बैंक शाखाओं में करों की वसूली की क्रियाविधि - ग्राहक सेवा - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंक शाखाओं में करों की वसूली की क्रियाविधि - ग्राहक सेवा
आरबीआई/2004/135 02 अप्रैल 2004 मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रिय महोदय, बैंक शाखाओं में करों की वसूली की क्रियाविधि - ग्राहक सेवा कृपया "प्रत्यक्ष कर हेतु लेखांकन प्रणाली" (गुलाबी पुस्तिका) का संदर्भ ग्रहण करें जिसमें सरकारी क्षेत्र के बैंकों द्वारा आय और अन्य प्रत्यक्ष करों की वसूली तथा आयकर धनवापसी आदेशों (आईटीआरओ) के भुगतान संबंधी विस्तृत अनुदेश दिए गए हैं। यह पाया गया है कि यद्यपि कर की वसूली के लिए क्रियाविधि को विस्तार से बताया गया है, उसके बावजूद कुछ बैंक शाखाएं उसका सख्ती से पालन नहीं कर रही है। इस संदर्भ में ग्राहक सेवा को बेहतर बनाने के लिए हम आपका ध्यान विशेष रूप से निम्नलिखित पहलुओं की ओर आकर्षित करते हैं : (i) टोकन जारी करना: जहां भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा भुगतान की प्राप्ति सूचना स्वरूप कागज के टोकन जारी करने से संबंधित दिए गए अनुदेश काफी स्पष्ट हैं, उसके बावजूद यह पाया गया है कि बड़ी संख्या में प्राधिकृत शाखाएं इस प्रकार के टोकन नहीं जारी कर रही हैं। कई स्थानों पर, अनौपचारिक व्यवस्थाएं की गई हैं जहां करदाता से बैंक शाखा से विशिष्ट तारीख के बाद चालान लेने के लिए कहा जाता है। कुछ मामलों में, रसीदी चालानों को सुरक्षित नहीं रखा जाता है तथा उन्हें खुले बॉक्स में रख दिया जाता है। ग्राहकों को उनकी बिना पहचान किए मनमाने ढंग से उसमें से चालानों को ले लेने की पूरी छूट होती है। इस प्रकार की प्रथा अत्यधिक आपत्तिजनक है। इस संबंध में आपका ध्यान दिनांक 29 जुलाई, 2003 के हमारे परिपत्र सबैंलेवि.जीएडी.सं.एच-68ए/42.02.001/2003-04 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसमें रसीदी चालानों के बारे में अपनाई जाने वाली प्रक्रिया पर पुन: जोर दिया गया है। जैसाकि आप जानते हैं कि चेक अथवा ड्राफ्ट के साथ जमा किए गए चालानों के बारे में चेक अथवा ड्रॉफ्ट की रकम की वसूली हो जाने के बाद ही रसीदी चालान जारी किए जा सकेंगे और इस प्रकार पेपर टोकन पर वह तारीख इंगित की जाएगी जिस तारीख को रसीदी चालान तैयार रखा जाएगा ताकि कर- निर्धारिती टोकन पर दी गई तारीख को रसीदी चालान प्राप्त करने की व्यवस्था हो सके। (ii) रसीदी चालान: कर-निर्धारिती को रसीदी चालान, स्थानीय समाशोधन व्यवस्था के आधार पर 4-5 दिन के भीतर उपलब्ध करा देनी चाहिए। शाखाएं यह सुनिश्चित करें कि निर्धारित प्रतीक्षा अवधि से अधिक समय न लगे और इस संबंध में किसी भी तरह की लापरवाही को रिज़र्व बैंक द्वारा गंभीरता से लिया जाएगा। रसीदी चालान को अच्छी तरह सुरक्षित रखा जाए और कर- निर्धारिती को काउंटर पर संबंधित पेपर टोकन प्रस्तुत करने पर सुपुर्द किया जाए। किसी भी स्थिति में रसीदी चालान को खुले बॉक्स में ग्राहक के लेने के लिए न रखी जाए। (iii) रसीदी चालान पर दोहरी तारीख की मुहर: हम यह जोर देकर कहना चाहेंगे कि चालान पर दो तारीखें होनी चाहिए अर्थात् चालान और लिखित की 'प्रस्तुति तारीख' तथा लिखतों के आगमों की 'वसूली तारीख' जैसाकि गुलाबी पुस्तिका के अनुबंध-V में निर्दिष्ट किया गया है। (iv) समाशोध चेकों को स्वीकार करना: यह पाया गया है कि कुछ बैंक कर प्राप्त करते समय अन्य बैंकों पर आहरित चेकों को स्वीकार नहीं करते हैं जिसकी वजह से सनदी लेखाकार/ कर सलाहकार अपने ग्राहकों की ओर से स्वयं के चेक प्रस्तुत करते हैं। चूंकि अन्य बैंकों पर आहरित चेकों की स्वीकार्यता से ग्राहकों को अत्यधिक सुविधा होगी इसलिए बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे उन ग्राहकों को वापस न लौटाएं जो अन्य बैंकों पर आहरित चेकों को चालान के साथ प्रस्तुत करते हैं। (v) 'क्या करें' और क्या न करें': गुलाबी पुस्तिका में अनुबंध-V में 'क्या करें' और क्या न करें' की सूची दी गई है जिसे प्रत्यक्ष कर वसूली कार्य में लगे बैंक स्टॉफ को यथापेक्षा नहीं दिया गया है। आपको सूचित किया जाता है कि इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करें और अनुपालन प्रस्तुत करें। 2. जैसाकि आप जानते हैं कि आपका बैंक सरकारी कारोबार करने के लिए रिज़र्व बैंक के एजेंट के रूप में कार्य करता है। यह कार्य करने के लिए रिज़र्व बैंक, आपके बैंक को टर्नओवर कमीशन का भुगतान करके क्षतिपूर्ति करता है। अतः आपकी शाखाओं के लिए यह अनिवार्य है कि हमारे द्वारा निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन करे और अच्छी ग्राहक सेवा उपलब्ध कराएं। अनुरोध है कि आप प्राधिकृत शाखाओं को सूचित करें कि समय-समय पर जारी हमारे विभिन्न ज्ञापनों/परिपत्रों में दिए गए अनुदेशों का पालन करें तथा करदाताओं को कर का भुगतान करने में किसी प्रकार की असुविधा न हो। 3. हम यह सूचित करते हैं कि निर्धारित प्रक्रियाओं और दिशानिर्देशों का पालन न करने पर संबंधित शाखा को अप्राधिकृत कर दिया जाएगा या ऐसा जुर्माना लगाया जाएगा जो रिज़र्व बैंक उचित समझता हो। 4. कृपया प्राप्ति-सूचना दें। भवदीय, ह/- (प्रबल सेन) |