सरकारी लेनदेन हेतु बैंकों को देय एजेंसी कमीशन का परिमेयकरण और संशोधन - आरबीआई - Reserve Bank of India
सरकारी लेनदेन हेतु बैंकों को देय एजेंसी कमीशन का परिमेयकरण और संशोधन
आरबीआई/2011-12/570 22 मई, 2012 अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यकारी अधिकारी महोदया / प्रिय महोदय, सरकारी लेनदेन हेतु बैंकों को देय एजेंसी कमीशन का परिमेयकरण और संशोधन आप जानते हैं कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), केंद्र और राज्य सरकारों के सामान्य बैंकिंग कारोबार को, अपने स्वयं के कार्यालयों के माध्यम से तथा भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 के अंतर्गत, आपसी समझौते से नियुक्त, एजेंसी बैंकों के कार्यालयों के माध्यम से करता है । भारतीय रिजर्व बैंक, एजेंसी बैंकों द्वारा किए जाने वाले सरकारी कारोबार के लिए, उन्हें एजेंसी कमीशन (जिसे टर्नओवर कमीशन भी कहा जाता है) का भुगतान करता है। एजेंसी बैंकों के साथ किये गए समझौते के पैरा 5 के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक, अपने द्वारा निर्धारित दर पर एजेंसी कमीशन का भुगतान करता है। इस प्रावधान के अनुसार, एजेंसी कमीशन दरों की समय - समय पर समीक्षा की जाती है। मौजूदा एजेंसी कमीशन की दर 01 जुलाई 2005 से प्रभावी है। 2. एक गतिशील बैंकिंग परिदृश्य में, कई कारक / बदलाव एजेंसी कारोबार व्यवस्था की लागत / तंत्र को प्रभावित करते हैं। इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए, भारतीय रिजर्व बैंक ने, इस संबंध में स्थापित की गई समिति की सिफारिशों के आधार पर, हाल के महीनों में, प्रमुख सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के एजेंसी बैंकों के साथ विस्तृत विचार – विर्मश किया था। तदनुसार, अब यह निर्णय लिया गया है कि संशोधित एजेंसी कमीशन दर संरचना निम्नानुसार होगी: -
3. इस संदर्भ में, यह नोट करें कि उपरोक्त टेबल में 'प्राप्तियां – ई-मोड लेनदेन' जोकि क्रम संख्या 1(ii) के सामने दर्शाए गए है, वे लेनदेन है जोकि धनप्रेषक के बैंक खाते से, इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से, निधि के प्रेषण के रूप में है और वे सभी लेनदेन है जिसमें नकद / लिखतों की भौतिक प्राप्ति शामिल नहीं है । 4. संशोधित दरें 01 जुलाई 2012 से प्रभावी होगी और अगली समीक्षा तक मान्य रहेगी । भवदीय (ए. के. बेरा) |