संदिग्ध योजनाओं में जमाराशि रखने के खिलाफ जनता को सावधान करने के लिए बैंकों की शाखाओं में प्रचार - आरबीआई - Reserve Bank of India
संदिग्ध योजनाओं में जमाराशि रखने के खिलाफ जनता को सावधान करने के लिए बैंकों की शाखाओं में प्रचार
आरबीआई/2015-16/378 21 अप्रैल 2016 अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय/ महोदया, संदिग्ध योजनाओं में जमाराशि रखने के खिलाफ जनता को सावधान करने के लिए बैंकों की शाखाओं में प्रचार आप जानते होंगे कि हाल के वर्षों में फर्जी संस्थाओं द्वारा जमा / निवेशों आदि की संदिग्ध योजनाएं शुरु करके सामान्य जनता का पैसा लेकर उन्हें धोखा देने की अनेक घटनाएं हुई हैं। कई बार इन योजनाओं को स्थावर संपत्ति, कृषि और अन्य विविध उत्पादों में निवेश के रूप में प्रचारित किया जाता है। फिर भी, बैंकों द्वारा जमाराशियों पर दिए जाने वाले प्रतिलाभ की तुलना में बहुत अधिक प्रतिलाभ का प्रस्ताव देकर ऐसी योजनाओं के द्वारा भोली-भाली जनता को निरपवाद रूप से फुसलाया जाता है। 2. भारतीय रिज़र्व बैंक के यह भी ध्यान में आया है कि ग्राहकों को लॉटरी / पुरस्कार आदि जीतने संबंधी टेलीफोन कॉल प्राप्त होते हैं जिसमें कहा जाता है कि अज्ञात खाते में पैसे जमा करें उसके बाद लॉटरी की राशि उन्हें प्रेषित की जाएगी या उनके बताए गए खाते में जमा की जाएगी। ग्राहक ऐसे छलपूर्ण संदेशों पर विश्वास रखकर धोखेबाजों को अपने खातों के विवरण देने के अलावा अपेक्षित राशि भी प्रेषित कर देते है। 3. हमारा मानना है कि भोले-भाले जमाकर्ताओं के ऐसी योजनाओं का शिकार बनने के प्रमुख कारण हैं वित्तीय साक्षरता का अभाव और कपटपूर्ण योजनाओं / कॉल के बारें में सतर्कता की कमी। इन घटनाओं से बड़े पैमाने पर जनता प्रभावित होती है तथा इसके अलावा, बैंकिंग क्षेत्र पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, क्योंकि इन फर्जी संस्थाओं द्वारा जिस पैसे का दुरूपयोग किया गया, वह बैंकिंग प्रणाली में आना चाहिए था, जिससे बैंकों के जमाराशि आधार में वृद्धि हो जाती। 4. भारतीय रिजर्व बैंक ने ऐसी संदिग्ध योजनाओं के बारे में आम जनता को सावधान करने और वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने तथा सुरक्षित निवेश के बारे में आम जनता के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं। इस संदर्भ में, यह महसूस किया गया कि वाणिज्यिक बैंकों का विस्तृत शाखा नेटवर्क भारतीय रिजर्व बैंक के प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए काफी सहायता दे सकता है। 5. उपर्युक्त को ध्यान में रखते हुए, बैंक अपने स्वयं तथा जनता के हित में ग्राहक-शिक्षा के प्रयास के रूप में उपयुक्त पोस्टर या पर्चे या फ्लायर्स या नोटिस डिजाइन करने पर विचार करें, जिनमें निम्नलिखित संदेश निहित हो:
जहाँ भी संभव हो, इस तरह के संदेश बैंक की शाखाओं में प्रदर्शित या वितरित करें (राज्य की राजभाषा में) ताकि यह आसानी से ग्राहकों के ध्यान में आए। चूंकि बैंक शाखाएं जनता के अक्सर आने-जाने का स्थान है, इसलिए इससे आम जनता तक जानकारी प्रसारित करने में आसानी होगी। बैंक स्वचालित टेलर मशीनों या व्यवसाय प्रतिनिधि केंद्र जैसे स्थानों का भी विचार कर सकते हैं जहां ऐसे संदेश बहुत से लोगों तक पहुंच सकेंगे। यह बैंक के लिए भी लाभदायी होगा क्योंकि उनके ग्राहक ऐसी कपटपूर्ण योजनाओं/कॉल के प्रति जागरूक और सतर्क रहेंगे। 6. इस पर बल देना आवश्यक है कि ऐसे उपायों को प्रभावी बनाने के लिए उन्हें लगातार जारी रखा जाना चाहिए और इसलिए, इससे संबंधित कर्मचारियों को भी संवेदनशील बनाया जाना चाहिए। शाखा अधिकारियों को उनके क्षेत्र की ऐसी संदिग्ध योजनाओं के बारे में कोई ठोस जानकारी (बाजार आसूचना) हो, तो उसे क्षेत्रीय कार्यालयों को देने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए ताकि क्षेत्रीय कार्यालय ऐसी जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को सूचित करें। 7. हम भारतीय बैंक संघ को भी इस परिपत्र की प्रतिलिपि भेज रहे हैं ताकि वे उक्त संदेश के लिए एक सामान्य डिजाइन विकसित करने पर विचार करें, जिसे अपनाने / मुद्रण करने पर तथा उसके बाद प्रदर्शित या वितरित करने पर प्रत्येक बैंक विचार कर सकता है। भवदीय (राजिंदर कुमार) |