प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को अग्रिम पर विवरणियाँ - रिपोर्टिंग ब्योरे में असंगतियां - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को अग्रिम पर विवरणियाँ - रिपोर्टिंग ब्योरे में असंगतियां
ग्राआऋवि.स्टेट सं.बीसी. 62/11.01.01/2006-07
30 मार्च 2007
अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक
सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक
महोदय,
प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को अग्रिम पर विवरणियाँ - रिपोर्टिंग ब्योरे में असंगतियां
हमें बैंकों से प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को अग्रिम पर आवधिक विवरणियां विभिन्न प्रारूपों में प्राप्त होती हैं जैसे प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को अग्रिम पर छमाही विवरणी, प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को अग्रिम पर विशेष विवरणी I , II और III , विभेदक बयाज दर अग्रिम पर विवरणियां, अजा/अजजा अग्रिम, अल्पसंख्यक समुदायों को अग्रिम आदि । तथापि, यह पाया गया है कि विभिन्न विवरणियों में एक ही मद पर रिपोर्ट किये गये ब्योरे में कई बार भिन्नता होती है । कुछ उदाहरण नीचे प्रस्तुत हैं -
i. मद कूट सं. 10 (अल्पावधि ऋण जोत-वार जोड़) - कॉलम सं. 4 - विशेष विवरणी I की बकाया राशि मद कूट सं. 1 (अल्पावधि ऋण) अर्थात् विशेष विवरणी II के बकाया शेष से भिन्न है ।
ii. मद कूट सं. 20 - मीयादी ऋण (जोत-वार) तथा विशेष विवरणी I का 40 (संबद्ध कार्यकलापों) विशेष विवरणी II के मद कूट 2 (मीयादी ऋण) के बराबर नहीं है ।
iii. विशेष विवरणी III का मद कूट 110 (प्रत्यक्ष कृषि वित्त), विशेष विवरणी 1 का मद कूट 50 (कृषि तथा संबद्ध कार्यकलापों को कुल प्रत्यक्ष ऋण) के कॉलम सं. 1 और 2 (वर्ष के दौरान किया गया संवितरण) के बराबर नहीं है ।
iv. विभेदक ब्याज दर योजना विवरणी में मद कूट 10 के पहले दो कॉलम (अर्थात् पिछले वर्ष के अंत में बकाया) पिछले वर्ष के विवरणी से मेल नहीं खाते ।
हमारे विभिन्न प्रकाशनों के उपयोगकर्ताओं को, विवरणियों के बीच तुलना करते समय इन असंगतियों से अकारण परेशानी होती है । अत: कृपया आप इस मामले में देखें तथा सुनिश्चित करें कि हमें ब्योरा भेजते समय इन विवरणियों में कोई असंगति न हो ।
भवदीय
(मोलिना चौधरी)
उप महाप्रबंधक