हाजिर वायदा संविदाएं - आरबीआई - Reserve Bank of India
हाजिर वायदा संविदाएं
वापस लिया गया w.e.f. 02/05/2022
आईडीएमसी.संख्या.पीडीआरएस.4240/10.02.01/2001-02 26 मार्च 2002 सरकारी प्रतिभूति बाजार में महोदय हाजिर वायदा संविदाएं प्रतिभूति संविदा (विनियमन) अधिनियम, 1956 की धारा 29ए के अंतर्गत प्राप्त शक्तियों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी अधिसूचना संख्या एस.ओ.185 (ई) दिनांक 1 मार्च 2000 के अनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक में सहायक सामान्य खातों के माध्यम से रखी गई सभी सरकारी प्रतिभूतियों में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्दिष्ट नियमों और शर्तों के अनुसार हाजिर वायदा संविदा की अनुमति थी। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 7 मार्च 2000 के अपने परिपत्र संख्या आईडीएमसी.3346/10.02.01/99-2000 द्वारा नियम और शर्तें विनिर्दिष्ट की गई थीं। 2. दिनांक 7 मार्च 2000 के उपर्युक्त संदर्भित परिपत्र में निहित अनुदेशों के अधिक्रमण में, यह सूचित किया जाता है कि जिन नियमों और शर्तों के अधीन हाजिर वायदा संविदा (रिवर्स हाजिर वायदा संविदा सहित) किए जा सकते हैं, वे निम्नानुसार होंगे: (ए) हाजिर वायदा संविदा केवल i) भारत सरकार द्वारा जारी दिनांकित प्रतिभूतियों और ट्रेजरी बिलों और ii) राज्य सरकारों द्वारा जारी दिनांकित प्रतिभूतियों में किए जा सकते हैं। (बी) ऊपर (ए) में निर्दिष्ट प्रतिभूतियों में हाजिर वायदा संविदा किसी बैंकिंग कंपनी, सहकारी बैंक या भारतीय रिज़र्व बैंक, मुंबई में एक सहायक सामान्य खाता बही रखने वाले किसी भी व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है। (सी) इस तरह के हाजिर वायदा संविदाओं का भुगतान निपटान प्रतिभागियों के भारतीय रिज़र्व बैंक में सहायक सामान्य लेजर खातों या भारतीय रिज़र्व बैंक में समाशोधन निगम लिमिटेड के सहायक सामान्य लेजर खाते के माध्यम से तय किया जाएगा, और (डी) पोर्टफोलियो में वास्तव में प्रतिभूतियों को रखे बिना कोई बिक्री लेनदेन नहीं किया जाएगा। 3. ये नियम और शर्तें एससीआरए 1956 की धारा 29ए के तहत प्राप्त शक्तियों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी अधिसूचना संख्या एस.ओ. 185(ई) दिनांक 1/3/2000 के अनुसार विनिर्दिष्ट प्रासंगिक नियम और शर्तें होंगी। 4. कृपया प्राप्ति-सूचना दें। भवदीया (उषा थोराट) |