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भारतीय रिज़र्व बैंक (बाजार के दुरूपयोग का बचाव) निदेश, 2019

आरबीआइ/2018–19/141
एफएमआरडी.एफएमएसडी.11/11.01.012/2018-19

15 मार्च 2019

प्रति

बाजार के सभी पात्र सहभागी

महोदय/महोदया,

भारतीय रिज़र्व बैंक (बाजार के दुरूपयोग का बचाव) निदेश, 2019

कृपया विकासात्‍मक और विनियामक नीतियों संबंधी वक्‍तव्‍य, वर्ष 2018-19 के लिए प्रथम द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्‍तव्‍य, दिनांक 6 जून 2018 के पैराग्राफ 12 का अवलोकन कीजिए जिसमें यह घोषणा की गई थी कि रिज़र्व बैंक द्वारा नियंत्रित बाजारों के दुरुपयोग को रोकने के लिए वैश्विक सर्वोत्‍तम परिपाटियों के अनुरूप ही भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमनों को आरंभ किया जाए।

2. इन निदेशों का प्रारूप लोक टिप्‍पणियों के लिए 28 सितम्‍बर 2018 को जारी किया गया था। प्राप्‍त फीडबैक के आधार पर इन निदेशों को अंतिम रूप दिया गया जो कि इसके साथ संलग्‍न हैं।

भवदीय

(टी. रबी शंकर)
मुख्‍य महाप्रबंधक


भारतीय रिज़र्व बैंक
वित्‍तीय बाजार विनियमन विभाग
पहली मंजिल, केन्‍द्रीय कार्यालय (मुख्‍य भवन), फोर्ट
मुम्‍बई - 400 001

अधिसूचना सं.एफएमआरडी.एफएमएसडी.12/2019 दिनांक 15 मार्च 2019

भारतीय रिज़र्व बैंक (बाजार के दुरूपयोग का बचाव) निदेश, 2019

भारतीय रिज़र्व बैंक (इसके बाद इसे रिज़र्व बैंक कहा गया है) लोकहित में इसे आवश्‍यक समझते हुए और देश की वित्‍तीय प्रणाली को इसके लाभार्थ नियंत्रित करने के लिए, इस अधिनियम की धारा 45 यू के साथ पठित धारा 45 डबल्यू द्वारा प्रदत्‍त शक्तियों और इस बारे में सक्षमता प्रदान करने वाली सभी शक्तियों के अनुसरण में प्रतिभूतियों, मुद्रा बाजार लिखतों, विदेशी मुद्रा लिखतों, डेरिवेटिव और बैंक द्वारा समय-समय पर निर्दिष्‍ट इसी प्रकार की अन्‍य लिखतों में कारोबार करने वाले सभी व्‍यक्तियों को निम्‍नलिखित निदेश जारी करता है

1. लघु शीर्षक, परिसीमा, प्रवर्तन और अनुप्रयोग

(1) इन निदेशों को भारतीय रिज़र्व बैंक (बाजार के दुरूपयोग का बचाव) निदेश, 2019 कहा जाएगा।

(2) ये निदेश 15 मार्च 2019 से प्रभावी होंगे।

(3) ये निदेश वित्‍तीय लिखतों के लिए बाजारों में सभी सहभागियों के लेनदेन पर लागू होंगे लेकिन भारतीय प्रतिभूति और एक्‍सचेंज बोर्ड के विनियमों के अनुसरण में और इनके तहत मान्‍यता प्राप्‍त स्‍टॉक एक्‍सचेंजों के माध्‍यम से किए गए लेनदेन इनमें शामिल नहीं होंगे। मौद्रिक नीति, राजकोषीय नीति या अन्‍य सार्वजनिक नीति उद्देश्‍यों को आगे बढ़ाने में रिज़र्व बैंक और केन्‍द्र सरकार पर ये निदेश लागू नहीं होंगे।

2. परिभाषाएं

(1) इन निदेशों में यदि संदर्भ से अन्‍यथा अपेक्षित नहीं हो तो –

क) ‘कृत्रिम कीमत’ का आशय किसी बाजार सहभागी द्वारा किए गए लेनदेन या किसी अकृत्‍य अथवा आचरण से किसी वित्‍तीय लिखत की कीमत से है जिसका एकमात्र अथवा मूल प्रयोजन किसी स्‍तर विशेष या किसी दिशा विशेष में बढ़ाने के लिए किसी वित्‍तीय लिखत अथवा संबंधित लिखत की कीमत को निर्धारित अथवा हासिल करने के लिए करने से है।

ख) ‘बेंचमार्क’ का आशय है फाइनेन्‍शियल बेन्‍चमार्कस इंडिया प्रा. लि. (एफबीआइ्एल) या रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर निर्दिष्‍ट किसी भी अन्‍य एजेन्‍सी द्वारा प्रकाशित कोई भी बेन्‍चमार्क दर।

ग) ‘इलेक्‍ट्रानिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म (ईटीपी)’ का वही आशय रहेगा जो इलेक्‍ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्‍लेटफार्म (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2018 की धारा 2(1)(iii) में निर्धारित है।

घ) ‘वित्‍तीय लिखत’ का आशय वही रहेगा जो भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम की धारा 45 डबल्यू के तहत उल्लिखित अथवा निदर्दिष्‍ट है।

ङ) ‘बाजार का दुरुपयोग’ इसमें बाजार में चालबाजी, बेंचमार्क में चालबाजी, सूचना का दुरुपयोग अथवा इसी प्रकार के अन्‍य कार्य शामिल हैं।

च) ‘बाजार में चालबाजी’ का आशय है बाजार के किसी सहभागी या एकजुट होकर कार्य करने वाले बाजार सहभागियों के समूह द्वारा किसी लेनदेन या अकृत्‍य अथवा आचरण जो कि अनुचित वित्‍तीय लाभ या किसी अन्‍य महत्‍वपूर्ण लाभ प्राप्‍त करने के उद्देश्‍य से किसी वित्‍तीय लिखत की कीमत, या इसकी आपूर्ति, या इसकी मांग के संबंध में कोई मिथ्‍या अथवा भ्रामक धारणा के रूप में सामने आए या इसका प्रसार करने की चेष्‍टा करने का प्रयास करे। इसमें ऐसा कोई भी लेनदेन या कृत्‍य भी शामिल है जो किसी वित्‍तीय लिखत की कृत्रिम कीमत के रूप में सामने आए अथवा ऐसा करने की धारणा बनती हो।

छ) ‘बाजार सहभागी’ का आशय है कोई व्‍यक्ति जो वित्‍तीय लिखत के लिए बाजारों में किसी भी लेनदेन के करने या लेनदेन में सुविधा प्रदान करता हो।

ज) ‘कीमत-संवेदी ग्राहक जानकारी’ किसी भी बाजार सहभागी के लिए इसका आशय है किसी ग्राहक के लेनदेन अथवा संभावित लेनदेन के बारे में ऐसी जानकारी जो सार्वजनिक तौर पर उपलब्‍ध नहीं है और जो यदि सार्वजनिक तौर पर उपलब्‍ध करा दी जाए तो किसी वित्‍तीय लिखत की कीमत को प्रभावित कर सकती है।

झ) ‘सार्वजनिक उपलब्‍ध’ किसी जानकारी के संबंध में इसका आशय है जो किसी भी स्रोत से अपक्षपाती रूप से उपलब्‍ध हो।

ञ) ‘मान्‍यताप्राप्‍त स्‍टॉक एक्‍सचेन्‍ज’ का आशय वही रहेगा जो प्रतिभूति संविदा (विनियमन) अधिनियम, 1956 की धारा 2(एफ) में निर्धारित किया गया है।

ट) ‘संदर्भ दर’ का आशय है एफबीआइएल अथवा रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर निर्दिष्‍ट किसी अन्‍य एजेन्‍सी द्वारा प्रकाशित कोई भी संदर्भ दर।

ठ) ‘लेनदेन’ में कोई भी आर्डर, भाव, नीलामी बोली या प्रस्‍ताव शामिल हैं चाहे ये सौदे में परिवर्तित हुए हों अथवा नहीं।

ड) ‘गैर-सार्वजनिक कीमत संवेदी जानकारी’ का आशय है ऐसी कोई भी जानकारी जो सार्वजनिक तौर पर उपलब्‍ध नहीं है और जो यदि सार्वजनिक रूप से उपलब्‍ध करा दी जाए तो किसी वित्‍तीय लिखत की कीमत को प्रभावित कर सकती है।

(2) इन निदेशों में प्रयुक्‍त किन्‍तु परिभाषित नहीं किए गए शब्‍दों और अभिव्‍यक्तियों का आशय वही रहेगा जो भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 में निर्धारित कर दिया गया है।

3. बाजार में चालबाजी :

(1) बाजार के सहभागी बाजार में चालबाजी करने में लिप्‍त नहीं होंगे या लिप्‍त होने का प्रयास नहीं करेंगे।

(2) बाजार सहभागी ईटीपी पर ऐसा कोई लेनदेन नहीं करेंगे जो इसकी प्रकार्यात्‍मकता में व्‍यवधान अथवा विलम्‍ब करे।

4. बेंचमार्क में चालबाजी :

(1) बाजार सहभागी चाहे स्‍वतंत्र रूप से कार्य कर रहे हों या एकजुट होकर, वे किसी बेंचमार्क दर या संदर्भ दर के आकलन में हेराफेरी की भावना से कोई कार्य नहीं करेंगे।

(2) कोई भी बाजार सहभागी किसी बेंचमार्क दर या किसी संदर्भ दर को प्रभावित करने की मूल या प्रखर भावना से कोई लेनदेन या कोई कार्य आरंभ नहीं करेगा।

5. जानकारी का दुरुपयोग :

(1) बाजार सहभागी जिसके पास ‘गैर-सार्वजनिक कीमत संवेदी जानकारी’ है, वह इसका प्रयोग अपने या किसी अन्‍य को कोई भी महत्‍वपूर्ण लाभ देने के लिए नहीं करेगा।

(2) बाजार सहभागी द्वारा ‘कीमत संवेदी ग्राहक जानकारी’ का प्रयोग अपने खाते में इस तरीके से लेनदेन करने के लिए नहीं किया जाएगा जो उस (उन) लेनदेन(नों) में ग्राहक के लिए परिणामों पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हो। वे कीमत संवेदी ग्राहक जानकारी की गोपनीयता बनाए रखेंगे।

(3) बाजार सहभागी जानबूझकर किसी मिथ्‍या या अपरिशुद्ध जानकारी का सृजन या संचारण नहीं करेगा या ऐसी सामयिक जानकारी को रोकेगा नहीं जिसे रिपोर्ट अथवा सार्वजनिक किया जाना है, जो कि किसी वित्‍तीय लिखत की कीमत को प्रभावित करे या प्रभावित कर सकने की संभावना हो। यदि कोई बाजार सहभागी किसी जानकारी के संप्रेषण से पहले ही उसकी सत्‍यता के बारे में पर्याप्‍त सावधानी नहीं रखता है तो यह माना जाएगा कि मिथ्‍या अथवा अपरिशुद्ध जानकारी को जानबूझकर संप्रेषित किया गया है।

6. निगरानी, अनुपालन और रिपोर्ट :

(1) यदि बाजार दुरुपयोग या बाजार के दुरुपयोग के किसी भी प्रयास को बाजार के सहभागियों द्वारा पकड़ा जाता है तो वे उसकी जानकारी तत्‍काल ही रिज़र्व बैंक को देंगे।

(2) बाजार सहभागियों द्वारा सभी यथाअपेक्षित डाटा और/अथवा जानकारी निर्धारित प्रपत्र और निश्चित समय सीमा के भीतर रिज़र्व बैंक को प्रदान की जाएगी।

7. बाजार का दुरुपयोग करने पर नियामक कार्रवाई :

बाजार का दुरुपयोग करने वाले बाजार सहभागी एक या अधिक लिखतों के संबंध में बाजार में अभिगम से मनाही के पात्र होंगे, इस मनाही की अवधि एक बार में एक माह से अधिक नहीं होगी। बाजार सहभागी को अपनी कार्रवाई के बचाव के बारे में पर्याप्‍त अवसर दिए बिना रिज़र्व बैंक द्वारा ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। ऐसी कार्रवाई के सभी अवसरों को रिज़र्व बैंक द्वारा सार्वजनिक किया जाएगा।

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