वेतन का प्रेषण - ढील - आरबीआई - Reserve Bank of India
वेतन का प्रेषण - ढील
ए.पी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्र सं. 17 सितंबर 20, 2003 सेवा में ेंविदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी महोदया /महोदय, वेतन का प्रेषण - ढील प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 10/2000-आरबी जनवरी 22, 2001 की अधिसूचना सं. फेमा 34/2001-आरबी द्वारा यथासंशोध्ति, के विनियम 7(8) की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार भारत में नियोजित विदेशी नागरिकों को अपने वेतन के 75 प्रतिशत तक भारत से बाहर अपने खाते में जमा करके प्राप्त करने की अनुमति है । 2. मामले की समीक्षा करने पर, विदेशी नागरिकों को वेतन के प्रेशण की मौजूदा उपलब्ध संविधा भारत से बाहर विदेशी कंपनी द्वारा भारत में प्रतिनियुक्ति पर नियोजित भारतीय नागरिकों को भी देने का निर्णय किया गया है । रिज़र्व बैंक ने अब अप्रैल 29, 2003 की अधिसूचना सं. फेमा 89/2003-आरबी (प्रतिलिपि संलग्न) जारी की है । तद्नुसार, विदेशी राज्य के नागरिक, विदेशी कंपनी का कर्मचारी होने के नाते भारत में निवासी, अथवा भारत का नागरिक भारत से बाहर किसी विदेशी कंपनी में नियोजित तथा दोनों मामलों में ऐसी विदेशी कंपनी के भारत में कार्यालय/शाखा/सहायक कंपनी/संयुक्त उद्यम में प्रतिनियुक्ति पर, भारत से बाहर किसी ब्ाक़में विदेशी मुद्राा खाता खोल सकते हैं, धारित कर सकते हैं और बनाए रख सकते हैं एवं भारत में कार्यालय/शाखा/सहायक कंपनी/संयुक्त उद्यम में विदेशी कंपनी को दी गई सेवाओं के बदले उन्हें प्राप्य वेतन निम्नलिखित शर्तों के अधीन ऐसे खाते में जमा द्वारा प्राप्त कर सकते हैं :- i) उटसे खाते में जमा की रकम विदेशी कंपनी से ऐसे व्व्यक्ति को उपचित अथवा प्राप्त वेतन के 75 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी । ii) शेष वेतन का रूपये में भारत में भुगतान किया जाएगा । iii) भारत में उपजित संपूर्ण वेतन प्रचलित करों के अधीन होगा । 3. प्राधिकृत व्यापारी उक्त परिपत्र की विषयवस्तु से अपने सभी संबंधित ग्राहकों को अवगत करा दे। 4. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999(1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं । भवदीय (ग्रेस कोशी) |