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वार्षिक नीति 2006-07 की मध्यावधि समीक्षा

भारिबैं/2006-07/200
गैबैंपवि.नीप्रभा.कं.परि.सं./85/03.02.089/2006-07

6 दिसंबर 2006

सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ
(अवशिष्ट गैर बैंकिंग कंपनियों छोड़कर)

प्रिय महोदय

वार्षिक नीति 2006-07 की मध्यावधि समीक्षा

कृपया उत्त नीति का पैराग्राफ 154 देखें। गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी क्षेत्र के प्रतिनिधियों से इस आशय का अनुरोध मिला था कि मूर्त परिसंपत्तियों के वित्तपोषण में लगी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को अलग से वर्गीकृत किया जाए। आर्थिक गतिविधियों में सहायक आटोमोबाइल, सामान्य प्रयोजन की औद्योगिक मशीनरी, आदि जैसी स्थावर(रियल)/भौतिक(फिजिकल) परिसंपत्तियों के वित्तपोषण में लगी कंपनियाँ सामान्यत: परिसंपत्ति वित्त कंपनी संवर्ग के अनुरूप हैं। तदनुसार यह निर्णय लिया गया है कि गेर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को फिर से वर्गीकृत किया जाए।

2. गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा जमाराशियाँ स्वीकार करने के प्रयोजन के तहत गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ सार्वजनिक जमा स्वीकरण(रिज़र्व बैंक़)ल निदेश, 1998 के पैराग्राफ 2(1) में यथा परिभाषित संप्रति उनके चार वर्गं हैं जो इस प्रकार हैं:

    1. उपकरण पट्टादायी (ईएल)कंपनी का तात्पर्य उस कंपनी से है जो एक वित्तीय संस्था है व जिसका प्रधान कारोबार उपकरण पट्टादायी गतिविधि है;
    2. किराया खरीद (एचपी) कंपनी का तात्पर्य उस कंपनी से है जो एक वित्तीय संस्था है व जिसका प्रधान कारोबार किराया खरीद लेनदेन संबंधी गतिविधि है;
    3. निवेश कंपनी(आईसी) का तात्पर्य उस कंपनी से है जो एक वित्तीय संस्था है व जिसका प्रधान कारोबार प्रतिभूतियों का अर्जन है; तथा
    4. ऋण कंपनी(एलसी) का तात्पर्य उस कंपनी से है जो एक वित्तीय संस्था है व जिसका प्रधान कारोबार उसकी स्वयं की गतिविधि को छोड़कर ऋण या अग्रिम देना है किन्तु जिसमें उपकरण पट्टादायी कंपनी या किराया खरीद वित्त कंपनी शामिल नहीं है।

3. गेर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के पुनर्वर्गीकरण के परिणामस्वरूप उत्पादक/आर्थिक गतिविधियों के लिए स्थावर(रियल)/भौतिक(फिजिकल) परिसंपत्ति का वित्तपोषण करने वाली कंपनियाँ निम्नलिखित पैराग्राफ 4 में दिए गए मानदण्डों के अनुसार परिसंपत्ति वित्त कंपनियों के रूप में वर्गीकृत होंगी। शेष कंपनियाँ ऋण/निवेश कंपनियों के रूप में वर्गीकृत होती रहेंगी। प्रस्तावित ढांचे में गेर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के निम्नांकित वर्ग होंगे:

    1. परिसंपत्ति वित्त कंपनी
    2. निवेश कंपनी
    3. ऋण कंपनी

4. तदनुसार यह सूचित किया जाता है कि :-

  1. गेर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ सार्वजनिक जमा स्वीकरण (रिज़र्व बैंक़) निदेश, 1998 में दिया गया मौजूदा वर्गीकरण संशोधित हो गया है।
  2. परिसंपत्ति वित्त कंपनी की परिभाषा के अंतर्गत यह एक ऐसी कंपनी होगी जो एक वित्तीय संस्था हो और जिसका प्रधान कारोबार भौतिक(फिजिकल) परिसंपत्तियों का वित्तपोषण हो जो उत्पादक/आर्थिक गतिविधियों को संबल प्रदान करता हो जैसे आटोमोबाइल, ट्रैक्टर, लेथ मशीन, जनरेटर सेट, अर्थमूविंग तथा मटीरियल हैंडिलिंग उपकरण जो स्वचालित हों एवं सामान्य प्रयोजन की औद्योगिक मशीनरी के लिए दिया गया वित्त। इस प्रयोजन के लिए प्रधान कारोबार की परिभाषा है आर्थिक गतिविधि में सहायक स्थावर(रियल)/भौतिक(फिजिकल) परिसंपत्ति का वित्तपोषण और उससे प्राप्त आय क्रमश: कं पनी की कुल परिसंपत्तियों एवं कुल आय के 60% से कम न हो।
  3. चूंकि आय निर्धारण, परिसंपत्ति वर्गीकरण और प्रावधानीकरण मानदण्डों के लिए वर्गीकरण परिसंपत्ति मानक पर आधारित हैं, अस्तु मौजूदा विवेकपूर्ण मानदण्ड अब तक की भांति लागू बने रहेंगे। तथापि, भूमि-भवन एवं अनकोटेड शेयरों में निवेश पर प्रतिबंध संबंधी जोखिम मानदण्ड उपकरण पट्टादायी/ किराया खरीद कंपनियों पर लागू प्रावधान परिसंपत्ति वित्त कंपनियों पर लागू होने के लिए संशोधित हो जाएंगे।
  4. उल्लिखित शर्तें पूरी करने वाली कंपनियाँ परिसंपत्ति वित्त कंपनी के रूप में वर्गीकरण के लिए मान्यता प्राप्ति हेतु हमारे उस क्षेत्रीय कार्यालय से संपर्क कर सकती हैं जिसके अधिकार क्षेत्र में उसका पंजीकृत कार्यालय आता हो। उनके अनुरोध के साथ उनके सांविधिक लेखापरीक्षक द्वारा कंपनी की परिसंपत्ति/ आय के स्वरूप(पैटर्न) के संबंध में 31 मार्च 2006 की स्थिति के अनुसार दिया गया प्रमाणपत्र अनुलग्न किया जाए। बैंक द्वारा जारी पंजीकरण प्रमाणपत्र में वर्गीकरण परिवर्तित कर दिया जाएगा जैसे गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी-परिसंपत्ति वित्त कंपनी; यदि कंपनी सार्वजनिक जमा स्वीकार करती होगी तो एनबीएफसी - डी - एएफसी और यदि जमा नहीं लेती होगी तो एनबीएफसी - एनडी - एएफसी अंकित होगा।

    1. गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ विवेकपूर्ण मानदण्ड(रिज़र्व बैंक़) निदेश, 1998 के पैराग्राफ 9डी के अनुसार सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को 31 मार्च को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए सांविधिक लेखापरीक्षक का प्रमाणपत्र प्रतिवर्ष अधिकतम 30 जून तक प्रस्तुत करना अपेक्षित है। नए वर्गीकरण के अनुसार भविष्य में इस प्रमाणपत्र में प्रत्येक गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी की परिसंपत्ति/आय के स्वरूप(पैटर्न) का भी उल्लेख होना है।
    2. परिसंपत्ति वित्त कंपनी के रूप में वर्गीकृत होने के लिए केवल पात्र (सही)परिसंपत्तियों की गणना करने की जिम्मेदारी संबंधित कंपनी की होगी।

6. 6 दिसंबर 2006 की संशोधित अधूसचना सं. गैबैंपवि. 189/मुमप्र(पीके)2006 एवं गैबैंपवि. 190/ मुमप्र (पीके) /2006 की एक-एक प्रति सावधानी के साथ अनुपालन के लिए संलग्न है।

भवदीय

(पी.कृष्णमूर्ति)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

सं. यथोत्त


भारतीय रिज़र्व बैंक
गैर बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग

केंद्रीय कार्यालय

सेंटर -1,विश्व व्यापार केंद्र

कफ परेड, कोलाबा
मुंबई-400005

अधिसूचना सं. गैबैंपवि. 189 /मुमप्र(पी.के.)-2006, दिनांक 6 दिसंबर 2006

भारतीय रिज़र्व बैंक , इस बात से संतुष्ट होने पर कि जनता के हित में और वित्तीय प्रणाली को देश के हित में विनियमित करने हेतु बैंक को समर्थ बनाने के लिए गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ सार्वजनिक जमा स्वीक रण(रिज़र्व बैंक) निदेश, 1998 को संशोधित करना आवश्यक है, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (1934 का 2) की धारा 45 ञ, 45 ञक , 45 “ तथा 45 " द्वारा प्रदत्त शत्तियों और इस संबंध में उसे सक्षम बनाने वाली सभी शत्तियों का प्रयोग करते हुए, 31 जनवरी 1998 की अधिसूचना सं. अ्इण्. 118/अ्उ(एझ्ऊ) -98 में अंतर्विष्ट निदेशों को तत्काल प्रभाव से निम्नवत संशोधित करता है अर्थात-

1. पैराग्राफ 2(1) में खंड (i) से पहले निम्नलिखित खंड अंकित किया जाएगा:

"(र्iीध) "परिसंपत्ति वित्त कंपनी" का तात्पर्य उस कंपनी से है जो वित्तीय संस्था है; जिसका प्रधान कारोबार उत्पादक/आर्थिक गतिविधियों में सहायक भौतिक परिसंपत्तियों, जैसे आटोमोबाइल, ट्रैक्टरों, लेथ मशीनों, जनरेटर सेटों, अर्थमूविंग और मटीरियल हैंडिलिंग उपकरणों, स्वचालित एवं सामान्य प्रयोजन की औद्यौगिक मशीनें, का वित्तपोषण करना हे ।

2. पैराग्राफ 2(1) के खंड (ii) को हटाया जाएगा।

3. पैराग्राफ 2(1) के खंड (iv) को हटाया जाएगा।

4. पैराग्राफ 2(1) के खंड (viii) को निम्नलिखित से प्रतिस्थापित किया जाएगा:

"ऋण कंपनी" से तात्पर्य है ऐसी कंपनी से जो वित्तीय संस्था है जो अपने खुद के कार्यकलापों के अलावा अन्य किसी कार्यकलाप के लिए ऋण अथवा अग्रिम अथवा अन्य किसी प्रकार से वित्त प्रदान करती है; परंतु इसमें परिसंपत्ति वित्त कंपनी शामिल नहीं है।"

5. पैराग्राफ 2(1) के खंड (xi) में "किराया खरीद वित्त कंपनी अथवा उपकरण पट्टादायी कंपनी" शब्दों को "परिसंपत्ति वित्त कंपनी" शब्दों से प्रतिस्थापित किया जाएगा।

6. पैराग्राफ 2(3) के खंड (ii) में "किराया खरीद वित्त कंपनी अथवा उपकरण पट्टादायी कंपनी" शब्दों को "परिसंपत्ति वित्त कंपनी" शब्दों से प्रतिस्थापित किया जाएगा।

7. पैराग्राफ 2(3) के खंड (ii) से जुड़ा नोट हटाया जाएगा।

8. पैराग्राफ 4 के उप पैराग्राफ 4 के शीर्षक में "उपकरण पट्टादायी कंपनी(उपकं) अथवा किराया खरीद वित्त कंपनी (किखविकं)" शब्दों को "परिसंपत्ति वित्त कंपनी(पविकं)" शब्दों से प्रतिस्थापित किया जाएगा।

9. पैराग्राफ 4 के उप पैराग्राफ 4 की पहली पंत्ति में "उपकरण पट्टादायी कंपनी अथवा किराया खरीद वित्त कंपनी" शब्दों को "परिसंपत्ति वित्त कंपनी" शब्दों से प्रतिस्थापित किया जाएगा।

10. पैराग्राफ 4(1) के खंड (i) के परंतुक में "उपकरण पट्टादायी अथवा किराया खरीद वित्त कंपनी" शब्दों के स्थान पर "परिसंपत्ति वित्त कंपनी" शब्द प्रतिस्थापित किये जाएंगे।

11. पैराग्राफ 4(4)(क) तथा (ख) के उप-शीर्षक में संक्षेपाक्षर "उपदा/किखविकं" को "पविकं" संक्षेपाक्षर से प्रतिस्थापित किया जाएगा।

12. पैराग्राफ 4(4) के उप पैराग्राफ (क) तथा (ख) में "उपकरण पट्टादायी कंपनी अथवा किराया खरीद वित्त कंपनी" शब्दों को "परिसंपत्ति वित्त कंपनी" शब्दों से प्रतिस्थापित किया जाएगा।

13. पैराग्राफ 4(5) के खंड (i) में उप-शीर्षक में "उपदाकं/किखविकं" संक्षेपाक्षर को "पविकं" संक्षेपाक्षर से प्रतिस्थापित किया जाएगा।

14. पैराग्राफ 4(5) के खंड(i) में "उपकरण पट्टादायी कंपनी अथवा किराया खरीद वित्त कंपनी" शब्दों को "परिसंपत्ति वित्त कंपनी" शब्दों से प्रतिस्थापित किया जाएगा।

15. पैराग्राफ 4(6) में "उपकरण पट्टादायी कंपनी अथवा किराया खरीद वित्त कंपनी" शब्दों को "परिसंपत्ति वित्त कंपनी" शब्दों से प्रतिस्थापित किया जाएगा।

16. पैराग्राफ 4(12) के खंड(ii) के उप खंड(क) में " उपकरण पट्टादायी कंपनी अथवा किराया खरीद वित्त कंपनी " शब्दों को "परिसंपत्ति वित्त कंपनी" शब्दों से प्रतिस्थापित किया जाएगा।

17. पैराग्राफ 9(2) में " किराया खरीद वित्त कंपनी अथवा उपकरण पट्टादायी कंपनी" शब्दों को "परिसंपत्ति वित्त कंपनी" शब्दों से प्रतिस्थापित किया जाएगा।

(पी. कृष्णमूर्ति)

प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक


भारतीय रिज़र्व बैंक
गैर बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग
केंद्रीय कार्यालय
सेंटर -1, विश्व व्यापार केंद्र
कफ परेड, कोलाबा
मुंबई-400005

अधिसूचना सं. गैबैंपवि. 190 /मुमप्र(पी.के.)-2006, दिनांक 6 दिसंबर 2006

भारतीय रिज़र्व बैंक , इस बात से संतुष्ट होने पर कि जनता के हित में और वित्तीय प्रणाली को देश के हित में विनियमित करने हेतु बैंक को समर्थ बनाने के लिए गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ विवेपूर्ण मानदण्ड (रिज़र्व बैंक) निदेश, 1998 को संशोधित करना आवश्यक है, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (1934 का 2)की धारा 45 ञक द्वारा प्रदत्त शत्तियों और इस संबंध में उसे सक्षम बनाने वाली सभी शत्तियों का प्रयोग करते हुए, 31 जनवरी 1998 की अधिसूचना सं. अ्इण्. 119/DG(SPT)-98 में अंतर्विष्ट निदेशों को तत्काल प्रभाव से निम्नवत संशोधित करता है अर्थात-

1. पैराग्राफ 1(3) के खंड (ii) के उपखंड (ग) के "किराया खरीद वित्त कंपनी" शब्दों को "परिसंपत्ति वित्त कंपनी" शब्दों से प्रतिस्थापित किया जाएगा।

2. पैराग्राफ 1(3) के खंड (ii) के उपखंड (घ) को हटाया जाएगा।

3. पैराग्राफ 9डी में "पंजीकरण है" शब्दें के बाद निम्नलिखित शब्द जोड़े जाएंगे:

" ऐसे प्रमाणपत्र में गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी की परिसंपत्ति/आय के स्वरूप/पैटर्न का उल्लेख भी होगा जिसके कारण कंपनी परिसंपत्ति वित्त कंपनी, निवेश कंपनी या ऋण कंपनी के रूप में वर्गीकृत होने के योग्य हुई ।"

4. पैराग्राफ 11 बी(i) में "उपस्कर पट्टा कंपनी अथवा किराया खरीद वित्त कंपनी" शब्दों को "परिसंपत्ति वित्त कंपनी" शब्दों से प्रतिस्थापित किया जाएगा।

5. पैराग्राफ 11 बी के तीसरे परंतुक में "उपस्कर पट्टा कंपनी अथवा किराया खरीद वित्त कंपनी" शब्दों को "परिसंपत्ति वित्त कंपनी" शब्दों से प्रतिस्थापित किया जाएगा।

6. उत्त निदेश के पैराग्राफ 13 में वर्णित छमाही विवरणी(एनबीएस-2) के फार्मेट के भाग झ की मद सं.(ii)(क) में अंकित "उपस्कर पट्टा कंपनी अथवा किराया खरीद वित्त कंपनियाँ" शब्दों को "परिसंपत्ति वित्त कंपनियाँ" शब्दों से प्रतिस्थापित किया जाएगा।

(पी. कृष्णमूर्ति)

प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

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