आरबीआई/2016-17/71 डीबीआर.सीआईडी.बीसी.सं.17/20.16.003/2016-17 29 सितंबर 2016 अध्यक्ष/ मुख्य कार्यकारी अधिकारी,अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित)/ अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं (एक्जिम बैंक, एनएचबी, नाबार्ड और सिडबी) महोदय/ महोदया इरादतन चूककर्ताओं के फोटोग्राफ प्रकाशित करना कृपया इरादतन चूककर्ताओं पर दिनांक 1 जुलाई 2015 का हमारा मास्टर परिपत्र डीबीआर. सीआईडी.बीसी.सं.22/20.16.003/2016-17 देखें, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ उन दंडात्मक उपायों को रेखांकित किया गया है, जो ऋणदाता संस्थाओं द्वारा इरादतन चूककर्ता घोषित किए जा चुके उधारकर्ताओं के विरुद्ध लिए जाने चाहिए। 2. इस संदर्भ में, यह देखा गया है कि कुछ ऋणदाता संस्थाएं समाचारपत्रों में चूककर्ताओं/ गारंटी देने वालों के फोटोग्राफ प्रकाशित कर रही हैं। मामले की संवेदनशीलता और चूककर्ताओं/ गारंटी देने वालों के फोटोग्राफ अविवेकपूर्ण ढंग से प्रकाशित करने पर रोक लगाने की आवश्यकता को देखते हुए, निम्नलिखित निर्णय लिए गए हैं:
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कोई ऋणदाता संस्था केवल उन्हीं उधारकर्ताओं, जिसमें उधारकर्ता फर्म/ कंपनी के मालिक/ भागीदार/ निदेशक/ गारंटर शामिल हैं, का फोटोग्राफ छापने पर विचार कर सकती है, जिन्हें भारतीय रिज़र्व बैंक के उपर्युक्त अनुदेशों में दी गई प्रक्रिया का पालन कर इरादतन चूककर्ता घोषित किया गया हो। यह गैर-पूर्णकालिक निदेशकों पर लागू नहीं होगा, जिन्हें तब तक इरादतन चूककर्ता मानने से छूट दी गई हो, जब तक कि उपर्युक्त अनुदेशों के अनुसार विशेष शर्तें पूरी न होती हों।
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ऋणदाता संस्था अपने निदेशक मंडल के अनुमोदन से एक नीति बनाएगी, जिसमें उन मानदंडों को स्पष्ट रूप से निर्धारित किया जाएगा, जिनके आधार पर ऊपर पैरा (i) में दिए गए व्यक्तियों के फोटोग्राफ प्रकाशित करने का निर्णय लिया जाएगा, ताकि बैंक का रुख न तो भेदभावपूर्ण हो, न ही असंगत।
3. ऋणदाता संस्थाएं किसी भी अन्य चूक करने वाले उधारकर्ता के फोटोग्राफ प्रकाशित नहीं करेंगी। भवदीय, (राजिंदर कुमार) मुख्य महाप्रबंधक |