प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक - वृहद ऋणों पर सूचना का केंद्रीय भंडार (सीआरआईएलसी) को रिपोर्टिंग - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक - वृहद ऋणों पर सूचना का केंद्रीय भंडार (सीआरआईएलसी) को रिपोर्टिंग
भा.रि.बैं/2019-20/125 दिसंबर 27, 2019 मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया / महोदय, प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक - वृहद ऋणों पर सूचना का केंद्रीय भंडार (सीआरआईएलसी) को रिपोर्टिंग कृपया ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक - वृहद ऋणों पर सूचना का केंद्रीय भंडार (सीआरआईएलसी) को रिपोर्टिंग’ पर दिनांक 05 दिसंबर 2019 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों संबंधी स्टेटमेंट के अनुच्छेद 2 (उद्धरण संलग्न) का संदर्भ लें। 2. यह निर्णय लिया गया है कि प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक जिनकी कुल परिसंपत्ति पिछले वित्तीय वर्ष के 31 मार्च को रु. 500 करोड़ या उससे अधिक थी, वे रू.5 करोड़ या उससे अधिक समग्र एक्सपोज़र वाले सभी उधारकर्ताओं से संबन्धित ऋण सूचना, जिसमें विशेष उल्लेख खाता (एसएमए) के रूप में खातों का वर्गीकरण शामिल हो, रिज़र्व बैंक द्वारा बनाए गए वृहद ऋणों पर सूचना के केंद्रीय भंडार (सीआरआईएलसी) को रिपोर्ट करेंगे। समग्र एक्सपोजर में उधारकर्ता पर निवेश जोखिम सहित सभी फंड-आधारित और गैर-फंड आधारित एक्सपोज़र शामिल होंगे। 3. विशेष उल्लेख खाता (एसएमए) विशेष उल्लेख खाता (एसएमए) एक ऐसा खाता है जो उधारकर्ता द्वारा अपने ऋण दायित्वों का समय पर भुगतान न किए जाने पर आरंभिक तनाव के संकेत प्रदर्शित करता है, यद्यपि आरबीआई के अद्यतन दिशानिर्देशों के अनुसार इस खाते को अभी तक गैर निष्पादक आस्ति (एनपीए) के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया है। चूंकि ऐसे खातों के शीघ्र पहचान से बैंक इनकी एनपीए के रूप में संभावित गिरावट को रोकने हेतु समय पर उपचारात्मक कार्रवाई शुरू करने में सक्षम होंगे, इसलिए यह सूचित किया जाता है कि पिछले वित्तीय वर्ष की 31 मार्च को रू.500 करोड़ या उससे अधिक की कुल परिसंपत्ति वाले सभी यूसीबी ऋण/अग्रिम खातों को एसएमए के रूप में निम्नानुसार वर्गीकृत करने हेतु आवश्यक कदम उठाएंगे।
नकद ऋण जैसी परिक्रामी ऋण सुविधाओं के मामले में एसएमए उप-श्रेणियां निम्नानुसार होंगी:
4. शुरूआत में, शहरी सहकारी बैंकों को 31 दिसंबर, 2019 से त्रैमासिक आधार पर सीआरआईएलसी रिपोर्ट प्रस्तुत करना आवश्यक होगा। भारतीय रिज़र्व बैंक के पर्यवेक्षण विभाग द्वारा इस संबंध में शीघ्र ही विस्तृत परिचालन निर्देश जारी किए जाएंगे। 5. शहरी सहकारी बैंक भारतीय रिजर्व बैंक को बड़े क्रेडिट पर सूचना/आँकड़े प्रस्तुत करते समय आंकड़ों की सटीकता और प्रामाणिकता के बारे में अत्यधिक सावधानी बरतें, जिसका अनुपालन न किए जाने पर उनके खिलाफ बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के प्रावधानों के अनुसार दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है। भवदीय (नीरज निगम) अनुलग्नकः यथोपरि 05 दिसंबर 2019 को घोषित द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2019-20 के अंश 2. प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक - वृहद ऋणों पर सूचना का केंद्रीय भंडार (सीआरआईएलसी) को रिपोर्टिंग रिज़र्व बैंक ने अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों और कुछ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के वृहद ऋणों पर सूचना का एक बहुउद्देशीय केंद्रीय भंडार (सीआरआईएलसी) बनाया है जिसमें अन्य उद्देश्यों के साथ-साथ ऑफसाइट पर्यवेक्षण और वित्तीय संकट की जल्द पहचान करने की प्रक्रिया को मजबूत करना शामिल है। प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) द्वारा दिए गए वृहद ऋणों के लिए इसी प्रकार का डेटाबेस बनाने के उद्देश्य से, ₹ 500 करोड़ और उससे अधिक की परिसंपत्ति वाली यूसीबी को सीआरआईएलसी रिपोर्टिंग ढांचे के तहत लाने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में विस्तृत निर्देश 31 दिसंबर 2019 तक जारी कर दिए जाएंगे। |