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पूंजी पर्याप्तता पर विवेकपूर्ण दिशानिर्देश - प्रधान कार्यालय नामे शेष पर की जाने वाली कार्रवाई - विदेशी बैंक

आर.बी.आई/2012-13/121
बैंपविवि. बीपी. बीसी. सं. 28 /21.06.001/2012-13

9 जुलाई 2012
18 आषाढ़ 1934 (शक)

मुख्य कार्यपालक अधिकारी
भारत में परिचालन वाले विदेशी बैंक

महोदय

पूंजी पर्याप्तता पर विवेकपूर्ण दिशानिर्देश - प्रधान कार्यालय नामे
शेष पर की जाने वाली कार्रवाई - विदेशी बैंक

2 जुलाई 2012 के पूंजी पर्याप्तता तथा बाजार अनुशासन - नया पूंजी पर्याप्तता ढांचा (एनसीएएफ) पर मास्टर परिपत्र के पैराग्राफ 4.2.3-टिप्पणियाँ(iv) की ओर आपका ध्यान आकर्षित किया जाता है जिसमें यह कहा गया है कि " प्रधान कार्यालय/विदेशी शाखाओं के पास अंतर-कार्यालय खाते में यदि कोई निवल जमा शेष राशि, हो तो उसे पूंजी निधि नहीं माना जाएगा। हालांकि, यदि प्रधान कार्यालय खाते में कोई नामे शेष राशि हो तो उसे पूंजी के विरुद्ध प्रतिसंतुलित करना चाहिए।"

2. कुछ बैंकों ने यह अभ्यावेदन किया कि प्रधान कार्यालय/विदेशी शाखाओं में प्लेसमेंट के परिणामस्वरूप सामान्य बैंकिंग कारोबार के एक भाग के रूप में प्रधान कार्यालय खाते में नामे शेष हो सकते हैं तथा ऐसे एक्सपोजर का पूर्णतः इंकार करना व्यवहार्य तथा गैर-विघटनकारी विनियमन के सिद्धांत के अनुरूप नहीं होगा । तदनुसार उक्त मामले की जांच की गई है और यह सूचित किया जाता है कि :

  1. यदि प्रधान कार्यालय/अन्य विदेशी शाखाओं/अन्य समूह संस्थाओं की निवल विदेशी प्लेसमेंट (प्लेसमेंट में से उधारों को घटाकर, इन उधारों में टियर I तथा II पूंजी के प्रयोजन से प्रधान कार्यालय के उधारों को शामिल नहीं किया गया है) बैंक की न्यूनतम सीआरएआर अपेक्षा के 10 प्रतिशत से अधिक है तो, इस सीमा से अधिक राशि को टियर I पूंजी में से घटाया जाएगा ।

  2. उपर्युक्त विवेकपूर्ण उच्चतम सीमा के प्रयोजन के लिए निवल विदेशी प्लेसमेंट उस तारीख को विदेशी प्लेसमेंट तथा उस तारीख तक वर्ष के दौरान औसत दैनंदिन शेष में से जो उच्चतर है वह होगी ।

  3. ऐसी प्लेसमेंट/निवेशों के संबंध में समग्र उच्चतम सीमा वर्तमान विनियामक तथा सांविधिक प्रतिबंधों अर्थात् भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अनुमोदित निवल जोखिम की स्थिति (ओपन पोजीशन) की उच्चतम सीमा तथा गॅप सीमा, एवं बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 25 के अनुसार होना जारी रहेगी । ऐसे सभी लेनदेन अन्य फेमा दिशानिर्देशों के भी अनुरूप होने चाहिए ।

3. ये दिशानिर्देश 30 सितंबर 2012 से प्रभावी होंगे ।

भवदीय

(दीपक सिंघल)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

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