RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S3

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79172747

स्टार्ट अप्स के लिए विनियामक रियायतें – शेयर जारी करने से संबद्ध स्पष्टीकरण

भा.रि.बैंक/2015-16/319
ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 52

11 फरवरी 2016

सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक

महोदया/महोदय,

स्टार्ट अप्स के लिए विनियामक रियायतें – शेयर जारी करने से संबद्ध स्पष्टीकरण

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथा-संशोधित अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी के मार्फत अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 की ओर आकृष्ट किया जाता है।

2. वर्ष 2015-16 के लिए छठी द्विमासिक मौद्रिक नीति विवरणी के पैरा-14 के अनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक ने 2 फरवरी 2016 की प्रेस प्रकाशनी के माध्यम से यह घोषित किया था कि स्टार्ट अप्स के मामले में मौजूदा विनियामक ढांचे के तहत कतिपय अनुमत लेनदेनों को स्पष्ट किया जाएगा। इनमें से एक मुद्दा नकदी भुगतान किए बिना निवेशक द्वारा स्वेट इक्विटी (sweat equity) जारी करना अथवा कंपनी द्वारा बकाया किसी न्यायसंगत भुगतान, जिनके विप्रेषण के लिए फेमा,1999 के अंतर्गत कोई अनुमति लेना आवश्यक नहीं है, पर शेयर जारी करने से संबद्ध है।

3. इस संबंध में निम्नानुसार स्पष्ट किया जाता है :

ए. स्वेट इक्विटी (sweat equity) के माध्यम से नकदी भुगतान किए बिना शेयर जारी करना:

भारतीय रिज़र्व बैंक ने 11 जून 2015 की अधिसूचना सं॰ फेमा 344/2015-आरबी के तहत भारतीय कंपनियों को स्वेट इक्विटी जारी करने की अनुमति दी है, यह अनुमति अन्य बातों के साथ-साथ, इस शर्त के तहत दी जाएगी कि सूचीबद्ध कंपनियों के मामले में भारतीय प्रतिभूति विनियम बोर्ड अधिनियम, 1992 के विनियमों अथवा अन्य कंपनियों के मामले में कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत केंद्र सरकार द्वारा जारी कंपनी (शेयर कैपिटल और डिबेंचर्स) नियमावली 2014 की शर्तों का अनुपालन किया जाए।

बी. बकाया न्यायसंगत भुगतान पर शेयर जारी करना:

भारतीय रिज़र्व बैंक ने 10 जुलाई 2014 की अधिसूचना सं. फेमा 315/2014 -आरबी के तहत भारतीय कंपनियों को निवेशक कंपनी द्वारा देय किन्ही अन्य निधियों (उदाहरण के तौर पर बौद्धिक सम्पदा अधिकार के अर्जन या उपयोग हेतु भुगतान, वस्तुओं का आयात, लाभांशों का भुगतान, ब्याज भुगतान, परामर्श शुल्क आदि) पर इक्विटी शेयर जारी करने की अनुमति दी है, जिसके विप्रेषण के लिए भारत सरकार अथवा फेमा, 1999 के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक की अनुमति लेना आवश्यक नही है, बशर्तें सेक्टरल कैप्स, कीमत संबंधी दिशा-निर्देशों सहित प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति तथा और लागू टैक्स संबंधी कानून [संदर्भ : विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2015) की अनुसूची 1 का पैरा 3] की शर्तों का अनुपालन किया जाए।

4. प्राधिकृत व्यापारी बैंक अपने संबन्धित घटकों और ग्राहकों को इस परिपत्र की विषयवस्तु से अवगत कराएं और उन्हें यह सूचित करें कि अधिक जानकारी के लिए वे उक्त अधिसूचनाएं देखें।

5. इस परिपत्र में निहित निर्देश, विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किए गये हैं।

भवदीय

(बी.पी. कानूनगो)
प्रधान मुख्य महाप्रबंधक

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?