पूंजी पर्याप्तता एवं बाजार अनुशासन पर विवेकपूर्ण दिशानिर्देश – नवीन पूंजी पर्याप्तता ढांचा (एनसीएएफ) - रेटिंग प्रतीकों तथा क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों की परिभाषाओं का परिशोधन - आरबीआई - Reserve Bank of India
पूंजी पर्याप्तता एवं बाजार अनुशासन पर विवेकपूर्ण दिशानिर्देश – नवीन पूंजी पर्याप्तता ढांचा (एनसीएएफ) - रेटिंग प्रतीकों तथा क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों की परिभाषाओं का परिशोधन
आरबीआइ/2011-12/ 217 13 अक्तूबर 2011 अध्यक्ष/अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक/प्रबंध निदेशक/ महोदय पूंजी पर्याप्तता एवं बाजार अनुशासन पर विवेकपूर्ण दिशानिर्देश – नवीन पूंजी पर्याप्तता ढांचा (एनसीएएफ) - रेटिंग प्रतीकों तथा क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों की परिभाषाओं का परिशोधन कृपया ‘पूंजी पर्याप्तता एवं बाजार अनुशासन पर विवेकपूर्ण दिशानिर्देश -नवीन पूंजी पर्याप्तता ढांचा एनसीएएफ)’ पर दिनांक 1 जुलाई 2011 का मास्टर परिपत्र सं. बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 11/ 21.06.001/ 2010-11 देखें जिसके द्वारा उक्त विषय पर बैंकों को समेकित विवेकपूर्ण दिशानिर्देश जारी किये गये थे । 2. परिपत्र के पैराग्राफ 6 के अनुसार, चार देशी क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों अर्थात् केयर, क्रिसिल, फिच इंडिया तथा इकरा को पूंजी पर्याप्तता के प्रयोजनों के लिए बैंकों के दावों का जोखिम भार निर्धारित करने हेतु प्रत्यायित किया गया है। चुने गये देशी क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों द्वारा जारी दीर्घावधि तथा अल्पावधि रेटिंगो को बासल II ढांचा के अंतर्गत मानकीकृत प्रक्रिया के अनुसार लागू उचित जोखिम भारों के लिए मैप किया गया है । 3. सेबी ने रेटिंग प्रतीकों का मानकीकरण एवं उनकी परिभाषायें पर दिनांक 15 जून 2011 के अपने परिपत्र सीआईआर / एमआईआरएसडी / 4 / 2011 के द्वारा सेबी के साथ पंजीकृत क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों को सामान्य रेटिंग प्रतीकों और रेटिंग परिभाषाओं को अपनाने का अनुदेश दिया है, जो भविष्य में क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों द्वारा नई रेटिंगों/समीक्षाओं के लिए प्रयुक्त होगा । परिशोधित मानकीकृत व्यवस्था के अंतर्गत दीर्घावधि रेटिंग प्रतीकों में, इस बात को छोड़कर कि प्रतीकों में रेटिंग एजेंसी का नाम एक उपसर्ग (Prefix) के रूप में दर्शाया जायेगा, कोई परिवर्तन नहीं किया गया है । अल्पकालिक रेटिंगों के मामले में, ‘1’ से ‘4’ के स्केल पर ‘ए’ द्वारा प्रदर्शित रेटिंग स्केल (अर्थात् ए1, ए2, ए3 तथा ए4) और ‘डी’ निर्धारित किये गये हैं। सेबी (SEBI) में पंजीकृत चार प्रत्यायित क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों ने दीर्घावधि और अल्पावधि ऋण लिखतों के लिए अपने रेटिंग प्रतीकों को परिशोधित कर लिया है ।एजेंसियों के दीर्घावधि तथा अल्पावधि लिखतों के लिए नए एवं पुराने रेटिंग प्रतीकों को सुलभ संदर्भ के लिए चुने हुए क्रेडिट रेटिंग अनुबंध में आमने-सामने दे दिया गया है । 4. रेटिंग प्रतीकों तथा परिभाषाओं में पूर्वोक्त परिवर्तनों के होते हुए भी इस प्रकार के लिखतों की रेटिंग के लिए क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों द्वारा अपनायी जाने वाले रेटिंग कार्य-प्रणाली किसी भी प्रकार प्रभावित नहीं होगी तथा ये परिवर्तन बासल II ढांचे के अंतर्गत क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों द्वारा प्रदत्त मौजूदा रेटिंगों पर कोई प्रभाव नहीं डालेंगे । 5. उक्त के मद्देनज़र, बैंकों को सूचित किया जाता है कि उन्हें विभिन्न जोखिमों के जोखिम भार देने के लिए अब से क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों के परिशोधित रेटिंग प्रतीकों का उक्त संदर्भित मास्टर परिपत्र के तद्विषयक मार्गदर्शन के साथ प्रयोग करना चाहिए । 6. मास्टर परिपत्र के बाह्य क्रेडिट रेटिंग से संबंधित अन्य उपबंध अपरिवर्तित रहेंगे। भवदीय (दीपक सिंघल) केयर, क्रिसिल, फिच तथा इकरा के परिशोधित रेटिंग प्रतीक केयर
क्रिसिल
फिच इंडिया
इकरा
नोट :
अतएव, पूर्व के रेटिंग प्रतीकों के अनुसार क्रमशः केयर/ क्रिसिल/ फिच/ इकरा की रेटिंग पीआर 1+/पी 1+/एफ 1+ (आइएनडी)/ए+ अब, परिशोधित रेटिंग प्रतीकों के अनुसार, क्रमशः केयर/क्रिसिल/फिच/इकरा ए1+ के सदृश्य होंगी। |