स्वर्ण ऋण की चुकौती - आरबीआई - Reserve Bank of India
स्वर्ण ऋण की चुकौती
आरबीआई/2009-10/342 05 मार्च 2010 सभी राज्य और मध्यवर्ती सहकारी बैंक महोदय / महोदया स्वर्ण ऋण की चुकौती राज्य और मध्यवर्ती सहकारी बैंक अपनी उधार नीति के भाग के रुप में स्वर्ण आभूषण की जमानत पर विभिन्न प्रयोजनों हेतु ऋण प्रदान करते हैं । वर्तमान अनुदेशों के अनुसार (दि.31 जनवरी 2003 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.आरएफ.बीसी.सं.69/ 07.37.02/2002-03 देखें) बैंक, कृषि और संबद्ध कार्यकलापों को छोड़कर अन्य प्रयोजनों के लिए प्रदान किए गए ऋणों और अग्रिमों पर मासिक अंतराल पर ब्याज लगाते हैं । 2. इस मामले की समीक्षा की गई और यह निर्णय लिया गया है कि एक अतिरिक्त विकल्प के रूप में एक लाख रुपए तक के स्वर्ण ऋणों की एकमुश्त बड़ी और अंतिम चुकौती की अनुमति दी जाए । अत: राज्य और मध्यवर्ती सहकारी बैंकों को अनुमति दी जाती है कि वे स्वर्ण ऋण की मंजूरी हेतु निम्नलिखित दिशानिर्देशों के आधीन एकमुश्त बड़ी और अंतिम चुकौती के लिए अपने निदेशक मंडल के अनुमोदन से नीति निर्धारित करें :
3. यह स्पष्ट किया जाता है कि स्वर्ण / स्वर्णाभूषण की संपार्श्विक प्रतिभूति पर मंजूर फसल ऋणों पर आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण तथा प्रावधानीकरण संबंधी मौजूदा मानदंड लागू रहेंगे । भवदीय, (आर. सी. षडंगी) |