बंधक(मार्गेज) गारंटी कंपनियों के लिए विनियामक संरचना(फ्रेमवर्क) - आरबीआई - Reserve Bank of India
बंधक(मार्गेज) गारंटी कंपनियों के लिए विनियामक संरचना(फ्रेमवर्क)
भारिबैं/2007- 2008/224
गैबैंपवि.नीप्रभा.(एमजीसी) कंपरि. सं./ 111 /03.11.001/2007-08
15 जनवरी 2008
बंधक(मार्गेज) गारंटी कंपनियों के लिए विनियामक संरचना(फ्रेमवर्क)
यह स्मरण होगा कि वर्ष 2007-08 के लिए संघीय बजट प्रस्तावों की घोषणा करते समय माननीय वित्त मंत्री, भारत सरकार ने घोषणा की थी कि :
"हमारी (आम) जनता आवास ऋण चाहती ही। बंधक रखकर उधार देने वाले बैंकों एवं आवास वित्त कंपनियों के लिए यह और सुगम होगा यदि बंधक की गारंटी त्रिपक्षीय अर्थात उधारकर्ता, उधारदाता और गारंटीदाता के बीच हुई संविदा के आधार पर मिले। बंधक(मार्गेज) गारंटी कंपनियों के सृजन के लिए अनुमति देने हेतु विनियमन लागू किए जाएंगे।"
2. तदनुसार बंधक(मार्गेज) गारंटी कंपनियों को पंजीकरण प्रमाण पत्र देने के प्रस्तावों पर विचार करने हेतु बैंक ने योजना का प्रारूप तैयार किया था। योजना के प्रारूप पर हितधारकों(स्टेकहोल्डरों) से विचार-विमर्श हुआ था और इस संबंध में प्राप्त टिप्पणियों/सुझावों पर विचार करने और केंद्र सरकार की पूर्वानुमति से यह निर्णय लिया गया है कि भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-झ(च)(iii) के अंतर्गत बैंक के प्रदत्त शक्तियों के अंतर्गत बंधक(मार्गेज) गारंटी कंपनियों को गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी के रूप में विनिर्दिष्ट किया जाए। इस संबंध में 15 जनवरी 2008 की अधिसूचना सं. गैबैंपवि.(एमजीसी) 1/मुमप्र(पीके)-2008 संलग्न है। इसके अलावा यह निर्णय लिया गया है कि बंधक(मार्गेज) गारंटी कंपनियों को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम की धारा 45-झक(पंजीकरण की अपेक्षा), 45-झख(तरल परिसंपत्तियों को बनाए रखने) और 45-झग( प्रारक्षित निधियों का सृजन और निवल लाभ के निश्चित/कुछ प्रतिशत को प्रारक्षित निधि में अंतरित करने) से छूट दी जाए क्योंकि इन कंपनियों के लिए अलग से विनियामक संरचना निर्धारित की जा रही है। इस संबंध में 15 जनवरी 2008 की अधिसूचना सं. गैबैंपवि.(एमजीसी) 2/मुमप्र(पीके)-2008 संलग्न है।
भवदीय
(पी. कृष्णमूर्ति)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक
भारतीय रिज़र्व बैंक
गैर बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग
केद्रीय कार्यालय
केंद्र - 1, विश्व व्यापार केंद्र
कफ परेड, कोलाबा
मुंबई - 400005
अधिसूचना सं. गैबैंपवि(एमजीसी) 1/मुमप्र(पी.के.-2008, दिनांक 15 जनवरी 2008
भारतीय रिज़र्व बैंक , इस बात से संतुष्ट होने पर कि ऐसा करना आवश्यक है, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (1934 का 2) की धारा 45-झ(च)(iii) द्वारा उसे प्रदत्त शत्तियों का प्रयोग करते हुए, केंद्र सरकार की पूर्वानुमति से, एतद्वारा विनिर्दिष्ट करता है कि बंधक(मार्गेज) गारंटी कंपनी के रूप में पंजीकरण की बैंक द्वारा इस संबंध में यथा अधिसूचित योजना के अंतर्गत मार्गेज गारंटी कंपनी एक कंपनी के रूप में पंजीकृत है, जो उक्त अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी मानी जाएगी।
(पी.कृष्णमूर्ति)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक
भारतीय रिज़र्व बैंक
गैर बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग
केद्रीय कार्यालय
केंद्र - 1, विश्व व्यापार केंद्र
कफ परेड, कोलाबा
मुंबई - 400005
अधिसूचना सं. गैबैंपवि(एमजीसी) 2/मुमप्र(पी.के.)-2008, दिनांक 15 जनवरी 2008
भारतीय रिज़र्व बैंक , इस बात से संतुष्ट होने पर कि ऐसा करना आवश्यक है, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (1934 का 2) की धारा 45-ढग द्वारा उसे प्रदत्त शत्तियों का प्रयोग करते हुए, एतद्वारा निदेश देता है कि उक्त अधिनियम की धारा 45-झक, 45-झख और 45-झग के प्रावधान बंधक (मार्गेज) गारंटी कंपनी के रूप में पंजीकरण की बैंक द्वारा इस संबंध में यथा अधिसूचित योजना के अंतर्गत बैंक के पास पंजीकृत कंपनी पर लागू नहीं होंगे।
(पी.कृष्णमूर्ति)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक