RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S3

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79045571

विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (पेमा), 1999 - चालू खाता लेनदेन - ट्रांसपोंडर किराए पर लेने के लिए प्रेषण - प्रक्रियागत परिवर्तन

 

आरबीआइ/2004-05/234

ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.20

अक्तूबर 25, 2004

सेवा में

विदेशी मुद्रा का कारोबार करनेवाले सभी प्राधिवफ्त व्यापारी बैंक

मबेदया/मबेदय

विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (पेमा), 1999 - चालू खाता लेनदेन - ट्रांसपोंडर किराए पर लेने के लिए प्रेषण - प्रक्रियागत परिवर्तन

प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान परवरी 24, 2004 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.76 की मद 2(ख्ववव) की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार टी.वी. चैनलों और इंटरनेट सेवा प्रदान करनेवालों द्वारा ट्रांसपोंडरों को किराए पर लेने के लिए प्रेषण के प्रस्ताव के संबंध में सूचना और प्रसारण मंत्रालय से पूर्व अनुमोदन की आवश्यकता होती है।

2. समीक्षा करने के बाद, सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि टी.वी. चैनलों और इंटरनेट सेवा प्रदान करनेवालों द्वारा ट्रांसपोंडरों को किराए पर लेने के प्रभार के प्रेषण हेतु किए गए आवेदनों के संबंध में क्रमश: सूचना और प्रसारण मंत्रालय और संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी से अनुमोदन प्राप्त करना अपेक्षित होगा।

3. तदनुसार, रिज़र्व बैंक को भेजे बगैर प्राधिवफ्त व्यापारी बैंक संबंधित मंत्रालयों से अनुमोदन प्राप्त करने के बाद टी.वी. चैनलों और इंटरनेट सेवा प्रदान करनेवालों द्वारा ट्रांसपोंडर किराए पर लेने के लिए प्रेषण की अनुमति प्रदान करें (संबंधित अधिसूचना संलग्न है)। तदनुसार विदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता लेनदेन) विनियमावली, 2000 की अनुसूची घ्घ् की मद सं.6 को संशोधित कर निम्नानुसार पढ़ा जाए :

प्रेषण का उेश्यि

भारत सरकार का मंत्रालय/ विभाग, जिसका अनुमोदन अपेक्षित है

6. निम्नलिखित द्वारा ट्रांसपोंडर किराए पर लेने के लिए प्रेषण

क) टी.वी. चैनल

ख) इंटरनेट सेवा प्रदान करनेवाले

 

 

सूचना और प्रसारण मंत्रालय

संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय


4. प्राधिवफ्त व्यापारी बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत करा दें।

5. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है।

भावदीया

(ग्रेस कोशी)

मुख्य महाप्रबंधक

 


वित्त मंत्रालय

(आर्थिक कार्य विभाग)

अधिसूचना

नई दिल्ली, 13 सितंबर, 2004

जी.एस.आर.608()िं -- विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 5 के परंतुक के साथ पठित उप-धारा (1) और धारा 46 की उप-धारा (2) के खंड (क) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और रिज़र्व बैंक के परामर्श से केंद्र सरकार ने जिन हित में आवश्यक मानते हुए विदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता लेनदेन) विनियमावली में एतद्द्वारा निम्नलिखित संशोधन करता है अर्थात् -

1. (1) इन विनियमों को विदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता लेनदेन) (संशोधन) विनियमावली, 2004 कहा जाएगा।

(2) ये सरकारी गजट में अपने प्रकाशन की तारीख से लागू होंगे।

2. विदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता लेनदेन) विनियमावली, 2000 में

(क) अनुसूची घ्घ् में

    1. मद सं.5 और उससे संबंधित प्रविष्टियों के बाद निम्नलिखित मद सं. और प्रविष्टियां जोड़ी जाएंगी, अर्थात् :-
    2. "6. (क) टी.वी. चैनल सूचना और प्रसारण मंत्रालय

      (ख) इंटरनेट सेवा प्रदान करनेवाले संचार और सूचना तकनीक मंत्रालय

      द्वारा ट्रांसपोंडरों के किराया प्रभार के लिए प्रेषण"

    3. मद सं.10 और उससे संबंधित प्रविष्टियों को हटा दिया जाएगा;

(ख) अनुसूची घ्घ्घ् में

    1. मद सं.1 और उससे संबंधित प्रविष्टियों को हटा दिया जाएगा ;
    2. मद सं.11 और उससे संबंधित प्रविष्टियों के लिए निम्नलिखित संख्या और प्रविष्टियों को प्रतिस्थापित किया जाएगा, अर्थात् :-
    3. "11. भारत में आवासीय फ्लैटों अथवा वाणिज्यिक प्लॉटों की बिक्री के लिए विदेश के एजेंटों को प्रति लेनदेन कमीशन अधिकतम 25,000 अमरीकी डॉलर अथवा आवक प्रेषण के 5 प्रतिशत, जो भी अधिक हो।";

    4. मद सं. 12, 13 और 14 और प्रत्येक मद संख्या से संबंधित प्रविष्टियां हटा दी जाएंगी।
    5. मद सं.16 और उससे संबंधित प्रविष्टियों के लिए निम्नलिखित मद संख्याओं और प्रविष्टियों को प्रतिस्थापित किया जाएगा, अर्थात् -
    6. मद सं.18 और उससे संबंधित प्रविष्टियों को हटा दिया जाएगा।

डसं.एप.1/2/ईएम/2004

यू.के. सिन्हा, संयुक्त सचिव

टिप्पणी : प्रधान विनियमावली सं. जी.एस.आर.381(E) दिनांक मई 3, 2000 द्वारा भारत के राजपत्र, असाधारण भाग घ्घ्, खंड 3 में प्रकाशित किए गए और बाद में 5 सितंबर 2003 के जी.एस.आर. 731(ई) द्वारा पिछली बार संशोधित किए गए।

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?