विदेशी यात्रा हेतु विदेशी मुद्रा जारी करना - करेन्सी घटक
भारतीय रिज़र्व बैंक ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 11 13 नवम्बर 2001 प्रति विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी प्रिय महोदय, /महोदया विदेशी यात्रा हेतु विदेशी मुद्रा जारी करना - करेन्सी घटक प्राधिकृत व्यापारियों साथी साथ संपूर्ण मुद्रा परिवर्तकों को ईराक, लिंबिया, ईस्लामिक रिपब्लिक औफ ईरान, रशियन फेडरेशन और अंदर रिपब्लिकस् ऑफ कामनवेल्थ ऑफ इन्डेपेन्डेन्ट स्टेटस् के अलावा अन्य देशों को जानेवाले यात्रियों को विदेशी करेन्सी नोटों और सिक्कों के रुप में 500 अमरीकी डॉलर अथवा उसके समकक्ष विदेशी मुद्रा बेचने की अनुमति दी गई है। अब इन देशों को जानेवाले यात्रियों को भारतीय रिज़र्व बैंक से बिना पूर्व अनुमति इस सीमा को 2,000 अमरीकी डॉलर (दो हजार अमेरिकी डॉलर मात्र) तक बढाने का निर्णय लिया गया है। प्राधिकृत व्यापारी और संपूर्ण मुद्रा परिवर्तक तदनुसार उन्हें जारी समग्र विदेशी मुद्रा में से 2000 अमरिकी डॉलर अथवा उसके समकक्ष तक विदेशी करेन्सी नोटों/सिक्कों के रुप में विदेशी मुद्रा बेच सकेंगे। 2. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत कराये। 3. इस परिपत्र में अन्तर्विष्ट निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अधीन जारी किए गए है। भवदीय ग्रेस कोशी |