शेयरों के खरीद के लिए प्राप्त निधियों की वापसी का प्रत्यावर्तन - आरबीआई - Reserve Bank of India
शेयरों के खरीद के लिए प्राप्त निधियों की वापसी का प्रत्यावर्तन
भारतीय रिज़र्व बैंक ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 45 नवंबर 12, 2002 सेवा में महोदया/महोदय शेयरों के खरीद के लिए प्राप्त निधियों की वापसी का प्रत्यावर्तन वर्तमान विदेशी मुद्रा विनियमावली के अंतर्गत प्राधिकृत व्यापारियों को शेयरों की खरीद के लिए प्राप्त निधियों के प्रत्यावर्तन के लिए अनुमति देने से पहले रिज़र्व बैंक का पूर्व अनुमोदन वांछित है । 2.अब निम्नलिखित मामलों में, शेयरों की खरीद के लिए प्राप्त अधिशेष निधियों/वापसी निधियों को भारत के बाहर निवासी व्यक्ति को प्रत्यावर्तित करने के लिए प्राधिकृत व्यापारियों को अधिकार देने का निर्णय किया गया है : क) रिज़र्व बैंक की 3 मई 2000 की धिसूचना सं. फ्टमा 20/2000-आरबी के विनियम 5 (1) के अंतर्गत, शेयरों के आबंटन के लिए प्राप्त निधियों की वापसी ख) राईट आधार पर प्रस्थापित शेयरों की खरीद के लिए प्राप्त निधियों में से शेष बची निधी । ग) शेयरों की खरीद के लिए प्राप्त प्रेषणों में से अधिशेष निधी अथवा व्यापार के रद्द होने के कारण, एडीआर/जीडीआर की दोहरे मार्ग फंजीबिलिटी । 3. तदनुसार प्राधिकृत व्यापारी भारत के बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा शेयरों की खरीद के लिए प्राप्त निधियों की वापसी के लिए उक्त पैरा 2 में सूचीबद्ध मामलों में, अनुमति दे सकते हैं, बशर्ते कि प्राधिकृत व्यापारी संतुष्ट हो : i) आवेदक की बोनाफईड्स ii) की प्रत्यावर्तन शेयरों की खरीद के लिए प्राप्त निधियों की वापसी निधियों, भारत से बाहर से आवक प्रेषण के रूपमें प्राप्त निधी अथवा भारत में किसी प्राधिकृत व्यापारी के पास अनुरक्षित एनआरई/एफसीएनआर खाते में नामें द्वारा iii) प्रेषण का कोई भी अंश प्राप्त निधियों के ब्याज के रूप में नहीं होना चाहिए । 4. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय-वस्तु की जानकारी अपने सभी ग्राहकों को दे दें । 5. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फ्टमा), 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11 (1) के अंतर्गत जारी किए गए है । भवदीया (ग्रेस कोशी) |