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8% बचत बांड 2003 (करेतर), का पुनर्भुगतान

परिपत्र सं.417/2008-09

संदर्भ सं.सबैंलेवि.सीडीडी/एच-8217/13.04.137/2008-09

 

24 मार्च 2009

03 चैत्र 1930 (शक)

 

महाप्रबंधक

भारतीय स्टेट बैंक और उसके सहयोगी /17 राष्ट्रीयकृत बैंक /
एचडीएफसी बैंक लिमिटेड./आइसीआइसीआइ बैंक लिमिटेड /
आइडीबीआइ लिमिटेड/एक्सिस बैंक लिमिटेड और
भारतीय स्कंध धारिता निगम लिमिटेड

 

महोदया /महोदय

 

8% बचत बांड 2003 (करेतर), का पुनर्भुगतान

 

कृपया दिनांक 03 अप्रैल 2003 का हमारा ऋण परिपत्र सीओडीटी.13.01.299/एच-3836/02-03 देखें जो 8% बचत बांड, 2003 (करेतर) जारी करने से संबंधित है । उक्त बांड दिनांक 21 मार्च 2003 को भारत सरकार की अधिसूचना सं.एफ.4(10) डब्ल्यूएण्डएम/2003 के अनुसरण में जारी किए गए और 21 अप्रैल 2009 से प्रतिव्यक्ति निवेश की तारीख के अनुसार पुनर्भुगतान हेतु परिपक्व होंगे । दिनांक 24 मार्च 2009 को भारत सरकार, वित्त मंत्रालय, आर्थिक कार्य विभाग,नई दिल्ली द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति आपकी सूचना के लिए संलग्न है । एजेंसी बैंकों द्वारा बांड लेजर खातों के अन्तर्गत बांडों के पुनर्भुगतान के संबंध में कड़ाई से पालन की जानेवाली सामान्य प्रक्रिया निम्नानुसार है :

 

1. निवेशकों को जारी सूचना

 

धारकों को अनुबंध 1 में दिए गए फार्मेट के अनुसार उनके बांडों की परिपक्वता की तारीख से एक महीने पूर्व उनके बीएलए के परिपक्वता के बारे में सूचित करें (प्रति संलग्न)। धारकों को पंजीकृत /स्पीड पोस्ट द्वारा सूचना भेजी जानी चाहिए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि केवल ऐसे बीएलए संबंधित सूचना भेजी जाए जो स्टॉपेज से मुक्त है

 

2. परिपक्वता पश्चात ब्याज :

 

दिनांक 3 अप्रैल 2003 के हमारे ऋण परिपत्र के पैरा 15 में कहे अनुसार बांड जारी करने की तारीख से छह् वर्ष समाप्त होने पर बांड का पुनर्भुगतान किया जाएगा। बांड की परिपक्वता पश्चात कोई ब्याज देय नहीं होगा। अत: हम आपको सूचित करते हैं कि आप निवेशकों को उक्त सूचनाओं में प्रमुख रुप से सूचित करें कि निवेश पर परिपक्वता पश्चात ब्याज नहीं मिलता ।

 

3. निवेशकों द्वारा उन्मोचित प्रमाणपत्र देना :

 
(i) सरकारी प्रतिभूति विनियमावली, 2007 के विनियम 24(2)(बी) के अनुसार (जिसकी एक प्रति दिनांक 7 दिसंबर 2007 के हमारे पत्र सबैंलेवि.सीडीडी.सं. एच. 6298/11.29.002/07-08 के जरिए प्रेषित की गई थी । ) सरकारी प्रतिभूति के, जो बांड लेजर खाते (बीएलए) के रूप में है, परिपक्व राशि का भुगतान पंजीकृत धारक को भुगतान आदेश द्वारा किया जाए, अथवा किसी भी बैंक में धारक के खाते मे, जहां इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से निधि प्राप्त होने की सुविधा हो, द्वारा किया जाएगा । इस प्रयोजन के लिए विनियम 24(2)(डी) के अनुसार बांड धारकों को चाहिए कि वे एजेंसी बैंक को अपने बैंक खाते के संबंधित ब्यौरे प्रस्तुत करे । इस विनियम से इस प्रकार का प्रभाव पड़ेगा कि निवेशक की ओर से आवश्यक रुप से अनुबंध 1ए में बांड के पुनर्भुगतान की सहमति भरे जाने के कारण एजेंसी बैंक त्वरित रुप से देय तारीख को परिपक्व बांड उन्मोचित (redeem) कर सकेंगे और भुगतान सूचना प्रेषित कर सकेंगे । देय तारीखों को त्वरित रुप से उन्मोचन की सुविधा के लिए बीएलए धारकों के जिनके बैंक खातों के ब्यौरे आपके पास उपलब्ध न हो, से संबंधित ब्यौरे प्रस्तुत करवाएं जाएं तथा उनके खाते में इलेक्ट्रॉनिक रुप से परिपक्व राशि जामा कर दिए जाने के लिए अधिदेश भरवाया जांए । यह भी नोट किया जाए कि अधिदेश न होने की स्थिति में अनुबंध 1ए में अब तक की तरह, discharge की प्राप्ति पर पुनर्भुगतान किया जाएगा। राशि परिपक्व होने की सूचना (अनुबंध 1ए) में उक्त परिवर्तन करते समय उचित रुप से संशोधित कर दिए गए हैं तथा प्रत्येक उक्त सूचना की प्रति तथा अधिदेश (मैनडेट) फाणर्म जो निवेशक द्वारा भरा जाना है संलग्न किया जा रहा है।

(ii) यदि पुनर्भुगतान की राशि एक लाख रुपए से अधिक हो तो, वर्तमान अनुदेशों के अनुसार, निवेशकों को चाहिए कि वे अपने पैन/जीआईआर नंबर, अथवा यदि निवेशक के पास पैन/जीआईआर नंबर न हो तो वे फाणर्म सं. 60 में घोषणा दें ।
 

4. निवेशकों को भुगतान

 
(i) हालांकि पुनर्भुगतान के लिए फॉर्म अनुबंध 1ए में रसीद पहले से प्रस्तुत किये जाते है, तो यह सुनिश्चित किया जाए कि उन्मोचित मूल्य का वास्तविक भुगतान केवल देय तारीख को किया जाए, यदि इलेकट्रॉनिक मोड के माध्यम से भुगतान किया जा रहा हो तो निवेशक के खाते में देय तारीख को राशि जमा की जाए, उससे पूर्व न की जाए। किसी राज्य सरकार द्वारा परक्राम्य लिखित अधिनियम, 1881 के तहत परिपक्वता की तारीख को छुट्टी की घोषणा की हो तो अथवा परिपक्वता की तारीख को रविवार होने के कारण पुनर्भुगतान पिछले कार्य दिवस को किया जाए ।

(ii) केवल बीएलए का रखरखाव करनेवाली संबंधित बैंक की शाखाओं द्वारा पुनर्भुगतान किया जाना चाहिए और निवेश (शों) की समाप्ति के ब्यौरे अर्थात तारीख (खों) तथा राशि (यों) की बीएलए में बिना किसी चूकवश प्रविष्टि की जाना चाहिए जिसे, जां भी लागू हो, पर्यवेक्षक अधिकारी द्वारा विधिवत प्रमाणित किया जाना चाहिए ।

(iii) यदि एक बीएलए में विभिन्न निवेश किए गए हैं, तो एकल निवेश के शोधन को दर्शाया जाए तथा बीएलए संख्या, परिपक्वता की तारीख, तथा एकल निवेश के संबंध में राशि जनरेट की जाए तथा निवेशक को विधिवत धारिता के विवरण के साथ धारिता प्रमाणपत्र दिया जाए । यह भी सुनिश्चित किया जाए कि बीएलए में प्रदर्शित बकाया शेष और धारिता का विवरण एक समान हो ।
 
5. भुगतान आदेश भेजना: यदि पुनर्भुगतान भुगतान आदेश द्वारा किया जाता है तो यह सुनिश्चित किया जाए की शोधन की तारीखवाला भुगतान आदेश तैयार कर रखा जाए तथा निवेशक के डाक द्वारा भेजने के अनुरोध पर प्रेषित किया जाए ताकि निवेशक को कम से कम एक दिन पहले प्राप्त हो और वरिष्ठ नागरिकों को तीन दिन पहले प्राप्त हो सके । भुगतान आदेश स्पीड/पंजीकृत डाक द्वारा प्रेषित किया जाए ।

6. ब्याज भुगतान : जहां तक असंचयी योजना के अन्तर्गत रखे बीएलए का संबंध है,
वहां पिछली ब्रोकन अवधि के लिए मूल राशि के साथ ब्याज का भुगतान किया जाए। पुनर्भुगतान के लिए निवेशक द्वारा धारिता प्रमाणपत्र /निवेश का प्रमाणपत्र /उन्मोचन रसीद न देने के बावजूद ऐसे निवेशों से संबंधित ब्याज वारंटों को परिपक्वता की देय तारीख को प्रेषित किया जाना चाहिए । ऐसे परिपक्व बीएलए के ब्याज वारंट प्रेषित करते समय निवेशक को एक पत्र संबोधित किया जाना चाहिए कि उनका निवेश विनिर्दिष्ट तारीख को परिपक्व हो चुका है । निवेशक को बिना किसी चूक के यह सूचना दी जानी चाहिए की "____/____/_____(परिपक्वता की तारीख) के पश्चात निवेश पर कोई ब्याज उपचित नहीं होगा "।
 

7. लेखांकन : समय समय पर जारी वर्तमान अनुदेशों के अनुसार मूल तथा ब्याज का अलग से लेखांकन होना चाहिए तथा अलग से क्रोल आहरित किए जाना चाहिए तथा लेखा परीक्षा /सत्यापन के लिए अभिलेख में रखे जाएं ।

8. भारत सरकार को रिपोर्टिंग: पदनामित शाखाएँ योजना के अन्तर्गत बीएलए के संबंध में पुनर्भुगतान तथा बकाया दर्शानेवाला विवरण मासिक आधारपर नियंत्रक लेखा, आर्थिक कार्य विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली को अपने लिंक कार्यालयों के माध्यम से प्रस्तुत करें । क्रियाविधि के ज्ञापन के परिशिष्ट XI और XII के अनुसार मूल तथा ब्याज राशि से संबंधित पुनर्भुगतान क्रौल को अलग से आहरित किया जाना चाहिए ।

9. संबंधित क्षेत्राधिकारवाले पीडीओ को रिपोर्टिंग :

लिंक कक्ष के द्वारा संबंधित क्षेत्राधिकारवाले पीडीओंकों भेजी जानेवाली मासिक रिपोर्ट में परिशिष्ट IV के भाग डी में पुनर्भुगतान के ब्यौरे होना चाहिए । इसके साथ मासिक रिपोर्ट में क्रियाविधि के ज्ञापन के परिशिष्ट XII के अनुसार मूल तथा उस पर आहरित ब्याज से संबंधित पुनर्भुगतान क्रौल अलग से प्रस्तुत किए जाएं ।

10. सीएएस नागपुर से प्रतिपूर्ति : एजेंसी बैंक /एसएचसीआइएल क्रिया विधि ज्ञापन के पैराग्राफ 1.14 तथा 1.18 (खण्ड 1) के अनुसार प्रतिपूर्ति के लिए दावा पुनर्भुगतान के पश्चात प्रस्तुत करे । संबंधित लिंक कक्षों के माध्यम से सीएएस ,नागपुर को मूल तथा ब्याज के समेकित क्रौल अलग से प्रस्तुत किए जाएं। दावों को आंतरिक /संगामी लेखा परीक्षकों से विधिवत प्रमाणपत्र द्वारा प्रस्तुत किया जाना चाहिए कि पुनर्भुगतान /ब्याज आंकड़ों की 100% जांच की गई है तथा निवेशकों को इस राशि का भुगतान किया जा चुका है ।

11. अभिलेखों का परिरक्षण : क्रियाविधि के ज्ञापन के पैराग्राफ 1.22 के जरिए अभिलेखों के परिरक्षण से संबंधित अनुदेशों का कड़ाई से पालन होना चाहिए ।

12. पदनामित बैंकों को सूचना :

चूंकि बहुत सी शाखाओं ने अपना परिचालन कम्प्यूटरीकृत कर दिया है इसलिए उक्त अनुदेशों का अनुपालन करना अपेक्षित सिस्टम परिवर्तनों का पहले से अनुपालन करना आवश्यक हो गया है ताकि परिचालनात्मक स्तर पर कोई अड़चन न आए तथा निवेशकों को बेहतर ग्राहक सेवा प्रदान की जा सके । इस परिपत्र की विषय-वस्तु को अपनी पदनामित शाखाओं के ध्यान में तत्काल लाएं ।

 
13. उक्त अनुदेश व्याख्यात्मक है परन्तु सर्वसमावेशी नहीं तथा इसे क्रियाविधि के ज्ञापन के अनुदेशों सरकारी प्रतिभूति अधिनियम, 2006 तथा सरकारी, प्रतिभूति विनियमावली, 2007 के साथ पढ़ा जाए । उपर्युक्त पर किसी विशेष प्रकार की शंका, अथवा प्रश्न हो तो पदनामित बैंक/शाखाएं संबंधित क्षेत्राधिकारवाले पीडीओ से संपर्क करें ।

14. कृपया प्राप्ति सूचना दें तथा अनुपालन पर निगरानी रखें ।
 

भवदीय,

 

(के.आर.के. रेड्डी )
सहायक महाप्रबंधक

 

अनु : यथोक्त

 
 

उक्त दिनांक का परांकन. सबैंलेवि.सीडीडी सं.एच- 8218, 8219/ 13.04.137/ 2008-09.

प्रति निम्नलिखित को सूचना और आवश्यक कार्रवाई हेतु प्रेषित :

i) क्षेत्रीय निदेशक, भारतीय रिज़र्व बैंक, लोक ऋण कार्यालय, अहमदाबाद/ बंगलूर / भुवनेश्वर/ चेन्नै / गुवाहाटी/ हैदराबाद/ जयपुर/ कानपुर/ कोलकाता/ मुंबई-फाटर्ट/ मुंबई  - भायखला/ नागपुर/ नई दिल्ली/ पटना/ तिरुवनंतपुरम .

ii) महाप्रबंधक, भारतीय रिज़र्व बैंक, केद्रीय लेखा अनुभाग, अतिरिक्त कार्यालय भवन, ईस्ट काईकोर्ट रोड, सिविल लाइन्स, नागपुर 440001
 
 

(एस.के. मेनन)

 प्रबंधक

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