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असेट प्रकाशक

79121546

संशोधित किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना

भारिबैं/2012-13/162
ग्राआऋवि.एफएसडी.बीसी.सं. 23/05.05.09/2012-13

7 अगस्त 2012

अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक /
मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)

महोदया / महोदय,

संशोधित किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना

कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 11 मई 2012 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि. एफएसडी. बीसी. सं. 77/ 05.05.09/2011-12 देखें।

2. यह निर्णय लिया गया है कि अनुबंध में दर्शाए अनुसार संशोधित केसीसी योजना में कुछ परिवर्तन किए गए हैं । सभी बैंकों को यह सूचित किया जाता है कि वे यह नोट करें तथा संशोधित किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना, जो आशोधित की गई है, को तत्काल प्रभाव से कार्यान्वित करें ।

भवदीय

( सी. डी. श्रीनिवासन )
मुख्य महाप्रबंधक

अनुलग्नक : यथोक्त


अनुबंध

विवरण

दिनांक 11 मई 2012 के परिपत्र 77/05.05.09/2011-12 के अनुसार निर्देश

संशोधित निर्देश

पैरा 6
संवितरण

6.1. किसान क्रेडिट कार्ड सीमा का अल्पावधि घटक परिक्रामी नकद ऋण सुविधा स्वरूप का है। कितनी बार डेबिट और क्रेडिट हो इस पर कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए। तथापि, किसी वर्ष विशेष में आहरित आहरण योग्य सीमा की प्रत्येक किस्त को 12 महीनों के भीतर चुकाया जाना होगा। वर्तमान सीज़न / वर्ष के लिए आहरण सीमा में से निम्न वितरण(सुपुर्दगी) चैनलों में से किसी का उपयोग कर आहरित करने की अनुमति दी जा सकती है।

क. शाखा के माध्यम से परिचालन
ख. चेक सुविधा का उपयोग से परिचालन
ग. एटीएम / डेबिट कार्ड के माध्यम से आहरण
घ. कारोबारी प्रतिनिधि और अल्ट्रा -थिन शाखाओं के माध्यम से परिचालन
ड. विशेष रूप से टाई अप अग्रिम के लिए, चीनी मिलों / ठेकेदारी खेती कंपनियों, आदि में उपलब्ध पीओएस के माध्यम से आपरेशन
च. निविष्टि डीलरों के पास उपलब्ध पीओएस के माध्यम से परिचालन
छ. कृषि इनपुट डीलरों और मंडियों में मोबाइल आधारित अंतरण लेनदेन।
टिप्पणी: (ड), (च) और (छ) यथासंभव जल्दी लागू करना है ताकि बैंक एवं किसान दोनों के लिए लेन - देन की लागत कम हो सके।

6.1. किसान क्रेडिट कार्ड सीमा का अल्पावधि घटक परिक्रामी नकद ऋण सुविधा स्वरूप का है। कितनी बार डेबिट और क्रेडिट हो इस पर कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए। वर्तमान सीज़न / वर्ष के लिए आहरण सीमा में से निम्न वितरण(सुपुर्दगी) चैनलों में से किसी का उपयोग कर आहरित करने की अनुमति दी जा सकती है।

क. शाखा के माध्यम से परिचालन
ख. चेक सुविधा का उपयोग से परिचालन
ग. एटीएम / डेबिट कार्ड के माध्यम से आहरण
घ. कारोबारी प्रतिनिधि के माध्यम से परिचालन
ड. विशेष रूप से टाई अप अग्रिम के लिए, चीनी मिलों / ठेकेदारी खेती कंपनियों, आदि में उपलब्ध पीओएस के माध्यम से आपरेशन
च. निविष्टि डीलरों के पास उपलब्ध पीओएस के माध्यम से परिचालन
. कृषि इनपुट डीलरों और मंडियों में मोबाइल आधारित अंतरण लेनदेन।
टिप्पणी: (ड), (च) और (छ) यथासंभव जल्दी लागू करना है ताकि बैंक एवं किसान दोनों के लिए लेन - देन की लागत कम हो सके।

पैरा 10
चुकौती अवधि

10.1. अल्पावधि उप - सीमा के अंतर्गत उपर्युक्त पैरा 3 की मद (क) से (ङ) के अनुसार अनुमानित प्रत्येक आहरण को 12 महीनों में डेबिट शेष को एक निश्चित समय खाते में शून्य पर लाने की आवश्यकता के बिना खाते के परिसमापन की अनुमति दी जानी है। खाते में कोई आहरण 12 महीनों से अधिक समय के लिए बकाया नहीं रहना चाहिए।

10.1 जिस फसल के लिए ऋण प्रदान किया गया हो उस फसल के लिए प्रत्याशित कटाई और विपणन अवधि के अनुसार बैंकों द्वारा चुकौती अवधि निर्धारित की जाए।

पैरा 13
अन्य विशेषताएं

13.ii किसान क्रेडिट कार्ड धारक को फसल बीमा, आस्ति बीमा, व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना (पेस), और स्वास्थ्य बीमा (जिन मामलों में उत्पाद उपलब्ध है) और उसने अपने किसान क्रेडिट कार्ड खाते के माध्यम से प्रीमियम का भुगतान किया हो, का लाभ लेने का विकल्प होना चाहिए। किसान क्रेडिट कार्ड खातों में से बीमा कंपनियों को आवश्यक प्रीमियम का भुगतान बैंक और किसान के बीच सहमत अनुपात के आधार पर किया जाना होगा। किसान लाभार्थियों को उपलब्ध बीमा कवर के बारे में बताया जाना चाहिए और आवेदन पत्र के स्तर पर ही उनकी सहमति प्राप्त की जानी है।

13.ii अनिवार्य फसल बीमा के अलावा किसान क्रेडिट कार्ड धारक को आस्ति बीमा, व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना (पेस), और स्वास्थ्य बीमा (जिन मामलों में उत्पाद उपलब्ध है) और उसने अपने किसान क्रेडिट कार्ड खाते के माध्यम से प्रीमियम का भुगतान किया हो, का लाभ लेने का विकल्प होना चाहिए। किसान क्रेडिट कार्ड खातों में से बीमा कंपनियों को आवश्यक प्रीमियम का भुगतान बैंक और किसान के बीच सहमत अनुपात के आधार पर किया जाना होगा। किसान लाभार्थियों को उपलब्ध बीमा कवर के बारे में बताया जाना चाहिए और आवेदन पत्र के स्तर पर ही उनकी सहमति (फसल बीमा, जो अनिवार्य है, के मामले को छोड़कर) प्राप्त की जानी है।

पैरा 14
एनपीए के रूप में खाता वर्गीकरण

14.1. समिति ने आस्ति वर्गीकरण को सरल बनाने की दृष्टि से सिफारिश की है कि कोई खाता, जब गत एक वर्ष के दौरान किसी भी समय पर बकाया राशि आहरण सीमा [अल्पावधि (फसल) ऋण] से कम या उसके समकक्ष रह जाए तो उसे 'मानक' के रूप में माना जा सकता है। दूसरे शब्दों में, यह सुझाव है कि किसान क्रेडिट कार्ड पर मंजूर अल्पावधि फसल ऋण (फसल ऋण के एक प्रमुख घटक के साथ) को विवेकपूर्ण मानदंड लागू करने के प्रयोजन के लिए एक "नकदी ऋण खाते" के रूप में माना जा सकता है और यदि बकाया राशि आहरण सीमा से कम या उसके समकक्ष रह जाए तथा प्रत्येक आहरण को 12 महीनों की अवधि के भीतर चुकाया गया हो तो उसे "अव्यवस्थित" के रूप में नहीं मानना चाहिए। केसीसी के अंतर्गत सावधि ऋण के लिए एक निर्धारित चुकौती कार्यक्रम है और उस पर मौजूदा विवेकपूर्ण मानदंड लागू हैं।

14.1 आय-निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण तथा प्रावधानीकरण हेतु वर्तमान विवेकपूर्ण मानदंड, संशोधित केसीसी योजना के अंतर्गत दिए जाने वाले ऋणों पर लागू बने रहेंगे।

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