया गया) प्रत्येक छ:माही की समाप्ति से 1 माह के भीतर भारतीय रिज़र्व बैंक में पहुँच जाना चाहिए ।

5.2 भागीदारी फर्म के मामले में, यदि भागीदारों में से अधिकांश विशिष्ट समुदायों से संबंधित हैं तो, ऐसी भागीदारी फर्मों को दिए गए अग्रिम अल्पसंख्यक समुदायों को दिए गए अग्रिमों में गिना जाना चाहिए तथा उसे तदनुसार निर्धारित विवरण में सम्मिलित किया जाना चाहिए । यदि किसी कम्पनी का कानूनी रुप से पृथक अस्तिव है, तो उसे दिए गए अग्रिमों को निर्धारित अल्पसंख्यक समुदायों को दिए गए अग्रिमों के रुप में वर्गीकृत नहीं किया जा सकता ।

5.3 चयनित जिलों में जिला परामर्शदात्री समितियों के समन्वयक बैंकों को संबंधित तिमाही की समाप्ति के एक माह के भीतर भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालयों को अपने अग्रणी उत्तरदायित्व के अन्तर्गत जिले के लिए निर्धारित फार्मेट में (अनुबंध III में) उनके द्वारा संकलित बैंकों द्वारा निर्दिष्ट अल्पसंख्यक समुदायों को स्वीवृ त प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र अग्रिमों के आँकड़े प्रस्तुत करने चाहिए ।चयनित जिलों के नाम, संबंधित अग्रणी बैंक और ग्राआऋवि के क्षेत्रीय कार्यालय, जिनको अग्रणी बैंक विवरण प्रस्तुत करेंगे, की सूची अनुबंध II में दर्शायी गयी है ।

5.4 अल्पसंख्यक समुदायों को ऋण उपलब्ध कराने के संबंध में हुई प्रगति की नियमित रुप से समीक्षा जिला परामर्शदात्री समितियों तथा राज्य स्तरीय बैंकर्स समितियों में होनी चाहिए ।

5.5 चयनित जिलों में अग्रणी बैंकों को संबंधित जिला परामर्शदात्री समितियों तथा राज्य स्तरीय बैंकर्स समितियों की कार्यसूची का सार और बैठकों का कार्यवृत्त वित्त मंत्रालय और कल्याण मंत्रालय को तिमाही आधार पर प्रस्तुत करना चाहिए ।

6. प्रशिक्षण

6.1 यह सुनिश्चित करने के लिए कि बैंक स्टाफ और अन्य अधिकारी अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए विभिन्न कार्यक्रमों को उचित प्रकार से समझते हैं, पदाधिकारियों और अन्य स्टाफ सदस्यों को उचित प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए । इस प्रयोजन के लिए बैंकों को अपने प्रशिक्षण कार्यक्रमों में, प्रारंभिक पाठयक्रम, ग्रामीण उधार पर कार्यक्रम, प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्रों को अग्रिम, गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम इत्यादि से संबंधित सत्रों को सम्मिलित करना चाहिए ।

6.2 चयनित ज़िलों में कार्यरत अग्रणी बैंकों को उद्यमिता विकास कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए ताकि इन क्षेत्रों के अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्य बैंकों द्वारा वित्तपोषित किए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों का लाभ प्राप्त कर सकें । इन जिलों की जनता के बड़े भाग द्वारा किए जा रहे बड़े व्यवसाय अथवा गतिविधि के आधार पर राज्य सरकारों, उद्योग विभाग, जिला उद्योग केन्द्र, लघु उद्योग विकास बैंक, राज्य तकनीकी परामर्शदाता संगठन, खादी और ग्रामोद्योग आयोग तथा अन्य संगठनों, जो ऐसे प्रशिक्षण देने के लिए पूर्णतया सक्षम हैं, के सहयोग से इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना चाहिए । कार्यक्रम की अवधि, कार्यक्रम की विषयवस्तु और संकाय सदस्यों का चयन इत्यादि से संबंधित निर्णय प्रत्येक बैंक द्वारा जिले में जनता की तात्कालिक स्थितियों, वर्तमान कौशल और आवश्यकता के साथ-साथ अभिवृत्ति को ध्यान में रखते हुए करना चाहिए ।

6.3 चयनित जिलों में अग्रणी बैंकों द्वारा इन जिलों में पदापित स्टाफ को विभिन्न ऋण योजनाओं के अन्तर्गत अल्पसंख्यक समुदायों को सहायता प्रदान करने के लिए समुचित प्रशिक्षण के माध्यम से प्रोत्साहित करना चाहिए ।

6.4 अग्रणी बैंक नाबाड़ के जिला विकास प्रबंधकों की सहायता से स्वयं सहायता समूहों को व्यष्टि ऋण/उधार देने के संबंध में बैंक के पदाधिकारियों के लिए द्रुतग्राहीकरण कार्यशालाओं का आयोजन करें ।

7. प्रचार

7.1 सरकार के गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों का व्यापक प्रचार अल्पसंख्यक समुदायों की बहुलता वाले स्थानों तथा विशेष रुप से अनुबंध II में सूचीबध्द जिलों में होना चाहिए जहाँ अल्पसंख्यक समुदाय बड़ी मात्रा में हैं ।

7.2 चयनित जिलों में अग्रणी बैंकों को अल्पसंख्यक समुदायों के बीच बैंकों से ऋण सुविधाएँ प्राप्त करने के उचित उपायों का प्रचार-प्रसार करना चाहिए; यथा i) प्रिंट मीडिया अर्थात स्थानीय भाषाओं में पेंप्लेटों का वितरण, समाचार पत्रों में विज्ञापन/लेख इत्यादि ii) टी.वी.चैनल - दूरदर्शन/स्थानीय चैनल iii) इन समुदायों द्वारा धार्मिक/त्यौहारों के उत्सवों पर मेलों में स्टॉल लगाना इत्यादि ।

8. राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास और वित्त निगम

8.1 राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास और वित्त निगम की स्थापना इन समुदायों के पिछड़े वर्गों के बीच आर्थिक और विकासात्मक गतिविधियों के विकास हेतु सितम्बर 1994 में की गई । राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास और वित्त निगम एक शिखर संस्था के रुप में कार्य करता है तथा संबंधित राज्य/संघ शासित सरकारों के राज्य अल्पसंख्यक वित्त निगम के माध्यम से हिताधिकारियों को राशि उपलब्ध कराता है ।

8.2 राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास और वित्त निगम ने साथ-साथ मार्जिन मनी योजना जो परियोजना लागत के 60% तक बैंक वित्त से जुडी हुई है, परिचालित की है । परियोजना लागत की शेष राशि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास और वित्त निगम, राज्य चैनेलाइज़िंग एजेंसी और हिताधिकारी द्वारा 25%, 10% तथा 5% के अनुपात में वहन की जाएगी । राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास और वित्त निगम द्वारा आरंभ की गई मार्जिन मनी योजना का कार्यान्वयन बैंकों द्वारा किया जाएगा । बैंक वित्त प्रदान करते समय बैंकों को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को अग्रिम के संबंध में समय-समय पर जारी दिशानिर्देशों को ध्यान में रखना होगा । यह सुनिश्चित किया जाए कि ऋण की राशि से सृजित आस्तियाँ बैंक के पास बंधक/गिरवी रखी जाएंगी । बैंकों द्वारा की गई वसूली में पहले बैंक की देय राशि की वसूली की जाएगी ।

अनुबंध I

को समाप्त छमाही के लिए समग्र प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र अग्रिमों की तुलना में
निर्दिष्ट अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों को स्वीकृत प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्रों को अग्रिम दर्शानेवाला विवरण

( पैराग्राफ 5.1 के अनुसार )

(खातों की संख्या - वास्तविक )
( राशि लाख रुपयों में )

बैंक का नाम ------------------------------------------- बैंक कूट --------------------------

भाग ’अ’ - चयनित जिलों के लिए

सं.

जिला

कूट सं.

ईसाई
(10)

मुस्लिम
(20)

बुध्दिस्ट
(30)

सिख
(40)

झोरास्ट्रियन
(50)

कुल ‘अ’

अन्य ‘आ’
(90)

चयनित जिलों
इ’ में कुल प्राथमिकताप्राप्त
क्षेत्र अग्रिम

(99)

   

खातों

की
संख्या

बकाया
राशि

खातों

की
संख्या

बकाया
राशि

खातों
की

संख्या

बकाया
राशि

खातों
की

संख्या

बकाया
राशि

खातों
की
संख्या

बकाया
राशि

खातों
की
संख्या

बकाया
राशि

खातों
की
संख्या

बकाया
राशि

खातों
की
संख्या

बकाया
राशि

उत्तर प्रदेश

1.

रामपुर

280

                

2.

बिजनौर

276

                

3.

मुरादाबाद

278

                

4.

सहारनपुर

274

                

5.

मुज़फफरनगर

272

                

6.

मेरठ

270

                

7.

बहरीैच

244

                

8.

गोंदा

243

                

9.

गाज़ियाबाद

269

                

10.

पीलीभीत

249

                

11.

देवरिया

236

                

12.

बाराबंकी

202

                

13.

बस्ती

242

                

पश्चिम बंगाल

14.

मुर्शीदाबाद

126

                

15.

मालदाह

128

                

16.

पश्चिम दीनाजपुर

130

                

17.

बीरभूम

122

                

18.

नड़िया

124

                

19.

24-परगना(दक्षिण)

103

                

20.

24-परगना(उत्तर)

101

                

21.

कूच बिहार

136

                

22.

हावड़ा

110

                

केरल

23.

मल्लापुरम

983

                

24.

कोझीकोडे

980

                

25.

कन्ननूर

985

                

26.

पालघाट

974

                

27.

व्यानाड़

988

                

बिहार

28.

पूर्णिया

078

                

29.

कटिहार

071

                

30.

दरभंगा

074

                

कर्नाटक

31.

बीदर

866

                

32.

गुलबर्गा

864

                

33.

बीजापुर

868

                

महाराष्ट्र

34.

बृहन्मुंबई

600

                 

35.

औरंगाबाद

624

                 

आंध्र प्रदेश

36.

हैदराबाद

800

                 

37.

कर्नूल

830

                 

सं.

जिला

कूट सं.

ईसाई
(10)

मुस्लिम
(20)

बुध्दिस्ट
(30)

सिख
(40)

झोरास्ट्रियन
(50)

कुल ‘अ’

अन्य ‘आ’
(90)

चयनित जिलों
इ’ में कुल प्राथमिकताप्राप्त

क्षेत्र अग्रिम
(99)

   

खातों
की
संख्या

बकाया
राशि

खातों
की
संख्या

बकाया

राशि

खातों
की
संख्या

बकाया
राशि

खातों
की
संख्या

बकाया
राशि

खातों
की
संख्या

बकाया
राशि

खातों
की
संख्या

बकाया
राशि

खातों
की
संख्या

बकाया
राशि

खातों
की
संख्या

बकाया
राशि

हरियाणा

38.

गुड़गांव

348

                

मध्य प्रदेश

39.

भेंपाल

764

                

राजस्थान

40.

जैसलमेर

522

                

गुजरात

41.

कच्छ

586

                
 

कुल

000

                

 

बैंक का नाम ------------------------------------------- बैंक कूट --------------------------

भाग ‘आ’ - देश में सभी जिलों के लिए

सं.

जिला

कूट सं.

इसाई

(10)

मुस्लिम

(20)

बुध्दिस्ट

(30)

सिख

(40)

झोरास्ट्रियन

(50)

कुल ‘अ’

अन्य ‘आ’

(90)

चयनित जिलों ‘इ’ में कुल प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र अग्रिम
(99)

   

खातों
की

संख्या

बकाया
राशि

खातों

की

संख्या

बकाया
राशि

खातों
की
संख्या

बकाया
राशि

खातों
की
संख्या

बकाय
राशि

खातों
की

संख्या

बकाया
राशि

खातों
की
संख्या

बकाया
राशि

खातों
की
संख्या

बकाया
राशि

खातों
की

संख्या

बकाया
राशि

1.

हरियाणा

34

                

2.

हिमाचल प्रदेश

46

                

3.

जम्मू और कश्मीर

44

                

4.

पंजाब

30

                

5.

राजस्थान

50

                

6.

चंडीगढ़

39

                

7.

दिल्ली

29

                

8.

असम

01

                

9.

मणिपुर

15

                

10.

मेघालय

04

                

11.

नगालैंड

14

                

12.

त्रिपुरा

18

                

13.

अरुणाचल प्रदेश

09

                

14.

मिज़ोरम

03

                

15.

सिक्किम

17

                

16.

बिहार

06

                

17.

उड़ीसा

16

                

18.

पश्चिम बंगाल

10

                

19.

अंदॅमान और निकोबार द्वीपसमूह

19

                

20.

मध्य प्रदेश

70

                

21.

उत्तरप्रदेश

20

                

22.

गुजरात

54

                

23.

महाराष्ट्र

60

                

24.

गोवा

68

                

25.

दमण ओर दीव

67

                

26.

दादरा और नगर हवेली

69

                

27.

आंध्र प्रदेश

80

                

28.

कर्नाटक

84

                

29.

केरल

96

                

30.

तमिल नाडु

90

                

31.

पांडिचेरी

99

                

32.

लक्षद्वीप

89

                
 

समग्र भारत

00

                

अनुबंध II

अल्पसंख्यक समुदाय बहुल जिलों की सूची

(3.2, 5.3 और 7.1 पैराग्राफों के अनुसार)

राज्य/ग्राआऋवि के क्षेत्रीय कार्यालय

जिले

 

अग्रणी बैंक का नाम

उत्तर प्रदेश
(लखनऊ)

  • रामपुर
  • बिजनौेर
  • मुरादाबाद
  • सहारनपुर
  • मुज़फफरनगर
  • मेरठ
  • बहराईच
  • गोंदा
  • गाज़ियाबाद
  • पीलीभीत
  • देवरिया
  • बाराबंकी
  • बस्ती
 
  • बैंेक ऑफ बड़ौदा
  • पंजाब नैशनल बैंक
  • सिंडीकेट बैंक
  • पंजाब नैशनल बैंक
  • पंजाब नैशनल बैंक
  • सिंडीकेट बैंक
  • इलाहाबाद बैंक
  • इलाहाबाद बैंक
  • सिंडीकेट बैंक
  • बैंक ऑफ बड़ौदा
  • सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
  • बैंक ऑफ इंडिया

भारतीय स्टेट बैंक

पश्चिम बंगाल
(कोलकाता)

  • मुर्शिदाबाद
  • मालदा
  • पश्चिम दीनाजपुर

(2 जिलों में विभााजित अर्थात् उत्तर व दक्षिण दीनाजपुर )

  • बीरभूम
  • नडिया
  • 24-परगना(नॉर्थ)
  • 24-परगना(साउथ)
  • कूच बिहार
  • हावड़ा
 
  • युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया
  • युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया
  • युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया

 

 

  • यूको बैंक
  • युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया
  • इलाहाबाद बैंक
  • युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया
  • सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
  • यूको बैंक

केरल
(तिरुवनंतपुरम)

  • मल्लाप्पुरम
  • कोजीकोडे
  • कन्नानूर
  • पालघाट
  • व्यानाड
 
  • केनरा बैंक
  • केनरा बैंक
  • सिंडीकेट बैंक
  • केनरा बैंक
  • केनरा बैंक

बिहार
(पटना)

  • पूर्णिया

(3 जिलों में विभााजित अर्थात् पूर्णिया,अररिया और किशनगंज)

  • कटिहार
  • दरभंगा
 
  • सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
  • स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
  • सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
  • सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
  • सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया

कर्नाटक
(बंगलूर)

  • बीदर
  • गुलबर्गा
  • बीजापुर
 
  • स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
  • स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
  • सिंडीकेट बैंक

महाराष्ट्र
(मुंबई)

  • बृहन मुंबई
  • औरंगाबाद
 
  • बैंक ऑफ महाराष्ट्र
  • बैंक ऑफ महाराष्ट्र

आंध्र प्रदेश
(हैदराबाद)

  • हैदराबाद
  • कुर्नुल
 
  • स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद
  • सिंडीकेट बैंक

हरियाणा
(नई दिल्ली)

  • गुड़गांव
 
  • सिंडीकेट बैंक

मध्य प्रदेश
(भोपाल)

  • भोपाल
 
  • बैंक ऑफ इंडिया

राजस्थान
(जयपुर)

  • जैसलमेर
 
  • स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर और जयपुर

गुजरात
(अहमदाबाद)

  • कच्छ
 
  • देना बैंक

अनुबंध III

(चयनित जिलों में )समग्र प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र
को अग्रिमों की तुलना में निर्दिष्ट अल्पसंख्यक
समुदायों के सदस्यों को प्रदान किए गए अग्रिमों
को दर्शानेवाला ----------को समाप्त तिमाही
का विवरण
(पैराग्राफ 5.3 के अनुसार)

जिले का नाम

------------------

( करोड़ रु. में )

समुदाय का नाम

खातों की संख्या

बकाया राशि

 

पिछली तिमाही

चालू तिमाही

पिछली तिमाही

चालू तिमाही

अ. अल्पसंख्यक

समुदाय

  1. इसाई
  2. मुस्लिम
  3. बुध्दिस्ट
  4. सिख
  5. झोरास्ट्रियन
    

कुल (1 से 5)

    

. अन्य

    

. पहचाने गये जिलों में कुल प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र अग्रिम (अ+आ)

    

. की तुलना में अ का हिस्सा प्रतिशत में

    

नोट : (1) वास्तवित खातों की संख्या
(2) करोड़ र. में बकाया राशि

 

मास्टर परिपत्र

अनुबंध IV

अल्पसंख्यक समुदायों को ऋण उपलब्ध कराना

मास्टर परिपत्र में समेकित परिपत्रों की सूची

क्रम सं.

परिपत्र सं.

दिनांक

विषय

1.

ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी.4/पीएस. 160-86/87

24.7.86

अल्पसंख्यक समुदायों को ऋण सुविधाएं

2.

ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी.97/पीएस. 160-86/87

29.7.86

अल्पसंख्यक समुदायों को ऋण सुविधाएं

3.

ग्राआऋवि.सं.एसपी.1378/पीएस.

160-86/87

9.01.87

अल्पसंख्यक समुदायों को ऋण सुविधाएं

4.

ग्राआऋवि.सं.एसपी.1563/पीएस.

160-86/87

11.02.87

अल्पसंख्यक समुदायों को ऋण सुविधाएं

5.

ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी.75/पीएस.160-86/87

08.04.87

अल्पसंख्यक समुदायों को ऋण सुविधाएं

6.

ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी.14/पीएस.160-87/88

31.07.87

अल्पसंख्यक समुदायों को ऋण सुविधाएं

7.

ग्राआऋवि.सं.एसपी.374/पीएस.

160-87/88

31.07.87

अल्पसंख्यक समुदायों को ऋण सुविधाएं

8.

ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी.45/पीएस.160-87/88

16.10.87

अल्पसंख्यक समुदायों को ऋण सुविधाएं

9.

ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी.55/पीएस.160-87/88

2.11.87

अल्पसंख्यक समुदायों को ऋण सुविधाएं

10.

ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी.56/पीएस.160-87/88

2.11.87

अल्पसंख्यक समुदायों को ऋण सुविधाएं

11.

ग्राआऋवि.सं.एसपी.649/पीएस.

160-88/89

27.09.88

प्रधानमंत्री का अल्पसंख्यकों के कल्याण से संबंधित 15 सूत्री निवेश

12.

ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी.46/पीएस.160-88/89

17.11.88

अल्पसंख्यक समुदायों को ऋण सुविधाएँ

13.

ग्राआऋवि.सं.स्टैट.बीसी.66/स्टैट.20(सीबी)/88-89

21.01.89

अल्पसंख्यक समुदायों को ऋण सुविधाएँ

14.

ग्राआऋवि.सं.एलबीएस.बीसी.121/एलबीसी.34/88-89

07.06.89

राज्य अल्पसंख्यक आयोगों/बोर्डों या राज्य अल्पसंख्यक वित्तीय निगमों और जिला स्तरीय पुनरीक्षण समिति और राज्य स्तरीय पुनरीक्षण बैठकों में अजा/अजजा निगमों के प्रतिनिधियों को शामिल करना

15.

ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी.37/सी. 453(यू)89-90

03.10.89

विभेदक ब्याज दर योजना - राज्य अल्पसंख्यक वित्तीय/विकास निगमों के माध्यम से अग्रिम देना

16.

ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी.124/ पीएस.160-89/90

26.06.90

अल्पसंख्यक समुदायों को ऋण सुविधाएं

17.

ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी.80/पीएस.160-92/93

10.03.93

अल्पसंख्यक समुदायों को ऋण सुविधाएं - तिमाही विवरण

18.

ग्राआऋवि.सं.एसपी.1934/पीएस. 160-92:93

22.06.93

अल्पसंख्यक समुदायों को ऋण सुविधाएं

19.

ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी.17/पीएस.160-93/94

10.8.93

अल्पसंख्यक समुदायों को ऋण सुविधाएं - कर्मचारियों को प्रशिक्षण

20.

ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी.32/पीएस.160-93/94

6.9.93

अल्पसंख्यक समुदायों को ऋण सुविधाएं - संशोधित फार्मेट

21.

ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी.50/पीएस.160-93/94

13.10.93

अल्पसंख्यक समुदायों को ऋण सुविधाएं - संशोधित फार्मेट

22.

ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी.83/पीएस.160-93/94

07.01.94

अल्पसंख्यक समुदायों को ऋण उपलब्धि - तिमाही विवरण

23.

ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी.166/ पीएस.160-93/94

15.06.94

अल्पसंख्यक समुदायों को ऋण सुविधाएं - 41 चयनित जिले

24.

एलबीएस.बीसी.29/02.03.01-94/95

31.08.94

राज्य अल्पसंख्यक आयोगों/बोर्डों या राज्य स्तीय बैंकर समिति में राज्य अल्पसंख्यक वित्तीय निगमों के प्रतिनिधियों को शामिल करना

25.

ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी.79/ 09.10.01/94-95

09.12.94

विनिर्दिष्ट अल्पसंख्यक समुदायों की सूची -बुध्ष्टि के स्थान पर-नव बुध्दिष्टों को शामिल करना

26.

ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी.33/ 09.10.01/96-97

07.09.96

अल्पसंख्यक समुदायों को ऋण सुविधाएं - तिमाही विवरण

27.

ग्रगाआऋवि.सं.एसपी.बीसी.43/09.10.01/96-97

10.10.96

अल्पसंख्यक समुदायों को ऋण उपलब्धि अनुदेशों का सार-संकलन

28.

ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी.108/09.12.01/96-97

28.02.97

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास और वित्त निगम (एमएमडीएफसी)

29.

ग्राआऋवि.सं.एसपी.1074/ 09.10.01/2001-02

21.01.02

अल्पसंख्यक समुदायों को ऋण उपलब्धि बढ़ाना

30.

ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी.62/ 09.10.01/2001-02

04.02.02

अल्पसंख्यक समुदायों को ऋण उपलब्धि बढ़ाना

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