RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S2

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79209984

फेक्टर का पंजीकरण (रिज़र्व बैंक) विनियम, 2022

भारतीय रिजर्व बैंक
विनियमन विभाग
केन्‍द्रीय कार्यालय
मुंबई 400 001

अधिसूचना सं.विवि.विसंअ.080/मुमप्र (जेपीएस) – 2022

14 जनवरी, 2022

फेक्टर का पंजीकरण (रिज़र्व बैंक) विनियम, 2022

फेक्टर विनियमन अधिनियम, 2011 (2012 का 12) की धारा 31ए के साथ पठित धारा 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिजर्व बैंक एतद्द्वारा फैक्टरिंग का व्यवसाय करने वाले कंपनियों को पंजीकरण का प्रमाण पत्र प्रदान करने के तरीके से संबंधित निम्नलिखित नियम बनाता है।

1. संक्षिप्त नाम और प्रारम्भ

(1) इन विनियमों को फेक्टर का पंजीकरण (रिज़र्व बैंक) विनियम, 2022 कहा जाएगा।

(2) ये विनियम सरकारी राजपत्र में उनके प्रकाशन की तारीख से लागू होंगे।

2. परिभाषाएं

इन विनियमों के प्रयोजन के लिए, जब तक कि संदर्भ में अन्यथा अपेक्षित न हो:

(1) “अधिनियम” से तात्पर्य फेक्टर विनियमन अधिनियम, 2011 (2012 का 12) से है;

(2) "रिज़र्व बैंक" का अर्थ है भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (1934 का 2) की धारा 3 के तहत गठित भारतीय रिज़र्व बैंक;

(3) "कंपनी" का अर्थ कंपनी अधिनियम, 2013 (2013 का 18) की धारा 3 के खंड (20) में परिभाषित कंपनी से है;

(4) "गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी – फेक्टर (एनबीएफसी-फेक्टर)" से तात्पर्य भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आई के खंड (एफ) में परिभाषित एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी से है, जिसका प्रमुख व्यवसाय इन विनियमों के विनियम 4 के अनुसार है और अधिनियम की धारा 3 के तहत जिसे पंजीकरण प्रमाणपत्र (सीओआर) प्रदान किया गया है;

(5) "गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - निवेश और क्रेडिट कंपनी (एनबीएफसी-आईसीसी)" से तात्पर्य कोई ऐसी कंपनी से है जो ऐसे वित्तीय संस्थान है जिनका प्रमुख व्यवसाय आस्ति वित्त, अपने स्वयं के और प्रतिभूतियों के अधिग्रहण के अलावा किसी भी गतिविधि के लिए ऋण या अग्रिम या अन्यथा वित्त प्रदान करना है और जिसे भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (1934 का 2) की धारा 45आईए के तहत सीओआर प्रदान किया गया हो और रिज़र्व बैंक द्वारा अपने किसी भी मास्टर निदेश में परिभाषित एनबीएफसी की कोई अन्य श्रेणी में नहीं आता हो।

3. निवल स्वाधिकृत निधि

एनबीएफसी-फेक्टर के रूप में पंजीकरण की मांग करने वाली प्रत्येक कंपनी के पास 5 करोड़ या समय-समय पर रिज़र्व बैंक द्वारा विनिर्दिष्ट निवल स्वाधिकृत निधि (एनओएफ) होनी चाहिए।

4. प्रमुख व्यवसाय मानदंड (पीबीसी)

एनबीएफसी-फेक्टर यह सुनिश्चित करेगा कि फेक्टरिंग व्यवसाय में उसकी वित्तीय आस्ति उसकी कुल आस्ति का कम से कम पचास प्रतिशत है और फेक्टरिंग व्यवसाय से प्राप्त उसकी आय उसकी सकल आय के पचास प्रतिशत से कम नहीं है।

5. पंजीकरण और उसके प्रासंगिक मामले

(1) फेक्टरिंग व्यवसाय करने के इच्छुक प्रत्येक कंपनी अधिनियम के तहत एनबीएफसी-फेक्टर के रूप में पंजीकरण प्रमाणपत्र (सीओआर) प्रदान करने के लिए रिज़र्व बैंक को एक आवेदन प्रस्तुत करेंगे और इन विनियमों के विनियम 4 में निर्धारित पीबीसी के अनुपालन को सुनिश्चित करेंगे।

(2) कोई भी मौजूदा एनबीएफसी-आईसीसी, जो फेक्टरिंग व्यवसाय करने का इरादा रखता है, अधिनियम के तहत सीओआर प्रदान करने के लिए रिज़र्व बैंक को एक आवेदन करेंगे, यदि वह निम्नलिखित पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं:

(ए) सार्वजनिक जमा स्वीकार या धारण नहीं करना;

(बी) अंतिम लेखापरीक्षित तुलन पत्र के अनुसार 1,000 करोड़ और उससे अधिक की कुल आस्ति;

(सी) इन विनियमों के विनियम 3 में निर्धारित एनओएफ आवश्यकता को पूरा करना;

(डी) विनियामकीय अनुपालन।

(3) कोई भी मौजूदा एनबीएफसी-आईसीसी, जो उपरोक्त शर्तों को पूरा नहीं करते हैं, लेकिन फेक्टरिंग व्यवसाय करने का इरादा रखते हैं, तो एनबीएफसी-आईसीसी से एनबीएफसी-फैक्टर में परिवर्तन के लिए रिज़र्व बैंक से संपर्क करेंगे। ऐसे एनबीएफसी-आईसीएसी इन विनियमों के विनियमन 4 में निर्दिष्ट पीबीसी का अनुपालन करेंगे ।

(4) इस तरह के रूपांतरण के लिए आवेदन, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45आईए के तहत एनबीएफसी-आईसीसी को रिज़र्व बैंक द्वारा जारी मूल सीओआर के समर्पण सहित, एनबीएफसी - फेक्टर के रूप में नए पंजीकरण के लिए सभी समर्थक दस्तावेजों के साथ प्रस्तुत किया जाएगा।

(5) एक इकाई, जो अधिनियम के तहत रिज़र्व बैंक के साथ पंजीकृत नहीं है, फेक्टरिंग का व्यवसाय कर सकती है यदि वह फेक्टरिंग विनियमन अधिनियम, 2011 की धारा 5 में उल्लिखित इकाई है, अर्थात एक बैंक या संसद या राज्य विधानमंडल अधिनियम के तहत स्थापित कॉर्पोरेट निकाय या सरकारी कंपनी है।

(6) एनबीएफसी-फेक्टर या पात्र एनबीएफसी-आईसीसी जिसे इन विनियमों के तहत रिज़र्व बैंक द्वारा सीओआर प्रदान किया गया है, सीओआर प्रदान करने की तारीख से छह महीने के भीतर फेक्टरिंग व्यवसाय शुरू करेंगे।

6. व्यवसाय का संचालन और विवेकपूर्ण विनियम

एनबीएफसी - फेक्टर या पात्र एनबीएफसी - आईसीसी जिन्हें अधिनियम के तहत सीओआर प्रदान किया गया है, वे अधिनियम के अनुसार और अधिनियम तहत बनाए गए नियमों और विनियमों या रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार फेक्टरिंग व्यवसाय का संचालन करेंगे।

(जे. पी. शर्मा)
मुख्य महाप्रबंधक

आधिकारिक राजपत्र - असाधारण - भाग-III, खंड 4 दिनांक में 17 जनवरी, 2022 को प्रकाशित

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?