गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) द्वारा प्राइवेट प्लेसमेंट के माध्यम से धनराशि जुटाना- अपरिवर्तनीय –डिबेंचर्स (एनसीडी) - आरबीआई - Reserve Bank of India
गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) द्वारा प्राइवेट प्लेसमेंट के माध्यम से धनराशि जुटाना- अपरिवर्तनीय –डिबेंचर्स (एनसीडी)
आरबीआई/2014-15/475 20 फरवरी 2015 सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) महोदय, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) द्वारा प्राइवेट प्लेसमेंट के माध्यम से धनराशि जुटाना- अपरिवर्तनीय –डिबेंचर्स (एनसीडी) कृपया उक्त विषय पर 27 जून 2013 का परिपत्र गैबैंपवि(नीप्र)केंका.सं.330/03.10.001/2012-13 तथा 02 जुलाई 2013 का परिपत्र सं: 349/03.10.001/2013-14 का अवलोकन करें। 2. 27 जून 2013 का परिपत्र गैबैंपवि(नीप्र)केंका.सं. 330/03.10.001/2012-13 तथा 02 जुलाई 2013 का परिपत्र सं: 349/03.10.001/2013-14 के अधिक्रमण में, कंपनी अधिनियम 2013 के प्रावधानों के आलोक में एनबीएफसी के लिए एनसीडी के प्राइवेट प्लेसमेंट पर दिशानिदेशो की समीक्षा की गई तथा निम्नलिखित नियम जारी किए गए। 27 जून 2013 की अधिसूचना गैबैंपवि(नीप्र)257/पीसीजीएम(एनएसवी)2013 यथावत लागू रहेगा। 3. संशोधित दिशानिदेश अनुबंध में दिए गए है। यह नोट किया जाए कि कंपनी अधिनियम 2013 के प्रावधान तथा इसके तहत जारी नियम वहां लागू होंगे जहां विरोधाभास नहीं है। 4. गैर बैंकिंग़ वित्तीय कंपनियां सार्वजनिक जमाराशि स्वीकार करने वाली (रिज़र्व बैंक) दिशानिदेश, 1998 को संशोधित करने वाली अधिसूचना इसके साथ संलग्न है। भवदीया, (एम एस घरडे) ए. एनबीएफसी द्वारा एनसीडी (1वर्ष से अधिक समय पर परिपक्वता) का प्राइवेट प्लेसमेंट पर दिशानिदेश: 1. एनबीएफसी को स्रोत योजना के लिए बोर्ड अनुमोदित नीति प्रस्तुत करनी होगी जिसमें जिसमें अन्य बातों के साथ साथ, योजना क्षितिज़ तथा प्राइवेट प्लेसमेंट की आवधिकता कवर हो। 2. यह मामला निम्नलिखित निदेशों द्वारा विनियमित होगा:
3. एनबीएफसी द्वारा दी जाने वाली कर छूट वाली बॉंड को इस परिपत्र की प्रयोजनियता से छूट प्राप्त है। 4. एक वर्ष की परिपक्वता वाली एनसीडी के लिए, आंतरिक ऋण प्रबंध विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अपरिवर्तनीय डिबेंचर का निर्गमन (रिज़र्व बैंक) निदेश-2010 पर जारी 23 जून 2010 का दिशानिदेश लागू होगा। भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं. गैबैंविवि(नीप्र)006/मप्र(एमएसजी)2015 20 फरवरी 2015 भारतीय रिज़र्व बैंक, जनता के हित में यह आवश्यक समझकर और इस बात से संतुष्ट होकर किदेश के हित में ऋण प्रणाली को विनियमित करने के लिए और बैंक को समर्थ बनाने के प्रयोजन से 31 जनवरी 1998 की अधिसूचना सं. डीएफसी. 118/डीजी (एसपीटी)-98 में अंतर्विष्ट गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी जनता की जमाराशिस्वीकरण (रिज़र्व बैंक) निदेश, 1998 को संशोधित करना आवश्यक है, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (1934 का 2) की धारा 45-ञ, 45-ट, 45-ठ और 45 डक द्वारा प्रदत्त शक्तियों और इस संबंध में उसे सक्षम बनाने वाली सभी शक्तियों का प्रयोग करते हुए, एतद्द्वारा उक्त निदेश को तत्काल प्रभाव से निम्नवत संशोधित करने का निदेश देता है अर्थात-
“(एफए) एक वर्ष से अधिक की परिपक्वता अवधि वाली अपरिवर्तनीय डिबेंचर का निर्गमन के द्वारा जुटाई गई कोई भी राशि जिसका प्रति निवेशक अभिदान रू 1 करोड़ तथा उससे अधिक हो, बशर्तें कि ऐसे अपरिवर्तनीय डिबेंचर्स भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय समय जारी दिशानिदेश के अनुसार निर्गत किए गए हो” (एम एस घरडे) |