ग्राहक के संबंध में समुचित सावधानी की अपेक्षा और अभिलेखों के रखरखाव की आवश्यकता - आरबीआई - Reserve Bank of India
ग्राहक के संबंध में समुचित सावधानी की अपेक्षा और अभिलेखों के रखरखाव की आवश्यकता
भा.रि.बैं./2016-17/173 06 दिसंबर, 2016 सभी विनियमित संस्थाएं (आरई) महोदय/महोदया, ग्राहक के संबंध में समुचित सावधानी की अपेक्षा और अभिलेखों के रखरखाव की आवश्यकता यह रिपोर्ट किया गया है कि हाल ही में बहुत से ग्राहक निष्क्रिय खातों को फिर से सक्रिय करवाने के लिए बैंकों से संपर्क कर रहे हैं। 2. इस संबंध में, ‘बैंकों में ग्राहक सेवा’ पर 1 जुलाई 2015 के मास्टर परिपत्र के पैरा 24.2 (ix) की ओर ध्यान आकर्षित किया जाता है, जिसमें यह अपेक्षित है कि ग्राहक की जोखिम श्रेणी के अनुसार उचित सावधानी बरतने के बाद ही बैंकों के निष्क्रिय खातों में परिचालन की अनुमति दी जाए। उसमें बताए अनुसार, ‘उचित सावधानी’ का अर्थ होगा, लेनदेन की प्रामाणिकता सुनिश्चित करना, हस्ताक्षर तथा पहचान का सत्यापन आदि। 3. सभी विनियमित संस्थाओं को संबोधित केवाईसी पर हमारे 25 फरवरी 2016 के मास्टर निदेश के अध्याय VI और VII की ओर भी ध्यान आकर्षित किया जाता है, जिनके अनुसार
4. यह दोहराया जाता है कि विनियमित संस्थाएं, अन्य बातों के साथ-साथ, निष्क्रिय खातों को सक्रिय करने, ग्राहक संबंधी समुचित सावधानी और अभिलेख प्रबंधन के संबंध में लागू ऊपर उल्लिखित अनुदेशों का सावधानीपूर्वक अनुपालन सुनिश्चित करेंगी। भवदीय (एस.एस. बारिक) |