विविध प्रेषणों के लिए विदेशी मुद्रा लेना - आरबीआई - Reserve Bank of India
विविध प्रेषणों के लिए विदेशी मुद्रा लेना
भारतीय रिज़र्व बैंक ए.पी(डीआई आर सिरीज) परिपत्र सं.55 सेवा में महोदया/महोदय विविध प्रेषणों के लिए विदेशी मुद्रा लेना प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान सितंबर 12, 2002 के ए.पी(डिआई आर सीरिज) परिपत्र क्रं. 16 की ओर आकृष्ट किया जाता है । इस परिपत्र के अनुसार प्राधिकृत व्यापारियों को सूचित किया ारया था कि वे मूल सूचना, नामत:, आवेदनकर्ता का नाम और पता, हिताधिकारी, प्रेषण किए जाने वाले रकम और प्रेषण का कारण, दर्शातेहुए एक साधारण पत्र के आधार पर सभी अनुमत लनदेनों के लिए 500 अमरीकी डॉलर तक अथवा उसके समतुल्य रकम दे सकते हैं । उक्त परिपत्र में यह भी स्पष्ट किया गया था कि प्रधिकृत व्यापारी ऐसे मामलों में ए2 फार्मों पर जोर न दें । 2. निवासियों को विदेशी मुद्रा की उपलब्धता को और उदार बनाने की दृष्टि से विविध प्रयोजनों के लिए बिना दस्तावेजी औपचारिकताओं के विदेशी मुद्रा प्रेषण सीमा को तत्काल प्रभाव से 500 अमरीकी डॉलर सं बढ़ाकर 5000 अमरीकी डॉलर कर दिया गया है । 3.यह स्पष्ट किया जाता है कि प्राधिकृत व्यापारी को ऊपर दर्शाए गए अनुसार एक साधारण पत्र के अलावा कोई दस्तावेज, फार्म ए-2 सहित, लेने की ज़रूरत नहीं होगी बशर्तें कि विनिमय चालू खता लेनदेन (चालू खता लेनदेनों पर सरकारी अधिसूचना में सूची I और II में शामिल न किए गए) के लिए खरीदा जा रहा हो और रकम 5000 अमरीकी डॉलर या उससे समकक्ष से अनधिक हो तथा भुगतान आवेदक के बैंक खाते पर चेक अथवा मांग ड्राफट द्वारा किया जा रहा हो । 4. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु की जानकारी अपने सभी ग्राहकों को दे दें । 5. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए है । भवदीय एफ.आर. जोसेफ़ |